Sagar Watch News/ केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने सागर में धर्मश्री स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता के माध्यम से पत्रकारों से चर्चा की। चर्चा के दौरान राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत के आरक्षण नीति को हटाने की बात कही, जो देश की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
Sagar Watch News/ केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने सागर में धर्मश्री स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता के माध्यम से पत्रकारों से चर्चा की। चर्चा के दौरान राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत के आरक्षण नीति को हटाने की बात कही, जो देश की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
डाला जा सकता है। आयोग के मुताबिक सुरक्षा चक्र वाले किसी व्यक्ति को मतगणना अभिकर्ता बनने के लिए सुरक्षा चक्र वापस करने की अनुमति भी नहीं दी जा सकती है।
सागर वॉच / 16 जून 2023/ सागर में महाराणा प्रताप का आना तय हो गया है। जल्द ही उनकी प्रतिमा यहाँ स्थापित की जायेगी। इसके अलावा चौरसिया समाज के लिए एक सर्व सुविधायुक्त सामुदायिक भवन बनाये जाने का रास्ता भी साफ़ हो गया है।शहर के गरीबों के तिली क्षेत्र में बनाये जा रहे आवासों के लिए बुनियादी ढांचा भी विकसित किया जायेगा। इन तीनों कामों के लिए प्रदेश सरकार ने नौ करोड़ की धनराशि मंजूर कर दी है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री के मुताबिक सागर में विभिन्न विकास कार्यों के 9 करोड़ की स्वीकृति जारी की है। इस राशि में महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा स्थापना हेतु 1 करोड़, मां महलवार देवी मंदिर परिसर में चौरसिया समाज के लिए सुविधा संपन्न सामुदायिक भवन (आडिटोरियम) निर्माण के लिए 1 करोड़ व किशोर न्यायालय के पास शहरी गरीबों के लिए निर्मित किए जाने वाले आवासों की अधोसंरचना विकास के लिए 7 करोड़ राशि स्वीकृत हुई है।
सागर वॉच/ कर्रापुर की नवनिर्वाचित नगर परिषद का शपथग्रहण समारोह नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह की मौजूदगी में आयोजित हुआ। इस मौके पर उन्होंने कहा कि नगर परिषद बनने से लाभ होते हैं,ऐसा परिवर्तन शीघ्र ही वहां दिखाई देने लगेगा।
मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने यहां जारी बयान में कहा है कि सरकार का लक्ष्य ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण के साथ चुनाव कराने का है। इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। हमने समय मांगा है ताकि सारी बाधाओं को शीघ्रता से दूर किए जाने पर कार्य हो सके। जितनी भी संवैधानिक प्रक्रियाएं हैं उन्हें पूरा करते हुए शीघ्र चुनाव कराने की कोशिश होगी जिसमें ओबीसी वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण के साथ जनप्रतिनिधित्व मिल सकेगा।
सागर वॉच। 16 दिसम्बर 2021।
खुरई विधानसभा क्षेत्र के गांवों में घर-घर तक नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने के काम को और गति मिल गयी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न कैबिनेट की बैठक में खुरई विधानसभा क्षेत्र के करीब 500 गांवों के लिए टोंटी से शुद्ध पेयजल पहुंचाने की परियोजना को स्वीकृत हो गयी है। परियोजना के अमल में 800 करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी।
इस स्वीकृति के लिए खुरई से विधायक तथा मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार जताया एवं खुरई के लोगों को इसकी शुभकामनाएं दी हैं। इस तरह भूपेन्द्र सिंह के प्रयास से खुरई को अब एक और बड़ी सौगात मिलने रास्ता साफ हो गया है। खुरई को इस सौगात के लिए श्री भूपेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किये। श्री सिंह लगातार इस दिशा में सक्रिय रहे एवं उनकी कोशिशों को अब मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सफल कर दिया है।
भूपेन्द्र सिंह की कोशिशों के बाद अब खुरई विधानसभा में बहुत बड़ी ग्रामीण आबादी को पानी के लिए भटकने से राहत मिलेगी और उनके लिए साफ पानी का प्रबंध घर बैठे ही हो जाएगा। भूपेन्द्र सिंह जी के प्रयासों से यह खुरई के रहवासियों के लिए जल क्रांति के शुभारंभ का शुभ अवसर है।
खुरई विधानसभा क्षेत्र के जो गांव इस योजना का लाभ पाने जा रहे हैं, उनमें रामछपरी, सेमरालोधी, खिरियाकलां, समसपुर, परसोन, अन्डेला, खटौरा, रौडा, हीरनछीपा, दुगाहाकलां, लालोई, उझनेठ, बिजरी, राडों मालगुजारी, नौधाना, चंद्रपुर, पिथोरिया, बांदरी करोली, मेहर, बेहरोल, खदेसरा, भारछा, परोदिया नैनागिर, ग्वारी, खरौसा, करैया गूजर, कठेली, मुकरामपुर, खजरा हरचंद्र, भीलोने, सिलोधा, घोरट, बगथरी पट्टी, सुमरेरी, बनहोत, गोलनी और गंभीरिया बुजुर्ग आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।
आज स्वीकृत की गयी समूह जल प्रदाय योजना में खुरई के 323 तथा मालथौन के 234 गांव जोड़े जाने को मंजूरी दी गया है। इससे इन गांवों में रहने वाली आबादी को घर तक नल के माध्यम से जल सप्लाई का लाभ और जल्दी मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
सागर वॉच / 14 दिसम्बर 2021
सागर,मप्र/ 26 नवंबर/ मप्र के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री का कहना है कि वो निःसंकोच कह सकते हैं कि डॉ. हरिसिंह केन्द्रीय विश्वविद्यालय को केन्द्रीय दर्जा मिलने से स्थानीय लोगों को जो लाभ मिलने थे वो नहीं मिल सके हैं। इसकी वजह विश्वविद्यालय में जिस तरह के कुलपति आने थे उस तरह के कुलपति यहां नहीं आए। इस विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में पचास फीसदी स्थान स्थानीय विद्यार्थियों को आरक्षित किए जाने चाहिए।
मप्र के सबसे पुराने विश्वविद्यालय सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरिसिंह गौर की 152 जयंती के अवसर पर डॉ. हरिसिंह केन्द्रीय विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित गौर-उत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने आए मप्र शासन के केबिनेट मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि दानवीर के रूप मे महाभारत के किरदार कर्ण के बाद अगर किसी का नाम लिया जा सकता है तो वह डॉ. हरिसिंह गौर ही हैं जिनके दान से सागर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। राजा कर्ण के बाद इतिहास में ऐसे उदाहरण नहीं मिलते हैं।
केबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि मप्र के पहले विश्वविद्यालय सागर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनवाने के लिए लंबे समय तक चले छात्र आंदोलन में उन्हों ने भी शिरकत थी। जब आंदोलन चल रहा था तब वह छात्रसंघ के सचिव थे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के चलते उन्हें सात महीने तक प्रदेश की विभिन्न जेलों में रहने का अवसर मिला।
उन्होंने अफसोस जताया कि सागर विश्वविद्यालय के केन्द्रीय बनने के बाद स्थानीय लोगों को जो लाभ मिलने थे वो नहीं मिल सके। इसकी वजह केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद विश्वविद्यालय में जिस तरह के कुलपति आना थे उस तरह के कुलपति यहां नहीं आए। उन्होंने कहा कि हालांकि विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति नीलिमा गुप्ता स्थानीय लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि डॉ हरिसिंह गौर चाहते तो नागपुर, दिल्ली कहीं भी विश्वविद्यालय स्थापित कर सकते थे लेकिन उन्होंने बुंदेलखंड की गरीबी व अशिक्षा को घ्यान में रख कर सागर में ही विश्वविद्यालय स्थापित किया। उनको भरोसा था कि यहां विश्वविद्यालय शुरू होने से अंचल की गरीबी व अशिक्षा दूर होगी। उन्होंने कहा कि देश दुनिया में नाम कमा रहें लोगों में से कई लोग तो इस क्षेत्र अगर विश्वविद्यालय न होता तो शायद आगे की पढ़ाई ही पूरी नहीं कर पाते।
सागर देश का 18 वां विश्वविद्यालय था व यहां ऐसे विषय में पढ़ाई शुरू हुई जो विषय देश की किसी भी अन्य यूनिवर्सिटी में नहीं पढ़ाए जाते थे। इतना ही नहीं डॉ गौर इन विषयों को पढ़ाने के लिए दुनिया के जाने-माने शिक्षकों को विश्वविद्यालय लेकर आए। जिनमें विश्वविख्यात डॉ वेस्ट जैसे प्रोफेसर का भी नाम शामिल है।
उन्होंने कहा कि डॉ हरिसिंह गौर ने कभी नहीं चाहा कि विश्वविद्यालय उनके नाम से जाना जाए। उन्होंने अपनी वसीयत में भी इस बात का जिक्र किया था । लेकिन राजनैतिक कारणों से सागर विश्वविद्यालय का नाम बदल कर उनके नाम पर कर दिया गया। नाम बदले जाने के पहले सारी दुनिया में यह विश्वविद्यालय को सागर विश्वविद्यालय के रूप में ही जाना जाता था।
उन्होंने कहा कि डॉ गौर का सपना था कि बुंदेलखंड के विद्यार्थी पढ़ें उन्हें अच्छी शिक्षा मिले। उन्होंने कहा कि विश्वविद्याय के केन्द्रीय बन जाना खुशी का विषय है लेकिन स्थानीय लोगों को लाभ दिलाने के लिहाज से इस विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में पचास फीसदी स्थान स्थानीय बच्चों को आरक्षित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई नयी बात नहीं है ऐसी व्यवस्था बनारस विश्वविद्यालय व एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) में पहले से ही चल रही है।
उन्होंने कहा कि अभी भी डॉ. हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के बाईलॉज (उपनियम) नहीं बनें हैं। अतः उनके बनाते समय ऐसी व्यवस्था की जा सकती हैं। उन्होंने आरक्षण के मसले पर जोर देते हुए कहा कि " सागर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में बुंदेलखंड के विद्यार्थियों को पचास फीसदी आरक्षण मिलना ही चाहिए।"
इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं जो रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर जोर देती है। इस सिलसिले में उन्होंने कुलपति से आग्रह किया कि डॉ हरि सिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में भी होटल प्रबंधन, इंजीनियरिंग कॉलेज, पर्यटन शिक्षा, पेपर एंड प्लास्टिक के पाठ्यक्रम इसके अलावा फिजियोथैरैपी, क्लीनिकल पैथोलॉजी, ऐयरोस्पेस इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि सागर एड्यूकेशन का हब (शिक्षा का केन्द्र ) बने लेकिन इसके लिए सागर को जरूरत है एक हवाई अड्डा की। उन्होंने कहा कि संयोग से इस समय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मप्र से ही है और वो सागर में हवाई अड्डा शुरू करने के लिए कोशिश करेंगें।
सागर वॉच। यातायात के दबाव को कम करने के लिये शहर की आरा मशीनों को विस्थापित कर एक टिंबर क्लस्टर बनाया जायेगा। यह आश्वासन अल्प प्रवास पर सागर आये प्रदेश के उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने टिम्बर व्यापारी संघ द्वारा आरा मशीनों को एक निश्चित एवं सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित करने की मांग किये जाने पर दिया ।
टिम्बर मर्चेन्ट एशोसिऐशन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने विधायक शैलेंद्र जैन के नेतृत्व में रविवार को उद्योग मंत्री से मुलाकात की एवं उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
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रविवार को स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत संजय ड्राइव रोड के निर्माण कार्य का शिलान्यास एवं स्पार्क इन्क्यूबेशन सेंटर की वेबसाइट के लोकार्पण कार्यक्रम व् तिली अस्पताल रोड स्थित निजी अस्पताल से कनेरा देव चौराहे तक आठ करोड़ 75 लाख की लागत से बनने वाली रोड के भूमि पूजन के अवसर पर मध्य शासन के नगरीय विकास मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि सागर स्मार्ट सिटी ने विकास के रास्ते से भारत के नक्शे पर अपनी पहचान स्थापित की है।
इस मौके पर उन्होंने सागर के निवासियों से आव्हान किया कि उन्हें भी इंदौर वासियों की तर्ज पर अपना सागर प्रथम स्थान पर लाना होगा। जैसे इंदौर वासियों का अब स्वभाव बन गया है कि, प्रत्येक स्पर्धा में अव्वल नम्बर पर रहे इसी प्रकार सागर वासियों को संकल्प लेना होगा कि वो भी हमेशा नंबर वन पर रहे ।
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सागर वॉच @ 01 जुलाई 2021
मप्र मंत्रिमंडल के सदस्यों को मिला जिलों का प्रभार
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सागर वॉच @ 21 मई 2021
वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप में गौरझामर जनपद पंचायत की पूरे अमले पर हुई कारवाई
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जनपद पंचायत देवरी के जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई करते हुए गौरझामर पंचायत में एक ही कार्य का दो बार भुगतान व एक से ज्यादा वित्तीय अनियमितताएं करने के आरोप में एक पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया है।
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इसके अलावा सरपंच, ग्राम रोजगार सहायक के खिलाफ धारा 92 के तहत मामला दर्ज कराया गया है। साथ ही जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, खंड समन्वयक, सहायक इंजीनियर, क्षेत्रीय पर्यवेक्षक व तकनीकि अमले को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मंत्री का आकस्मिक निरीक्षण, गैरहाजिर मिला पूरा अमला
मप्र के लोक निमार्ण विभाग के मंत्री ने अपने गृह नगर गढ़ाकोटा सरकारी अस्पताल का बीती रात आकस्मिक निरीक्षण किया। मंत्री को निरीक्षण के दौरान अस्पताल मे चिकित्सक सहित सारा अमला नदारद पाया। मंत्री की इस दौरे से बौखलाए विभागीय आला अफसरों ने कारवाई की नाम पर बड़े अधिकारीयों को नॉटिस दिए लेकिन छोटे कर्मचारियों में से कुछ की नौकरी खा गए कुछ को निलंबित कर दिया ।
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इस मामल को संज्ञान मे लेते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अस्पताल मे पदस्थ चिकित्सक व विकासखंड चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी किया है। जबकि छोटे कर्मचारियों में से एक एएनएम को सेवा से पृथक करने व वार्ड बाय को निलंबित कर दिया है।
उप -चुनाव में अंतरजिला सीमा पर स्थित मतदान केन्द्रों पर रहेगे सख्त निगरानी
सुरखी विधानसभा क्षेत्र मे आगामी नवंबर को होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कलेक्टर सभागार मे प्रशासनिक अमले की बैठक आयोजित की गई।
बैठक मे उप-चुनाव के सिलसिले में अंतरजिला सीमाओं पर स्थित सुरखी विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों की निगरानी रखने के सिलसिले में विचार-विमर्श किया गया।
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जिला कलेक्टर ने बताया कि सीमावर्ती मतदान केन्द्रों में नजर रखने के लिहाज से चेकपोस्टों मे चैकस निगरानी रखी जाएगी। जिले में अंतरजिला सीमाओं पर स्थित मतदान केन्द्रों में विदिशा जिल की सीमा से लगते वाले 5 मतदान केन्द्र राहतगढ़ थानांतर्गत हैं वहीं रायसेन जिले की सीमा से लगने वाले कुल 23 मतदान केन्द्रों में से 11 मतदान केन्द्र राहतगढ़ थानांतर्गत, 09 मतदान केन्द्र जैसीनगर थानांतर्गत व 03 मतदान केन्द्र सुरखी थानांतर्गत आते हैं ।
नए कृषि कानून किसान विरोधी -कांग्रेस
जिला शहर एवं ग्रामीण कांग्रेस के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हाल ही मे संसद द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों के विरोध स्वरूप उपनगर मकरोनिया मे धरना दिया।
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धरने के दौरान कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व जिला शहर कांग्रेस की अध्यक्ष ने कृषि कानूनों को किसान विरोधी व उद्योगपतियों को लाभ दिलाने वाला बताया ।
सागर वॉच। 26 सितंबर। (अवनीश जैन ) / बुंदेलखंड के सागर संभाग के छह जिलों में स्थित पचास निकायों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद खाली पड़े हैं और प्रभारियों के भरोसे चल रहे है. आलम यह है कि दमोह नगर पालिका और पथरिया नगर परिषद में तो पिछले चार वर्ष से एक उपयंत्री सीएमओ के प्रभार में .रह चुके हैं तो कहीं पर लिपिक तो कहीं पर लेखापाल प्रभारी सीएमओं बने बैठे है.
नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर के गृह जिले की दस नगर पालिकाएं मुख्या नगर पालिका अधिकारी पदस्थ नहीं होने के चलते प्रभारियों के भरोसे चल रहीं हैं । जहाँ रहली नगर पालिका में मुख्य लिपिक कम लेखापाल नितिन नारायण पांडे के स्थान पर अजय गुमास्ता राजस्व उप निरीक्षक को प्रभार सौंपा गया है तो वहीँ नगर परिषद शाहपुर में उपयंत्री वीर विक्रम सिंह पौने दो वर्षों से सीएमओं के प्रभार में है।
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दमोह जिले का हाल भी कुछ ऐसा ही है, वहां दमोह नगर पालिका में वर्षों से पदस्थ उपयंत्री कपिल खरे 8 नबंवर 2016 से प्रभारी सीएमओ के रूप में काम देख रहे है साथ ही पथरिया नगर परिषद का भी काम देख रहे है हटा नगर पालिका में भी सुशील अग्रवाल प्रभारी सीएमओ के रूप में हैं।
पन्ना जिले में नगर परिषद अजयगढ़ में लेखापाल, नगर परिषद ककरहटी में सहायक राजस्व निरीक्षक, नगर परिषद अमानगंज और नगर परिषद पवई में राजस्व उपनिरीक्षक नगर पालिका चला रहे हैं ।
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छतरपुर जिले में नगर पालिका नौगांव में राजस्व निरीक्षक तो नगर पालिका महाराजपुर में राजस्व उपनिरीक्षक सीएमओ के प्रभार में है. नगर परिषद हरपालपुर और गढ़ी मलहरा में सहायक ग्रेड 1 प्रभारी के रूप में काम कर है. नगर परिषद चंदला में राजस्व उपनिरीक्षक तो बारीगढ़ में राजस्व उपनिरीक्षक और राजनगर में सहायक राजस्व अधिकारी प्रभारी बने बैठे है.नगर परिषद खजुराहों में भी लेखापाल लखन तिवारी प्रभारी सीएमओ के रूप में कार्य देख रहे है. नगर परिषद बड़ा मलहरा में मुख्य लिपिक कम लेखापाल साहब बने बैठे हैं ।
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टीकमगढ़ जिले में घुवारा में राजस्व उपनिरीक्षक, बक्स्वाहा में सहायक ग्रेड 1 प्रभारी बने बैठे है. नगर परिषद कारी में स्वास्थ्य अधिकारी को मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार दे दिया गया है. बड़ा गांव में राजस्व उपनिरीक्षक, खरगापुर में राजस्व उपनिरीक्षक, पलेरा में सहायक ग्रेड 2, जतारा में राजस्व उपनिरीक्षक, लिधौरा खास में सहायक ग्रेड 2, पृथ्वीपुर में राजस्व उपनिरीक्षक, निवाड़ी में राजस्व निरीक्षक, तरीकरचला में राजस्व उपनिरीक्षक और नगर परिषद ओरछा में राजस्व उपनिरीक्षक डेढ़ दो साल से मुख्य नगर पालिका अधिकारी के प्रभार में चल रहे है. बाकी नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में लोकसेवा आयोग से चयनित मुख्य नगर पालिका अधिकारी पदस्थ हैं.
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मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थापना न होने के कारण प्रभारी अधिकारियों की मनमानी आती रहती है. जिसका असर निकायों के विकास कार्यों पर भी पड़ता है और शासन की मंशानुरूप काम भी नहीं हो पाते हैं और निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री की शिकायतों के चलते गुणवत्ता पूर्वक कार्य भी पूर्ण नहीं हो पाते है