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सागर वॉच। अंग्रेजी उपन्यास "द नाइट आउट" से अपने कथा लेखन की शुरुआत करने वाले श्यामलम् परिवार के सदस्य, दुबई में कार्यरत नगर के युवा लेखक कार्तिकेय शास्त्री की द्वितीय कृति *मुक्तिधाम* (हिन्दी उपन्यास) का विमोचन 30 नवम्बर गुरुवार को दोपहर 2.00 बजे से सिविल लाइंस सागर स्थित वरदान सभागार में श्यामलम् द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किया जाएगा। 
 
 वरिष्ठ लेखिका व कवयित्री डॉ.चंचला दवे की अध्यक्षता में होने जा रहे इस आयोजन की मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.लक्ष्मी पाण्डेय व विशिष्ट अतिथि दीपक मेमोरियल स्कूल की प्राचार्य ऋतु-बृज जायसवाल होंगी।
 
 सुप्रसिद्ध उपन्यासकार व समालोचक, डॉ.सुश्री शरद सिंह एवं वरिष्ठ साहित्यकार व लेखक टी आर त्रिपाठी पुस्तक पर समीक्षात्मक वक्तव्य देंगे। 
 
आयोजक संस्था श्यामलम् के अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र व सचिव कपिल बैसाखिया ने सभी प्रबुद्ध जनों से उपस्थिति का आग्रह किया है।
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। नगर में अपने स्तरीय कार्यक्रमों के लिए पहचानी जाने वाली प्रतिष्ठित संस्था श्यामलम् द्वारा लोक सम्मान पर्व के अष्टम वार्षिक कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए विशिष्ट जनों का सम्मान किया जाएगा। 

इस अवसर पर बुंदेली गायक कवि देवीसिंह राजपूत के प्रथम काव्य संग्रह "बुंदेली बागेश्वरी" का विमोचन भी संपन्न होगा। श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र और सचिव कपिल बैसाखिया ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि सागर सपूत डॉ.हरी सिंह गौर के जन्म दिन *गौर दिवस* पर रवींद्र भवन सभागार सागर में दोपहर 2.00 बजे से आयोजित होने वाले इस गरिमामय कार्यक्रम के सारस्वत वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुरेश आचार्य व मुख्य अतिथि बुंदेलखंड छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के प्रोफेसर बहादुर सिंह परमार होंगे। 

अध्यक्षता स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति डॉ अजय तिवारी करेंगे तथा सुप्रसिद्ध बुंदेली गायक शिव रतन यादव एवं आईएमए सागर के पूर्व अध्यक्ष साहित्यकार डॉ मनीष झा विशिष्ट अतिथि रहेंगे। आयोजक संस्था श्यामलम् द्वारा इस अवसर पर सभी नागरिकों से उपस्थिति का आग्रह किया गया है।
  • हिन्दी भाषा सार्वदेशिक और सार्वकालिक - प्रो.सुरेश आचार्य
  • हिंदी दिवस के दशम् वार्षिक आयोजन में श्यामलम् द्वारा किया गया मराठी भाषी लेखक का सम्मान
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/ हिंदी दिवस पर 14 सितंबर को‌ श्यामलम् द्वारा दशम् वार्षिक आयोजन पर व्याख्यान माला और सम्मान समारोह का गरिमामय कार्यक्रम पं.दीनदयाल उपाध्याय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर की सहभागिता में आयोजित किया गया।
 
इस अवसर पर गैर हिन्दी भाषी लेखकों को दिए जाने वाले वार्षिक श्यामलम् हिन्दी सेवी सम्मान से रायपुर छत्तीसगढ़ से पधारे मराठी भाषी लेखक डॉ. चंद्रकांत वाघ को अलंकृत किया गया। 
 
कार्यक्रम में इसके अलावा पं.श्याम मनोहर गोस्वामी स्मृति मानस‌ मर्मज्ञ सम्मान से वरिष्ठ चिकित्सक मानस प्रेमी डॉ.बी.के.मिश्रा को तथा कवयित्री डॉ.वर्षा सिंह स्मृति हिन्दी रचनाकार सम्मान से इंक मीडिया पत्रकारिता इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.आशीष द्विवेदी को सम्मानित किया गया।
 
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. वाघ ने कहा कि देश में 22 भाषाएं और 26 उप भाषाएं तथा अनगिनत क्षेत्रीय भाषाएं‌ बोली जाती हैं लेकिन हिन्दी सभी भाषाओं की मां के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
 
उन्होंने सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरिसिंह गौर, महाकवि पद्माकर, विट्ठलभाई पटेल, अखलाक सागरी सहित अन्य कवियों और साहित्यकारों और इतिहास का उल्लेख करते हुए सागर को "साहित्य - सागर" कहा।
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सागर विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार प्रो.सुरेश आचार्य ने हिंदी भाषा और बोली का विश्लेषण करते हुए कहा कि बोलियां तो स्थान -काल में बदलती रहती हैं लेकिन भाषा नहीं,वह तो स्थायी होती है। 
 
उन्होंने हिन्दी भाषा को सार्वदेशिक और सार्वकालिक बताते हुए देश के जन-जन की ,हर हृदय की धड़कन बताया और कहा कि हिन्दी भावात्मक और राष्ट्रीय चेतना जागृत करने में सर्वथा सक्षम है। 
 
 श्री आचार्य ने  कवियों , साहित्यकारों के अनेक दृष्टांतों का विवेचन करते हुए महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के भाषा प्रेम एवं श्रीमती मनोहरा देवी के साथ हुए निराला जी के साथ संवाद का रोचक वर्णन किया।
 
सारस्वत अतिथि डॉ. बी‌ के मिश्रा ने जटायु वध का मार्मिक विश्लेषण और महत्व,सार्थकता बताई । उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस में जीवन प्रबन्धन के अनेक सूत्र विद्यमान हैं।
 
महाभारत के सर्व सुविधा सम्पन्न, सर्वाधिकार प्राप्त पात्र भीष्म पितामह को अन्त समय में वाणों की शैय्या प्राप्त हुई। वहीं मानस के सामान्य एवं सर्वसाधारण जटायु को अन्तसमय में श्रीराम की गोद मिली। जटायु  एक अबला नारी सीता की सुरक्षा के लिए अपने प्राण गंवा देता है वहीं भीष्म पितामह दुर्योधन व दुशासन द्वारा द्रोपदी को लज्जित करने पर मौन धारण कर लेते हैं। 
 
जटायु और भीष्म पितामह के उद्धरण द्वारा रामचरितमानस में वर्णित चरित्र निर्माण करने वाले भावों की समृद्धता का विशद विवेचन डॉ मिश्रा द्वारा किया गया। दोनों के अन्त समय की परिणति का दृष्टांत सुनकर सभागार भावविभोर हो उठा।
 
विशेष आमंत्रित अतिथि डॉ.आशीष द्विवेदी ने कहा यदि हम दूसरों की भाषा का सम्मान करेंगे, तो हमारा और हमारी भाषा का सम्मान भी अपने आप होगा। उन्होंने कार्यक्रम आयोजक संस्था श्यामलम् को बुंदेलखंड की सर्वाधिक सक्रिय और प्रतिष्ठित संस्था के रूप में अभिव्यक्त किया।
 
कार्यक्रम में अपनी स्नेहिल उपस्थिति दर्ज कराते हुए संयुक्त संचालक शिक्षा मनीष वर्मा ने भी अपने विचार रखे।
 
आभार व्यक्त करते हुए डॉ.सरोज गुप्ता ने अथर्वदेवी सूक्त में वर्णित  भाषा महिमा -"अहं राष्ट्री संगमनी वसूनाम" राष्ट्र की भाषा समस्त ऐश्वर्यों को प्रदान करती है के साथ वर्णमाला की उत्पत्ति के दृष्टांत नारद के मानस पुत्रों की तपस्या से प्रसन्न शिव के नृत्य नटराज द्वारा चौदह बार डमरू बजाने से महेश्वर सूत्रों के रुप में पाणिनीय शब्दानुशासन में वर्णित अक्षरों की भारतीय दार्शनिक परम्परा का विवेचन किया।
 
अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और अ.भा.महिला काव्य मंच की प्रदेशाध्यक्ष सुनीला सराफ द्वारा सरस्वती वंदना के मधुर गायन के पश्चात् इस‌ भव्य व स्मरणीय कार्यक्रम की शुरुआत मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करने पर श्यामलम् को दिए गए शुभकामना संदेश के हरीसिंह ठाकुर द्वारा किए गए वाचन से हुई।
 
डॉ.नलिन जैन ने कवि स्व.निर्मल चंद निर्मल जी की कविता "हिंदी हिंदुस्तान की" का वाचन किया। अभिनंदन पत्रों का वाचन डॉ.सुश्री शरद सिंह,आनंद मंगल बोहरे, डॉ विनोद तिवारी, रमाकांत शास्त्री व संतोष पाठक ने किया। 
 
पाठक मंच संयोजक आर के तिवारी, डॉ चंचला दवे, कपिल बैसाखिया, हरी शुक्ला, कुंदन पाराशर ने अतिथि स्वागत किया।श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने कार्यक्रम परिचय व स्वागत उद्बोधन दिया।
 
 कार्यक्रम का व्यवस्थित और सुचारू संचालन डॉ. अमर कुमार जैन, प्राध्यापक, पं.दीनदयाल उपाध्याय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर ने किया।
 
 
इस अवसर पर गैर हिन्दी भाषी लेखकों को दिए जाने वाले वार्षिक श्यामलम् हिन्दी सेवी सम्मान से रायपुर छत्तीसगढ़ से पधारे मराठी भाषी लेखक डॉ. चंद्रकांत वाघ को अलंकृत किया गया। 
 
कार्यक्रम में इसके अलावा पं.श्याम मनोहर गोस्वामी स्मृति मानस‌ मर्मज्ञ सम्मान से वरिष्ठ चिकित्सक मानस प्रेमी डॉ.बी.के.मिश्रा को तथा कवयित्री डॉ.वर्षा सिंह स्मृति हिन्दी रचनाकार सम्मान से इंक मीडिया पत्रकारिता इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.आशीष द्विवेदी को सम्मानित किया गया। 
 
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. वाघ ने कहा कि देश में 22 भाषाएं और 26 उप भाषाएं तथा अनगिनत क्षेत्रीय भाषाएं‌ बोली जाती हैं लेकिन हिन्दी सभी भाषाओं की मां के रूप में प्रतिष्ठित हैं। 
 
उन्होंने सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरिसिंह गौर, महाकवि पद्माकर, विट्ठलभाई पटेल, अखलाक सागरी सहित अन्य कवियों और साहित्यकारों और इतिहास का उल्लेख करते हुए सागर को "साहित्य - सागर" कहा। 
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सागर विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार प्रो.सुरेश आचार्य ने हिंदी भाषा और बोली का विश्लेषण करते हुए कहा कि बोलियां तो स्थान -काल में बदलती रहती हैं लेकिन भाषा नहीं,वह तो स्थायी होती है। 
 
उन्होंने हिन्दी भाषा को सार्वदेशिक और सार्वकालिक बताते हुए देश के जन-जन की ,हर हृदय की धड़कन बताया और कहा कि हिन्दी भावात्मक और राष्ट्रीय चेतना जागृत करने में सर्वथा सक्षम है। 
 
कवियों , साहित्यकारों के अनेक दृष्टांतों का विवेचन करते हुए महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के भाषा प्रेम एवं श्रीमती मनोहरा देवी के साथ हुए निराला जी के साथ संवाद का रोचक वर्णन किया। सारस्वत अतिथि डॉ. बी‌ के मिश्रा ने जटायु वध का मार्मिक विश्लेषण और महत्व,सार्थकता बताई । 
 
उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस में जीवन प्रबन्धन के अनेक सूत्र विद्यमान हैं। महाभारत के सर्व सुविधा सम्पन्न, सर्वाधिकार प्राप्त पात्र भीष्म पितामह को अन्त समय में वाणों की शैय्या प्राप्त हुई। 
वहीं मानस के सामान्य एवं सर्वसाधारण जटायु को अन्तसमय में श्रीराम की गोद मिली। इसका कारण है रामचरित मानस में वर्णित कर्तव्यपरायणता के श्रेयस्कर भाव, जिसे पढ़कर हर व्यक्ति अपना जीवन सार्थक कर सकता है। 
 
जटायु एक अबला नारी सीता की सुरक्षा के लिए अपने प्राण गंवा देता है वहीं भीष्म पितामह दुर्योधन व दुशासन द्वारा द्रोपदी को लज्जित करने पर मौन धारण कर लेते हैं। 
 
जटायु और भीष्म पितामह के उद्धरण द्वारा रामचरितमानस में वर्णित चरित्र निर्माण करने वाले भावों की समृद्धता का विशद विवेचन डॉ मिश्रा द्वारा किया गया। दोनों के अन्त समय की परिणति का दृष्टांत सुनकर सभागार भावविभोर हो उठा। 
विशेष आमंत्रित अतिथि डॉ.आशीष द्विवेदी ने कहा यदि हम दूसरों की भाषा का सम्मान करेंगे, तो हमारा और हमारी भाषा का सम्मान भी अपने आप होगा। 
 
उन्होंने कार्यक्रम आयोजक संस्था श्यामलम् को बुंदेलखंड की सर्वाधिक सक्रिय और प्रतिष्ठित संस्था के रूप में अभिव्यक्त किया।
 
 कार्यक्रम में अपनी स्नेहिल उपस्थिति दर्ज कराते हुए संयुक्त संचालक शिक्षा मनीष वर्मा ने भी अपने विचार रखे। आभार व्यक्त करते हुए डॉ.सरोज गुप्ता ने अथर्वदेवी सूक्त में वर्णित भाषा महिमा -"अहं राष्ट्री संगमनी वसूनाम" राष्ट्र की भाषा समस्त ऐश्वर्यों को प्रदान करती है के साथ वर्णमाला की उत्पत्ति के दृष्टांत नारद के मानस पुत्रों की तपस्या से प्रसन्न शिव के नृत्य नटराज द्वारा चौदह बार डमरू बजाने से महेश्वर सूत्रों के रुप में पाणिनीय शब्दानुशासन में वर्णित अक्षरों की भारतीय दार्शनिक परम्परा का विवेचन किया।
 
 अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और अ.भा.महिला काव्य मंच की प्रदेशाध्यक्ष सुनीला सराफ द्वारा सरस्वती वंदना के मधुर गायन के पश्चात् इस‌ भव्य व स्मरणीय कार्यक्रम की शुरुआत मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करने पर श्यामलम् को दिए गए शुभकामना संदेश के हरीसिंह ठाकुर द्वारा किए गए वाचन से हुई।

इस अवसर पर पर हिन्दी प्रेमी श्रोताओं और नगर के प्रबुद्धजनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति महत्वपूर्ण रही जिनमें पं. शुकदेव प्रसाद तिवारी, पं.मदनमोहन द्विवेदी,प्रो.जय कुमार जैन, मुन्ना शुक्ला,अशोक मिज़ाज,टी आर‌ त्रिपाठी, आशुतोष गोस्वामी,शिवरतन यादव, अंबिका यादव, नवनीत धगट, प्रदीप पांडेय.डॉ छाया चौकसे, डॉ अंजना पाठक, ममता भूरिया, डॉ विजय लक्ष्मी दुबे, महेंद्र प्रताप तिवारी,पैट्रिस फुस्केले, मुकेश तिवारी, अयाज़ सागरी ,नील रतन पात्रा, डॉ. अनिल जैन,उदय खेर, डॉ अतुल श्रीवास्तव, वीरेन्द्र प्रधान,राजेंद्र दुबे कलाकार, प्रभात कटारे, आनंद मिश्रा अकेला, दामोदर अग्निहोत्री, गणेश सैनी, प्रभात कटारे, पत्रकार काशीराम रायकवार,बी डी पाठक,ज ला प्रभाकर, व्ही पी मिश्रा, अंबर चतुर्वेदी,के एल तिवारी, गौरव राजपूत,अरुण मिश्रा छतरपुर सहित गोस्वामी एवं मिश्रा परिवार के परिजन शामिल हैं। वाणिज्य महाविद्यालय सागर की सहभागिता में आयोजित किया गया।  
 

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मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का कहना है लोग भले ही कुछ कहें पर उन्होंने राजनीति नहीं छोड़ी। वे 75 की ही नहीं 85 वर्ष की भी हो जाएँ तब भी राजनीति करतीं रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वो अगला चुनाव भी लड़ेंगीं और राजनीति भी करतीं रहेंगी। 

भाजपा की तेज-तर्राट नेता मानी जाने वाली और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती सोमवार ११ सितम्बर  को दमोह लोकसभा क्षेत्र की रहली विधानसभा के शाहपुर के बस स्टैंड पर स्थापित वीरांगना रानी अवन्ती बाई की मूर्ती के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने आयीं थीं। 

 इस मौके पर यहाँ पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 का चुनाव लड़ने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि काम करते-करते बहुत वक्त हो गया था तो पांच साल का ब्रेक ले लिया। 

इसी सिलसिले में उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लगा कि उनके ब्रेक लेने से लोग ऐसा न मानने लगें कि उन्होंने राजनीति छोड़ दी। उन्होंने कहा कि वे हमेशा कहतीं आयीं हैं कि " मैंने राजनीति नहीं छोड़ी है। मैं 75 की ही नहीं 85 की होने तक भी राजनीति करतीं रहूंगी। मैं अगला चुनाव भी लडूंगी।" 

केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना और ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन समेत कई बड़ी विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि वह राजनीति में थीं, इसलिए ये परियोजनाएं हकीकत बन सकीं। भारती ने कहा कि उन लोगों ने राजनीति को बर्बाद कर दिया है, जो इसे विलासिता का साधन मानते हैं।

उन्होंने कहा कि उनका जीवन धन्य हो गया क्योंकि उन्होंने राजनीति को ही भगवत प्राप्ति का माध्यम समझा। इसलिए राजनीति कभी नहीं छोडूंगी। जब तक लोगों की जरूरतें बनीं रहेंगी उनको पूरा करने तक जीवित रहूँगी और राजनीती करती रहूँगी।

मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि लोकसभा चुनाव अगले साल प्रस्तावित हैं। भारती ने आखिरी बार 2014 में झांसी (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा चुनाव लड़ा था। जीत के बाद वह नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री पद पर काबिज हुई थीं।
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13 व 14 अगस्त को लेंगे सागर जिले की
 विधानसभावार बैठ

SAGAR WATCH/ 04 AUGUSTप्रधानमंत्री के प्रस्तावित सागर दौरे के मद्देनजर  बुंदेलखंड क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की सक्रियता बढ़ गई है। विधानसभा चुनाव को लेकर नियुक्त कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रदीप टमटा 9 से 14 अगस्त तक सागर समेत संभाग के निवाड़ी छतरपुर तथा दमोह जिले के दौरे पर रहेंगे। 

वे 13 अगस्त को सागर आएंगे व 2 दिन तक जिले के विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव  को लेकर पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से चर्चा कर फीडबैक लेंगे।
  मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक श्री प्रदीप टमटा अपने दौरा कार्यक्रम की शुरुआत बुंदेलखंड क्षेत्र के दतिया विधानसभा से करेंगे। 

वे 9 अगस्त को सुबह 10 बजे दतिया विधानसभा तथा दोपहर 03 बजे सागर संभाग के निवाड़ी में बैठकें लेंगे। श्री टमटा 10 अगस्त को छतरपुर में, 10 बजे बड़ा मलेहरा, 01 बजे चंदला व 04 बजे बिजावर विधानसभा क्षेत्र की बैठक लेंगे। श्री टम्टा 11 अगस्त को दोपहर 12 बजे हटा व 12 अगस्त को दोपहर 12 बजे पथरिया विधानसभा क्षेत्र की बैठक करेंगे।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक के मुताबिक पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक श्री प्रदीप टमटा 13 व 14 अगस्त को सागर में ही रहेंगे। वे 13 अगस्त को सुबह 11 बजे यहां आकर सागर विधानसभा, 02 बजे बीना, 05 बजे खुरई तथा 14 अगस्त को सुबह 10. 30 बजे नरयावली, 01 बजे रहली व 04 बजे सुरखी विधानसभा क्षेत्र की सागर में ही बैठकें लेने के पश्चात शाम को भोपाल प्रस्थान करेंगे।

केंद्रीय पर्यवेक्षक  प्रदीप टमटा के इस दौरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने आगे बताया कि वे इस दौरान संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के पदाधिकारियों, वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं, दावेदारों तथा महत्वपूर्ण व्यक्तियों से आगामी चुनाव को लेकर संबंधित चर्चा करेंगे। इस दौरान वे संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में ब्लॉक अध्यक्ष, मंडलम, सेक्टर पदाधिकारियो तथा बीएलए की बैठक ले कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे।
 

 कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रदीप टमटा जी के सागर जिले के दौरे को लेकर जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ आनंद अहिरवार ने जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में आने वाले कांग्रेसजनों से संबंधित बैठकों में आवश्यक रूप से उपस्थित रहने की अपील की है।

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सागर वॉच। 2 अगस्त 2023।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश और द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण- 2023 के बाद 
के Electoral Facts के मुताबिक सागर जिले के आठ विधानसभा निर्वाचन  क्षेत्रों में 17 लाख 25 हजार 932 मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हो चुका है। इनमें 9,13,852 पुरूष, 8,12,038 महिलाएं एवं 42 अन्य है। यह जानकारी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दीपक आर्य ने आज यहां दी।  

      जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आर्य ने Electoral Facts बताया कि सागर जिले में 8 विधानसभा क्षेत्रों में 2118 मतदान केंद्र तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि रहली विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 300 मतदान केंद्र हैं, इस क्षेत्र में कुल 237052 मतदाता है। कलेक्टर श्री आर्य ने बताया कि सागर जिले में जनगणना 2011 के अनुसार जिले का जेंडर रेशों 896 है तथा मध्य प्रदेश का जेंडर रेशों 931 है। मतदाता सूची के अनुसार अभी सागर जिले का 888.59 जेंडर रेशों है। इसको बढ़ाने की लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
  

जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दीपक आर्य ने Electoral Facts बताया कि 2 अगस्त से लगातार 31 अगस्त तक समस्त 2118 मतदान केंद्रों के बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्रों पर मौजूद रहेंगे और नाम जोड़ने एवं हटाने का कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि 3 अगस्त से 10 अगस्त तक विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए नियुक्त किए गए 181 सेक्टर अधिकारी अपने अपने क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर जाकर मतदाता सूची का वाचन करेंगे। आगामी 4 अक्टूबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।

Sagar Watch, Morality In Public Life, Raghu Thakur

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सार्वजनिक जीवन में नैतिकता के विषय पर बोलते हुए साहित्यकार विजय बहादुर सिंह कहा कि मनुष्य नैतिकता अपनी आवश्यकता अनुसार गढ़ता है,नैतिकता समाज की लक्ष्मण रेखा है जो समाज कीमत नहीं चुका सकता नैतिकता नहीं ला सकता। महापुरुष इस बात के उदाहरण है। उन्होंने कहा कि नैतिकता का ठिकाना साहित्य हैं और हमेशा रहेगा

ये विचार उन्होंने स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह ठाकुर स्मृति में   सरस्वती वाचनालय गौर मूर्ति सागर में   सार्वजनिक जीवन में नैतिकता विषय पर संपन्न व्याख्यान में अपना उद्बोधन के दौरान व्यक्त किये  

Sagar Watch, Raghu Thakur

इसी सिलसिले में पत्रकार उमेश  त्रिवेदी
ने विस्तार से सार्वजनिक जीवन में नैतिकता पर प्रकाश डाला
 उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में नैतिक गिरावट आई है चाहे वह राजनीति का हो,व्यापार का हो,साहित्य का हो, पत्रकारिता का हो,समाज इन चुनौतियां का सामना कर आगे बढ़ता रहा है। इस कार्यक्रम में आने से मुझे नैतिक बल मिला है,आयोजकों का मैं आभारी हूं। 

समाजवादी नेता और कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री रघु ठाकुर ने अपने संबोधन में  नौजवानों से अपील करते हुए कहा कि हमें समाज को नैतिक पतन से बचाना है इसके लिए हमें एक साथ खड़े हो 

उन्होंने नौजवानों से महिलाओं आह्वान किया कि हम सब मिलकर नैतिकता की और बढ़ चलें समाज हमारी ओर देख रहा है नैतिक गिरावट को हम खत्म करके दम लेंगे

उन्होंने कहा कि समाज सदैव नैतिकता का समर्थन करता रहा है आज का उपस्थित समूह इस बात का संदेश है उन्होंने कहा कि समाज को बदलने के लिए बुराइयों की नहीं अच्छाइयों की चर्चा करें महापुरुष के आचरण इन बातों के आदर्श हैं समाज में नैतिक पतन को उन्होंने पूजीबाद के लिए जिम्मेदार बताया पूंजीवाद अनैतिक विचारधारा है,समाजवाद नैतिकता है पूंजीवाद के बढ़ने से विकृति आएंगी। नैतिकता का सबसे बड़ा शत्रु विवाद है जो गैर बराबरी और विस्मता को जन्म देता है और अंत मैं उन्होंने कहा कि यदि नेता नैतिक है तो समाज भी नैतिक बनेगा।

Sagar Watch, Raghu Thakur

विद्वानों के उद्बोधन के पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर ने माल्यार्पण किया एवम श्री विश्वनाथ सिंह ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण किया उसके बाद अतिथियों का स्वागत किया गया
। श्री उमेश त्रिवेदी पत्रकार का स्वागत जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष आनंद अहिरवार ने किया।
श्री विजय बहादुर सिंह साहित्यकार का स्वागत रामकुमार पचोरी ने किया श्री रघु ठाकुर का स्वागत रफीक गनी और पप्पू गुप्ता ने किया।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर बद्दी प्रसाद ने किया आभार पंडित सुखदेव प्रसाद तिवारी ने माना।  

इस अवसर पर ठाकुर विश्वनाथ सिंह के परिजन सहित प्रमुख रुप से उपस्थित रहने वालों में श्री लक्ष्मीनारायण यादव पूर्व सांसद,सुनील जैन पूर्व विधायक सुरेन्द्र चौधरी पूर्व विधायक,अशोक श्रीवास्तव,रमाकांत यादव,राम अवतार तिवारी, भोलेश्वर तिवारी,हेमचंद्र जैन,कैलाश सिघईं,सुरेश आचार्य,डा श्याम मनोहर सिरोठिया,
विष्णु आर्य योगाचार्य,सुरेंद्र सुहाने, साहित्यकार पूरनसिंह,देवेंद्र फुसकेले,डॉ जिनेंद्र जैन,टी आर मलैया,भूपेंद्र मुहासा,बी डी पटेल,आशीष ज्योतिषि,राहुल चौबे,राम गोपाल यादव,राहुल व्यास,कवि अशोक मिजाज, गजाधर सागर,
बुंदेल सिंह बुंदेला,नाराण सिंह उमकांत मिश्रा सनोधा,पप्पू गुप्ता, पंकज सिंघई,शिवराज सिंह ठाकुर,महेश पांडे,भूपेंद्र सिंह बंडा,गजाधर सागर,एड. चंद्रभान सिंह राजपूत,सीताराम पाठक,विनोदतिवारी,चिकी एंथोनी,सिंटू कटारे ,
महेश जाटव,नितिन पचौरी,कपिल पचोरी,अकरम खान, रमेश सोनी,अभिनीत पांडे,ओमपाल आदिवासी मोहन आदिवासी,तुलसीराम श्रीराम आदिवासी,श्रीराम शर्मा,अवतार शर्मा,पवन रैकवार,हरीश लोधी,बीरन लोधी,ममता भूरिया,
पूजा पाराशर,आर आर पाराशर, लक्ष्मी पांडे,सिम्मी ठाकुर, मोना ठाकुर,रुचि,सुनील भदोरिया,देवेंद्र कुर्मी,जितेंद्र खटीक,मोहन देवलिया, निरंजन सिंह,कुलदीप भाटिया,बंटू मुखरिया,मुकेश साहू,संजय व्यास,बृजेंद्र नगरिया,राजेश उपाध्याय, 
शशि कुमार,प्रहलाद पचौरी सहित गणमान्य नागरिक पत्रकार बंधु आदि एकसंख्या में लोग उपस्थित थे

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सागर,  31 जुलाई 2023/
  जिले में पर्याप्त मात्रा मे यूरिया उपलब्ध है। जिले में 2605 मीट्रिक टन यूरिया की एक रैक सागर को मिली है। जिसे मिलाकर 4 हजार मीट्रिक टन यूरिया जिले में उपलब्ध है। 

जिला विपणन श्रीमती राखी रघुवंशी ने बताया कि जिसमें 1830 मीट्रिक टन यूरिया विपणन संघ के गोदाम में भेजा गया है। इसमें गौरझामर, देवरी और केसली में 900 मीट्रिक टन, सागर और जैसीनगर में 520 मीट्रिक टन, गढ़ाकोटा और रहली 260 मीट्रिक टन, खुरई में 150 मीट्रिक टन यूरिया शामिल है। ये स्टाक 2 अगस्त से गोदामों से विक्रय हेतु उपलब्ध रहेगा।

शेष भण्डार के अंतर्गत बंडा में 100 मीट्रिक टन, शाहगढ़ में 300 मीट्रिक टन,  बीना में 380 मीट्रिक टन और राहतगढ़ 185 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। जिला विपणन श्रीमती राखी रघुवंशी ने बताया कि जिले में इसी सप्ताह  यूरिया की 2 रैंक और आ रही है।


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सागर वॉच /
 मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि देश में सर्वाधिक 785 बाघ मध्यप्रदेश में है, जिनकी वजह से प्रदेश को यह गौरव पुन: मिला। मध्यप्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है। वन विभाग और वन्य-प्राणियों की सुरक्षा में लगे सभी लोग बधाई के पात्र हैं, वन्य-प्राणियों की सुरक्षा का कार्य अत्यंत मेहनत और परिश्रम का है। समुदाय के सहयोग के बिना वन्य-प्राणियों की सुरक्षा संभव नहीं है। मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अग्रणी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव वन श्री जे.एन. कंसोटिया, वन बल प्रमुख श्री रामेश कुमार गुप्ता, वरिष्ठ वन अधिकारी, वाईल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य तथा वन और वन्य-प्राणी प्रेमी उपस्थित थे।

    चार वर्षों में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हुई

  मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि "अत्यंत हर्ष की बात   है  कि हमारे प्रदेशवासियों के सहयोग और वन विभाग   के    अथक प्रयासों के फलस्वरूप, चार वर्षों में हमारे   प्रदेश   में जंगल के राजा बाघों की संख्या 526 से   बढ़कर 785 हो गई है। मैं पूरे प्रदेश की जनता को,   वन    एवं वन्य-प्राणियों के संरक्षण में उनके सहयोग   के लिये ह्रदय से धन्यवाद और बधाई देता हूँ। आइये   हम सब मिलकर अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर   भावी पीढ़ियों के लिये प्रकृति संरक्षण का पुन: संकल्प   लें।''



मध्यप्रदेश तेंदुआ और घड़ियाल स्टेट भी है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टाइगर स्टेट के साथ-साथ मध्यप्रदेश तेंदुआ और घड़ियाल स्टेट भी है। गिद्ध और भेड़ियों की संख्या में भी हम आगे हैं। गिद्धों को पुर्नस्थापित करने की हमारी कोशिशें लगातार जारी हैं। प्रदेश में इंसान की जिंदगी बेहतर बनाने के साथ-साथ वन्य-प्राणियों का अस्तित्व बनाये रखने का अभियान लगातार जारी रहेगा। वन्य-प्राणियों के अस्तित्व को बनाए रखने का कार्य वनवासियों के सहयोग से ही संभव है। प्राणियों के संरक्षण के लिए पर्यावरण संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है।


छायाचित्र प्रदर्शनी और वन्य-प्राणियों पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने म.प्र. के बाघों की छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदेश में बाघ संरक्षण पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पर केन्द्रित फिल्म दिखाई गई। मुख्यमंत्री ने फिल्म के कलाकारों को स्मृति-चिन्ह प्रदान किए।

 

भारत में बाघों की संख्या (2006-2022)

राज्य

बाघ जनसंख्या

 

2006

2010

2014

2018

2022

शिवालिक पहाड़ी और गंगा क्षेत्र

बिहार

10

8

28

31

54

उत्तराखंड

178

227

340

442

560

उत्तर प्रदेश

109

118

117

173

205

कुल

297

353

485

646

819

मध्य भारत और पूर्वी घाट

आंध्रप्रदेश

95

72

68

48

63

तेलागंना

-

-

-

26

21

छत्तीसगढ़

26

26

46

19

17

झारखंड

 

10

3

5

1

मध्यप्रदेश

300

257

308

526

785

महाराष्ट्र

103

168

190

312

444

ओडिशा

45

32

28

28

20

राजस्थान

32

36

45

69

88

कुल

601

601

688

1033

1439

पश्चिमी घाट क्षेत्र

गोवा

-

-

5

3

5

कर्नाटक

290

300

406

524

563

केरला

46

71

136

190

213

तमिलनाडु

76

163

229

264

306

कुल

402

534

776

981

1087

उत्तर पूर्व पहाड़ और ब्रह्म्पुत्र मैदानी क्षेत्र

अरूणांचल प्रदेश

14

 

28

29

9

असम

70

143

167

190

227

मिजोरम

6

5

3

0

0

नागालैड

-

-

-

0

0

पश्चिम बंगाल

10

-

3

 

2

उत्तर पूर्वी पहाड़ और ब्रह्म्पुत्र

100

148

201

219

236

सुन्दर वन

 

70

76

88

101

 

उत्कृष्ट कार्य के लिए वन विभाग के कर्मचारियों का सम्मान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वन विभाग के शासकीय सेवकों को उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए। वन विभाग के कर्मचारियों को सरवाइवल किट भी दी गई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान को स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

ई-टिकटिंग और मोबाइल एप का शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल के ई-टिकटिंग एवं मोबाइल एप का शुभारंभ भी किया। इस एप से पर्यटकों को अब घर से ही ऑनलाइन टिकिट बुक करने की सुविधा मिलेगी। एप पर वन विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध रहेगी।

प्रकाशनों का विमोचन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी कॉन्फ्रेंस की रिपोर्ट, स्टेट वाईल्ड लाइफ एक्शन प्लान तथा फिफ्थ बर्ड्स सर्वे रिपोर्ट ऑफ गांधी सागर वाईल्ड लाइफ सेंचुरी (मंदसौर) सहित तीन पुस्तक का विमोचन किया।