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•।• नागरिक स्ट्रीट लाईट ख़राब होने कि सूचना कंट्रोल रूम में आकिब खान-9300053936, डी. एस. पारासर-7583894265 एवं स्मार्ट सिटी के ऋषि गोस्वामी - 7879487904, देवेंद्र विश्वकर्मा, उपयंत्री - 8823891021 दे सकते हैं . । • • ।• • • •• • • • • • ... ।

 शहर में प्रदेश स्तर की खेल प्रतियोगिता आयोजित होने जा   रही है। ख़ुशी का विषय है पर एक नजरिये से कुछ हद तक  मीडिया के लिए नहीं।  इस आयोजन के लिए क्या इंतजाम किये गए हैं। कितने खेल शामिल हो रहे हैं। कितने विद्यार्थी आ रहे हैं और उनके रुकने खाने-ठहरने का क्या व्यवस्था की गयीं हैं। 

 

 न चिट्ठी न कोई सन्देश ...!  की तर्ज पर यह सब बताने के लिए आयोजन शुरू होने से पहले  शिक्षा विभाग ने मीडिया से रूबरू होना भी  जरूरी नहीं समझा। यहाँ तक की उन्हें औपचारिक तौर पर प्रतियोगिता में शामिल होने और रिपोर्टिंग करने का आमंत्रण तक जारी नहीं किया। आखिर ऐसा क्या है जिसके चलते शिक्षा विभाग के तेवर इतने बदले-बदले नजर आ रहे हैं?  

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दस संभागों के पांच सौ से ज्यादा विद्यार्थी होंगे शामिल 

Sagar Watch News/ 68वीं राज्य स्तरीय शालेय कीड़ा प्रतियोगिता की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है, जिसमें प्राचार्य, खेल अधिकारी, शिक्षक और खिलाड़ी शामिल हैं। इन समितियों को अलग-अलग दायित्व सौंपे गए हैं।

इस आयोजन के नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि प्रतियोगिता में 10 संभागों से 580 छात्र-छात्राएं और 80 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी भाग लेंगे। खिलाड़ियों के निवास के लिए विभिन्न स्थानों की व्यवस्था की गई है मौसम को ध्यान में रखते हुए सभी स्थानों पर आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।

प्रतियोगिता में क्रिकेट और कूड़ो खेल शामिल हैं। कूड़ो में 14, 17, और 19 वर्ष के छात्र-छात्राएं भाग लेंगे, जबकि क्रिकेट में 19 वर्ष के प्रतिभागी खेलेंगे। क्रिकेट मुकाबले नगर निगम सिटी स्टेडियम, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय खेल मैदान और एक निजी स्कूल में होंगे, जबकि कूड़ो प्रतियोगिता एक अन्य निजी  स्कूल में होगी।

सोयाबीन की खरीदी और तुलाई में हेर फेर करने के आरोप में जिले  में स्थित एक भंडार गृह में जिला प्रशासन ने ताले डलवा दिए हैं  भण्डार गृह द्वारा फसलों की खरीद में हेराफेरी करने की कारगुजारी जिला प्रशासन ने औचक निरीक्षण के दौरान पकड़ी । यह भण्डार गृह प्रदेश के पूर्व मंत्री व रहली के विधायक पंडित गोपाल भार्गव के क्षेत्र में आता है

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News In Short
/ समाचार संक्षेप में 

वसरों को परिणाम में बदलने का कार्य करें सभी प्रतियोगी, शिक्षक की एक गलती पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर देती हैं इसीलिए शिक्षक गलती न करें, अनुशासन में ही रहे।  उक्त विचार मध्यप्रदेश शासन के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री  उदय प्रताप सिंह ने नरयावली विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विधायक खेल महोत्सव के समापन अवसर पर व्यक्त किये।  उन्होंने यह भी बताया कि सी एम राइज स्कूलों की संख्या दुगनी होने जा रही है।

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बेजा कब्ज़े से मुक्त कराये जमीन 

भू- माफियाओं एवं शासकीय भूमि पर कब्जा करने वालों पर शनिवार को जिले के सागर विकासखंड के अंतर्गत मौजा एवं ग्राम राजौआ की 65 एकड़ जमीन जिसकी अनुमानित कीमत 35 करोड़ रुपए आकी गई हैं। 

जिला प्रशासन की इस में ग्राम मौजा राजौआ के अंतर्गत खसरा नंबर390, 366, 389, 679, 681, 384 से अतिक्रमण हटाया गया।

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तीन सौ तीर्थयात्री यात्रा पर निकले 
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत शनिवार को सागर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म क्रमांक एक से चयनित 300 तीर्थयात्री द्वारकाधीश तीर्थ दर्शन के लिए रवाना हुए । कलेक्टर के नुमाइंदे एवं तीर्थ दर्शन यात्रा की नोडल अधिकारी ने सभी तीर्थ यात्रियों को सागर रेलवे स्टेशन से बाजे गाजे एवं फूलमाला पहनकर रवाना किया।

जिले को मिले दो नए स्वास्थ्य केंद्र 
राहतगढ़ ब्लॉक के झिला एवं पीपरा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण किया।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरी  ने बताया स्वास्थ्य केन्द्र बन जाने पर क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य संबंधी समस्त सेवाओं की सुविधा मिलेगी।

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सागर शहर के अग्रज कवियों को याद करने चल रही आयोजन श्रंखला का दूसरा मुख्य आयोजन 8 दिसम्बर रविवार को सुबह 11:30 बजे से वरदान होटल सभागार में आयोजित हो रहा है| 

इस कार्यक्रम में सागर से सम्बद्ध रहे कवि आग्नेय, जितेन्द्र कुमार तथा रमेशदत्त दुबे के कविकर्म पर विचार किया जायेगा| कार्यक्रम में उद्घाटन वक्तव्य देश के सुविख्यात कवि,आलोचक,संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी देंगे |

पहले सत्र में                                                     

उँगलियाँ धूप की नहीं होतीं के अंतर्गत कवि आग्नेय की कविता पर अरुणाभ सौरभ व आनन्द हर्षुल वक्तव्य देंगे| 

दूसरे सत्र में 

सहने को ही तो यह संसार बना है में कवि जितेन्द्र कुमार की कविता पर संगीता गुन्देचा व मदन सोनी वक्तव्य देंगे | 

तीसरा सत्र में 

दृष्टि जहाँ तक जा सकती है में कवि रमेशदत्त दुबे की कविता पर शशिकुमार सिंह व शशिभूषण मिश्र वक्तव्य देंगे | 

चौथे सत्र में 

स्मरण त्रयी के अंतर्गत कवियों के स्मरण तथा शहर में उनकी उपस्थिति पर   उदयन वाजपेयी संबोधित करेंगे| 

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आयोजन में सागर के छह उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आयोजित सागर के छह अग्रज कवियों के कविताओं के काव्यपाठ की प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त उन्नीस विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जायेगा| 

सभी छह अग्रज कवियों की कविताओं के चयन ‘पुनरपि’ का लोकार्पण अशोक वाजपेयी करेंगे | यह कार्यक्रम नयी दिल्ली की एक संस्था द्वारा सागर की संस्था श्यामलम के सहयोग से किया जा रहा है | 

कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए श्यामलम अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने बताया कि इस आयोजन में विचार व स्मरण हेतु शामिल कवि रमेशदत्त दुबे की स्मृति में प्रतिवर्ष उनकी पुण्यतिथि पर दिया जाने वाला रचनाकार सम्मान भी प्रदान किया जायेगा |   

इस आयोजन के माध्यम से शहर में एक बार कवियों की उपस्थिति को,उनकी भौतिक अनुपस्थिति के समय, अनुभव किया जा सकेगा |  

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बाबा साहब ने ऐसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आन्दोलन चलाया जो सती प्रथा,  अस्पृश्यता, बाल विवाह जैसी अमानवीय प्रथाएं संस्कृति, सामाजिक और पारंपरिक प्रथाओं के नाम की जा रही रहीं थीं।  यह सामाजिक व्यवस्था जो मानवीय गरिमा के विरुद्ध थी।  उसके उन्मूलन के लिए आजीवन प्रयास किया। 

ये विचार भारत सरकार के संचार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. दिलीप सिंह ने डॉ. हरीसिंह विश्वविद्यालय सागर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर डॉ. आंबेडकर चेयर के तत्त्वावधान में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने  विशेष व्याख्यान में व्यक्त किये       

इसी सिलसिले में उन्होंने कहा कि बाबा साहब  सामाजिक बदलाव चाहते थे। उनका मानना था कि जाति की समस्या मानसिक समस्या है जिसे जन्म से जोड़कर देखा जाने लगा।  वे वैचारिक स्वतंत्रता, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, वैयाक्तिक स्वतंत्रता, नागरिक अधिकार, मानवीय गरिमा के पक्षधर थे। पूरे विश्व में उन्होंने इसके लिए लड़ाई लड़ी।  

उन्होंने इस सम्बन्ध में गांधी, अम्बेडकर और सावरकार के विचारों का भी उल्लेख किया।  उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर चातुर्वर्ण व्यवस्था पर प्रहार करना चाहते थे क्योंकि उनका मानना था कि मानवीय गरिमा को बनाए और बचाए रखने के लिए वर्ण व्यवस्था का समाप्त होना आवश्यक है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये प्रभारी कुलपति प्रो. वाय.एस. ठाकुर ने कहा कि दुनिया के कई विकसित देशों में सरनेम की उपयोग कम किया जाता है इसलिए ऐसे देशों में जातिवाद की समस्या कम पाई जाती है। जाति की पहचान अज्ञानता के कारण है। यदि मनुष्य और समाज विकसित एवं ज्ञान आधारित होगा तो वह अपनी पहचान को अपनी प्रतिभा, कर्म एवं व्यक्तित्व से निर्मित करेगा। शैक्षिक उन्नयन से ही जातिविहीन समाज की संकल्पना संभव है। 

प्रभारी कुलसचिव डॉ. सत्यप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि डॉ. बी. आर अम्बेडकर ने समग्र दृष्टि से काम किया जिसके कारण उनके विचार एवं कार्य केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक हैं। उनके कार्यों को पूरी दुनिया में महत्त्व दिया जाता है। प्रो. कालीनाथ झा एवं डॉ. देवेन्द्र कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये।  


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 स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में सागर को अच्छा दर्जा प्राप्त करने के लिए नागरिकों की सहभागिता आवश्यक है इसलिए सभी जोन प्रभारी अपने वार्ड में नागरिकों का सहयोग लें तथा स्वच्छता मित्र बनाएं यह निर्देश निगमायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक में दिए 

  • सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कचरादान रखवाएं जिससे सड़कों पर कचड़ा न दिखाई दे।  
  • स्वच्छ वार्ड एवं स्वच्छ बाजार का दर्जा तय  कर उन्हें पुरुस्कृत किया जायेगा । 
  • नगर निगम क्षेत्र के सभी शौचालयों की प्रतिदिन सफाई करवाकर उन्हें स्वच्छ रखें। 
  • जिन -जिन स्थानों पर शराब की दुकानें हैं वहां पर आसपास लगातार निगरानी करें और गंदगी करने पर चालानी  कार्रवाई करें। 
  • शहर में विभिन्न स्थानों पर स्थित महापुरुषों की प्रतिमाओं की लगातार सफाई कराएं। 
  • अगर मॉडर्न टॉयलेट, सुलभ शौचालय,मॉडर्न सुलभ शौचालय गंदे पाए जाएं तो उन पर जुर्माना किया जायेगा 

  • जिन शौचालयों में कर्मचारी नहीं है उन पर तत्काल कर्मचारी नियुक्त किये जायेंगे कोई भी शौचालय बंद न रहे।

इसी सिलसिले में निगमायुक्त ने कहा कि स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने  विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए आवश्यक तैयारी प्रारंभ करें तथा जो भी स्वच्छता सामग्री की आवश्यकता है उसकी  जानकारी तत्काल दें जिस सामग्री तत्काल उपलब्ध कराई जा सके। सभी कर्मचारी स्वच्छता संवाद के स्क्रीनशॉट लेकर ग्रुप पर डालेंगे ।

निगमायुक्त ने कहा कि जहां पर किसी कार्य के कारण स्वच्छता संबंधी कार्य रुक रहे हैं वहां की जानकारी  दें और प्राथमिकता से कार्य कराएं जिससे गंदगी न हो। उन्होंने कहा कि सभी जॉन प्रभारी ध्यान रखें कि स्वच्छता एप पर आई शिकायतों का तत्काल निराकरण करें । 


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 बुंदेलखंड में  खजुराहो, ओरछा, दतिया जैसे अद्भुत मंदिर देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। लेकिन ऐसे कई मंदिरों जुड़ीं  परम्पराएं अपनी अलग ही पहचान बना चुकीं हैं उन्हीं में से एक है जिले के देवरी में स्थित देव श्री खंडेराव मंदिर से जुडी दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलने की परंपरा 

देव श्री खंडेराव मंदिर में अगहन मास में 9 दिनों का अग्निकुंड मेला भरता है। यह मंदिर करीब 4 सौ साल पुराना है। जहां मनोकामना पूर्ति के लिए भक्त दहकते अंगारों पर निकलकर भगवान का धन्यवाद करते हैं। 

अगहन मास की षष्ठी यानि चंपा छठ से भरने वाला मेला पूर्णिमा तक चलता है। जिसकी तैयारियां तेज हो गयी है। यहां इस साल 140 अग्निकुंड बनाए जा रहे हैं। जिनके दहकते लाल अंगारों के ऊपर से  बड़ी संख्या में भक्तगण नंगे पैर चल कर निकलते हैं।  


 सपने से शुरू हुई परंपरा 
 
देवरी में स्थित देव श्री खंडेराव मंदिर का अगहन सुदी चंपा षष्ठी से शुरू होकर पूर्णिमा तक भरने वाला 9 दिवसीय मेला बुंदेलखंड में काफी प्रसिद्ध है। मंदिर में लोगों की अपार आस्था है और यहां होने वाला चमत्कार देखने लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। दरअसल इस मेले के दौरान मनोकामना पूर्ति होने पर लोग दहकते अंगारों से भरे अग्निकुंड से निकलते हैं।

 देवरी के तिलक वार्ड में स्थित 16 वीं शताब्दी का प्राचीन देवश्री खंडेराव मंदिर में मेला करीब 400 साल से चला आ रहा है। कहा जाता है कि देवरी जैसा मेला महाराष्ट्र में जाजौरी में भरता है। जहां देव श्री खंडेराव का मंदिर स्थित है। 

मेले की शुरुआत राजा रसाल जाजोरी ने की थी और उन्होंने ही मंदिर का निर्माण कराया था। दरअसल राजा का पुत्र एक बार बीमार हो गया था,तब उन्होंने देव श्री खंडेराव से मनोकामना मांगी थी। राजा को सपने में देव श्री खंडेराव ने दर्शन दिए और कहा कि मंदिर में अग्निकुंड से नंगे पैर निकलोगे,तो उनकी मनोकामना पूरी होगी। राजा रसाल ने सपने में मिली प्रेरणा अनुसार काम किया और उनका बेटा स्वस्थ हो गया। तब से परम्परा लगातार चली आ रही है।

घोड़े पर सवार शिव-खंडेराव 

ऐसा अनुमान है कि ये मंदिर 15-16 वीं शताब्दी के दौरान निर्मित हुआ है। जिसमें देव श्री खंडेराव घोडे पर सवार है और अर्धांग रूप में माता पार्वती विराजमान है। भगवान देव श्री खंडेराव को शिव का अवतार मानते हैं। देवरी के मंदिर के गर्भगृह में प्राचीन शिवलिंग भी स्थित है और मंदिर के बाहर नंदी की प्रतिमा भी स्थित है। 

मंदिर परिसर में एक विशाल बावडी और देवी देवताओं की भी प्रतिमाएं विद्यमान है। मंदिर के गर्भगृह में बने शिवलिंग को स्वयं भू शिवलिंग बताया जाता है। चंपा षष्ठी के दिन जैसे ही मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर ठीक 12 बजे भगवान सूर्य का प्रकाश पुंज पडता है। 

बस इसी समय  सभी श्रृद्धालु मंदिर के सामने बनाए गए अग्नि कुंडों में पूजा-अर्चना के बाद दोनों हाथों में हल्दी लेकर दहकते अंगारों से निकलना शुरू करते हैं। जय हो श्री खंडेराव के जयकारा लगाते हुए आस्था से सराबोर भक्तगण बिना डरे दहकते अंगारों से दो बार निकलते हैं।

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सौ से ज्यादा अग्निकुंड हुए तैयार 

मेले को लेकर मंदिर प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार मंदिर में 140 अग्निकुंड खोदे जा रहे हैं। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि जिन भक्तों को अग्निकुंड से निकलना होता है,उन्हें पहले पंजीयन करवाना होता है। इस साल एक हजार से ज्यादा लोग पंजीयन करा चुके हैं। 

साल दर साल पंजीयन कराने वाले भक्तों की संख्या बढ रही है। इसलिए मंदिर परिसर में मेले के दौरान अग्निकुंड की भी संख्या बढानी पड रही है। मंदिर परिसर में विशेष साज सज्जा के साथ 140 अग्निकुंड इस बार खोदे जा रहे हैं।

मंदिर के पुजारी परिवार की पांचवी पीढी के मोहित वैद्य और सदाशिव राव वैद्य ने 2 दिसंबर को गणपति पूजन, देव आवाहन और रुद्राभिषेक किया और उसके बाद अग्निकुंड खोदने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। मेला 7 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलेगा।

कुंवारी युवतियां करातीं हैं सबसे ज्यादा पंजीयन 

मुख्य पुजारी नारायण राव वैद्य ने बताया कि अग्निकुंड में निकलने वाले भक्तों में महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। कुंवारी युवतियों के अलावा महिलाएं सबसे ज्यादा पंजीयन करवाती है। इस बार सबसे अधिक पंजीयन आदिवासी महिलाओं ने कराया है। 

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समाज में प्रौढ़ साक्षरता और उसके  महत्व पर जन जागरूकता बढ़ाने के मकसद से  डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के शिक्षाशास्त्र विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

जिसमें विद्यार्थियों को स्वयंसेवक (वालंटियर) के रूप में  जन भारत साक्षरता कार्यक्रम ‘उल्लास’ (ULLAS-Understanding of Lifelong Learning for All in Society) एप पर नामांकन एवं क्रियान्वयन हेतु प्रशिक्षण दिया  गया। 

कार्यक्रम की शुरुआत में  विभाग,  जिला समन्वयक,  प्रशांत तिवारी, ने  प्रौढ़ शिक्षा के उद्देश्यों और महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों से  इसमें सहभागिता के लिए  उल्लास एप पर पंजीकरण करने को कहा। 

 इसी क्रम में खंड समन्वयक  प्रतिभा तिवारी ने कहा कि नव साक्षरता केवल पढ़ना-लिखना सीखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्तियों को जीवन कौशल सिखाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षाशास्त्र विभाग विभागाध्यक्ष प्रो अनिल कुमार जैन ने  शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ  ग्रामीण समुदायों और समाज के वंचित वर्गों के लिए साक्षरता के महत्व को रेखांकित किया।  साथ ही प्रतिभागियों को बुनियादी पढ़ने-लिखने और गणित के कौशल सिखाने के लिए विशेष कार्यशालाएँ आयोजित करने का आश्वासन भी दिया। 

इस अवसर पर डॉ. रानी दुबे, डॉ. अनूपी समैया, डॉ. रजनीश अग्रहरि, डॉ. नवीन सिंह, डॉ. शिवशंकर, डॉ. अखंड शर्मा, डॉ. रमाकांत, डॉ. प्रवीण टीडी, योगेश सिंह  सहित शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे | कार्यक्रम का संचालन डॉ. सावन कुमारी एवं आभार डॉ. पुष्पिता राजावत ने किया।