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• Sagar एक अक्टूबर को 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले युवा नाम जुड़वाने कर सकते हैं अग्रिम आवेदन • आधार नामांकन की आवेदनों का सत्यापन अब तहसीलदार करेंगे • लंपी बीमारी के लक्षण दिखने पर हेल्पलाइन नंबर 1962 पर दे सूचना • तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत द्वारकाधीश तीर्थ यात्रा के लिए लॉटरी 26 सितंबर को • ।• • • • • • ... ।
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 जिला कलेक्टर  ने जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा बैठक में जिले में चल रहे गुणवत्ताहीन एवं समय सीमा में पूर्ण नहीं किया जा सकने वाले कामों से जुडी कंपनी एजेंसी को तत्काल टर्मिनेट करें एवं नया टेंडर जारी करने के निर्देश दिए हैं इसी सिलसिले में  उन्होंने लोक निर्माण विभाग के मंत्री के गृह नगर गढ़ाकोटा समूह जल प्रदाय योजना की एजेंसी को तत्काल टर्मिनेट करने व् दो दिनों में नयी निविदा लगाने के लिए आदेश किया जारी किये हैं

कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि कोई भी परियोजना एवं जल जीवन मिशन के कार्य जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की रिपोर्ट के बाद ही सुपुर्द किये जायें। सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लगातार कार्यों की मानीटिंग करें एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों के लिए समय सारणी तैयार करें जिससे कि यह निश्चित किया जा सके की कार्यों की समाप्ति कब होगी। 

कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि मडिया जल समूह प्रदाय योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का लोकार्पण शीघ्र ही किया जाएगा। सभी कार्य के पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि शाहगढ़-बंडा समूह जल प्रदाय योजना, बीना-खुरई समूह जलप्रदाय योजना, मालथौंन  समूह जलप्रदाय योजना, सनौदा मडिया समूह जलप्रदाय योजना, देवरी-केसली समूह जयप्रदाय योजना, सानौदा-बंडा समूह जलप्रदाय योजना की प्रगति की भी समीक्षा की एवं निर्देश दिए की सभी कार्य समय सीमा में किया जाये। 

उन्होंने कहा कि सभी कार्यों के पश्चात सड़कों का रि-रेस्टोट्रेशन गुणवत्ता के साथ किया जाए जिससे कि सड़क पूर्व की स्थिति में आए तथा आवागमन सुचारू रूप से हो सके। कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने प्रस्तावित कोपरा जल समूह जलप्रदाय योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इस योजना के अंतर्गत 106 ग्राम में पानी पहुंचेगा। इसका कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाये।

कलेक्टर श्री आर्य ने कहा कि बक्सवाहा समूह जलप्रदाय योजना के अंतर्गत 38400 घरेलू नल कनेक्शन किया जाना है जिसमें से अभी तक 34954 नल कनेक्शन किये जा चुके हैं, शेष शीघ्रता से करें। इसी प्रकार मडिया जल समूह जलप्रदाय योजना में 32000 नल कनेक्शन किए जा रहे हैं गढ़ाकोटा समूह जलप्रधाय योजना में 20819 घरेलू नल कनेक्शन किया जा रहे हैं
Question 1

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Question 2

Answer 2

Question 3

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Question 4

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Question 5

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Question 6

Answer 6


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/ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मध्य प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर तंज करते हुए कहा कि सुरखी विधानसभा क्षेत्र देश में सबसे निराला है यहां 60 वर्ष के दूल्हे को भी दहेज में 50 एकड़ जमीन दान में दी जाती है।

 उन्होंने कहा कि राजपूत परिवार का एक शिक्षण संस्थान ज्ञानवीर इंस्टिट्यूट है, जहां प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक कर दिए जाते हैं । मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो यहां से फर्जी कॉलेज को बंद कर दिया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश ओबीसी समाज सभा के पदाधिकारी मुझे भोपाल में मिले थे। वह सुर्खी क्षेत्र के मानसिंह पटेल के लापता होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं ।

मुझे बताया गया है कि पिछले सप्ताह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं । सुरजेवाला ने दावा किया है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर पटेल के लापता होने या उसकी हत्या के मामले में जो भी दोषी होगा वह कितना भी बड़ा मंत्री क्यों ना हो उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

 कांग्रेस नेता राजकुमार सिंह धनोरा को निर्दोष बताते हुए उन्होंने कहा कि उसने राजपूत की खिलाफत करते हुए हकीकत जनता के सामने लाई तो उसे झूठे मामले में पिछले एक माह से जेल में बंद कर रखा है

 


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बुंदेलखंड की जनता में राज्य की भाजपा सरकार की कार्य प्रणाली को लेकर बेहद आक्रोश है। भ्रष्टाचार और महंगाई के मुद्दे पर जनता की नाराजगी चरम पर है । 
 
ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनना तय है । यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सागर में पत्रकारों की चर्चा करते हुए कहीं। 
 
उन्होंने कहा कि केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी उसे समय बुंदेलखंड पैकेज के लिए 7200 करोड रुपए स्वीकृत किए गए थे, किंतु राज्य की भाजपा सरकार ने उसे राशि का बेहद दुरुपयोग किया। 
 
जिससे इस अंचल में ठोस काम नहीं हो सके बड़ी राशि से बनाए गए तालाब एक ही बरसात में ध्वस्त हो गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बेहद कमजोर रही । 
 
जिससे अब अब इस अंचल में बुंदेलखंड पैकेज की राशि के विकास कार्य नजर नहीं आते। श्री यादव ने कहा जन आक्रोश यात्रा की समाप्ति के बाद कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी। 
 
हर कार्यकर्ता को टिकट मांगने का अधिकार है किंतु मुझे विश्वास है कि टिकट वितरण के बाद सभी कांग्रेस जैन एकजुट होकर पार्टी को विजयी बनाने के लिए काम करेंगे। 
 
कांग्रेस ने राहुल गांधी प्रियंका गांधी मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य राष्ट्रीय नेताओं की प्रदेश में सभाएं आयोजित करने का कार्यक्रम बनाया है। 
 
18 साल तक सत्ता में रहने के बाद भाजपा ने जरूरतमंद लोगों की मदद नहीं की अब कांग्रेस के वचन पत्र की कॉपी कर भाजपा जनता को लुभाने का काम कर रही है।
 
 श्री यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में बड़ी संख्या में घोटाले हुए हैं किंतु सत्ता में बैठे प्रतिनिधि इन घोटालों को दबाने का काम कर रहे हैं। 
 
जांच कमेटी भले ही बना दी जाती हैं किंतु वह कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं। जिससे घोटाले करने वालों को अब तक दंडित नहीं किया गया। .

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज इंदौर में इंडिया स्मार्ट सिटी कान्क्लेव-2023 में मध्यप्रदेश को देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदेश का पुरस्कार दिया है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया। 

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने आईसी अवार्ड समारोह में विजेता शहरों और राज्यों को पुरस्कार वितरित किए। राज्यपाल  मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री  हरदीप सिंह पुरी भी इस अवसर पर उपस्थति थे। 

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि इन्दौर ने भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में अपना स्थान बनाए रखा है। इंदौर देश की स्मार्ट शहरों में भी सबसे ऊपर है। उन्होंने इंदौर के निवासियों, जन-प्रतिनिधियों, प्रशासन के अधिकारियों, केन्द्र सरकार के सम्बद्ध विभागों तथा अन्य सभी भागीदारों की सराहना की। 

राष्ट्रपति ने इंडिया स्मार्ट सिटीस अवार्ड कॉन्टेस्ट 2022 (India Smart Cities Award Contest-2022) में मध्यप्रदेश द्वारा सर्वोत्तम प्रदेश (Best State) का गौरव प्राप्त करने पर राज्य के सभी निवासियों, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनकी पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी। 

इस अवसर पर राज्यपाल  मंगुभाई पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य और यहाँ के पाँच शहरों को 10 पुरस्कार मिलना हम सबको गर्व से भर रहा है। मध्यप्रदेश विकास के नये आयाम गढ़ रहा है। विकास का नया मॉडल जो कि भविष्य की जरुरतों को देखकर बनाया गया है। सपनों को हकीकत में बदलने का काम कर रहा है। यहाँ समावेशी विकास का अभूतपूर्व प्रयोग किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य होने का तमगा हासिल हुआ है। हम सब गौरवान्वित हैं। प्रदेश की जनता इसके लिये बधाई की पात्र है। पुरस्कृत स्मार्ट शहरों और उनके नागरिकों को भी बधाई। मध्यप्रदेश विकास की दिशा में नये आयाम तय कर रहा है। 

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत राज्य में सपनों को हकीकत में बदलने का काम किया गया है। उन्होंने इंदौर को सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट सिटी अवार्ड मिलने पर कहा कि सपनों का और सफाई का सिरमौर इंदौर हर दौर में अव्वल रहने का आदी है। यहाँ जो भी आता हैं यहीं का होकर रह जाता है। यहाँ के लोग सभी को दिल से अपनाते हैं। यहाँ के नागरिकों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं था। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता मिशन की शुरूआत की। समूचे देश ने उनका साथ दिया। हमनें भी मध्यप्रदेश में शहर-शहर जाकर नागरिकों से संवाद किया और इसे जन आन्दोलन बनाया। यही कारण है कि आज मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन का प्रतीक है स्मार्ट सिटी मिशन। 

मिशन की गति उल्लेखनीय है। इसके तहत देश के 100 शहरों का चयन किया गया। इसमें से इंदौर जो कि स्वच्छता में छह बार स्मार्ट सिटी मिशन के तहत वेस्ट मैनेजमेंट कार्बन क्रेडिट, पब्लिक स्पेस के विकास के क्षेत्र में किए काम के कारण समूचे देश के लिये मॉडल शहर बन चुका है। 

इसी तरह मध्यप्रदेश को बेस्ट स्टेट का पुरस्कार मिला है। यहाँ के निवासी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह मिशन और अधिक गति पकड़ेगा और इसे देश के बचे हिस्सों तक भी पहुँचाने की योजना है। 

मध्यप्रदेश को मिले 13 अवार्ड इण्डिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड्स कॉन्टेस्ट-2022 (India Smart Cities Award Contest-2022) में उत्कृष्ट कार्यों के आधार पर मध्यप्रदेश की 5 स्मार्ट सिटी को विभिन्न श्रेणी में 13 अवार्ड मिले हैं। 

मध्यप्रदेश को बेस्ट स्टेट का अवार्ड मिला है। इंदौर नेशनल स्मार्ट सिटी अवार्ड में प्रथम स्थान पर है। प्रोजेक्ट अवार्ड्स में स्मार्ट सिटी इंदौर को 5, भोपाल को एक, जबलपुर को 2, ग्वालियर को एक और सागर को एक अवार्ड मिला है। 

स्वच्छता थीम में गोबरधन बॉयो सीएनजी प्लांट, शहरी पर्यावरण थीम में एयर क्वालिटी इम्प्रूवमेंट और अहिल्या वन विथ वर्टिकल गॉर्डन और जल थीम में सरस्वती और कान्ह लाइफ लाइन, रेनवाटर हॉर्वेस्टिंग एवं झीलों, कुओं और बावड़ियों के कायाकल्प के लिये इंदौर को प्रथम स्थान मिला है। 

बिल्ट इन्वायरमेंट थीम में रिवर फ्रंट डेव्हलपमेंट के लिये इंदौर को द्वितीय स्थान मिला है। भोपाल को सदर मंजिल रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट के लिये द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। 

इकोनॉमी थीम में जबलपुर को स्टार्ट-अप इंक्यूबेशन सेंटर के लिये प्रथम एवं इंदौर को वेल्यू केप्चर फायनेंसिंग के लिये द्वितीय स्थान मिला है। 

गवर्नेंस थीम में जबलपुर को इम्पलीमेंटेशन ऑफ 311 एप्लीकेशन के लिये तृतीय स्थान मिला है। 

आईसीसीसी बिजनेस मॉडल थीम में ग्वालियर को इंटेलीजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम के लिये तृतीय स्थान और 

मोबेलिटी थीम पर सागर को इंटेलीजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम इम्प्रूविंग रोड सेफ्टी के लिये तृतीय स्थान मिला है। 

इनोवेशन अवार्ड श्रेणी में कोविड इनोवेटिव थीम पर इंदौर को कोविड-19 रिस्पांसेस-मल्टीपल इनिशिएटिव्स के लिये द्वितीय स्थान मिला है। 

कार्यक्रम को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने भी संबोधित किया। जल संसाधन मंत्री  तुलसीराम सिलावट, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, सांसद  शंकर लालवानी, महापौर  पुष्यमित्र भार्गव सहित देशभर से आये स्मार्ट सिटी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर मध्य प्रदेश में इंडिया स्मार्ट सिटीज कांक्लेव-2023 के दो दिवसीय गरिमामयी आयोजन के दौरान आज इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड-2022 के विजेताओं को राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू द्वारा अवार्ड से सम्मानित किया गया। 

सागर स्मार्ट सिटी को बेस्ट मोबिलिटी केटेगरी में तृतीय पुरस्कार से केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर ने सम्मानित किया। सागर स्मार्ट सिटी के कार्यकारी निदेशक चंद्र शेखर शुक्ला ने टीम के अन्य सहयोगियों के साथ यह अवार्ड प्राप्त किया। 

सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम परियोजना के माध्यम से शहर की यातायात व्यवस्था सुधार एवं यातायात सुरक्षा के लिए किए गए कार्यों की सराहना राष्ट्रीय मंच पर की गई। शहर में बेहतर मोबिलिटी और यातायात प्रबंधन के लिए सागर स्मार्ट सिटी को यह अवार्ड प्रदान किया गया है। 

इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड में लगातार बेहतर प्रदर्शन करते हुए सागर स्मार्ट सिटी द्वारा अवार्ड प्राप्त करने पर मंत्री नगरीय विकास एवं आवास श्री भूपेंद्र सिंह ने सभी सागरवासियों सहित स्मार्ट सिटी की टीम को शुभकामनाएं एवं बधाई दी। 

इस दौरान मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री नगरीय विकास एवं आवास विभाग भूपेंद्र सिंह, मंत्री तुलसी सिलावट, मंत्री श्रीमती ऊषा ठाकुर, इंदौर सांसद  शंकर लालवानी, इंदौर महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, सचिव आवास एवं नगरीय विकास विभाग भारत सरकार श्री मनोज जोशी आदि उपस्थित रहे। 



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सभी नवनियुक्त शासकीय सेवा के अपने-अपने कार्य पूरी संवेदनशीलता, ईमानदारी के साथ करते हुए समाज को लाभान्वित करने का कार्य भी करें। उक्त विचार केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा रोजगार देने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत रोजगार मेला के अवसर पर व्यक्त किये। 

 रोजगार मेला के आयोजन अवसर पर डॉ .वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सभी नवनियुक्त शासकीय सेवक अपने कार्यों को इस प्रकार अंजाम दें, जिससे समाज के सभी वर्ग को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। 

उनके सभी कार्य समय सीमा में संपन्न हो सके। उन्होंने कहा कि सभी सेवक अपने पूर्व के समय को याद करते हुए कार्य करें, जिससे कोई भी आपके समक्ष आने वाला व्यक्ति परेशान न हो। डा.वीरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी युवाओं के प्रेरणा स्रोत है और आज मैं गौरवांवित हूं कि मैं अपनी जन्मस्थली सागर में केंद्र सरकार के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुआ हूं। आपको लाभान्वित कर रोजगार की नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहा हूं ।

उन्होंने कहा कि आप समाज से जुड़कर सभी सामाजिक कार्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ करें ।उन्होंने कहा कि डॉ. हरिसिंह गौर को कभी भुलाया नहीं जा सकता ।उनके द्वारा किए गए कार्य को पुरानी एवं आने वाली हजारों पीढ़ियां याद रखेंगी क्योंकि उन्होंने जो शिक्षा का मंदिर बनाकर शिक्षा देने का कार्य किया है, वह अविश्वसनीय है। 

जिससे सभी शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को उज्ज्वल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ कार्य कर रहे हैं ।उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कारण ही भारत देश का नाम विश्व पटल पर जाना जाने लगा है ।

उन्होंने कहा कि आज भारत का नाम अनेक क्षेत्रों के साथ ही कृषि क्षेत्र में पूरे विश्व में रोशन कर रहा है ।उन्होंने कहा कि आज अमेरिका और जापान के बच्चे भी भारत में बने खिलौने से खेल रहे है ,यह बड़ी बात है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 2037 - 47 में भारत को पूर्ण आत्मनिर्भर बनाने का जो सपना है, उसको हम सबको पूर्ण करना होगा। सांसद श्री राज बहादुर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत का नाम विश्व पटल पर अंकित किया है। 

उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जो महत्वपूर्ण भूमिका प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की है जिसके कारण ही आज युवाओं को लगातार रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 51000 युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध हुआ है यह एक अनुकरणीय पहल है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 18 से 20 घंटे कार्यकारी देश को आगे बढ़ने का कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य कर रहे हैं। सांसद श्री राजबहादुर सिंह ने कहा कि आप सभी नवनियुक्त सेवक पूरी ईमानदारी के साथ कार्य कर सभी के कल्याण का कार्य करें। 

 इस अवसर पर महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रोजगार अधिकार जो युवाओं में खुशहाली का देने का कार्य किया है। इस खुशी से वह अपने जीवन को नई दिशाओं तक पहुंचाएंगे। 

उन्होंने कहा कि आप सभी आज पूरी लगन एवं ईमानदारी से अपना कार्य करें और दीपावली, दशहरा अभी दूर है किंतु आप लोगों के लिए आज ही दीपावली एवं दशहरा है। पूरी उमंगता के साथ यह त्यौहार रोजगार प्राप्त करने का मनायें। 

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार सादगी के पर्याय हैं जिनकी सादगी पूरे देश में चर्चा का विषय रहती है। इस अवसर पर दीपक अग्रवाल द्वारा संचालन किया गया। रोजगार मेला का सीधा प्रसारण महाकवि पद्माकर सभागार में वर्चुअली कांफ्रेंस के माध्यम से देखा एवं सुना गया। 

कार्यक्रम के अंत में मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, सांसद श्री राज बहादुर सिंह, महापौर श्रीमती संगीता तिवारी द्वारा रोजगार प्राप्त करने वाले युवक युवतियों को रोजगार प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। इस अवसर पर सागर में पोस्ट ऑफिस के 343 सहित कुल 384 युवक युवतियों को रोजगार प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

इस अवसर पर सांसद राजबहादुर सिंह, महापौर श्रीमती संगीता तिवारी, महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी, पोस्ट मास्टर जनरल बृजेश कुमार सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं पोस्ट ऑफिस के अधिकारी सहित नवनियुक्त शासकीय सेवक मौजूद थे। 

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 105 में अंक में जहां एक ओरजी -20 सम्मलेन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला वहीं चंद्रयान-3 की सफलता पर देश के वैज्ञानिकों की प्रशंसा भी की साथ ही चन्द्र यान 3 महा क्विज में बच्चों को शामिल होने के लिए प्रोत्साहित भी किया

भारत के दो नए विश्व धरोहर स्थल 
 
इस सिलसिले में उन्होंने कर्णाटक के होयेसेल मंदिरों के समूह और कलकत्ता के  शान्तिनिकेतन  को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किये जाने पर अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए इस दे देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया

इसके अलावा उन्होंने अपने उद्बोधन में देश में दूर दराज के क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने वाले लोगों की भी चर्चा की।  उनके उद्बोधन का लिखित पाठ  अब आगे पढ़ सकते हैं 

भारतीय संगीत के दीवानी जर्मन युवती 

इसे सुनकर आप भी हैरान हो गए न! कितनी मधुर आवाज है और हर शब्द में जो भाव झलकते हैं, ईश्वर के प्रति इनका लगाव हम अनुभव कर सकते हैं। अगर मैं ये बताऊँ कि ये सुरीली आवाज जर्मनी की एक बेटी की है, तो शायद आप और अधिक हैरान होंगे। 

इस बिटिया का नाम – कैसमी है।21 साल की कैसमी इन दिनों Instagram पर खूब छाई हुई है। जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वो, भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही Inspiring है। 

कैसमी जन्म से ही देख नहीं पाती है, लेकिन, ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई। Music और Creativity को लेकर उनका Passion कुछ ऐसा था कि बचपन से ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया। African Drumming की शुरुआत तो उन्होंने महज 3 साल की उम्र में ही कर दी थी।

भारतीय संगीत से उनका परिचय 5-6 साल पहले ही हुआ। भारत के संगीत ने उनको इतना मोह लिया-इतना मोह लिया कि वो इसमें पूरी तरह से रम गई। उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है। सबसे Inspiring बात तो यह है कि वे कई सारी भारतीय भाषाओं में गाने में महारत हासिल कर चुकी हैं। 

संस्कृत, हिंदी, मलयालम, तमिल, कन्नड़ या फिर असमी, बंगाली, मराठी, उर्दू, उन्होंने इन सबमें अपने सुर साधे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, किसी को दूसरी अनजान भाषा की दो-तीन लाइने बोलनी पड़ जाए तो कितनी मुश्किल आती है, लेकिन कैसमी के लिए जैसे बाएं हाथ का खेल है। 

आप सभी के लिए मैं यहाँ कन्नड़ा में गाए उनके एक गीत को शेयर कर रहा हूँ। भारतीय संस्कृति और संगीत को लेकर जर्मनी की कैसमी के इस जुनून की मैं ह्रदय से सराहना करता हूँ। उनका यह प्रयास हर भारतीय को अभिभूत करने वाला है।

मेरे परिवारजनों, हमारे देश में शिक्षा को हमेशा एक सेवा के रूप में देखा जाता है। मुझे उत्तराखंड के कुछ ऐसे युवाओं के बारे में पता चला है, जो, इसी भावना के साथ बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। 

नयी पहल-घोडा लाइब्रेरी 

नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा Library की शुरुआत की है। इस Library की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिए बच्चों तक पुस्तकें पहुँच रही हैं और इतना ही नहीं, ये सेवा, बिल्कुल निशुल्क है। अब तक इसके माध्यम से नैनीताल के 12 गाँवों को Cover किया गया है।

 बच्चों की शिक्षा से जुड़े इस नेक काम में मदद करने के लिए स्थानीय लोग भी खूब आगे आ रहे हैं। इस घोड़ा Library के जरिए यह प्रयास किया जा रहा है, कि दूरदराज के गाँवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल की किताबों के अलावा ‘कविताएँ’, ‘कहानियाँ’ और ‘नैतिक शिक्षा’ की किताबें भी पढ़ने का पूरा मौका मिले। ये अनोखी Library बच्चों को भी खूब भा रही है।

साथियो, मुझे हैदराबाद में Library से जुड़े एक ऐसे ही अनूठे प्रयास के बारे में पता चला है। यहाँ, सातवीं Class में पढ़ने वाली बिटिया ‘आकर्षणा सतीश’ ने तो कमाल कर दिया है। आपको यह जानकार आश्चर्य हो सकता है कि महज 11 साल की उम्र में ये बच्चों के लिए एक-दो नहीं, बल्कि, सात-सात Library चला रही है। 

छोटी बिटिया की लाइब्रेरी 

‘आकर्षणा’ को दो साल पहले इसकी प्रेरणा तब मिली, जब वो अपने माता-पिता के साथ एक कैंसर अस्पताल गई थी। उसके पिता जरूरतमंदों की मदद के सिलसिले में वहाँ गए थे। बच्चों ने वहाँ उनसे ‘Colouring Books’ की माँग की, और यही बात, इस प्यारी-सी गुड़िया को इतनी छू गई कि उसने अलग-अलग तरह की किताबें जुटाने की ठान ली।

 उसने, अपने आस-पड़ोस के घरों, रिश्तेदारों और साथियों से किताबें इकट्ठा करना शुरू कर दिया और आपको यह जानकार खुशी होगी कि पहली Library उसी कैंसर अस्पताल में बच्चों के लिए खोली गई। जरूरतमंद बच्चों के लिए अलग-अलग जगहों पर इस बिटिया ने अब तक जो सात Library खोली हैं, उनमें अब करीब 6 हजार किताबें उपलब्ध हैं। छोटी-सी ‘आकर्षणा’ जिस तरह बच्चों का भविष्य संवारने का बड़ा काम कर रही है, वो हर किसी को प्रेरित करने वाला है।

साथियो, ये बात सही है कि आज का दौर Digital Technology और E-Books का है, लेकिन फिर भी किताबें, हमारे जीवन में हमेशा एक अच्छे दोस्त की भूमिका निभाती है। इसलिए, हमें बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

टीम कोबरा-साँपों को बचाने को समर्पित  

मेरे परिवारजनों, हमारे शास्त्रों में कहा गया है –

जीवेषु करुणा चापि, मैत्री तेषु विधीयताम्।

अर्थात्, जीवों पर करुणा कीजिए और उन्हें अपना मित्र बनाइए। हमारे तो ज्यादातर देवी-देवताओं की सवारी ही पशु-पक्षीहैं। बहुत से लोग मंदिर जाते हैं, भगवान के दर्शन करते हैं, लेकिन जो जीव-जंतु उनकी सवारी होते हैं, उस तरफ़ उतना ध्यान नहीं देते। ये जीव-जंतु हमारी आस्था के केंद्र में तो रहने ही चाहिए, हमें इनका हर संभव संरक्षण भी करना चाहिए। बीते कुछ वर्षों में, देश में, शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथियों की संख्या में उत्साहवर्धक बढ़ोत्तरी देखी गई है। 

कई और प्रयास भी निरंतर जारी हैं, ताकि इस धरती पर रह रहे दूसरे जीव-जंतुओं को बचाया जा सके। ऐसा ही एक अनोखा प्रयास राजस्थान के पुष्कर में भी किया जा रहा है। यहाँ, सुखदेव भट्ट जी और उनकी Team मिलकर वन्य जीवों को बचाने में जुटे हैं, और जानते हैं उनकी Team का नाम क्या है? उनकी Team का नाम है – कोबरा। 

ये ख़तरनाक नाम इसलिए है क्योंकि उनकी Team इस क्षेत्र में खतरनाक साँपों का Rescue करने का काम भी करती है। इस Team में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं, जो सिर्फ एक Call पर मौके पर पहुंचते हैं और अपने Mission में जुट जाते हैं। 

सुखदेव जी की इस Team ने अब तक 30 हजार से ज्यादा जहरीले साँपों का जीवन बचाया है। इस प्रयास से जहाँ लोगों का खतरा दूर हुआ है, वहीँ प्रकृति का संरक्षण भी हो रहा है। ये Team अन्य बीमार जानवरों की सेवा के काम से भी जुड़ी हुई है।

कबूतरों का मसीहा-ऑटो ड्राईवर 

साथियो, तमिलनाडु के चेन्नई में Auto Driver एम.राजेंद्र प्रसाद जी भी एक अनोखा काम कर रहे हैं। वो पिछले 25-30 साल से कबूतरों की सेवा के काम में जुटे हैं। खुद उनके घर में 200 से ज्यादा कबूतर हैं। वहीँ पक्षियों के भोजन, पानी, स्वास्थ्य जैसी हर जरुरत का पूरा ध्यान रखते हैं। इस पर उनका काफी पैसा भी खर्च होता है, लेकिन वो, अपने काम में डटे हुए हैं। 

साथियो, लोगों को नेक नीयत से ऐसा काम करते देखकर वाकई बहुत सुकून मिलता है, काफी खुशी होती है। अगर आपको भी ऐसे ही कुछ अनूठे प्रयासों के बारे में जानकारी मिले तो उन्हें जरुर Share कीजिए।

मेरे प्यारे परिवारजनों, आजादी का ये अमृतकाल, देश के लिए हर नागरिक का कर्तव्यकाल भी है। अपने कर्तव्य निभाते हुए ही हम अपने लक्ष्यों को पा सकते हैं, अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं। कर्तव्य की भावना, हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है। यू.पी.के सम्भल में, देश ने कर्तव्य भावना की एक ऐसी मिसाल देखी है, जिसे मैं आपसे भी Share करना चाहता हूँ। 

नदी को दिया जीवनदान 

आप सोचिए, 70 से ज्यादा गाँव हों, हजारों की आबादी हो और सभी लोग मिलकर, एक लक्ष्य, एक ध्येय की प्राप्ति के लिए साथ आ जाएँ, जुट जाएँ ऐसा कम ही होता है, लेकिन, सम्भल के लोगों ने ये करके दिखाया। 

इन लोगों ने मिलकर जन-भागीदारी और सामूहिकता की बहुत ही शानदार मिसाल कायम की है। दरअसल, इस क्षेत्र में दशकों पहले, ‘सोत’ नाम की एक नदी हुआ करती थी। अमरोहा से शुरू होकर सम्भल होते हुए बदायूं तक बहने वाली ये नदी एक समय इस क्षेत्र में जीवनदायिनी के रूप में जानी जाती थी। 

इस नदी में अनवरत जल प्रवाहित होता था, जो यहाँ के किसानों के लिए खेती का मुख्य आधार था।समय के साथ नदी का प्रवाह कम हुआ, नदी जिन रास्तों से बहती थी वहां अतिक्रमण हो गया और ये नदी विलुप्त हो गई। 

नदी को माँ मानने वाले हमारे देश में, सम्भल के लोगों ने इस सोत नदी को भी पुनर्जीवित करने का संकल्प ले लिया।पिछले साल दिसंबर में सोत नदी के कायाकल्प का काम 70 से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने मिलकर शुरू किया। 

ग्राम पंचायतों के लोगों ने सरकारी विभागों को भी अपने साथ लिया। आपको ये जानकर खुशी होगी कि साल के पहले 6 महीने में ही ये लोग नदी के 100 किलोमीटर से ज्यादा रास्ते का पुनरोद्धार कर चुके थे। जब बारिश का मौसम शुरू हुआ तो यहां के लोगों की मेहनत रंग लाई और सोत नदी, पानी से, लबालब भर गई। यहां के किसानों के लिए यह खुशी का एक बड़ा मौका बनकर आया है। 

लोगों ने नदी के किनारे बांस के 10 हजार से भी अधिक पौधे भी लगाए हैं, ताकि इसके किनारे पूरी तरह सुरक्षित रहें। नदी के पानी में तीस हजार से अधिक गम्बूसिया मछलियों को भी छोड़ा गया है ताकि मच्छर न पनपें।

साथियो, सोत नदी का उदाहरण हमें बताता है कि अगर हम ठान लें तो बड़ी से बड़ी चुनौतियों को पार कर एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। आप भी कर्तव्य पथ पर चलते हुए अपने आसपास ऐसे बहुत से बदलावों का माध्यम बन सकते हैं।

पत्तियों पर कारीगिरी कर कई परिवारों की बनी पालन हार 

मेरे परिवारजनों, जब इरादे अटल हों और कुछ सीखने की लगन हो, तो कोई काम, मुश्किल नहीं रह जाता है। पश्चिम बंगाल की श्रीमती शकुंतला सरदार ने इस बात को बिल्कुल सही साबित करके दिखाया है। 

आज वो कई दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। शकुंतला जी जंगल महल के शातनाला गांव की रहने वाली हैं। लंबे समय तक उनका परिवार हर रोज मजदूरी करके अपना पेट पालता था। उनके परिवार के लिए गुजर-बसर भी मुश्किल थी। 

फिर उन्होंने एक नए रास्ते पर चलने का फैसला किया और सफलता हासिल कर सबको हैरान कर दिया। आप ये जरुर जानना चाहेंगे कि उन्होंने ये कमाल कैसे किया! इसका जवाब है – एक सिलाई मशीन। एक सिलाई मशीन के जरिए उन्होंने ‘साल’ की पत्तियों पर खूबसूरत design बनाना शुरू किया। 

उनके इस हुनर ने पूरे परिवार का जीवन बदल दिया। उनके बनाए इस अद्भुत craft की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। शकुंतला जी के इस हुनर ने, न सिर्फ उनका, बल्कि, ‘साल’ की पत्तियों को जमा करने वाले कई लोगों का जीवन भी बदल दिया है। 

अब, वो, कई महिलाओं को training देने का भी काम कर रही हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, एक परिवार, जो कभी, मजदूरी पर निर्भर था, अब खुद दूसरों को रोजगार के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने रोज की मजदूरी पर निर्भर रहने वाले अपने परिवार को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है।

इससे उनके परिवार को अन्य चीजों पर भी focus करने का अवसर मिला है। एक बात और हुई है, जैसे ही शकुंतला जी की स्थिति कुछ ठीक हुई, उन्होंने बचत करना भी शुरू कर दिया है। 

अब वो जीवन बीमा योजनाओं में निवेश करने लगी हैं, ताकि उनके बच्चों का भविष्य भी उज्जवल हो। शकुंतला जी के जज्बे के लिए उनकी जितनी सराहना की जाए वो कम है। भारत के लोग ऐसी ही प्रतिभा से भरे होते हैं – आप, उन्हें अवसर दीजिए और देखिए वे क्या-क्या कमाल कर दिखाते हैं।


Sagar Watch

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भारत सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कारों की एक श्रेणी "राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार" की स्थापना की है। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (आरवीपी) का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और अन्वेषकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से या टीमों में किए गए उल्लेखनीय और प्ररेणादायी योगदान को मान्यता देना है। 

 राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक होगा। सरकारी, निजी क्षेत्र के संगठनों में काम करने वाले वैज्ञानिक/प्रौद्योगिकीविद्/अन्वेषकों या किसी भी संगठन से इतर काम करने वाला कोई भी व्यक्ति, जिसने विज्ञान, प्रौद्योगिकी या प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार के किसी भी क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान या नवाचार या अविष्कार के संदर्भ में विशिष्ट योगदान दिया हो, वे पुरस्कार प्राप्त करने के पात्र होंगे। 

विदेश में रहकर भारतीय समुदायों या समाज को लाभ पहुंचाने में असाधारण योगदान देने वाले भारतीय मूल के लोग भी पुरस्कार के पात्र होंगे। यह पुरस्कार निम्नलिखित चार श्रेणियों में दिए जाएंगे:- 

  •  अ. विज्ञान रत्न (वीआर) पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में की गई जीवन भर की उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देगा। 
  •  ब. विज्ञान श्री (वीएस) पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को मान्यता देगा। 
  •  स. विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर (वीवाई-एसएसबी) पुरस्कार 45 वर्ष की आयु तक के युवा वैज्ञानिकों को मान्यता देगा और प्रोत्साहित करेगा जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है। द. 
  • विज्ञान टीम (वीटी) पुरस्कार तीन या अधिक वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं/अन्वेषकों की एक टीम को दिया जाएगा, जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में एक टीम के रूप में काम करके असाधारण योगदान दिया हो। 

सरकारी या निजी संगठनों में विज्ञान के किसी भी क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद् और अन्वेषक जिन्होंने विज्ञान के किसी भी क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान, प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार या खोज में योगदान दिया हो या महत्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव वाले नवीन प्रौद्योगिकियों/उत्पादों का विकास किया हो, वे पुरस्कार प्राप्त करने के पात्र होंगे। बड़े स्तर पर भारतीय समुदायों या समाज को लाभ पहुंचाने के लिए असाधारण योगदान देने वाले भारतीय मूल के वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद् और अन्वेषक भी पात्र होंगे। 


 राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 13 क्षेत्रों अर्थात् भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग साइंस, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी और अन्य में प्रदान किया जाएगा। लैंगिक समानता सहित प्रत्येक कार्य-क्षेत्र से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा। 

 राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों के लिए प्राप्त सभी नामांकन राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार समिति (आरवीपीसी) के समक्ष रखे जाएंगे, जिसकी अध्यक्षता भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) करेंगे और इसमें विज्ञान विभागों के सचिव, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अकादमियों के सदस्य और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों के कुछ प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद् शामिल होंगे। 

 पुरस्कारों की इस श्रेणी के लिए नामांकन हर साल 14 जनवरी को आमंत्रित किए जाएंगे। 28 फरवरी (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) तक नामांकन खुले रहेंगे। इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल 11 मई (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस) को की जाएगी। सभी श्रेणियों के पुरस्कारों के लिए पुरस्कार समारोह 23 अगस्त (राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस) को आयोजित किया जाएगा। 

सभी पुरस्कारों में एक सनद और एक पदक होगा। ये नए राष्ट्रीय पुरस्कार भारत सरकार द्वारा शीर्ष स्तर पर वैज्ञानिक समुदाय की उपलब्धियों को मान्यता देने में एक परिवर्तनकारी कदम हैं। चयन की पूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ, वैज्ञानिक अन्वेषकों और प्रौद्योगिकीविदों के सभी वर्गों द्वारा किए गए कार्यों को अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों के बराबर दर्जा प्रदान करते हुए सम्मानित किया जाएगा।