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 मप्र का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर  सागर में मेनपानी गाँव में बन रहा है। इस्कॉन सागर के अध्यक्ष कृष्णार्चनदास प्रभुजी ने बताया कि  इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस यानी इस्कॉन (ISCON) संस्था शहर से लगे मेनपानी गांव की पहाड़ी पर भगवान राधा-कृष्ण का भव्य मंदिर बनाएगी। मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन 30 अप्रैल को होगा। भूमिपूजन समारोह में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आएंगे।

उन्होंने बताया कि मंदिर बनने से सागर के इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। धार्मिक पर्यटन बढ़ने से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। परिवहन सहित व्यापारिक गतिविधियां इस क्षेत्र में बढ़ने से सागर के निवासियों को भी फायदा मिलेगा।

मुख्य मंदिर के अलावा 12 प्रकल्प बनेंगे

उन्होंने बताया की मुख्य मंदिर सफेद मार्बल और राजस्थान के लाल पत्थरों से 20 हजार वर्गफीट में   पहाड़ी पर 3 एकड़ क्षेत्र में 50 करोड़ की लागत से बनेगा  इसके अलावा बाकी क्षेत्र में गौशाला और चिकित्सा जैसे सेवा के प्रकल्प बनाए जाएंगे। संस्था को दान में मिली  3 एकड़ भूमि  पर होने जा रहे  

इस्कॉन सागर के अध्यक्ष कृष्णार्चनदास प्रभुजी ने बताया कि भगवान राधा कृष्ण की प्रतिमाएं जयपुर से तैयार होकर आएंगी। प्रतिमाएं करीब साढ़े तीन से चार फीट ऊंची होंगी। मुख्य मंदिर के अलावा 12 प्रकल्प बनाए जाएंगे। 

जिनमें वैदिक गुरुकुल स्कूल, भक्तिवेदांत अस्पताल, गौ शाला व आर्गेनिक खेती, प्रसादम हाल, वैदिक लाइब्रेरी, संत आश्रम, प्राकृतिक गांव, बुजुगों के लिए आश्रम, गेस्ट हाउस, रेस्तरां, कीर्तन बैंक्वेट हाल, पशुओं की देखभाल के लिए फार्म बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है। 

उन्होंने बताया कि पहले मंदिर बनेगा फिर प्रकल्पों के काम शुरू होंगे। मंदिर निर्माण के लिए कोई समय सीमा तो निर्धारित नहीं की गई है लेकिन प्रयास होगा मंदिर जल्द से जल्द बने। मंदिर निर्माण के लिए राशि दान से ही जुटाई जाएगी। मार्बल व लाल पत्थरों को तराशने के लिए जयपुर से कलाकार आएंगे, बाकी काम स्थानीय कलाकार ही करेंगे। मंदिर निर्माण के लिए एक समिति का गठन भी किया जाएगा।

इस्कॉन सागर के अध्यक्ष कृष्णार्चनदास ने बताया कि जबलपुर में भी बड़ा मंदिर निर्माण चल रहा है। वह इससे कुछ विशाल हो सकता है। भोपाल में बना मंदिर 2 एकड़ क्षेत्र में है। इंदौर और उज्जैन के भी मंदिर हैं तो बड़े ही लेकिन क्षेत्रफल के लिहाज से यह दूसरा बड़ा मंदिर बनेगा। 


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प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि 
सभी किसान गर्मी वाली मूंग की फसल का उत्पादन न करें क्योंकि इसमें अत्यधिक कीटनाशक का उपयोग करते हैं और इसी के कारण सागर जिले में सर्वाधिक कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मूंग की फसल का उत्पादन केवल ठंड में करें।

यह विचार उन्होंने  आज सागर के पद्माकर सभागार में दो दिवसीय जिला स्तरीय मिलेट्स फूड फेस्टिवल सह कृषि मेले के शुभारम्भ के मौके पर मेले  में उपस्थित कृषकों को संबोधन के दौरान व्यक्त किये 

इसी सिलसिले में  उन्होंने  कहा कि हमारे पूर्वज पहले मोटा अनाज खाकर स्वस्थ रहते थे और दीर्घायु हुआ करते थे हम सभी को मोटे अनाज खाना शुरू करना चाहिए और स्वस्थ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान भाई आधुनिक खेती करें जिससे कि आर्थिक रूप से समृद्ध बन सके।

सागर की सांसद  लता वानखेड़े ने कहा कि मिलेट्स का उपयोग कर स्वस्थ रहें और इसी का उत्पादन करें। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने 2023 में मिलेट्स वर्ष की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि यह दो दिवसीय किसान मेला किसानों के लिए एक उत्सव है, किसान इस उत्सव में सभी प्रकार की नई तकनीक की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।

विधायक  शैलेंद्र जैन ने कहा कि किसान को समृद्ध बनाने के लिए मध्यप्रदेश की सरकार लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान  सौर ऊर्जा का उपयोग के साथ-साथ फसल का उत्पादन करें।  जिससे कि बिजली के साथ-साथ फसल के उत्पादन के रूप में डबल आर्थिक रूप से संपन्न हो सकेंगे।

इस अवसर पर सांसद लता वानखेड़े, विधायक , जिला पंचायत के उपाध्यक्ष , उपसंचालक कृषि सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में किसान भाई मौजूद थे।


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सागर शहर में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नगर निगम आयुक्त एवं स्मार्ट सिटी निदेशक राजकुमार खत्री के निर्देश पर सड़कों का चौड़ीकरण और ट्रैफिक नियंत्रण कार्य किया जा रहा है। डिग्री कॉलेज रोड का चौड़ीकरण पूरा होने के बाद भी बस ऑपरेटरों द्वारा अवैध बस पार्किंग की जा रही थी। 

स्मार्ट सिटी के इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) के कैमरों से निगरानी कर तीन बसों पर चालानी कार्यवाही की गई। नगर निगम आयुक्त ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने वाहन निर्धारित पार्किंग में ही लगाएं ताकि यातायात बाधित न हो। 

👉जिले में विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। इस दौरान जिले में चल रही विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशों में से एक अहम् ताकीद आयुष्मान कार्ड से अस्पताल में होने वाले इलाज की रसीद अनिवार्यतः मरीज  को देने के समबन्ध में है 

उन्होंने कहा कि, जिले के सभी आयुष्मान संबद्ध अस्पताल आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज में पूरी पारदर्शिता रखें। इस संबंध में सीएमएचओ आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। ऐसे अस्पताल जो नियमानुसार कार्य नहीं कर रहे उनपर कार्रवाई भी करें। सभी आयुष्मान संबद्ध अस्पताल नोटिस बोर्ड पर आवश्यक जानकारी चस्पा करें एवं मरीज़/परिजन को इलाज संबंधी रसीद आवश्यक रूप से उपलब्ध कराएं।

गुटका थूकने पर जुर्माना 

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27 अप्रैल 2025 को लाखा बंजारा झील किनारे पान गुटखा थूकते युवक सत्यम राजपूत को एक जागरूक नागरिक ने टोका। युवक के हठधर्मी व्यवहार का वीडियो निगम प्रशासन को भेजा गया। नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने तत्काल एक हजार रुपये का जुर्माना लगाने और पुलिस कार्यवाही के निर्देश दिए। आयुक्त ने नागरिकों से अपील की कि वे स्वच्छता में भागीदार बनें और कैमरों से बाहर के क्षेत्रों में निगरानी में सहयोग करें।

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Sagar Watch : News In Short

👉राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार, प्रधान जिला न्यायाधीश महेश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में 10 मई 2025 को जिला एवं तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। 

इस लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत लंबित प्रकरणों के घरेलू, कृषि, गैर घरेलू (5 किलोवाट तक) तथा औद्योगिक उपभोक्ताओं (10 अश्वशक्ति तक) को विशेष छूट दी जाएगी।

प्री-लिटिगेशन स्तर पर 30% राशि पर तथा लिटिगेशन स्तर पर 20% राशि पर छूट मिलेगी। साथ ही, ब्याज की पूरी राशि पर 100% छूट प्रदान की जाएगी। पक्षकारों से अनुरोध है कि इस अवसर का लाभ उठाकर आपसी समझौते से अधिक से अधिक प्रकरणों का निपटारा करें और लोक अदालत को सफल बनाएं।

👉किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जिले में मिलेट्स मिशन अंतर्गत जिला स्तरीय फूड फेस्टिवल सह कृषि मेला 2025 का आयोजन 28 एवं 29 अप्रैल को प्रातः 10 महाकवि पत्रकार सभागार मोतीनगर में आयोजित किया जाएगा।

कार्यक्रम में मिलेट्स फसल मुख्यतः ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी, रांगी जैसी अन्य फसलें एवं उनसे बनने वाले उत्पाद का जीवन्त प्रदर्शन किया जावेगा। जिस हेतु मण्डला, बालाघाट (चावल मिलेट्स कोदो कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा, सरसों, अलसी), सिवनी (चावल मिलेट्स कोदो कुटकी, रागी, महुआ राब, देसी, मक्का, ज्वार) तथा जबलपुर (चावल मिलेट्स कोदो कुटकी, रागी, महुआ राब, देसी, मक्का, ज्वार) से स्व. सहायता समूहों एवं एफ.पी.ओ. के कृषकों की सहभागीता रहेगी। जिसमें बालाघाट से गढी एवं लालवरी के चिन्नौर उत्पादक किसान संगठनों द्वारा मिलेट्स उत्पाद के साथ ही चावल की विभिन्न किस्मों की प्रदर्शनी लगेगी ।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री के मुख्य आतिथ्य में मिलेट्स मिशन अंर्तगत जिला स्तरीय फूड फेस्टिवल सह कृषि मेला का आयोजन किया जा रहा है। फेस्टिवल की अध्यक्षता सागर सांसद  एवं दमोह सांसद  करेंगे । साथ ही कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में  सागर जिले की आठों विधानसभाओं के जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगें 

👉महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशन में 02 मई 2025 को "लाड़ली लक्ष्मी उत्सव" का आयोजन जिला, नगरीय निकाय तथा ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा। संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव प्रातः 11:00 बजे से प्रारंभ होगा। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, लाड़ली बालिकाएँ एवं उनके अभिभावक, लाड़ली क्लब की अध्यक्ष एवं सदस्य बालिकाओं की विशेष उपस्थिति रहेगी।

👉ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बच्चों को आयरन फोलिक एसिड गोलियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी ने जिला केंद्र स्रोत समन्वयक के साथ समन्वय कर पत्र जारी किया है। एविडेंस एक्शन इंडिया के हुसैन खान के सहयोग से यह सुनिश्चित किया गया कि सभी बच्चों को अवकाश में भी नियमित रूप से आयरन की गोलियां मिलती रहें। 

इसके लिए व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से निर्देश प्रसारित किए गए हैं। शिक्षकों और आशा कार्यकर्ताओं से अपील की गई है कि वे बच्चों को आयरन गोलियां नियमित रूप से खिलवाएं और रिपोर्टिंग करें। 

बच्चों के हीमोग्लोबिन स्तर को बनाए रखने और एनीमिया से बचाव के लिए प्रति मंगलवार स्वयं भी आयरन गोलियां खाने और बच्चों को प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिले को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं।

👉युवाओ को रोजगार एंव स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए तकनीकी शिक्षा कौषल विकास एवं रोजगार विभाग तथा सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा संयुक्त रूप से युवा संगम कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 28 अप्रैल 2025 प्रातः 11 बजे से को शासकीय संभागीय औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थान (आई.टी.आईद्ध सागर के परिसर में किया जा रहा है।

आयोजित युवा संगम कार्यक्रम में रोजगार मेला तथा अप्रेन्टिसषिप मेला के माध्यम से निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा उपस्थित आवेदको का साक्षात्कार लेकर चयन किया जावेगा। सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न स्वरोजगार योजनाओ की जानकारी तथा ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।

आवेदको कों साक्षात्कार के लिये रोजगार कार्यालय का पंजीयन,संमग्र आई डी, दो पासपोर्ट साइज के फोटो, शैक्षणिक योग्यता संबंधी (अंकसूची) प्रमाण पत्र अपने साथ आवष्यक रूप से लाये। कंपनीयों के प्रतिनिधियों द्वारा उपस्थित आवेदकों का साक्षात्कार के माध्यम से विभिन्न पदों के लिये चयन किया जायेगा ।

👉प्रदेश में राशन प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थियों के लिए ई-केवायसी अनिवार्य कर दी गई है। खाद्य मंत्री  ने बताया कि 9 से 30 अप्रैल तक विशेष अभियान चलाकर ई-केवायसी पूर्ण कराई जाएगी। 30 अप्रैल तक प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर मई से राशन वितरण में परेशानी हो सकती है। 
लाभार्थियों की सुविधा हेतु "मेरा ई-केवायसी" मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है, जिससे घर बैठे आधार नंबर और ओटीपी के माध्यम से ई-केवायसी की जा सकती है। गांव और वार्ड स्तर पर ई-केवायसी शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं, जहाँ पीओएस मशीन द्वारा अंगूठा लगाकर प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है।

बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष टीम घर-घर जाकर सेवा प्रदान कर रही है। मंत्री ने सभी लाभार्थियों से समय पर ई-केवायसी कराने की अपील की है ताकि राशन वितरण में कोई बाधा न आए।

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नगर निगम सागर की महापौर संगीता तिवारी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अनुशासनहीनता के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। महापौर पर बिना प्रदेश नेतृत्व की अनुमति के महापौर परिषद (मेम्बर इन काउंसिल) के सदस्यों में बदलाव करने का आरोप है। पार्टी ने उन्हें तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

सूत्रों के अनुसार, महापौर संगीता तिवारी ने पार्षद आशारानी जैन के स्थान पर सचेतक शैलेंद्र ठाकुर को परिषद का सदस्य नियुक्त किया था। इससे पहले पार्षद शैलेश केसरवानी को भी बदला गया था। पार्टी नेताओं का कहना है कि परिषद का पुनर्गठन प्रदेश नेतृत्व की अनुमति के बिना किया गया, जो संगठनात्मक नियमों का उल्लंघन है।

गुटबाजी हुई उजागर
इस घटनाक्रम ने सागर भाजपा में लंबे समय से चल रहे अंदरूनी मतभेदों को भी सतह पर ला दिया है। महापौर संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी और स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन के बीच टकराव की खबरें पहले से चर्चा में थीं, जो अब खुलकर सामने आ गई हैं।

महापौर का जवाब
नोटिस के जवाब में महापौर संगीता तिवारी ने कहा, "मैं पारिवारिक कारणों से प्रदेश से बाहर हूं। यह मुद्दा हमारे भाजपा परिवार और संगठन का है। मैं इस पर अपनी बात केवल पार्टी मंच पर रखूंगी। अन्य किसी भी माध्यम से टिप्पणी करना उचित नहीं समझती।"

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पार्टी का सख्त रुख

प्रदेश महामंत्री और प्रभारी भगवानदास सबनानी ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देश पर संगीता तिवारी को नोटिस जारी किया। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि बिना अनुमति परिषद का पुनर्गठन और प्रदेश नेतृत्व के बुलावे पर अनुपस्थित रहना अनुशासनहीनता के दायरे में आता है। तीन दिनों में स्पष्टीकरण न मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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जिला कलेक्टर ने अक्षय तृतीया एवं अन्य अवसरों पर बाल विवाह रोकने संबंधी दिशा निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, सागर, आयुक्त नगर निगम, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) , जिला शिक्षा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए गई।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान आरंभ किया गया है। बाल विवाह मुक्त अभियान बाल विवाह समाप्त करने और देश भर में युवा लड़कियों के सशक्तिकरण हेतु सरकार के प्रयासों का प्रमाण है।

 NFHS-5 के संलग्न आंकडों के अनुसार प्रदेश में बाल विवाह के प्रकरणों में कमी आई है, परन्तु अभी भी हर तीन में से एक विवाह बाल विवाह की श्रेणी में है। प्रदेश के कई जिले राज्य के औसत के ऊपर या आस-पास हैं,  प्रदेश में प्रति वर्ष कुछ विशेष तिथियों में बड़ी संख्या में सामूहिक विवाह होते हैं। इन तिथियों में एक अक्षय तृतीया अथवा आखातीज भी है, जो इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 को है। इस अवसर पर सामूहिक विवाह सम्पन्न होते हैं, जिसमें बाल विवाह होने की संभावना होती है। ग्रामीण अंचलों में इन अवसरों के अलावा भी बाल विवाह हो सकते हैं।

विद्यार्थियों को बनायें जागरूक 

बाल विवाह की रोकथाम हेतु उक्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि विद्यार्थियों में जागरूकता सभी शासकीय कॉलेज / स्कूलों में अक्षय तृतीया के पूर्व बाल विवाह न होने पाये इस हेतु विद्यार्थियों को जागरूक बनाते हुये, सभी हेल्पलाईन का प्रचार प्रसार किया जायेगा। 28 अप्रैल को सभी ग्राम पंचायत के पंच / सरपंच, सचिव बाल विवाह न होने देने की शपथ लेंगे और यह शपथ (संलग्न) पंचायत में जगह-जगह चस्पा करेंगे। 29 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पूर्व स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी के बच्चों की रैली निकाली जायेगी।

 गाँवों में समूह में चर्चा, अक्षय तृतीया के पूर्व स्वसहायता समूह की दीदीयाँ गाँवों में समूह में चर्चा कर बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रयास करेंगीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा की मदद से 18 वर्ष से कम उम्र की अविवाहित किशोरियों की जानकारी एकत्रित कर सूची सभी जिला पुलिस अधीक्षकों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, पंच/ सरपंच, सचिव को सौंप कर सूची अनुसार इन परिवारों पर विशेष निगरानी रखी जाये और उन्हें बाल विवाह न करने के संबंध में समझाइश दी जाए। सभी पंच/सरपंच, सचिव को सामूहिक विवाह आयोजनों में सजग रहने का अनुरोध किया जाये। इस हेतु उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की जाये।

सभी तरह की हेल्पलाईन 181, 1098,100 का प्रचार करें। बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल  पद पर शिकायत दर्ज करने का भी प्रचार प्रसार करें ।
बाल विवाह रोकथाम अभियान में, समाज के ऐसे प्रभावशाली व्यक्ति / समूह जो कि वैवाहिक कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, का भी सहयोग लें।

जिलों में स्थानीय मीडिया का उपयोग करें। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप, दीवार लेखन के द्वारा सघन प्रचार-प्रसार करें। सही उम्र में विवाह का महत्व, कम उम्र में विवाह के दुष्परिणाम जैसे सन्देश को आम नागरिकों तक पहुंचाने हेतु बेहतर प्रचार-प्रसार करें। अधिक प्रभावित जिले स्थानीय कारणों को ध्यान में रखते हुए प्रचार-प्रचार करायें।  इन अवसर पर विवाह से निगरानी रखते हुए एक अभियान के तौर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु कार्यवाही भी कृपया सुनिश्चित करें-


बाल विवाह रोकने यहाँ करें फोन 

सभी तरह की हेल्पलाईन 181,1098,100 एवं जिले के वन स्टॉप सेंटर का प्रचार करें। बाल विवाह रोकथाम प्रत्येक ग्राम/वार्ड में बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने सूचना दल का गठन किया जावेगा। सूचना दल में शिक्षक, ए.एन.एम. आशा कार्यकर्ता, स्वसहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की अध्यक्ष समन्वयक / सदस्य/ आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम/वार्ड के सक्रिय नागरिक आदि हो सकते हैं। सूचना दल ग्राम/वार्ड में हो रहे विवाहों की जानकारी रखेंगे तथा बाल विवाह होने पर कंट्रोल रूम/बाल विवाह विवाह प्रतिषेध अधिकारी (कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग) को तत्काल सूचित करेंगे। 


 कंट्रोल रूम का गठन

जिला एवं ब्लॉक स्तर पर विशेष विवाह मुहूर्तों के पूर्व कन्ट्रोल रूम (24*7) स्थापित किया जाये । कन्ट्रोल रूम में उपयोग में लाए जा रहे दूरभाष नम्बर का प्रचार-प्रसार किया जाये । कंट्रोल रूम में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल संबंधित क्षेत्र के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सूचित करेंगे।

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बा
ल विवाह को रोकने के लिए 
 उड़न दस्ता  

 बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं अन्तर्विभागीय समन्वय से जिला स्तर एवं परियोजना स्तर पर आवश्यकतानुसार उड़न दस्ते गठित किये जायेंगें। उड़न दस्ता अपने क्षेत्र में हो रहे सामूहिक विवाह, विवाह स्थलों का भ्रमण करेंगे तथा सुनिश्चित करेंगे कि कोई बाल विवाह तो सम्पन्न नहीं किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान बाल विवाह की सूचना अथवा बाल विवाह होता पाया जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।

उडनदस्ता दल में समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, समस्त अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, जनपद सीईओ / सीएमओ समस्त, समस्त परियोजना अधिकारी, समस्त विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी, समस्त, थाना प्रभारी, सेक्टर पर्यवेक्षक, स्थानीय पटवारी, स्थानीय सचिव, रोजगार सहायक, स्थानीय ग्राम कोटवार एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता को शामिल किया है।

गठित उड़नदस्ता बाल विवाह रोकथाम हेतु कार्यवाही करेंगे जिला एवं परियोजना स्तर व खण्ड स्तर पर विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं, कार सेवकों, जनप्रतिनिधियों एवं अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों का लाखो अभियान के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया जाकर उन का संवेदीकरण किया जावे एवं बाल विवाह में अपनी सेवायें न देने की अपील की जायें।

अन्तर्विभागीय समन्वय से विवाह मुहूर्ती के अवसर पर ग्रामों में बाल विवाह न करने का परामर्श वय बाल विवाह के सूचना हेतु परियोजनास्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाकर दूरभाष नं. का प्रचार प्रसार किया जावे इसके अतिरिक्त पुलिस थाना, चाईल्डलाईन, कलेक्टर/अनुविभागीय कार्यालय, जिला/परियोजना कार्यालय (आईसीडीएस) एवं विभिन्न विभागों के स्थानीय अधिकारियों के दूरभाष नं. भी उपलब्ध कराये जायें।

18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक की जानकारी एकत्रित कर सूची तैयार की जावे एवं समय पर उनकी निगरानी अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में एवं परियोजना अधिकारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा पुलिस निरीक्षक की टीम के द्वारा निगरानी रखी जावें कि उक्त बालक/बालिका का विवाह तो नहीं हो रहा है।

सामूहिक विवाह स्थल में बालक/बालिकाओं के उम्र संबंधी दस्तावेजों का प्रति परीक्षण अधिकारी/कर्मचारी द्वारा जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की अंकसूची आगनबाड़ी केन्द्र के रिकार्ड से किया जाये । दस्तावेजों के अभाव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्र को मान्य किया जायें |

सामूहिक विवाह करने वाले आयोजकों से शपथ पत्र प्राप्त करें कि अपने आयोजनों में बाल विवाह संपन्न नहीं करेंगे। इसी तरह प्रिन्टिग प्रेस. हलवाई, केटर्स, धर्मगुरू, बैन्डवाला, ट्रांसपोर्ट एवं समाज के मुखिया से अनुरोध किया जावे कि उम्र संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त कर परीक्षण के उपरांत ही विवाह में सेवायें प्रदाय करेंगे।

प्रिन्टिग प्रेस में मुद्रित की जा रही विवाह पत्रिका में वर वधु की विवाह योग्य विधि अनुरूप मान्य
उम्र है का स्पष्ट उल्लेख करने हेतु जिले के समस्त प्रिंटिंग प्रेस को निर्देशित किया जाए ।

अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में एवं परियोजना अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा पुलिस निरीक्षक की टीम तथा उनके अधीनस्थ अमले द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन में भम्रण कर वर-वधु के उम्र संबंधी दस्तावेजों का प्रति परीक्षण किया जावे। उक्तानुसार उड़नदस्तों एवं समस्त संबंधित विभागीय अमले द्वारा जिले में बाल विवाह रोकथाम सुनिश्चित करें ।

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डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के अभिमंच सभागार में श्री धर्मपाल स्मृति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, जिसे धर्मपाल शोधपीठ, स्वराज संस्थान निदेशालय, संस्कृति विभाग, भोपाल द्वारा प्रायोजित किया गया है। इसके विभिन्न तकनीकी सत्रों में आमंत्रित विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।

यह चर्चा महात्मा गांधी के विचारों और भारतीय संस्कृति की प्रासंगिकता पर केंद्रित रही।समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि जब हम महात्मा गांधी को याद करते हैं, खासकर स्वराज पर बात करते हैं, तो उनकी किताब हिंद स्वराज ज़रूर याद आती है। ये एक छोटी लेकिन असरदार किताब है, जिसमें गांधीजी ने बताया कि असली स्वराज पाने के लिए सिर्फ अंग्रेज़ों को भगाना काफी नहीं है, बल्कि उनकी सोच और जीवनशैली को भी छोड़ना होगा। उन्होंने भारतीय संस्कृति को ही असली स्वराज का आधार बताया।

प्रो. विजय बहादुर सिंह ने कहा कि हमारे देश की खासियत इसकी विविधता है—हमारे खाने, पहनावे, देवी-देवताओं तक में भिन्नता है। फिर भी हम एक हैं, क्योंकि हम सत्य, अहिंसा और कर्म में विश्वास करते हैं। किसी व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं, बल्कि उसके व्यवहार और मूल्यों से होती है।

प्रो. कुमार प्रशांत ने कहा कि तकनीक सिर्फ एक साधन है, न कि अंतिम सत्य। इसका सही या गलत इस्तेमाल समाज तय करता है। तकनीक का उद्देश्य लोगों को जोड़ना होना चाहिए, न कि उन्हें बाँटना। गलत हाथों में तकनीक का दुरुपयोग भी हो सकता है, जैसे भ्रूण लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या। आज तो हमारी निजी जिंदगी भी तकनीक के ज़रिए सार्वजनिक होती जा रही है।


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डॉ. मिथिलेश ने कहा कि आज का ज़्यादातर ज्ञान पश्चिम से प्रभावित है। लेकिन असली ज्ञान सिर्फ जानकारी नहीं, बल्कि आत्मा, समाज और प्रकृति से जुड़ा हुआ विवेक होता है, जो बदलाव लाने की ताकत रखता है। भारतीय परंपरा में ज्ञान को शक्ति का स्रोत माना गया है।

डॉ. कन्हैया त्रिपाठी ने बताया कि अगर हम सोच नहीं बदलते, तो हम आज भी उपनिवेशवाद की मानसिकता में जी रहे हैं। यह सिर्फ राजनैतिक नियंत्रण नहीं था, बल्कि हमारी सोच, संस्कृति और संस्थाओं को छोटा दिखाने की एक चाल थी। हमारी पारंपरिक शिक्षा प्रणाली जैसे गुरुकुल, जो नैतिक और समग्र विकास पर आधारित थी, उसे छोड़कर हम अब केवल नौकरी पाने वाली शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं।

प्रो. सत्यकेतु सांकृत ने कहा कि उपनिवेशवाद ने हमारी ज़मीन ही नहीं छीनी, बल्कि हमारी सोच, संस्कृति और पहचान पर भी असर डाला। आज हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत इस मानसिक गुलामी से आज़ादी पाने की है। डॉ. अंबेडकर ने हमेशा इस मानसिक आज़ादी की बात की थी। जब तक हम खुद सोचने की आज़ादी नहीं पा लेते, तब तक हम सच्चे नागरिक नहीं बन सकते।

 सभी वक्ताओं ने आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत के निर्माण पर बल दिया।

समापन सत्र की अध्यक्षता डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक अध्ययन संकाय के डीन प्रो. अनिल कुमार जैन ने की। इस सत्र में मुख्य अतिथि प्रो. सुष्मिता लख्यानी, डीन, शिक्षा संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने चित्रों के माध्यम से सरस्वती वाणी दी। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. मनीष वर्मा, संयुक्त निदेशक, लोक शिक्षण प्रभाग, सागर और प्रो. सत्यकेतु सांकृत, डीन, साहित्य अध्ययन केंद्र, बी.आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली ने अपना वक्तव्य दिया। डॉ. अनिल कुमार तिवारी ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया। डॉ. अर्चना वर्मा ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की। शिक्षा विभाग के डॉ. योगेश कुमार पाल ने आभार व्यक्त किया। सत्र का संचालन संस्कृत विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. किरण आर्य ने किया।

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डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के उन्नत शोध केंद्र  (CAR-Center For Advance Research) में परमाणु चुंबकीय अनुनाद स्पेक्ट्रोमीटर (NMR-Nuclear Magnetic Resonance Spectrometer)* पर एक दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें कुल 35 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
 

*यह एक ऐसा वैज्ञानिक यंत्र है जो किसी रसायन (chemical) के अणुओं की आंतरिक संरचना (structure) को जानने के लिए उपयोग किया जाता है। (Sagar Watch Explainer)

डॉ. विवेक कुमार पांडे (प्रभारी, सीएआर) ने उन्नत अनुसंधान केंद्र के संक्षिप्त परिचय के साथ सत्र की शुरुआत की और प्रतिभागियों को ऐसे कार्यक्रमों के महत्व के बारे में बताया। व्याख्यान सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. केके डे (प्रभारी शिक्षक) ने प्रतिभागियों को बताया कि NMR विश्लेषण एक उल्लेखनीय तकनीक है

इस तकनीक का उपयोग रसायन विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, जीव विज्ञान और चिकित्सा सहित विविध क्षेत्रों में नमूने की शुद्धता, सामग्री के साथ-साथ आणविक संरचना का पता लगाने, खाद्य गुणवत्ता नियंत्रण और अनुसंधान दवाओं की खोज और विकास, आणविक गतिशीलता अध्ययन के लिए किया जाता है। 

उन्नत अनुसंधान केंद्र के इस सत्र की शुरुआत मुख्य समन्वयक प्रो  शिवप्रकाश सोलंकी, सौरभ शाह, प्रिंस सेन और आदर्श कुमार द्वारा एनएमआर के धातु-सामग्री (Hardware) भाग और उसके परिधीय उपकरणों के संक्षिप्त परिचय के साथ हुई। 

प्रतिभागियों को नमूना तैयार करने, विश्लेषण और डेटा व्याख्या का पूरा विवरण दिया गया। डॉ. के.के. डे ने प्रतिभागियों के रुचि के क्षेत्र से संबंधित प्रश्नों पर विचार किया और उनके उत्तर दिए।