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शासकीय सेवा से निवृत होने वाले कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है। जिला कलेक्टर ने आखिरकार उनकी सुध लेते हुए सभी विभागों के सम्बंधित कर्मचारियों और अधिकारीयों को ताकीद किया है कि यदि किसी विभाग के द्वारा सेवानिवृत्ति के दिन सेवानिवृत होने वाले अधिकारी कर्मचारियों का भुगतान लंबित रहता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जाए। हो सकता है, पेंशन शुरू होने की आस में बैठे कर्मचारियों के लिए कलेक्टर के ये तेवर खुशखबरी साबित हो जाये

अक्सर कलेक्ट्रेट भवन में सेवानिवृत कर्मचारी अपने पेंशन के लंबित प्रकरणों के निराकरण को लेकर गुहार लगाते घुमते नजर आते हैं। सेवानिवृत्ति के बाद लम्बे समय तक पेंशन शुरू होने से पीड़ित कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें तो ऐसा लगने लगा है कि जैसे सेवानिवृत्ति उनके लिए एक सजा सी बन गयी है

इस सिलसिले में जिला कलेक्टर संदीप जीआर ने जिले के सभी पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसमें अपर कलेक्टर श्री रुपेश उपाध्याय को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की 6 माह पूर्व से सभी देयकों के निराकरण की तैयारी करें एवं पेंशन प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में किया जाए।  

कलेक्टर से संदीप जी आर ने सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी विभाग अधिकारी अपने-अपने विभाग में सेवा निविरत होने वाली अधिकारी कर्मचारियों की 6 माह पूर्व से सभी आवश्यक तैयारियां पूरी करें एवं उनके पेंशन प्रकरण के निराकरण भी तैयार करें।

उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के 6 माह पूर्व सेवानिवृत होने वाले अधिकारी कर्मचारियों को नोटिस देकर जानकारी प्रदान करें कि आपको 6 माह बाद सेवा निर्मित होना है आप अपने सभी शासकीय दस्तावेज को अपडेट करें जिससे उनकी पेंशन प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में किया जा सके ।

कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने कहा कि सभी विभाग अधिकारी प्रत्येक माह सेवानिवृत होने वाले अधिकारी कर्मचारियों की सूची कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करें एवं उक्त कमेटी सेवानिवृत होने वाले अधिकारी कर्मचारी को प्रत्यक्ष रूप से उनकी देयकों के संबंध में प्रकरणों को सुने और आवश्यक कार्रवाई करें। 

उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी प्रकार के देयको का भुगतान एवं निराकरण किया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि पेशन प्रकरण के निराकरण के लिए अपर कलेक्टर रुपेश उपाध्याय, जिला कोषालय अधिकारी शशिकांत पौराणिक, संभागीय पेंशन अधिकारी अजय राज शर्मा की कमेटी सभी प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में करेगी।

उन्होंने कहा कि यह कमेटी संबंधित विभाग के विभाग अधिकारी के प्रकरणों को निराकरण के लिए अधिकृत करेगी एवं संबंध विभाग का अधिकारी सूचीबद्ध प्रकरण प्रस्तुत कर निराकरण कमेटी के समक्ष करेंगे।

  

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पीएम किसान समृद्धि केन्द्र (Pradhan Mantri Kisan Samriddhi Kendra (PMKSK) वन स्टॉप सेंटर (One Stop Center)  के रूप में कार्य करेंगे। इनमें खाद, बीज, कृषि उपकरण और मिट्टी परीक्षण के अतिरिक्त खेती-किसानी से संबंधित अन्य जानकारियाँ भी एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जायेंगी।

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने3 सितम्बर को  सहकारिता विभाग और नर्मदा नियंत्रण मण्डल के कार्यों की समीक्षा बैठक में प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केन्द्र (Pradhan Mantri Kisan Samriddhi Kendra (PMKSK) स्थापित किये जाने के निर्देश दिये थे।

पीएम किसान समृद्धि केन्द्रों (Pradhan Mantri Kisan Samriddhi Kendra (PMKSK) का उद्देश्य है कि एक ही स्थान पर किसानों को मिट्टी, बीज, उर्वरक इत्यादि की जानकारी उपलब्ध कराई जाये। इसके साथ ही इन केन्द्रों को कस्टम हॉयरिंग सेंटर्स से जोड़कर किसानों को कृषि संबंधी छोटे और बड़े उपकरण भी उपलब्ध कराये जायें। किसानों को कृषि की बेहतर पद्धतियों और विभिन्न शासकीय योजनाओं के बारे में जानकारियाँ प्रदान की जायें।

किसानों को मिलेंगे ये लाभ

ग्राम पंचायतों में पीएम किसान समृद्धि केन्द्र स्थापित हो जाने से किसानों को अन्य स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें केन्द्र में ही खेती-किसानी के लिये आवश्यक सभी संसाधन उपलब्ध होंगे। संसाधन उपलब्ध न होने पर किसान समृद्धि केन्द्र समन्वयक की भूमिका निभाकर उन्हें संसाधन उपलब्ध करायेगा। 

इससे किसानों का खाद, बीज, उर्वरक और कृषि उपकरणों की खरीदी के लिये आने-जाने का समय भी बचेगा और अन्य व्यय भी नहीं होंगे। उन्हें किसान समृद्धि केन्द्र पर ही गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपलब्ध होगी, जिससे वे बेहतर उपज भी प्राप्त कर सकेंगे।

किसान समृद्धि केन्द्र पर रहेगी सहायता केंद्र (Help-Desk)

पीएम किसान समृद्धि केन्द्र (Pradhan Mantri Kisan Samriddhi Kendra (PMKSK) पर सहायता केंद्र (Help-Desk) भी रहेगी। यहाँ से मृदा विश्लेषण और मृदा परीक्षण के आधार पर पोषक तत्वों के उपयोग की जानकारी मिलेगी। मौसम पूर्वानुमान की जानकारी मिलेगी। केन्द्र से फसल बीमा, ड्रोन, कृषि वस्तुओं की जानकारी के साथ अधिक लाभार्जन के लिये फसलों के पेटर्न के पैकेज संबंधी जानकारी भी मिलेगी।

प्रगतिशील किसानों का रहेगा व्हाट्सएप ग्रुप (WhatsApp Group)

पीएम किसान समृद्धि केन्द्र (Pradhan Mantri Kisan Samriddhi Kendra (PMKSK) के संचालक कृषि विभाग और कृषि संबंधी कार्यक्रम और गतिविधियों से जुड़े रहेंगे। पीएम किसान समृद्धि केन्द्र से जुड़े प्रगतिशील किसानों के किसान समृद्धि समूह नामक व्हाट्स-अप ग्रुप (WhatsApp Group) का निर्माण भी किया जायेगा।

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मध्यप्रदेश शासन  प्रदेश भर में कार्यालयों में "कागज़ रहित कार्य संस्कृति" (Paperless Work Culture) को बढ़ावा  के लिए कलेक्टर कार्यालयों  सहित सभी विभागों के कार्यालयों में ई- ऑफिस प्रणाली (e-Office System) लागू करने जा रहा  है। जिसकी शुरुआत जल्द ही सागर कलेक्टर कार्यालय   प्रारंभ करने के लिए  निर्देश जिला कलेक्टर  ने दिए हैं।

कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा कि शासन के निर्देश अनुसार सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली (e-Office System) लागू होना है जिसके तहत कागज का उपयोग सीमित होगा और कार्य करने में आसानी होगी तथा सभी कार्य समय सीमा में पूर्ण हो सकेंगे इस हेतु आवश्यक कार्रवाई तत्काल प्रारंभ करें।

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा शासन के अधीनस्थ कार्यालयों और स्वायत्त निकायों में ई-ऑफिस मंच (e-Office Platform) लागू करने की योजना शुरू की है।  यह कदम सरकारी कार्यालयों में कागज़ रहित कार्य संस्कृति (Paperless Work Culture) को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है और यह ई-गवर्नेंस (e-Governance) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ई-ऑफिस (e-Office) एक डिजिटल कार्यस्थल  समाधान (Digital WorkPlace Solutions) है जो सरकारी कार्यालयों में कागज़ रहित कार्य संस्कृति को बढ़ावा देता है।  यह मंच (Platform) सुरक्षित और कुशल है, जो सरकारी कार्यालयों में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित (Ensures Data Safety and Privacy) करता है। ई-ऑफिस को सरकारी कार्यालयों में समावेश करने से सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी ।

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Sagar Watch News/ सभी शासकीय भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली (Rain Water Harvesting System) एवं सौर ऊर्जा के लिए "सौर पट्टिका" (solar panel)   लगाए जाएं। उक्त निर्देश कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को सोमवार को "समय सीमा बैठक" (Time Limit Meeting) में दिए।

कलेक्टर संदीप जी. आर. ने सोमवार को सभी विभागों की समय सीमा बैठक लेते हुए कहा कि कलेक्टर कार्यालय सहित जिले के सभी शासकीय भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली (Rain Water Harvesting System) अनिवार्य रूप से स्थापित कराया जाए   साथ में विद्युत आपूर्ति के लिए "सौर पट्टिका" (solar panel) भी लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत कलेक्टर कार्यालय से की जाए।

बैठक में कलेक्टर ने  अपर कलेक्टर रुपेश उपाध्याय को निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यालय सहित जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में (Rain Water Harvesting System) एवं सौर ऊर्जा के लिए "सौर पट्टिका" (solar panel)  लगाने के लिए कार्रवाई सुनिश्चित कर निगरानी  करें। 

उन्होंने इसी प्रकार नगर निगम कमिश्नर को निर्देशित किया कि नगर निगम के द्वारा भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र प्रदान करने के साथ साथ वर्षा जल संचयन प्रणाली (Rain Water Harvesting System) लगाने का प्रमाण पत्र भी संबंधित भवन स्वामी से मांगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए नगर निगम एवं नगरीय निकाय लगातार निरीक्षण करें।

कलेक्टर  संदीप जी आर ने बताया कि वर्षा जल संचयन प्रणाली (Rain Water Harvesting System) की नवीनतम तकनीक जल संरक्षण और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वर्षा जल संचयन के माध्यम से जल संकट को कम किया जा सकता है और भूमिगत जल स्तर में सुधार किया जा सकता है। 

वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) के लाभ भी है जिनमें जल संरक्षण और प्रबंधन में मदद, भूमिगत जल स्तर में सुधार, जल प्रदूषण कमी, जल संकट के समय उपयोगी होता है। साथ ही सिंचाई के लिए, पीने के पानी के लिए, घरेलू उपयोग के लिए ,उद्योगों में उपयोग में काम आता है।

वर्षा जल संचयन की विधि  

वर्षा जल को संचयित करने के लिए टैंक या तालाब बनाया जाता है। वर्षा जल को संचयित करने के लिए पाइपलाइन और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जाता है। संचयित जल को शुद्ध किया जाता है और उपयोग के लिए तैयार किया जाता है।

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 मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा के अंतर्गत सागर जिले की तीर्थ यात्री 5 नवंबर 2024 को काशी बनारस अयोध्या के लिए रवाना होंगे। कलेक्टर  ने सभी तीर्थ यात्रियों से उनकी सफल तीर्थ यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हुए बधाई दी है उन्होंने कहा कि सभी तीर्थ यात्री तीर्थ यात्रा के दौरान काशी बनारस और अयोध्या में दर्शन करेंगे। उन्होंने तीर्थ यात्रा के लिए डिप्टी कलेक्टर  विजय डहेरिया को नोडल अधिकारी बनाया है ।


डहेरिया ने बताया कि सभी तीर्थ यात्री सागर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म क्रमांक एक से मंगलवार 5 नवंबर 2024 को दोपहर 1:40 पर स्पेशल ट्रेन के माध्यम से तीर्थ यात्रा के लिए रवाना होंगे ।उन्होंने बताया कि सागर जिले से 279 तीर्थ यात्री तीर्थ यात्रा पर रवाना होंगे उन्होंने कहा कि सभी तीर्थ यात्री अपने-अपने नगरीय निकायों से टिकट प्राप्त कर ले और अपने साथ आधार कार्ड अवश्य रखे।

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  जैसे  ही बुंदेलखंड की नई उभरती लोकगीत गायिका कविता शर्मा की आवाज में अगड़ बम बागड़ बम नोन जादा मिर्चा कम गीत  के बोल सागर के महा
कवि पद्गमाकर सभागार में गूंजना शुरू हुए सारा सभागार तालियों कि गडगडाहट से भर गया
। सभागार में बैठे दर्शक ख़ुशी से झूम उठे कुछ तो अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर नाचने लगे तो कुछ तालियाँ बजाते हुए गायिका के सुर में सुर मिलाते नजर आये

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स्थापना दिवस के अवसर पर डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के  अवधेश प्रताप सिंह के द्वारा कव्वाली की प्रस्तुति दी गई जबकि कुमारी दुर्गा बसाती के द्वारा बधाई नृत्य की प्रस्तुति दी गई।

इस अवसर पर पूर्व विधायक नारायण प्रसाद कबीर पंथी, बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए गए।

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गुजराती समाज का नव वर्ष कार्यक्रम मनाया गया इस मौके पर रिफ्लेक्शन भोपाल द्वारा एक हास्य नाटक  का मंचन किया गया 

श्री गुजराती समाज द्वारा नए वर्ष आयोजन  मे 'द रिफ्लेक्शन सोसायटी फॉर परफोर्मिंग आर्ट एंड कल्चर' भोपाल द्वारा तनवीर अहमद के निर्देशन मैं मराठी लेखक डॉ.चंद्रशेखर फणसलकर लिखित,एवं विदुला गोरे द्वारा अनुवादित नाटक "टैक्स-फ्री"का सफल मंचन हुआ

नाटक मे जीवन के पल को खुलकर जीना ही असली जीवन है। साथ ही जिंदगी की लाचारियों से आगे बढ़कर जीवन के हर लम्हे को छोटी-छोटी खुशियों से समेटकर हर पल का लुत्फ उठाने का भी इस प्रकार हंसी के ठहाकों के बीच नाटक मैं मानवीय संवेदनाओं के साथ-साथ सामाजिक ताने-बाने को समझाने का प्रयास किया गया गया है।

यह नाटक चार अंधे पात्रों पर आधारित है जो किसी दुर्घटना के कारण दृष्टिहीन हुए हैं, परन्तु लाचारी में नहीं, बल्कि आनंदमयी जीवन जीते हैं। कहानी की शुरुआत "ब्लाइंड मेन्स क्लब"(Blind Men Club) से होती है, जहाँ नेत्रहीनों के मनोरंजन का प्रबंध किया गया है। क्लब का प्रबंधक स्वयं भी अंधा है और उसने मुख्य द्वार को पाँच फीट ऊँचा बनाया है ताकि केवल अंधे व्यक्ति ही प्रवेश कर सकें।

कहानी में सदाशिव काले, एक अंधा व्यक्ति, जगताप को अपने अंधे होने की कहानी सुनाता है कि कैसे उसके बच्चे के उपनयन समारोह से कुछ समय पहले उसकी दृष्टि चली गई थी। तभी क्लब की घंटी बजती है और नया सदस्य श्याम प्रवेश करता है, जो गलती से गिर जाता है। क्लब के सदस्य उसका स्वागत करते हैं, यह संकेत देते हुए कि क्लब केवल मनोरंजन और साथीपन के लिए है।

नाटक में इन कलाकारों ने किया अभिनय,
रघुनाथ जगताप – अर्शिन खान
विट्ठल पंढ़रपुर- अमित पाण्डेय
केंजले मास्टर  - डायमंड सोनी
सदाशिव काले – रितिक यादव
सोनावणे- कुणाल चावड़ा
मंच परे,मंच व्यवस्थापक  - शुभम राय
मंच परिकल्पना - दिनेश नायर
प्रकाश - तनवीर अहमद
मंच निर्माण - कुणाल चावड़ा ,उन्नीत चौरसिया ,अमित पाण्डेय ,मयंक दीक्षित
संगीत संचालन  - उन्नीत चौरसिया, मयंक दीक्षित,निर्देशकीय सहयोग- डॉ.नाहिद तनवीर

 रघु ठाकुर
संरक्षक, लोकतांत्रिक समाजवादी
पार्टी
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यह करिश्मा  या तो कवि कर सकता है या अखबार , कवि अपनी कविता में आग और पानी को मिला सकता है । और अखबार आतिशबाजी के धुएं की जहरीला हवा को साफ  बता सकता है।  
एक बड़े अखबार मे यह  चमत्कारिक खबर छपी है कि पिछले वर्ष से 10% फटाखे ज्यादा चलाए गए, परंतु 43प्रतिशत प्रदूषण  कम हुआ।  भोपाल के तीन क्षेत्रों का उल्लेख भी खबर में हैं, टीटी नगर ,कलेक्ट्रेट और अरेरा कॉलोनी ।
दरअसल यह तीनों क्षेत्र विशिष्ट जनों के हैं और नये भोपाल के हैं जो पहाड़ों से सटे हुए और खुले मे है ,जहां हरियाली भी काफी है। कलेक्ट्रेट  के सड़क पार पुरानी पहाड़ी की हरियाली और तालाब है । अरेरा कॉलोनी तो शहर के सत्ता संपत्ति और श्रेष्ठ वर्ग का इलाका है।  
अगर भोपाल की जहरीली हवा का या प्रदूषण का कोई तथ्यपरक अध्ययन होना हो तो वह पुराने भोपाल बरखेडी  जहांगीराबाद आदि इलाकों  का होना चाहिए ।

 इस बार मैं दीपावली के दिन स्वत भोपाल जहांगीराबाद के इलाके में था जहां बड़ी-बड़ी आवाज वाले सुतली बम्ब की आवाज से  कान बहरे होने लगते थे ।

घरों की दीवालें  हिलते लगती थीं। घरो में धुंंआ भर जाता था। रात्रि 2 बजे भी अन्य रह वासियों के साथ मैं इस प्रदूषण का शिकार हुआ हूं  ।धुएं और प्रदूषण के प्रभाव से कल भी पीड़ित था और अभी भी हूं  तथा कुछ दवाओं का प्रयोग भी करना पड़ रहा है ।
दरअसल आज देश के सभी महानगर दो  हिस्सो में बंटे हैं  । एक सत्ता संपन्नता  और श्रेष्ठ वर्ग में और दूसरे गरीबों तथा सत्ता के चक्र से बाहर के लोगों के हैं ।
  मुझे देश के इस विभाजन को देखकर 19 वी सदी के उस उपन्यास( टेल ऑफ ट्विन सिटीज)की याद आती है जिसमें उस समय के लंदन के हालात का वर्णन था जहां टेम्स नदी के एकतरफ सत्ताधीशों संपन्न लार्ड्स का लन्दन और दूसरी तरफ    गरीबों अशिक्षितों और अपराधियो का लंदन था । 

यह विभाजन रेखा व्यवस्था के द्वारा खींची जाती है ।अमीरों और सत्ताधीशों की व्यवस्था अपने अलग टापू खड़े करती है और सारे साधनों का प्रयोग अपने लिए करती है और उसे ही विकास का मानक बताती है ।

 लगभग यही स्थिति हमारे देश के महानगरों की है और भोपाल की भी । इस पुराने भोपाल में बारुद और धुंये वाले फटाखे चले थे ।

एक एक  पटाखा इलाके को और लोगों के सीनों में धुंआ भर रहा था।  यहां  न तो हरियाली है न हरीत पटाखे हैं । और यहां तक कि प्रदूषण के आंकड़ो मे भी इस इलाके का कोई स्थान नहीं है। 

दिल्ली के प्रदूषण की कमी मै मान सकता हूं कि वहां सुप्रीम कोर्ट ने फटाखो के ऊपर रोक लगाई थी। स्वत पूर्व मुख्य न्यायधीश श्री चंन्दचूड ने यह टिप्पणी की थी कि मैंने सुबह का घूमना बंद कर दिया है कि सुबह की हवा बहुत जहरीली है ।
परंतु देश के महानगरों का अध्यन वस्तु परक होना चाहिए । मैं मानता हूं कि अब सरकार  जनमानस में प्रचलित परंपराओं का प्रतिकार नहीं कर सकतीं  प्रतिकार करना तो दूर उन्हें प्रोत्साहित करतीं है । 

जब परंपराओं के नाम से व अंधविश्वास के नाम से वोट की खेती होती हो और फसल कटती हो तब विज्ञान और तर्क की चर्चा कर अपने पैर पर कुल्हाड़ी कौन पटेगेगा।  राजनीति ,सत्ता मीडिया और संपन्नता सभी को अंधविश्वास से खाद पानी मिल रहा है ।