SaWa News/ सागर में करोड़ों की जमीन कराई गई अतिक्रमण से मुक्त कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर जिले में अतिक्रमण एवं मिलावट से मुक्ति अभियान की कार्रवाई लगातार जारी है इसी परिपेक्ष में आज अनुविभागीय अधिकारी श्री विजय डहेरिया एवं तहसीलदार, श्री प्रवीण पाटीदार एवम् राजस्व दल , पुलिस बल की उपस्तिथि में प0ह0न0 74 मौजा सिरोज़ा के खसरा नम्बर 268/1 एवम 268/2 कुल रकवा 2.42 यशोदा बाई शिक्षण समिति की भूमि पर राम नरेश पिता बुन्देल सिंह राजपूत के द्वारा अवैध कालोनी एवम पुलिया को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही की गई। एसडीएम श्री विजय डहेरिया ने बताया कि इस प्रकार की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
SaWa News/ सागर में करोड़ों की जमीन कराई गई अतिक्रमण से मुक्त कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर जिले में अतिक्रमण एवं मिलावट से मुक्ति अभियान की कार्रवाई लगातार जारी है इसी परिपेक्ष में आज अनुविभागीय अधिकारी श्री विजय डहेरिया एवं तहसीलदार, श्री प्रवीण पाटीदार एवम् राजस्व दल , पुलिस बल की उपस्तिथि में प0ह0न0 74 मौजा सिरोज़ा के खसरा नम्बर 268/1 एवम 268/2 कुल रकवा 2.42 यशोदा बाई शिक्षण समिति की भूमि पर राम नरेश पिता बुन्देल सिंह राजपूत के द्वारा अवैध कालोनी एवम पुलिया को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही की गई। एसडीएम श्री विजय डहेरिया ने बताया कि इस प्रकार की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
अब तक एक लाख से ज्यादा आवेदन
- 11 अप्रैल तक खुला रहेगा आवेदन पोर्टल
- पीजी पाठ्यक्रमों में आवेदन की अंतिम तिथि 19 अप्रैल
सागर/ डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर मध्यप्रदेश में सत्र 2023-24 के लिए स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के अभी तक कुल एक लाख सात हजार सात सौ चवालीस अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है।
विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी नई-दिल्ली द्वारा आयोजित की जायेगी। प्रवेश समिति के मुख्य समन्वयक प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने जानकारी दी कि इस वर्ष स्नातक प्रवेश के लिए निर्धारित तिथि तक एक लाख सात हजार सात सौ चवालीस अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है। यह संख्या विश्वविद्यालय की प्रसिद्धि को दर्शाती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्नातक प्रवेश के लिए आवेदन करने की तिथि को 11 अप्रैल 2023 कर दिया गया है। अभी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया चालू है। पीजी प्रवेश के लिए 19 अप्रैल तक आवेदन किये जा सकते हैं।
इसी मौके पर फोरम ने उन से स्मार्ट सिटी द्वारा चलाई जा रही बसों में से एक बस विश्वविद्यालय की छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय से गौर मूर्ति कटरा तक चलाने का भी आग्रह किया जिससे शहर की छात्राओं को विश्वविद्यालय आने में परेशानी ना हो जिस पर स्मार्ट सिटी के कार्यकारी निदेशक आरपी अहिरवार ने अपनी सहमति व्यक्त की।
नगर निगम आयुक्त ने सिविल लाइन चौराहे पर गौर साहब की प्रतिमा पर सुंदर आकर्षित लाइट सजा का भी आश्वासन दिया। गौर यूथ फोरम से डॉक्टर विवेक तिवारी, डॉ मनीष बोहरे, सादिक अली, अमित श्रीवास्तव, चंद्रकांत लटिया, निलेश गौतम, बादल रैकवार संजू आठिया सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।
सागर वॉच। 24 नवम्बर। विश्वविद्यालय ज्ञान और गुरुत्व के केंद्र के रूप में होने चाहिए. विद्यार्थी गुरुत्व के स्पर्श से ही आगे बढ़ता है. उसके जीवन में गुरु का बहुत महत्त्व होता है. गुरु को भी अपने विद्यार्थियों को समझने की योग्यता होनी चाहिए। शिक्षक अपने विद्यार्थियों के कारण ही शिक्षक कहलाता है. बिना विद्यार्थी के शिक्षक अस्तित्वहीन है।
यह विचार विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में आयोजित गौर व्याख्यानमाला श्रृंखला के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: उच्च शिक्षा की नवाचारी भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सुश्री अरुंधती कावडकर, अखिल भारतीय महिला प्रकल्प सहप्रमुख एवं पालक अधिकारी, महाकौशल प्रान्त एवं मध्यभारत, भारतीय शिक्षण मंडल ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति मातृभाव से प्रेरित है। एर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन की संकल्पना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अहम हिस्सा है. यहीं से एक विद्यार्थी की नींव पड़ती है। उन्होंने कहा कि नए भारत को गढ़ने के लिए भारतमाता को जानना बहुत ही आवश्यक है। नदियों, पर्वतों और प्रकृति के सभी घटकों को जानना-पहचानना एक विद्यार्थी के लिए बहुत ही जरूरी है।
इसी सिलसिले में मुख्य अतिथि मुकुल कानिटकर ने कहा कि गुरु के बिना भारत का विश्वगुरु बनाना असंभव है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में ऐसे कई बिंदु हैं जो शिक्षक को नवाचार की पूरी स्वायत्तता देते हैं। एक शिक्षक को नवाचार करने के लिए संस्था और सरकारों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शासन केंद्रित व्यवस्था से समाज के अंतिम व्यक्ति का हित नहीं संभव है। समाज केंद्रित व्यवस्था से ही अंतिम व्यक्ति का कल्याण संभव है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पढ़ते समय उसमें हमें स्व मन का भाव मिलता है। उसमें बहुत सी जीवनोपयोगी और तार्किक बातें हैं जिनके माध्यम से भारतीयता का बोध पैदा होता है।
शिक्षक और संस्था दोनों का कार्य नवोन्मेष करना है। आज के शिक्षक और विद्यार्थी को लीक से हटकर सोचना चाहिए. यही समय की मांग है। पहले हम आयातित ज्ञान पर निर्भर थे लेकिन आज इस शिक्षा नीति के माध्यम से हम भारतीय शिक्षा पद्धति की बात कर पा रहे हैं। यही इसका सुफल है। मातृभाषा में पठन-पाठन के लिए हमें अनुवाद पर निर्भरता ख़त्म करते हुए मातृभाषा में पाठ्य सामग्री तैयार करना चाहिए. यह काम शिक्षकों का है। यह चुनौती भी है। हमें इसी को अवसर में बदलना है और यही नवाचार है। यह सृजनशीलता का अवसर भी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. बलवंत राय शांतिलाल जानी ने कहा कि डॉ. हरीसिंह गौर की दैवीय विलक्षणता ही है कि हम प्रतिवर्ष उनके जन्मदिन को एक उत्सव के रूप में मनाते हैं।
वह एक विश्वविद्यालय स्थापित करने और सब कुछ दान कर देने वाले एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक स्वप्नद्रष्टा थे जो उन्होंने भावी भारतीय युवा पीढ़ी के लिए देखा था। आज बहुत सी विदेश की संस्थायें भारतीय युवा मेधा को अपने यहाँ शिक्षा और रोजगार के लिए आकर्षित कर रही हैं।
डॉ गौर ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कैम्ब्रिज में पढ़ाई तो की लेकिन वे भारतीय युवा पीढी के लिए भारत में कैम्ब्रिज जैसी संस्था शुरू करने का संकल्प लेकर भारत वापस आ गये। यह विश्वविद्यालय उसी सपने की देन है। भारतीय युवाशक्ति प्रचंड मेधा संपन्न है, इसका पलायन नहीं होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसके लिए संकल्पित है । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बहुआयामी क्रियान्वयन के माध्यम से डॉ. गौर द्वारा स्थापित यह विश्वविद्यालय केवल सागर और मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अनुकरणीय बनेगा।
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 152वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 21 नवंबर से 26 नवंबर तक आयोजित 'गौर उत्सव' के चौथे दिन 'आचार्य शंकर भवन' (मानविकी एवं समाज विज्ञान व्याख्यान कक्ष कॉम्प्लेक्स) का लोकार्पण मुकुल मुकुंद कानिटकर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, भारतीय शिक्षण मंडल, नागपुर, कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतीलाल जानी एवं कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।
स्वरूप यह पूरा नाट्य समारोह डॉ. गौर को समर्पित किया गया है।
इन तारीखों में कराएं
सागर वॉच । 22 नवंबर 2021। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलेक्टर्स से राज्य शासन द्वारा जारी नवीन अध्यादेश के संबंध में चर्चा की। उन्होंने बताया कि अध्यादेश के अनुसार पूर्ववर्ती परिसीमन निरस्त हो गया है । अब नवीन व्यवस्था में ग्राम पंचायत/ जनपद पंचायत/ जिला पंचायत क्षेत्र का निर्वाचन उस परिसीमन एवं विभाजन के आधार पर किया जाना है, जो उनकी संबंधित अवधि की समाप्ति के ठीक पहले विद्यमान थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सागर जिले के कलेक्टर श्री दीपक आर्य, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री क्षितिज सिंघल , सयुंक्त कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया ।
समय पर सेवाएं नहीं देने पर सीईओ दण्डित
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों में अपार प्रतिभाएं हैं, उनकी प्रतिभा के हर क्षेत्र का लाभ विश्वविद्यालय को मिलना चाहिए। साथ ही शिक्षकों को भी अपनी प्रतिभाओं को निखारने का अवसर मिलना चाहिए. विश्वविद्यालय इसके लिए सबसे सुयोग्य स्थल है। यह शिक्षकों का, शिक्षकों द्वारा और शिक्षकों के लिए किया गया आयोजन है।
इसके अलावा गौर उत्सव के पहले दिन विद्यार्थियों ने शब्द, चित्र और रंगों से अपने मन के डॉ. हरीसिंह गौर को दर्शाया। गौरतलब है कि डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 152वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में 21 नवंबर से 26 नवंबर तक ‘गौर उत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है।
पहले दिन महाविद्यालयीन और स्कूल के विद्यार्थियों ने डॉ. गौर की जीवनी और उनके पर केंद्रित निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया। यह दोनों प्रतियोगिताएं गर्ल्स डिग्री कॉलेज और एमएलबी स्कूल, सागर में आयोजित की गई थीं। आयोजन के सह-संयोजक डॉ. राजेन्द्र यादव ने बताया कि दोनों प्रतियोगिताओं में सौ से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की. विश्वविद्यालय के शिक्षकों डॉ. अरविन्द कुमार और अरविन्द गौतम के निर्देशन में ये आयोजन संपन्न हुआ.
मानांतर 11 बजे से ही विश्वविद्यालय के विद्यार्थी वालीबाल प्रतियोगिता में भाग लेंगे. 12.00 बजे से विश्वविद्यालय के महिला शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी तथा महिला क्लब के सदस्यों के लिए म्यूजिकल चेयर और दोपहर 01.30 बजे से ‘टग ऑफ़ वॉर’ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. 22 नवंबर को आयोजित सभी प्रतियोगिताएं विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रांगण में संपन्न होंगी.
हैरानी की बात यह है कि हर रोज सर गौर की प्रतिमा के सामने से ही कुलपति से लेकर तमाम जिम्मेदार अधिकारी निकल रहे हैं, लेकिन किसी का ध्यान सर गौर की प्रतिमा पर नहीं गया, इतना ही नहीं रविवार को इस संबंध में युवाओं ने प्रबंधन तक सूचना भी पहुंचाई इसके बाद भी किसी ने गौर नहीं किया।
प्रबंधन की यह लापरवाही देख रविवार दोपहर शहर के गौर प्रेमी युवा एकत्रित हुए और विश्वविद्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने सर गौर की प्रतिमा की सफाई करते हुए दुग्धाभिषेक कर माल्यर्पण किया। युवाओं ने प्रबंधन को सद्बुद्धि देने के लिए डॉ. गौर से यह प्रार्थना की।
इस अवसर पर कपिल स्वामी, डॉ. मनीष बोहरे,मधुर महाराज, जय मिश्रा, गुड्डू यादव, सुरेन्द्र गौतम, सुरेंद्र पांडे, हरिनारायण पांडे, दीपक स्वामी, नीलेश मिनू गौतम, गौरव पांडे, राहुल नगाइच, प्रेम पटेल, अतीश नेमा, जगदीश तिवारी सहित शहर के अन्य गौर प्रेमी युवा उपस्थित थे।
पत्रकार वार्ता में विश्विविद्यालय की कुलपति नीलिमा गुप्ता ने बताया कि विश्व विद्यालय के संस्थापक डॉक्टर हरी सिंह गौर के जन्मदिवस 26 नवम्बर को उत्साह पूर्वक मनाने के लिए 21 नवम्बर से गौर सप्ताह शुरू हो रहा है। इस सप्ताह में पहले दिन महाविद्यालयीन और स्कूली विद्यार्थियों के लिए निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताएं के अलावा विश्वविद्यालयीन शिक्षकों के काव्य पाठ का आयोजन भी किया जायेगा।
प्रतियोगिता के दूसरे दिन खेलकूद प्रतियोगिताएँ, तीसरे व चौथे दिन लोकार्पण कार्यक्रम और गौर व्याख्यान माला, पांचवे दिन डॉक्टर हरी सिंह के जीवनवृत का प्रदर्शन व डॉक्टर गौर परिसंवाद कार्यक्रम और शाम को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया जायेगा ।
लेकिन इस आयोजन के सिलसिले में कुछ विषयों को लेकर आम जन में चर्चाएँ भी शुरू हो गयीं हैं जिनमें कुछ विसंगितियों की और ध्यान खींचा जा रहा है। अहम् चर्चा गौर सप्ताह के कार्यक्रमों के लिए विश्विद्यालय द्वारा जारी आमंत्रण पत्र व साहित्य को लेकर है । कहा जा रहा है । आमंत्रण पत्र में सागर लोकसभा क्षेत्र के सांसद का नाम नहीं है । जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्य क्रमों में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर स्थानीय सांसद की गरिमामय उपस्थिति अपेक्षित मानी जाती है ।
वहीँ दूसरी और यह भी चर्चा है कि कार्यक्रम की आमंत्रण पत्र में आमंत्रित अतिथियों के नाम के क्रम में उनके पदों की वरिष्ठता की लिहाज से विसंगति नजर आ रही है। यह आरोप लगाने वालों का तर्क है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के विजिटर चांसलर, कुलपति व प्रदेश के राज्यपाल के नियुक्ति देश का राष्ट्रपति करता है। वहीं प्रदेश के मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल करता है । विजिटर चांसलर भी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कार्यक्रमों में राष्ट्रपति का प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होता है।
तीसरा मुद्दा विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा पत्रकारों को डॉक्टर हरी सिंह गौर के जीवन के बारे में वितरित जानकारी के अंग्रेजी प्रारूप में डॉ गौर के नाम की स्पेलिंग, प्रचलित और अधिकृत स्पेलिंग से अलग लिखी है। विविरण में Gour के स्थान पर GAUR लिखा गया है ।
कुछ जानकारों की नजर में किसी केंद्रीय संस्थान के प्रमुख की हैसियत से प्रमुख विशेष का घर घर जाकर आमंत्रण देने भी प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं बताया जा रहा है ।
सागर वॉच /20 नवम्बर 2021/ स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के घोषित किये गये परिणाम में सागर नगर निगम ने पिछले वर्षों की रैंकिंग में जबरदस्त सुधार लाते हुये देश के 1 लाख से 10 लाख तक की जनसंख्या वाले 372 शहरों में सागर 26 वॉं स्थान हासिल किया है। इसके अलावा देश में 4320 शहर जिन्होने स्टार रेटिंग में भाग लिया इनमें से 299 शहर चयनित हुये उन शहरों में सागर नगर निगम ने भी अपना स्थान बनाया है। सागर अब वन स्टार सिटी है।
गौरतलब है कि 4 साल पहिले यानि वर्ष 2017 में जन स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंिकंग जारी हुई तो उस समय देश 434 शहर शामिल हुये थे, जिसमें सागर नगर निगम को 23 वीं रैंक मिली थी लेकिन आने वाले वर्षो में इसमें शहरों की संख्या बढ़ाते हुये 2018 में 4203 शहर इस प्रतियोगिता में शामिल हुये जिसमें सागर नगर निगम को 46वीं रेंक हासिल हुई थी।
इसके अतिरिक्त शहर सौन्दर्यीकरण के तहत् विभिन्न पार्को का निर्माण तथा शहर ब्यूटीफिकेशन के अंतर्गत फब्बारों का निर्माण एवं पेबर ब्लाक लगाना, पॉलीथीन का उपयोग ना करने एवं मटका खाद बनाने के लिये जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का काम किया गया ।
सागर वॉच। 19 नवम्बर 2021 । समाचार संक्षेप
प्रदेश सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सत्र 2021 -22 की शैक्षणिक गतिविधियाँ के सिलसिले में कक्षाओं के ऑनलाइन संचालन को बंद किये जाने के निर्देश जारी किये हैं । इसके चलते गुरूवार से विद्यार्थियों को कक्षाओं में भौतिक रूप से हाजिर होना पड़ेगा।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के पूरी क्षमता से खुलने पर ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन बंद होगा। ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन कर शत-प्रतिशत क्षमता के साथ पुस्तकालय एवं स्नातक, स्नातकोत्तर सभी कक्षाओं के लिए छात्रावास और मेस की व्यवस्था भी सुचारु रुप से चालू होगी।
सेवादल ने जयंती पर याद किया वीरांगना लक्ष्मी बाई और इंदिरा गाँधी को
शहर सेवादल ने गुरूवार को मोतीनगर चौराहे पर वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिमा को स्वच्छ कर उनके पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी जयंती मनाई। झांसी रानी और इंदिरा गांधी अमर रहे के नारें लगाकर उनका स्मरण किया गया।
इस मौके पर सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई और देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा जी के बलिदान को यह देश कभी नही भूल सकता वो रानी लक्ष्मीबाई देश के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की प्रथम सेनानी थी, और इंदिरा गांधी विश्व की सबसे सशक्त महिला नेता थी ।
सागर वॉच। 16 नवंबर 2021। 26 नवंबर को डॉ. हरीसिंह गौर की जयंती है। इसी को ध्यान में रखकर स्मार्ट सिटी प्रबंधन की विश्वविद्यालय मार्ग की तस्वीर तेजी से बदलने की कवायद जारी है । एक तरफ सडक निर्माण का काम चल रहा है, तो दूसरी तरफ पाथवे निर्माण हो रहा है। सेल्फी प्वाइंट और सिटिंग एरिया भी तेजी से आकार ले रहे हैं। मंगलवार को विधायक शैलेन्द्र जैन ने कलेक्टर सह अध्यक्ष एसएससीएल दीपक आर्य और सीईओ राहुल सिंह राजपूत के साथ विश्वविद्यालय सड़क का निरीक्षण किया।
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इस दौरान निर्माणाधीन प्रत्येक काम का निरीक्षण किया गया। सडक पर डामरीकरण का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। पाथवे पर लगाए गए पेवर ब्लॉक का लेवल मिलाया जा रहा है। विधायक श्री जैन ने कहा कि सडक के आसपास जहां भी खाली जगह है, वहां प्लांटेशन कर सुंदरता बढाई जाए। सडक किनारे लगे पेडों पर और रिटेलिंग वॉल पर लाइटिंग करने का सुझाव भी उन्होंने दिया। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट के खंबों को भी सौंदर्यीकरण में शामिल करें।
कलेक्टर सह अध्यक्ष एसएससीएल दीपक आर्य ने कहा कि सिटिंग एरिया में कोबल स्टोन लगाएं। इसके अलावा जहां-जहां भी इनका उपयोग किया जाए, सभी जगह एक जैसा पैटर्न रहे। उन्होंने कहा कि सडक किनारे पडने वाले मकान और दफ्तरों की निकासी के क्षेत्र में भी पाथवे पर पेवर ब्लॉक लगाएं, जिससे यह एक जैसा दिखे। सडक बनने के बाद पानी निकासी के छिद्रों का स्तर मिलाने के निर्देश भी उन्होंने दिए।
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इस दौरान सीईओ राहुल सिंह राजपूत ने कहा कि सभी कार्यों में ऐसी ही गति बनाए रखें, जिससे गौर साहब की जयंती के पूर्व यह सुंदर और सुविधायुक्त सडक बनकर तैयार हो जाए। पेडों पर रिफ्लेक्टर लगाएं। सिट आउट एरिया को सुंदर और सुगम बनाएं। इस दौरान सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर
अजय शर्मा, एई श्री राज बाबू सिंह, एसई श्री राघव शर्मा, पीएमसी टीम लीडर संजय केडिया और निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि मौजूद थे।
संस्था की संयोजक प्रीति सिंह ने बताया कि कार्यक्रम क्षत्रिय परम्परा के अनुसार शस्त्र पूजन के साथ शुरू हुआ। कार्यक्रम में क्षत्रियों में शस्त्र पूजन का ख़ास महत्व है यह परम्परा संतान काल से चली आ रही है। इसी सिलसिले में संस्था के सदस्यों द्वारा डॉक्टर पीएस ठाकुर ऐवम डॉक्टर श्रेया ठाकुर जी को कोविड महामारी दौरान किए गए उनके मानवता पूर्ण कार्य के लिए कोरोना योद्धा का सम्मान दिया गया।
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प्रीति सिंह, रितु सिंह , रितु बघेल, अंशु सिंह द्वारा परम्परागत परिधान पहन कर परम्पराग ततलवार रास का प्रदर्शन किया ऐवन महिलाओं द्वारा पारम्परिक घूमर करके उत्सव मनाया गया, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर पी एस ठाकुर ,लक्ष्मी ठाकुर शामिल हुए । जीतेन्द्र सिंह परिहार , अनुपम राजपूत, प्रणय सिंह, शिशिर सिंह ने अतिथि के रूप में शामिल होकर कार्यक्रम का गौरव बढ़ाया, कार्यक्रम का संयोजन प्रीति सिंह ऐवम संचालन रितु सिंह द्वारा किया गया ।
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सागर वॉच। विवि यूनिवर्सिटी रोड पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत स्मार्ट सिटी सागर द्वारा तीन करोड़ रुपए की लागत से एक किलोमीटर और तीन सौ मीटर की सड़क के सौन्दर्यीकरण एवं चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिसमें नाली की बीम पर रिटेनिंग दीवार बना दी गई है, जो कि सलाहकार कम्पनी के कहने पर की गई है।
स्मार्ट सिटी की तकनीकी अमले की बात माने तो उपरोक्त मार्ग पर विवि और नगर निगम और पीएचई की इतनी पाईप लाईने सड़क किनारे और अंदर बिछी थी जिनको व्यवस्थित करने में ही समय लग गया. कछुआ गति से चल रहे काम को देखते हुए अब जिला प्रशासन और स्मार्ट सिटी के आला अफसर गौर जयंती के पहले काम पूरा करने के लिए ठेकेदार को निर्देशित कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि पिछले साल नवम्बर माह में स्मार्ट सिटी द्वारा गौर भवन से विवि स्थित गौर प्रतिमा तक चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण हेतु कार्य शुरू करवाया गया था. जो कि कोरोना की दूसरी लहर और बारिश के चलते समय सीमा में शुरू भी नहीं हो सका था. लगभग 10 माह में भोपाल की निर्माण कंपनी को कार्य करके देना था।
उपरोक्त मार्ग पर स्मार्ट सिटी द्वारा ठेकेदार के माध्यम से रिटेनिंग वॉल का निर्माण कराया गया है जो कि शुरू में तो नाली की बीम से हटकर बनाई गई, मगर आगे चलकर नाली की बीम पर ही बना दी गई है।
जब इस संबंध में ठेकेदार कंपनी से जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि कंसलटेंसी के कहने पर नाली की बीम पर ही वॉल का निर्माण कराया गया है, वहीं इंजीनियर की माने तो उनका मानना है कि विश्वविद्यालय द्वारा भी पूर्व में विवि के पीछे से रमझिरिया की ओर जाने वाली सड़क पर नाली की बीम पर ही वॉल का निर्माण कराया गया।
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विवि की गलती को ही आधार बनाकर स्मार्ट सिटी द्वारा आगे का काम गलत कराया जाए। चूंकि विवि की पहाड़ी से बारिश का पानी बहकर वॉल से टकरायेगा। वॉल के पीछे पहाड़ की मिट्टी और पत्थर भर दिए गए हैं. वहीं सड़क में पैचवर्क कार्य भी सीसी के द्वारा कराए जा रहे हैं।
इस मार्ग पर पानी निकासी के लिए जो डक्ट बनाई गई है। उसमें कई स्थानेां पर अभी से मुरम भरी है। साथ ही नाली निर्माण के लिए लगाया गया लोहा भी ५0 मीटर से अधिक खुला दिख रहा है। इस मार्ग पर तीन स्थानों पर सेल्फी प्वाइंट भी बनाये जा रहे हैं। जिनमें से एक पूरा हो चुका है। दो अन्य स्थलों पर काम चल रहा है। कई बार इस सड़क का निरीक्षण कर चुके स्मार्ट सिटी के अधिकारी डक और रिटेनिंग वॉल के घाल मेल संबंधी मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई।
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इस मार्ग पर दीवार पर डॉटर गौर की जीवनवृāा को उकेरने संबंधी निर्देश के परिपालन में वाटर कलर से दीवारों को रंगने का काम शुरू हो गया है। कलेटर दीपक आर्य के निर्देश के बाद निर्माण एजेंसी पर गौर जयंती 26 नवम्बर से पहले इस सड़क को पूरा करने का दवाब है। उल्लेखनीय है कि लगभग 12 फुट नीचे दबी पाइप लाइन फटने से पिछले दिनों इसी मार्ग पर बने शौचालय का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था।
इस मार्ग पर गौर मूर्ति के नजदीक वाले हिस्से में विवि के पुराने गेट तक फुटपाथ का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त है। जिस पर भी निरीक्षण के दौरान अधिकारियेां ने कोई ध्यान नहीं दिया।