Sagar Watch News/ जिला कलेक्टर ने अक्षय तृतीया एवं अन्य अवसरों पर बाल विवाह रोकने संबंधी दिशा निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, सागर, आयुक्त नगर निगम, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) , जिला शिक्षा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए गई। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान आरंभ किया गया है। बाल विवाह मुक्त अभियान बाल विवाह समाप्त करने और देश भर में युवा लड़कियों के सशक्तिकरण हेतु सरकार के प्रयासों का प्रमाण है।
NFHS-5 के संलग्न आंकडों के अनुसार प्रदेश में बाल विवाह के प्रकरणों में कमी आई है, परन्तु अभी भी हर तीन में से एक विवाह बाल विवाह की श्रेणी में है। प्रदेश के कई जिले राज्य के औसत के ऊपर या आस-पास हैं, प्रदेश में प्रति वर्ष कुछ विशेष तिथियों में बड़ी संख्या में सामूहिक विवाह होते हैं। इन तिथियों में एक अक्षय तृतीया अथवा आखातीज भी है, जो इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 को है। इस अवसर पर सामूहिक विवाह सम्पन्न होते हैं, जिसमें बाल विवाह होने की संभावना होती है। ग्रामीण अंचलों में इन अवसरों के अलावा भी बाल विवाह हो सकते हैं।
विद्यार्थियों को बनायें जागरूक
बाल विवाह की रोकथाम हेतु उक्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि विद्यार्थियों में जागरूकता सभी शासकीय कॉलेज / स्कूलों में अक्षय तृतीया के पूर्व बाल विवाह न होने पाये इस हेतु विद्यार्थियों को जागरूक बनाते हुये, सभी हेल्पलाईन का प्रचार प्रसार किया जायेगा। 28 अप्रैल को सभी ग्राम पंचायत के पंच / सरपंच, सचिव बाल विवाह न होने देने की शपथ लेंगे और यह शपथ (संलग्न) पंचायत में जगह-जगह चस्पा करेंगे। 29 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पूर्व स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी के बच्चों की रैली निकाली जायेगी।
गाँवों में समूह में चर्चा, अक्षय तृतीया के पूर्व स्वसहायता समूह की दीदीयाँ गाँवों में समूह में चर्चा कर बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रयास करेंगीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा की मदद से 18 वर्ष से कम उम्र की अविवाहित किशोरियों की जानकारी एकत्रित कर सूची सभी जिला पुलिस अधीक्षकों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, पंच/ सरपंच, सचिव को सौंप कर सूची अनुसार इन परिवारों पर विशेष निगरानी रखी जाये और उन्हें बाल विवाह न करने के संबंध में समझाइश दी जाए। सभी पंच/सरपंच, सचिव को सामूहिक विवाह आयोजनों में सजग रहने का अनुरोध किया जाये। इस हेतु उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की जाये।
बाल विवाह रोकथाम अभियान में, समाज के ऐसे प्रभावशाली व्यक्ति / समूह जो कि वैवाहिक कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, का भी सहयोग लें।
जिलों में स्थानीय मीडिया का उपयोग करें। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप, दीवार लेखन के द्वारा सघन प्रचार-प्रसार करें। सही उम्र में विवाह का महत्व, कम उम्र में विवाह के दुष्परिणाम जैसे सन्देश को आम नागरिकों तक पहुंचाने हेतु बेहतर प्रचार-प्रसार करें। अधिक प्रभावित जिले स्थानीय कारणों को ध्यान में रखते हुए प्रचार-प्रचार करायें। इन अवसर पर विवाह से निगरानी रखते हुए एक अभियान के तौर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु कार्यवाही भी कृपया सुनिश्चित करें-
बाल विवाह रोकने यहाँ करें फोन
सभी तरह की हेल्पलाईन 181,1098,100 एवं जिले के वन स्टॉप सेंटर का प्रचार करें। बाल विवाह रोकथाम प्रत्येक ग्राम/वार्ड में बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने सूचना दल का गठन किया जावेगा। सूचना दल में शिक्षक, ए.एन.एम. आशा कार्यकर्ता, स्वसहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की अध्यक्ष समन्वयक / सदस्य/ आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम/वार्ड के सक्रिय नागरिक आदि हो सकते हैं। सूचना दल ग्राम/वार्ड में हो रहे विवाहों की जानकारी रखेंगे तथा बाल विवाह होने पर कंट्रोल रूम/बाल विवाह विवाह प्रतिषेध अधिकारी (कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग) को तत्काल सूचित करेंगे।
कंट्रोल रूम का गठन
जिला एवं ब्लॉक स्तर पर विशेष विवाह मुहूर्तों के पूर्व कन्ट्रोल रूम (24*7) स्थापित किया जाये । कन्ट्रोल रूम में उपयोग में लाए जा रहे दूरभाष नम्बर का प्रचार-प्रसार किया जाये । कंट्रोल रूम में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल संबंधित क्षेत्र के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सूचित करेंगे।
बाल विवाह को रोकने के लिए उड़न दस्ता
बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं अन्तर्विभागीय समन्वय से जिला स्तर एवं परियोजना स्तर पर आवश्यकतानुसार उड़न दस्ते गठित किये जायेंगें। उड़न दस्ता अपने क्षेत्र में हो रहे सामूहिक विवाह, विवाह स्थलों का भ्रमण करेंगे तथा सुनिश्चित करेंगे कि कोई बाल विवाह तो सम्पन्न नहीं किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान बाल विवाह की सूचना अथवा बाल विवाह होता पाया जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।
उडनदस्ता दल में समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, समस्त अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, जनपद सीईओ / सीएमओ समस्त, समस्त परियोजना अधिकारी, समस्त विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी, समस्त, थाना प्रभारी, सेक्टर पर्यवेक्षक, स्थानीय पटवारी, स्थानीय सचिव, रोजगार सहायक, स्थानीय ग्राम कोटवार एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता को शामिल किया है।
गठित उड़नदस्ता बाल विवाह रोकथाम हेतु कार्यवाही करेंगे जिला एवं परियोजना स्तर व खण्ड स्तर पर विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं, कार सेवकों, जनप्रतिनिधियों एवं अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों का लाखो अभियान के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया जाकर उन का संवेदीकरण किया जावे एवं बाल विवाह में अपनी सेवायें न देने की अपील की जायें।
अन्तर्विभागीय समन्वय से विवाह मुहूर्ती के अवसर पर ग्रामों में बाल विवाह न करने का परामर्श वय बाल विवाह के सूचना हेतु परियोजनास्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाकर दूरभाष नं. का प्रचार प्रसार किया जावे इसके अतिरिक्त पुलिस थाना, चाईल्डलाईन, कलेक्टर/अनुविभागीय कार्यालय, जिला/परियोजना कार्यालय (आईसीडीएस) एवं विभिन्न विभागों के स्थानीय अधिकारियों के दूरभाष नं. भी उपलब्ध कराये जायें।
18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक की जानकारी एकत्रित कर सूची तैयार की जावे एवं समय पर उनकी निगरानी अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में एवं परियोजना अधिकारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा पुलिस निरीक्षक की टीम के द्वारा निगरानी रखी जावें कि उक्त बालक/बालिका का विवाह तो नहीं हो रहा है।
सामूहिक विवाह स्थल में बालक/बालिकाओं के उम्र संबंधी दस्तावेजों का प्रति परीक्षण अधिकारी/कर्मचारी द्वारा जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की अंकसूची आगनबाड़ी केन्द्र के रिकार्ड से किया जाये । दस्तावेजों के अभाव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्र को मान्य किया जायें |
सामूहिक विवाह करने वाले आयोजकों से शपथ पत्र प्राप्त करें कि अपने आयोजनों में बाल विवाह संपन्न नहीं करेंगे। इसी तरह प्रिन्टिग प्रेस. हलवाई, केटर्स, धर्मगुरू, बैन्डवाला, ट्रांसपोर्ट एवं समाज के मुखिया से अनुरोध किया जावे कि उम्र संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त कर परीक्षण के उपरांत ही विवाह में सेवायें प्रदाय करेंगे।
प्रिन्टिग प्रेस में मुद्रित की जा रही विवाह पत्रिका में वर वधु की विवाह योग्य विधि अनुरूप मान्य
उम्र है का स्पष्ट उल्लेख करने हेतु जिले के समस्त प्रिंटिंग प्रेस को निर्देशित किया जाए ।
अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में एवं परियोजना अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा पुलिस निरीक्षक की टीम तथा उनके अधीनस्थ अमले द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन में भम्रण कर वर-वधु के उम्र संबंधी दस्तावेजों का प्रति परीक्षण किया जावे। उक्तानुसार उड़नदस्तों एवं समस्त संबंधित विभागीय अमले द्वारा जिले में बाल विवाह रोकथाम सुनिश्चित करें ।