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Sagar Watch News

Sagar Watch News/ 
प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि 
सभी किसान गर्मी वाली मूंग की फसल का उत्पादन न करें क्योंकि इसमें अत्यधिक कीटनाशक का उपयोग करते हैं और इसी के कारण सागर जिले में सर्वाधिक कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मूंग की फसल का उत्पादन केवल ठंड में करें।

यह विचार उन्होंने  आज सागर के पद्माकर सभागार में दो दिवसीय जिला स्तरीय मिलेट्स फूड फेस्टिवल सह कृषि मेले के शुभारम्भ के मौके पर मेले  में उपस्थित कृषकों को संबोधन के दौरान व्यक्त किये 

इसी सिलसिले में  उन्होंने  कहा कि हमारे पूर्वज पहले मोटा अनाज खाकर स्वस्थ रहते थे और दीर्घायु हुआ करते थे हम सभी को मोटे अनाज खाना शुरू करना चाहिए और स्वस्थ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान भाई आधुनिक खेती करें जिससे कि आर्थिक रूप से समृद्ध बन सके।

सागर की सांसद  लता वानखेड़े ने कहा कि मिलेट्स का उपयोग कर स्वस्थ रहें और इसी का उत्पादन करें। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने 2023 में मिलेट्स वर्ष की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि यह दो दिवसीय किसान मेला किसानों के लिए एक उत्सव है, किसान इस उत्सव में सभी प्रकार की नई तकनीक की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।

विधायक  शैलेंद्र जैन ने कहा कि किसान को समृद्ध बनाने के लिए मध्यप्रदेश की सरकार लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान  सौर ऊर्जा का उपयोग के साथ-साथ फसल का उत्पादन करें।  जिससे कि बिजली के साथ-साथ फसल के उत्पादन के रूप में डबल आर्थिक रूप से संपन्न हो सकेंगे।

इस अवसर पर सांसद लता वानखेड़े, विधायक , जिला पंचायत के उपाध्यक्ष , उपसंचालक कृषि सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में किसान भाई मौजूद थे।


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Sagar Watch News/ 
जिला कलेक्टर ने अक्षय तृतीया एवं अन्य अवसरों पर बाल विवाह रोकने संबंधी दिशा निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, सागर, आयुक्त नगर निगम, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) , जिला शिक्षा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए गई।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान आरंभ किया गया है। बाल विवाह मुक्त अभियान बाल विवाह समाप्त करने और देश भर में युवा लड़कियों के सशक्तिकरण हेतु सरकार के प्रयासों का प्रमाण है।

 NFHS-5 के संलग्न आंकडों के अनुसार प्रदेश में बाल विवाह के प्रकरणों में कमी आई है, परन्तु अभी भी हर तीन में से एक विवाह बाल विवाह की श्रेणी में है। प्रदेश के कई जिले राज्य के औसत के ऊपर या आस-पास हैं,  प्रदेश में प्रति वर्ष कुछ विशेष तिथियों में बड़ी संख्या में सामूहिक विवाह होते हैं। इन तिथियों में एक अक्षय तृतीया अथवा आखातीज भी है, जो इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 को है। इस अवसर पर सामूहिक विवाह सम्पन्न होते हैं, जिसमें बाल विवाह होने की संभावना होती है। ग्रामीण अंचलों में इन अवसरों के अलावा भी बाल विवाह हो सकते हैं।

विद्यार्थियों को बनायें जागरूक 

बाल विवाह की रोकथाम हेतु उक्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि विद्यार्थियों में जागरूकता सभी शासकीय कॉलेज / स्कूलों में अक्षय तृतीया के पूर्व बाल विवाह न होने पाये इस हेतु विद्यार्थियों को जागरूक बनाते हुये, सभी हेल्पलाईन का प्रचार प्रसार किया जायेगा। 28 अप्रैल को सभी ग्राम पंचायत के पंच / सरपंच, सचिव बाल विवाह न होने देने की शपथ लेंगे और यह शपथ (संलग्न) पंचायत में जगह-जगह चस्पा करेंगे। 29 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पूर्व स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी के बच्चों की रैली निकाली जायेगी।

 गाँवों में समूह में चर्चा, अक्षय तृतीया के पूर्व स्वसहायता समूह की दीदीयाँ गाँवों में समूह में चर्चा कर बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रयास करेंगीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा की मदद से 18 वर्ष से कम उम्र की अविवाहित किशोरियों की जानकारी एकत्रित कर सूची सभी जिला पुलिस अधीक्षकों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, पंच/ सरपंच, सचिव को सौंप कर सूची अनुसार इन परिवारों पर विशेष निगरानी रखी जाये और उन्हें बाल विवाह न करने के संबंध में समझाइश दी जाए। सभी पंच/सरपंच, सचिव को सामूहिक विवाह आयोजनों में सजग रहने का अनुरोध किया जाये। इस हेतु उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की जाये।

सभी तरह की हेल्पलाईन 181, 1098,100 का प्रचार करें। बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल  पद पर शिकायत दर्ज करने का भी प्रचार प्रसार करें ।
बाल विवाह रोकथाम अभियान में, समाज के ऐसे प्रभावशाली व्यक्ति / समूह जो कि वैवाहिक कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, का भी सहयोग लें।

जिलों में स्थानीय मीडिया का उपयोग करें। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप, दीवार लेखन के द्वारा सघन प्रचार-प्रसार करें। सही उम्र में विवाह का महत्व, कम उम्र में विवाह के दुष्परिणाम जैसे सन्देश को आम नागरिकों तक पहुंचाने हेतु बेहतर प्रचार-प्रसार करें। अधिक प्रभावित जिले स्थानीय कारणों को ध्यान में रखते हुए प्रचार-प्रचार करायें।  इन अवसर पर विवाह से निगरानी रखते हुए एक अभियान के तौर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु कार्यवाही भी कृपया सुनिश्चित करें-


बाल विवाह रोकने यहाँ करें फोन 

सभी तरह की हेल्पलाईन 181,1098,100 एवं जिले के वन स्टॉप सेंटर का प्रचार करें। बाल विवाह रोकथाम प्रत्येक ग्राम/वार्ड में बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने सूचना दल का गठन किया जावेगा। सूचना दल में शिक्षक, ए.एन.एम. आशा कार्यकर्ता, स्वसहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की अध्यक्ष समन्वयक / सदस्य/ आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम/वार्ड के सक्रिय नागरिक आदि हो सकते हैं। सूचना दल ग्राम/वार्ड में हो रहे विवाहों की जानकारी रखेंगे तथा बाल विवाह होने पर कंट्रोल रूम/बाल विवाह विवाह प्रतिषेध अधिकारी (कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग) को तत्काल सूचित करेंगे। 


 कंट्रोल रूम का गठन

जिला एवं ब्लॉक स्तर पर विशेष विवाह मुहूर्तों के पूर्व कन्ट्रोल रूम (24*7) स्थापित किया जाये । कन्ट्रोल रूम में उपयोग में लाए जा रहे दूरभाष नम्बर का प्रचार-प्रसार किया जाये । कंट्रोल रूम में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल संबंधित क्षेत्र के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सूचित करेंगे।

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बा
ल विवाह को रोकने के लिए 
 उड़न दस्ता  

 बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं अन्तर्विभागीय समन्वय से जिला स्तर एवं परियोजना स्तर पर आवश्यकतानुसार उड़न दस्ते गठित किये जायेंगें। उड़न दस्ता अपने क्षेत्र में हो रहे सामूहिक विवाह, विवाह स्थलों का भ्रमण करेंगे तथा सुनिश्चित करेंगे कि कोई बाल विवाह तो सम्पन्न नहीं किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान बाल विवाह की सूचना अथवा बाल विवाह होता पाया जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।

उडनदस्ता दल में समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, समस्त अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, जनपद सीईओ / सीएमओ समस्त, समस्त परियोजना अधिकारी, समस्त विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी, समस्त, थाना प्रभारी, सेक्टर पर्यवेक्षक, स्थानीय पटवारी, स्थानीय सचिव, रोजगार सहायक, स्थानीय ग्राम कोटवार एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता को शामिल किया है।

गठित उड़नदस्ता बाल विवाह रोकथाम हेतु कार्यवाही करेंगे जिला एवं परियोजना स्तर व खण्ड स्तर पर विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं, कार सेवकों, जनप्रतिनिधियों एवं अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों का लाखो अभियान के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया जाकर उन का संवेदीकरण किया जावे एवं बाल विवाह में अपनी सेवायें न देने की अपील की जायें।

अन्तर्विभागीय समन्वय से विवाह मुहूर्ती के अवसर पर ग्रामों में बाल विवाह न करने का परामर्श वय बाल विवाह के सूचना हेतु परियोजनास्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाकर दूरभाष नं. का प्रचार प्रसार किया जावे इसके अतिरिक्त पुलिस थाना, चाईल्डलाईन, कलेक्टर/अनुविभागीय कार्यालय, जिला/परियोजना कार्यालय (आईसीडीएस) एवं विभिन्न विभागों के स्थानीय अधिकारियों के दूरभाष नं. भी उपलब्ध कराये जायें।

18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक की जानकारी एकत्रित कर सूची तैयार की जावे एवं समय पर उनकी निगरानी अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में एवं परियोजना अधिकारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा पुलिस निरीक्षक की टीम के द्वारा निगरानी रखी जावें कि उक्त बालक/बालिका का विवाह तो नहीं हो रहा है।

सामूहिक विवाह स्थल में बालक/बालिकाओं के उम्र संबंधी दस्तावेजों का प्रति परीक्षण अधिकारी/कर्मचारी द्वारा जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की अंकसूची आगनबाड़ी केन्द्र के रिकार्ड से किया जाये । दस्तावेजों के अभाव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्र को मान्य किया जायें |

सामूहिक विवाह करने वाले आयोजकों से शपथ पत्र प्राप्त करें कि अपने आयोजनों में बाल विवाह संपन्न नहीं करेंगे। इसी तरह प्रिन्टिग प्रेस. हलवाई, केटर्स, धर्मगुरू, बैन्डवाला, ट्रांसपोर्ट एवं समाज के मुखिया से अनुरोध किया जावे कि उम्र संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त कर परीक्षण के उपरांत ही विवाह में सेवायें प्रदाय करेंगे।

प्रिन्टिग प्रेस में मुद्रित की जा रही विवाह पत्रिका में वर वधु की विवाह योग्य विधि अनुरूप मान्य
उम्र है का स्पष्ट उल्लेख करने हेतु जिले के समस्त प्रिंटिंग प्रेस को निर्देशित किया जाए ।

अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में एवं परियोजना अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा पुलिस निरीक्षक की टीम तथा उनके अधीनस्थ अमले द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन में भम्रण कर वर-वधु के उम्र संबंधी दस्तावेजों का प्रति परीक्षण किया जावे। उक्तानुसार उड़नदस्तों एवं समस्त संबंधित विभागीय अमले द्वारा जिले में बाल विवाह रोकथाम सुनिश्चित करें ।

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 राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों की विभिन्न श्रेणियों पर संपूर्ण जीवनकाल के लिए मोटरयान कर (रोड टैक्स) से छूट प्रदान की है।

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मनोज कुमार तेहनगुरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि यह छूट राज्य शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लागू की गई है। यह निर्णय राज्य में हरित परिवहन को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

भारत सरकार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 02 अगस्त 2021 को जारी अधिसूचना के तहत, बैटरी चालित वाहनों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने, नवीनीकरण अथवा नए रजिस्ट्रेशन चिन्ह प्रदान करने के लिए लगने वाले शुल्क से पहले से ही छूट दी जा रही है। 

आरटीओ कार्यालय द्वारा वाहन स्वामियों से अनुरोध किया गया है कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को इस अधिसूचना के तहत कर छूट का लाभ लेते हुए पंजीकृत कराएं।

ई- वाहनों के पंजीयन में "कर" की आजीवन छूट 

ई- कार - 20 लाख रू. तक की मानक मूल्य वाली और 26 मार्च 2026 तक पंजीकृत होने वाली ई-कारों पर 100 प्रतिशत मोटरयान कर में छूट

ई-हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) - 26 मार्च 2026 तक पंजीकृत होने वाले वाहनों पर 100 प्रतिशत मोटरयान कर में छूट

ई-बसों, (गैर सरकारी अर्थात स्कूल बसें, निजी बस, मिनी, मिडी, र्स्टेडर्ड एवं र्स्टेडर्ड ऐसी बसों सहित सरकारी बसें) ई-ट्रक, ई-टेªक्टर एवं ई-एम्बुलेंस - 26 मार्च 2027 तक पंजीकृत होने वाले वाहनों पर 100 प्रतिशत मोटरयान कर में छूट

उपरोक्त प्रोत्साहन किसी भी प्रकार के हाईब्रिड वाहनों पर लागू नहीं होगें।

देश-दुनिया कृत्रिम बुद्धिमत्ता की तकनीक में नित नए आयाम बना रही है। भारत में भी महिलाओं को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के दावे किये जा रहे हैं। लेकिन हकीकत कुछ और भी बयान करते नजर आया रही है । आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के कई योजनाएँ चल रहीं हैं । 

प्रशासन की और से आये  दिन सफलता की कहानी जारी होतीं रहतीं हैं लेकिन यह सवाल आज भी उठ रहा हैं के महिलाओं का एक बड़ा तबका  आज भी घूंघट की कैद से मुक्त नहीं हो पाया है। इस दिशा में प्रशासन के काबिल प्रशिक्षक क्या कर रहे हैं ?

जब महिला की पहचान घूंघट की ओट से बाहर ही नहीं आ रही है तो भला यह कैसे पता लगता होगा  की प्रशिक्षण में आये महिलाएं कौन हैं, उन्हें बात समझ में आ  रही है या नहीं ? हर बार प्रशिक्षण में आ रही महिलाएं वही हैं जो पहले भी प्रशिक्षण में आयीं होगीं? यह कैसे पता लगाते  हैं ये प्रशिक्षक?

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 सागर जिले में फर्जी डिग्रीधारी और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिले में बिना वैध डिग्री और पंजीयन  के कोई भी चिकित्सा कार्य नहीं कर सकेगा। 

उन्होंने कहा कि ऐसी क्लिनिको को भी बंद किया जा रहा है जिनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं है। कलेक्टर सख्ती से कहा है  कि जिले में कोई भी फर्जी डॉक्टर प्रैक्टिस करता नहीं पाया जाना चाहिए। इसी परिप्रेक्ष्य में सागर जिले में लगातार कार्रवाई की जा रही है।

इसी क्रम में एसडीएम देवरी  भव्या त्रिपाठी के द्वारा स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने गौरझामर क्षेत्र में छापेमार कार्रवाही की। इस दौरान मजूमदार क्लिनिक और विश्वास अस्पताल को अवैध रूप से एलोपैथिक दवाइयों के भंडारण और बिना वैध रजिस्ट्रेशन इलाज करते पाए जाने पर सील कर दिया गया।

कार्रवाई की खबर लगते ही कई अन्य क्लीनिक बंद हो गई।  शहर में भी कार्रवाई की गई। डॉ. मोहम्मद स्वलेह (आसमा क्लीनिक शनिचरी), डॉ. धर्मेंद्र कुमार (शुक्रवारी) की क्लीनिकों को मौके पर दस्तावेज न होने के कारण सील कर दिया गया। 

डॉ. मिश्रा (शनिचरी) की क्लीनिक बंद पाई गई, वहीं डॉ. ए. डब्ल्यू. खान की क्लीनिक को भी बंद कराया गया। इस कार्रवाई में डॉ. देवेश पटेरिया (नोडल अधिकारी) और फार्मासिस्ट दीपक जैन ने कार्रवाही की। कलेक्टर ने कहा कि इसी प्रकार की कार्रवाई लगातार जारी रहे।

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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी किसी भी कार्यालय की रीढ़ होते हैं। यदि उन्हें समय पर वेतन नहीं  मिलेगा, तो उससे  प्रशासनिक व्यवस्था पर उल्टा असर पड़ेगा।छोटे कर्मचारियों के वेतन वितरण में देरी न हो इसके लिए ये तय किया जाए की  किसी भी हाल में वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन तभी मिले जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का भुगतान पूरा हो जाए।

ये निर्देश मंगलवार को  कलेक्टर  संदीप जी आर ने कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और उनको समय पर वेतन न मिलने की शिकायत के मद्देनजर जारी किये  है। इस सिलसिले में  उन्होंने जिला कोषालय अधिकारी को निर्देशित किया है कि विभागाध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का वेतन तब तक नहीं निकाला जाए, जब तक कि सभी कर्मचारियों सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन  आहरित न हो जाए।

 उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में  सफाईकर्मी, भृत्य ,वाहन चालक, माली आदि शामिल हैं, जो अक्सर सबसे कम वेतन पाने वाले और सबसे अधिक निर्भरता वाले वर्ग में आते हैं। उनके वेतन में देरी से उनके जीवन पर सीधा असर पड़ता है, जिस पर  प्रशासन ने भी गंभीरता से ध्यान दिया है।

कलेक्टर ने सभी विभागाध्यक्षों  को निर्देशित किया है कि वे वेतन वितरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता रखें और सुनिश्चित करें कि किसी भी हाल में वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन तभी मिले जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का भुगतान पूरा हो जाए।

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जिले में फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ चलते धरपकड़ अभियान के तहत अब तक दो दर्जन से ज्यादा  ऐसे डॉक्टर, क्लीनिक पर  कार्रवाई की जा चुकी हैं। 

गौरतलब है करीब एक हफ्ते पहले ही जिला कलेक्टर ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), अस्पताल संचालकों और सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देशित किया था कि जिले में ऐसे डॉक्टरों की पहचान कर त्वरित कार्रवाई की जाए। 


इसी क्रम में आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरी, मालथोन एसडीएम  मुनव्वर खान, तथा बीएमओ डॉ. शेखर श्रीवास्तव के द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही की गई।

बेसरा गांव में झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक निरीक्षण के समय बंद पाई गई। इसके उपरांत बेसरा उप स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया। वहाँ मौजूद सीएचओ एवं आयुष मेडिकल ऑफिसर को सख्त निर्देश दिए गए कि भविष्य में झोलाछाप क्लीनिक चालू पाए जाने पर तत्काल मुख्यालय को सूचित करें।

मालथोन शहरी क्षेत्र में बी ए एम एस डिग्रीधारी डॉक्टर मनोज जैन की क्लीनिक का भी निरीक्षण किया गया। क्लीनिक को केवल आयुर्वेदिक पद्धति के लिए लाइसेंस प्राप्त है, लेकिन वहां एलोपैथिक इलाज किया जा रहा था। डॉक्टर को अंतिम चेतावनी देते हुए निर्देश दिए गए कि दो दिवस के भीतर सभी एलोपैथिक दवाइयां हटाएं, अन्यथा क्लीनिक सील कर दी जाएगी।

इन पर हुई अब तक कार्रवाई

मेडिकल फर्जीवाड़े को रोकने और वैधानिक कार्रवाई करने के मामले में 

  • पीपुल्स हॉस्पिटल बीना, 
  • विप्लव विश्वास छोटी बंजरिया बीना, 
  • गुलाब पटेल छोटी बंजरिया बीना, 
  • समीर विश्वास बस स्टैंड देवरी, 
  • डॉ केसी पटेल रामधर तिराहा देवरी, 
  • गुरु दत्त अस्पताल डीडी पटेल रामधर तिराहा देवरी, 
  • इमाम खान सदर, 
  • डालचंद यादव सदर, 
  • सैयद अशरफ अली सदर, 
  • अरुण राय सदर, 
  • प्रीति अहिरवार जगदीशपुरा खुरई, 
  • दीपक जैन बंडा, 
  • डॉक्टर साहू बंडा, 
  • अरिहंत पैथोलॉजी लैब बंडा एवं 
  • राजा बाबू लोधी सहजपुर केसली शामिल हैं।


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कार्रवाई की घटनाएं

बंडा

अरिहंत नर्सिंग होम का निरीक्षण कर उसकी लैब को सील किया गया। सभी दस्तावेज जब्त कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपे गए।

देवरी

तीन झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक सील किए गए। बस स्टैंड पर स्थित बंगाली डॉक्टर समीर विश्वास की क्लीनिक को पुलिस व प्रशासन की टीम ने सील किया। मौके से एलोपैथिक दवाएं, एंटीबायोटिक, तथा सर्जरी में उपयोग होने वाले एनेस्थीसिया इंजेक्शन जब्त किए गए।

डॉ. समीर विश्वास के पास कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं मिले।क्लीनिक पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी के प्रमाणपत्र लगे थे, लेकिन इलाज एलोपैथिक तरीके से किया जा रहा था।

झुंनकू ग्राम पंचायत – संजय नगर

डॉ. सी. पटेल, दामोदर पटेल और गुरुदत्त क्लीनिक पर छापामार कार्रवाई कर एलोपैथिक दवाएं जब्त की गईं और क्लीनिक सील किए गए।

बीना तहसील छोटी बजरिया

यहां दो अवैध मेडिकल क्लिनिक को सील किया गया। संबंधित व्यक्तियों के पास कोई मेडिकल डिग्री या रजिस्ट्रेशन नहीं पाया गया।

बंडा तहसील ग्राम बिनायका

डॉ. मनीष वैद्य की 'दिव्यरत्न होम्यो क्लीनिक' और डॉ. उत्तम विश्वास की क्लीनिक बंद कराई गई। डॉ. विश्वास ने लिखित रूप से क्लीनिक बंद करने की जानकारी दी।

कलेक्टर ने निर्देश दिए है कि इस प्रकार की कार्यवाही सतत् जारी रहेंगी जिससे जिले वासियों के साथ किसी भी प्रकार के मेडीकल फर्जीवाड़े को होने से रोका जा सके।

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सागर जिले में खेतों में फसल अवशेष (पराली) जलाने की घटनाओं पर प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। कलेक्टर संदीप जी. आर. के निर्देश पर संबंधित किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। अब तक कई स्थानों पर एफआईआर दर्ज की गई है और कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि पराली जलाने वालों को कोई राहत नहीं दी जाएगी

प्रशासन की मुख्य कार्यवाहियाँ:

  • कलेक्टर ने निर्देश दिए कि संबंधित अधिकारी किसानों को पराली के वैकल्पिक नष्टिकरण तरीकों की जानकारी दें।

  • फसल अवशेष जलाने पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

  • बांदरी तहसील के ग्राम पाली सुजान में 7 किसानों के खिलाफ पराली जलाने पर एफआईआर दर्ज की गई।

  • केसली तहसील के ग्राम खजूरिया के दो किसानों के कारण ग्राम घाना की कई किसानों की खड़ी फसल जलकर नष्ट हो गई। दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

  • देवरी तहसील के ग्राम बरकोटी कला की महिला किसान प्रभाबाई और ग्राम नांदपुर के किसान भूपेंद्र लोधी के खिलाफ अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है।

 दर्ज मामलों का विवरण:

  1. ग्राम बदरी (गढ़ाकोटा तहसील)

    • आरोपी: अमोल कुर्मी

    • भूमि पर अवैध रूप से नरवाई जलाने पर एफआईआर।

  2. ग्राम भैसा (रहली तहसील)

    • 15 अप्रैल को कई किसानों की खड़ी नरवाई जलकर नष्ट।

    • अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज।

  3. ग्राम बेलई (बीना तहसील)

    • बिना सुरक्षा उपायों के पराली जलाने पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध एफआईआर।

  4. ग्राम रमपुरा (जैसीनगर तहसील)

    • आरोपी: राजाभाई और गोविंद सिंह

    • दो किसानों ने अलग-अलग खेतों में नरवाई जलाई।

    • इनके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज।

⚖️ कानूनी धाराएँ:

  • भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223(ख), 287

  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1981

  • वायु (प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम 1981

प्रशासन द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि फसल अवशेष जलाना कानूनन अपराध है और इसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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Sagar Watch News/ भारत सरकार के निर्देश के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 (NFSA-National Food Security Act, 2013) के अन्तर्गत राशन सामग्री का लाभ प्राप्त कर रहे हितग्राहियों की e-KYC का विशेष अभियान चलाया जा रहा है ताकि पात्र हितग्राही राशन सामग्री से वंचित न हो उक्त कार्य 30-अप्रैल -2025 तक शतप्रतिशत पूरा हो सके। 

जिसके संबंध में म.प्र. शासन द्वारा e-KYC किये जाने हेतु एन्ड्राईड मोबाईल फोन के प्ले स्टोर पर "मेरा e-KYC ऐप" पर सुविधा राशन प्राप्त कर रहे सभी नागरिकों को दी गई है वह स्वंय उक्त ऐप के माध्यम से अपने शेष सदस्यों की e-KYC कर राशन सामग्री का लाभ लगातार प्राप्त कर सकते है,

मोबाईल फोन से कैसे करें ? e-KYC

सर्व प्रथम- स्मार्ट फोन के प्ले स्टोर से "मेरा e-KYC ऐप" सर्च कर डाऊनलोड करें। उसके पश्चात प्ले स्टोर से FaceRD को डाउनलोड करना, बिना FaceRD के ऐप काम नहीं करेगा। उसके पश्चात "मेरा e-KYC ऐप" का उपयोग हेतु अपने मोबाईल की लोकेशन चालू अवस्था में होना अनिवार्य है।

"मेरा e-KYC ऐप" कैसे किया जाना है-

पात्र हितग्राही का जिनकी e-KYC की जानी है उनका आधार कार्ड। आधार कार्ड जिस मोबाईल से लिंक है वह चालू अवस्था में होना अनिवार्य है एवं e-KYC करते समय आपने पास रखा जाये। "मेरा e-KYC ऐप" डाउनलोड होने के पश्चात ऊपर तीन बिन्दु दिखाई देगे उस पर क्लिक कर भाषा का चयन करना। 

एप्लीकेशन पर अपने राज्य "Madhya Pradesh" का चयन कर लोकेशन को वेरीफाई करें। इसके बाद जिस हितग्राही की e-KYC की जाना है उसका सही आधार दर्ज कर OTP पर क्लिक करें। हितग्राही के आधार पर दर्ज मोबाईल पर 06 अंको का OTP प्राप्त होगा, जिसे दर्ज कर नीचे दर्शित

CAPTCHA कोड दर्ज कर जमा या Submit बटन पर क्लिक करें। इसके पश्चात हितग्राही का नाम, आधार नंबर के आखरी 04 अंक दर्शित होगे जिसे नीचे फेस ईकेवायसी पर क्लिक करने पर हितग्राही की e-KYC करने संबंधी सहमति घोषणा दिखाई देगी, जिस पर हितग्राही को ACCEPT बटन पर क्लिक करना होगा, इसके बाद मोबाईल फोन का (फ्रन्ट कैमरा सेल्फी मोड चालू होगा। 

जिस हितग्राही की e-KYC होना है उसका चहरा (फ्रन्ट कैमरा सेल्फी कैमरा के सामने करना होगा, उसके पश्चात हितग्राही को ध्यान रखना है कि कैमरे में चहरा गोले के अंदर रखना है जब कैमरे में दर्शित गोले (रिंग) का रंग हरा हो जाये उसके पश्चात अपने आंखो की पलको को दो बार झपकाना होगा। इसके पश्चात e-KYC सफल होने पर e-KYC सफलतापूर्वक कर ली गई का संदेश प्रदर्शित होगा।

छोटे बच्चे जो कि 5 वर्ष से कम हैं उनका e-KYC करते समय मोबाईल स्क्रीन पर Face auth is not allowed for this age of resident संदेश आता है इसका डाटा NIC द्वारा संधारित किया जा रहा है। 

अतः बच्चों का e-KYC अनिवार्यतः किया जाये। अतः राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 (NFSA-National Food Security Act, 2013) के अन्तर्गत लाभ ले रहे सभी हितग्राहियों से अपील की जाती है कि जिनकी e-KYC नहीं हुई है वह अपनी e-KYC अनिवार्य रूप से  30-अप्रैल-2025 के पूर्व कराये ताकि आप शासन की योजना से वंचित न हो।

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  राज्य सरकार ने 
किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है कि अब  सभी उपार्जन केन्द्रों पर आगामी 18 और 19 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश होने के बावजूद गेहूं की खरीदी का कार्य बिना रुके  जारी रहेगा। इसके लिए किसान स्लॉट बुक करा सकते हैं।

कलेक्टरों नजर रखें 

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री समस्त जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में उपार्जन केन्द्रों की निरंतर निगरानी  करें। उपार्जन कार्य से जुड़े कर्मचारियों, अधिकारियों और एजेंसियों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि किसानों को कतारों में लंबा इंतजार न करना पड़े, तुलाई, रख-रखाव, भुगतान और परिवहन की सभी व्यवस्थाएँ समय पर और पारदर्शिता से हों।

अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्रवाई

खाद्य मंत्री ने कहा कि  सरकार किसान हितैषी है। यह सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है कि किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसलिए अवकाश के दिन भी उपार्जन कार्य जारी रखा जाएगा। सभी संबंधित विभागों को आवश्यक संसाधनों और कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी उपार्जन केन्द्र से लापरवाही या अनियमितता की शिकायत प्राप्त होती है तो जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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जिले में ई केवायसी शिविर आयोजित किए जा रहे है जिसका निरीक्षण एसडीएम तहसीलदार सहायक खाद्य अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है और घर-घर सभी राशन दुकानों पर जाकर ईकेवाईसी करने की अपील की जा रही है। 

हितग्राहियों से अपील की जा रही है कि बगैर ईकेवायसी वाले हितग्राहियों को एक मई से खाद्यान्न नहीं मिलेगा सभी पात्रता पर्चीधारियों की ईकेवायसी के लिए 30 अप्रैल 2025 तक ई-केवाईसी करा लें। 

जिले में अबतक 19 लाख से अधिक राशन प्राप्त करने वाले पात्र हितग्राहियों में से अभी तक 13 लाख से अधिक  पात्र हितग्राहियों द्वारा ई केवाईसी कराई गई है शेष 5 लाख से अधिक पात्र हित ग्राही शीघ्रता से ही अपनी ई केवाईसी कराए और राशन प्राप्त करें।

 सभी राशन प्राप्त हितग्राहियों की ईकेवायसी कराए

कलेक्टर संदीप जी आर ने बताया कि जिले में 19 लाख 3 हजार 561 पर तहत कराई है केवाईसी करना है। उन्होंने बताया कि 11 जनपद पंचायत में 13 लाख 52 हजार 955 हितग्राहियों में से 9 लाख 26 हजार 156 हितग्राहियों द्वारा ई केवाईसी कराई गई है शेष 3 लाख 82 हजार 153 हितग्राही शेष है। इसी प्रकार 18 नगरी निकायों में 5 लाख 50 हजार 606 हितग्राही में से 4 लाख 03हजार 379 हितग्राहियों द्वारा ई केवाईसी कराई गई है शेष 1 लाख 46 हजार 839 हितग्राही अभी शेष है।

उन्होंने बताया कि जिले में 13 लाख 29 हजार 535 हितग्राहियों द्वारा केवाईसी कर ली गई है, अभी भी 5 लाख 28 हजार 992 हितग्राही शेष रह गए हैं उन्होंने बताया कि बचे हुए शेष हितकारी के लिए जिलेभर में ई केवाईसी करने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं।

कलेक्टर संदीप जी आर ने समस्त पात्रता पर्चीधारी हितग्राहियों से अपील की है कि शासकीय उचित मूल्य दुकान, ग्राम एवं वार्ड स्तर पर ई-के.वाय.सी. के लिए 9 अप्रैल 2025 से 30 अप्रैल 2025 तक अभियान चलाया जा रहा है। पात्रता पर्चाधारी परिवारों के समस्त सदस्यों की ई केवायसी होना अनिवार्य है। 

जिन पात्र सदस्यों की ईकेवायसी 30 अप्रैल 2025 तक नहीं होगी, उन सदस्यों के खाद्यान्न पर भारत सरकार द्वारा अनुदान भुगतान पर रोक लगाया जाना सम्भावित है, ऐसी स्थिति में ई-के.वाय.सी. के लिए शेष रहे सदस्य खाद्यान्न से वंचित हो सकते है। 

खाद्यान्न से वंचित होने जैसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सभी सदस्य अपनी-अपनी शासकीय उचित मूल्य दुकान की पीओएस मशीन से ई-के.वाय.सी. कराया जाना सुनिश्चित करें। 

यदि किसी सदस्य को ई-के. वाय.सी. कराने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है, तो वह संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व,कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक, वार्ड प्रमारी से सम्पर्क कर अपनी ई-के.वाय.सी. करा सकते है।

साथ ही यदि परिवार के किसी सदस्य का विवाह हो जाने पर वह किसी अन्य परिवार का सदस्य हो जाता है, किसी सदस्य मृत्यु हो जाती है अथवा कोई सदस्य स्थाई रूप से पलायन कर गया हो, तो ऐसे सदस्यों को अपनी राशन पात्रता पर्ची से ग्राम पंचायत सचिव एवं वार्ड प्रभारी से विलोपित करा सकते हैं। 

एसडीएम सागर आदिती यादव एसडीएम बंडा श्री रविश श्रीवास्तव देवरी श्रीमती भव्य त्रिपाठी, अशोक सेन के द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है सभी एसडीएम के साथ सहायक खाद्य अधिकारी भी राशन दुकानों पर जाकर ई केवाईसी शिविर में आने वाले व्यक्तियों से करने की अपील भी कर रहे हैं 

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मध्य प्रदेश के सागर जिले में देश के एक नामी खाद विक्रेता और विपणनकर्ता कंपनियों सहित स्थानीय विक्रेता के  कम्पनी के खिलाफ किसानों को अमानक खाद बेचने के आरोप में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी है। कंपनी के खिलाफ मिली शिकायतों के मुताबिक उसने करीब तीन दर्जन किसानों को अमानक और घटिया खाद बेची जिससे किसानों की फसल बर्बाद हो गयी  

कलेक्टर संदीप जी आर के निर्देश पर रहली के 32 किसानों को अमानक खरपतवार नाशक दवा बेचने एवं दवा से फसल नष्ट होने पर निर्माता कंपनी क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड (Crystal Crop Protection Limited) विपणनकर्ता सफायर क्रॉप साइंस प्रा.लि.(Saffire Crop Science Pvt.Ltd) एवं दुकानदार अभय जैन पर FIR की कारवाही की गई ।


रहली अनुविभागीय अधिकारी श्री गोविंद दुबे ने बताया कि मेसर्स श्री आदि एग्रो केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर रहली जिला सागर प्रो अभय जैन एवं निर्माता कंपनी क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड विपणनकर्ता सफायर क्रॉप साइंस प्रा.लि. द्वारा तहसील रहली के 32 कृषकों को गेहूं में खरपतवार नाशक दवा विक्रय की गयी थी। 

जिससे उनकी फसल नष्ट हो गयी जिसकी शिकायत प्राप्त होने पर, अनुविभागीय अधिकारी कृषि रहली एवं वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी रहली की टीम गठित कर खरपतवार नाशक दवा की सैंपलिंग करायी गयी एवं सैम्पल को कीटनाशी प्रयोगशाला भेजा गया जहाँ से उक्त खरपतवार नाशी दवा अमानक पाई गयी जो कीटनाशी अधिनियम 1968 की धारा 03 का उलंघन है 

उक्त से संबंध में कलेक्टर  निर्देश के परिपालन में वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी रहली द्वारा मेसर्स श्री आदि एग्रो केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर रहली जिला सागर, प्रो अभय जैन एवं निर्माता कंपनी क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड विपणनकर्ता सफायर क्रॉप साइंस प्रा.लि. रहली, के विरुद्ध थाना प्रभारी रहली के माध्यम से 12 अप्रैल को बीएनएसएस की धारा 173 के तहत प्राथमिकी सूचना (एफ.आइ.आर.) दर्ज करायी गयी है।

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 कलेक्टर संदीप जी आर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए बगैर पंजीयन के होम्योपैथी डॉक्टर एलोपैथी का बोर्ड लगाकर इलाज करते पाए गए जिसे तत्काल पंचनामा बनाकर क्लीनिक को सील किया गया। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ममता तिमोरे ने बताया कि कलेक्टर के द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि जिले में कोई भी झोलाछाप या फर्जी डॉक्टर पाया जाता है तो उस पर पुलिस कार्रवाई की जाए ,इसी परिपेक्ष में आज यह कार्रवाई की गई है

उन्होंने बताया कि कार्रवाई करने के लिए एक टीम बनाई गई जिसमें नोडल अधिकारी डॉक्टर देवेश पटेरिया, विनोद नामदेव सहित अन्य अधिकारी 

जाँच दल सदर इलाके में होम्योपैथी डॉक्टर इनाम खान अपनी क्लीनिक पर एलोपैथी का इलाज करते हुए मिले  एवं क्लिनिक पर  एलोपैथी इलाज के बड़े-बड़े बोर्ड भी लगाए पाए गए एवं एलोपैथी दवाइयां, इंजेक्शन भी उनके क्लीनिक में पाई गई है। 

इस सिलसिले में डॉक्टर इनाम खान के क्लिनिक को तत्काल रूप से सील किया गया है और डॉक्टर इनाम खान से सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने की निर्देश दिए गए हैं। 

कलेक्टर संदीप जी आर ने विगत दिवस स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी नर्सिंग होम एवं संचालक एवं अन्य डॉक्टरों की बैठक लेकर निर्देशित किया गया था कि सभी अपने-अपने नर्सिंग होम एवं क्लीनिक में यह सुनिश्चित करें कि कोई भी डॉक्टर फर्जी डिग्री के साथ प्रेक्टिस तो नहीं कर रहा है

उन्होंने सभी को निर्देशित किया था कि तीन दिवस में सभी जानकारियां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी निर्देशित किया था कि तीन दिवस में सभी नर्सिंग होम एवं अन्य अस्पतालों का निरीक्षण कर दस्तावेजों की जांच करें एवं जानकारी इकट्ठा करें 

घटना हो जाने के बाद जागने की  प्रशासन की चिरपरिचित अदा से भला कौन परिचित नहीं होगा। इस बार प्रशासन को  नींद से जगाने का काम मीडिया में छाये और कई लोगों की जान लेने के आरोपी और कथित डॉक्टर एन जॉन कम उर्फ़ नरेन्द्र यादव  ने किया है। अब जिले भर में दूकान चला रहे चिकित्सकों की कुंडली बनाने का काम शुरू हुआ है जल्द ही इनके कामकाज और  डिग्रियों की विस्तृत रपट जिला प्रशासन के मुखिया के पास सौपीं जानी है। 

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कलेक्टर संदीप आर ने फर्जी, झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभिन्न डॉक्टर्स , इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) सागर और अस्पताल संचालकों के साथ बैठक कर इस संबंध में निर्देश दिए हैं। 

बैठक में आईएमए द्वारा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तीन दिवस के अंदर सभी चिकित्सकों की पृष्ठभूमि पता लगाकर विस्तृत  रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। तत्पश्चात सीएमएचओ को इस प्रकार संकलित जानकारी से कलेक्टर को अवगत कराने के निर्देश दिए गए।

गौरतलब है कि कलेक्टर ने जिले के डॉक्टर्स से सीधा संवाद कर विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए साथ ही इस संबंध में मॉक ड्रिल कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी निर्देशित किया। 

उन्होंने मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर को कम करने हेतु स्वास्थ्य , महिला एवं बाल विकास विभाग सहित सभी अस्पतालों में विशेष कार्य करने और इस विषय पर संवेदनशील रहने के लिए कहा।

उन्होंने पीसीपीएनडीटी तथा पॉक्सो एक्ट के तहत नियम अनुसार कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में कलेक्टर श्री संदीप जी आर तथा पुलिस अधीक्षक श्री विकास शाहवाल ने कहा कि समय-समय पर संज्ञान में आने वाली महिलाओं, बच्चों से संबंधित घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए सभी डॉक्टर्स मार्गदर्शिका  के अनुसार ही कार्य करें।
उन्होंने चिकित्सकीय अपशिष्ट  के सही निस्तारण  के लिए भी आवश्यक प्रबंध के निर्देश दिए।

 कलेक्टर ने डॉक्टर सेफ्टी की बात करते हुए कहा कि डॉक्टर प्रोफेशन को नोबल प्रोफेशन कहा जाता है जहां एक ओर मरीज और परिजनों के लिए डॉक्टर भगवान से कम नहीं होता वहीं कई विशेष घटनाओं में डॉक्टर सेफ्टी पर भी बात करना आवश्यक है। 

इसके लिए पुलिस, जिला प्रशासन सहित अस्पताल संचालक भी आवश्यक प्रबंध करें। उन्होंने सभी डॉक्टर्स से अपील करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य में आवश्यक सुधार लाना है। इसमें विशेष रूप से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (Maternal and child Health)  पर प्राथमिकता से कार्य करना है। 

उन्होंने आयुष्मान कार्ड और बिलिंग के संबंध में निर्देश देते हुए कहा है कि जिले के सभी अस्पताल नर्सिंग होम आयुष्मान कार्ड के संबंध में अपने स्पष्ट जानकारी नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें। जिससे मरीज या परिजनों को किसी प्रकार की दुविधा ना रहे। अस्पताल का स्टाफ और प्रबंधन संवेदनशील रहते हुए मरीज, परिजनों से उचित संवाद रखे।