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सोयाबीन की खरीदी और तुलाई में हेर फेर करने के आरोप में जिले  में स्थित एक भंडार गृह में जिला प्रशासन ने ताले डलवा दिए हैं  भण्डार गृह द्वारा फसलों की खरीद में हेराफेरी करने की कारगुजारी जिला प्रशासन ने औचक निरीक्षण के दौरान पकड़ी । यह भण्डार गृह प्रदेश के पूर्व मंत्री व रहली के विधायक पंडित गोपाल भार्गव के क्षेत्र में आता है

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 कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में एक और सख्त फैसला लिया है। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारीयों एवं पटवारियों को चेताया है कि वे अपने मुख्यालयों पर ही निवास करें। साथ ही गावों में समस्या निवारण शिविर लगाएं और डायवर्सन शुल्क जमा न करने वालों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करें।  

कलेक्टर संदीप जी आर ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि राजस्व महान अभियान 3.0 के अंतर्गत अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जाए और जिन राजस्व अधिकारियों की प्रगति संतोषजनक नहीं है उनको तत्काल कारण बताओं नोटिस जारी करें।

कलेक्टर संदीप जी आर ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए कि सभी राजस्व अधिकारी अपने अपने मुख्यालयों पर रहे और समय सीमा में प्रकरणों का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी के साथ ग्रामों में जाकर समस्या निवारण शिविर लगाएं जिसमें समस्याओं के निराकरण के साथ-साथ न्यायालय प्रकरणों का भी निराकरण करें। 

उन्होंने कहा कि जो पटवारी अपने मुख्यालय पर नहीं रहते है और अपने कार्यों के प्रति लापरवाह है उनको तत्काल निलंबित करें। उन्होंने कहा कि सीमांकन का कार्य टीएसएम मशीन से समय सीमा में कराएं। उन्होंने कहा कि सभी तहसील कार्यालय में टीएसएम मशीन उपलब्ध हो और सभी पटवारी को इसका प्रशिक्षण हो जिससे कि वह मशीन के माध्यम से सीमांकन का कार्य कर सकें।

उन्होंने कहा कि नामांकन, बंटवारा भी समय सीमा में किया जावे। विवादित सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा में राजस्व अधिकारी मौके पर उपस्थित होकर आवेदक को बुलाकर निराकरण कराए। उन्होंने कहा कि शिविर में पूरी तैयारी के साथ जाएं और संबंधित व्यक्ति को बुलाकर संतुष्टिपूर्ण प्रकरण का निराकरण करें।

कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने निर्देश दिए कि राजस्व वसूली के लिए शिविर लगे और राजस्व वसूली के देनदारों की सूची बनाएं और बड़े देनदारों के नाम सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा कि राजस्व जमा न करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ वसूली एवं उनकी कुर्की करें। 

उन्होंने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी ग्रामों में जाकर ग्राम चौपाल लगाएं और समस्याओं का मौके पर निराकरण करें। उन्होंने कहा कि भूमि आवंटन के प्रकरणों का भौतिक सत्यापन मौके पर जाकर करें और और भूमि आवंटन के प्रकरणों का निराकरण करें। कलेक्टर  संदीप जी आर ने कहां कि आरबीसी 6-4 के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जावे कोई भी प्रकरण आरबीसी 6-4 का लंबित नहीं रहना चाहिए।

कलेक्टर संदीप जी आर ने जिले के एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए कि वह कैंप कोर्ट अर्थात न्यायालय आपके द्वार के माध्यम से प्रकरणों को हल करेंगे। कैंप कोर्ट के माध्यम से गांव गांव शिविर लगाकर प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। राजस्व अधिकारियों द्वारा अपने क्षेत्र में सेगमेंट कार्यक्रम के अनुसार भ्रमण नहीं किया जा रहा है। उनके मासिक भ्रमण कार्यक्रम प्राप्त नहीं हो रहे हैं न ही भ्रमण उपरांत भ्रमण डायरी प्रस्तुत की जा रही है।

जन सुविधा एवं लोकहित को दृष्टिगत रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) हेतु न्यायालय एवं शिविर का कार्यक्रम तैयार कर आदेश के साथ संलग्न किया जा रहा है। इन शिविरों में राजस्व अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं जनपद स्तरीय अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे तथा प्राप्त समस्याओं का निराकरण करेंगे। 

तहसीलदार, नायब तहसीलदार नामांतरण, बंटवारा, अतिक्रमण संबंधित प्रकरणों में सुनवाई कर निराकरण करेंगे। उपरोक्त कैंप न्यायालय/शिविर व्यवस्थित रूप से आयोजित हो इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उत्तरदायी होंगे।

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Sagar Watch News/ जिले में मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत मेडिकल स्टरों एवं खाद्य दुकानों पर लगातार कार्रवाई जारी है। बुधवार को 
राहतगढ़ में खाद्य एवं औषधि प्रशासक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग एवं पुलिस की संयुक्त कार्यवाही मेडिकल स्टरों एवं खाद्य की दुकानों से दवाओं और खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए


जिला औषधि अनुज्ञप्ति अधिकारी  प्रीत स्वरूप, मनीष सुमन जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रीति राय के द्वारा एसडीएम अशोक सेन के साथ राहतगढ़ में बस स्टेण्ड स्थित खाद्य प्रतिष्ठान वैष्णो देवी स्टॉल संचालक महेश सेन, सोम किराना संचालक हनुमान सिह राजपूत सादप चाय संचालक सादप कुरैशी पर निरीक्षण के दौरान एफएसएसएआई रजिस्ट्रेशन नहीं पाये जाने पर वैधानिक कार्यवाही की गयी ।


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वहीं राहतगढ़ तिगड्डा स्थित लोधी होटल का किचिन में अनियमित्तायें पाए जाने पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम की धारा 32 के तहत सुधार सूचना नोटिस जारी करने की कार्यवाही की गयी। साथ ही होटल से रसगुल्ले, जलेवी, मैदा, सोयाबीन तेल, हल्दी आदि के नमूने जांच हेतु संग्रहित किये गये इसके अलावा नेमा चाट सेन्टर, पवन किराना से शंका के आधार पर बेसन, गाय का घी के नमूने संग्रहित किये गये एवं खाद्य पदार्थाे की जांच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजे गये। इसके साथ चलित खाद्य प्रयोगशाला द्वारा मौके पर अनेक खाद्य पदार्थाें की प्राथमिक स्तर पर जांच की गई एवं लोगों को मिलावट से बचने के सरल तरीके बताये गये।

दो मेडिकल स्टोर को कारण बताओं नोटिस भी जारी किए गए

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राहतगढ़ तहसील में 2 संचालित औषधि दुकानों पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली 1945 के नियम अनुसार धाराओं का उल्लंघन करने पर कारण बताओं नोटिस जारी किये गये। जिनमें मेसर्स आशीष मेडीकल स्टोर्स, वार्ड न. 03, बस स्टेण्ड, राहतगढ तहसील राहतगढ़ जिला सागर म.प्र. एवं  मेसर्स ठाकर मेडीकल स्टोर, संजय मार्केट, मेन रोड, बस स्टेण्ड के पीछे राहतगढ़, तहसील राहतगढ़ जिला सागर म.प्र. है। मिलावट के खिलाफ चल रहे अभियान के अतर्गत तहसील राहतगढ़ से 02 औषधियों के नमूने जांच एवं विश्लेषण हेतु भी लिये गये।

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 जिले में खाद यूरिया की कालाबाजारी करने वालों पर देवरी में बड़ी कार्रवाई की गई। कलेक्टर ने सख्ती से जिले भर के   एसडीएम अधिकारीयों से अपने-अपने अनुविभाग के अंतर्गत कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था

इसी परिपेक्ष में एसडीएम भव्या त्रिपाठी के निर्देशानुसार  कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा दिनेश स्थापक के मकान से 516  यूरिया खाद बोरियो को जब्त किया गया।

नायब तहसीलदार  रामराज चौधरी ने बताया कि खाद यूरिया की कालाबाजारी करने पर कार्रवाई की गई है उन्होंने बताया की कार्रवाई में डीएपी की 191 बोरिया, एसएसपी की 195 बोरिया, ग्रोमोर की 24 बोरी, यूरिया की 33 बोरी, एवं एमओपी की 63 बोरी को जब्त किया गया। कार्रवाई के दौरान कृषि विभाग की एसएडीओ, एडीओ शामिल थे।

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  मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत जिले में कार्रवाईयां शुरू हो गयीं हैं। मंगलवार को  जिला औषधि अधिकारी एवं जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी के द्वारा सागर जिले के विभिन्न मेडिकल स्टोर एवं खाद्य दुकानों को घेरे में लिया।


जिला औषधि अनुज्ञप्ति अधिकारी  प्रीत स्वरूप ने बताया कि दवा की दुकानों से  पांच औषधी के नमूने जांच एवं विश्लेषण हेतु लिए गए हैं साथ ही नशा की रोकथाम हेतु दो दवा दुकानों से दवाइयां के क्रय विक्रय बिल भी  मांगे गए हैं

दवाओ में मिलावट के खिलाफ एवं नशे की रोकथाम हेतु कार्यवाही के तहत 

  • चेतन मेडिकल एजेंसी सागर 
  • चौधरी मेडिकल तिलकगंज सागर 
  • अक्षय एंटरप्राइजेज सागर पर कार्रवाई की गई।

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 इसी सिलसिले में मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा कटरा, भीतर बाजार, नया बाजार,, वर्णी कॉलोनी के कई खाद्य प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया एवं शंका के आधार पर नमूने संग्रहित किए गए ।

  • महेश नमकीन भंडार,कटरा स्थित से गुजराती नमकीन मिक्सचर, दालमोट मीठी खुरमी 
  • आहूजा ट्रेडर्स नया बाजार स्थित  से दलिया,चावल 
  • रत्नेश ट्रेडर्स,वर्णी कॉलोनी से मूंगफली तेल   

के नमूने संग्रहित कर परीक्षण हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजे गए।

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देश की राजधानी दिल्ली की दुर्दशा देखकर आखिर कर देश भर में सरकारें पराली यानी नरवाई जलाने पर रोक लगाने के लिए सख्त हो गयीं हैं 
। खेतों में खुले में कृषि के कचरे  यानी फसलों के अवशेष को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से आम लोगों का जीवन संकट में पड़ रहा है। हवा के दूषित होने से लोगों दम घुटने लगता है सांसों से जुडी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता  है इसलिए सरकारें किसानों को पराली/ नरवाई नहीं जलाने से रोक रहीं हैं। 

सागर में भी कृषि विभाग को किसानो द्वारा नरवाई जलाने की सूचना मिली है जिसके चलते जिला कलेक्टर ने भी जिले में नरवाई जलाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है  हालांकि यह किसानो के भी सोचने का समय है वह अपनी छोटे से फायदे के लिए नरवाई जला कर बड़े पैमाने पर लोगों की मुश्किलें न बढायें इस से  होने वाली आगजनी की घटनाओं से बचा जा सकेगा

Sagar Watch News/  सागर जिले में कृषि अवशेष नरवाई या पराली जलाने से होने वाले वायुप्रदूषण को देखते हुए नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया है  प्रतिबन्ध का उल्लंघन करने वाले किसानों पर 15 हज़ार रूपए तक का जुर्माने लगाया जायेगा

उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा जिला कलेक्टर के  संज्ञान में लाया गया है कि सागर जिले में रबी फसल की कटाई के पश्चात् अगली फसल के लिये खेत तैयार करने हेतु बहुसंख्यक कृषकों द्वारा अपनी सुविधा के लिये खेत में आग लगाकर गेहूँ के डंठलों को जलाया जाता है।

नरवाई में आग लगाने के कारण विगत वर्षों में गंभीर स्वरूप की अग्नि दुर्घटनाएं घटित हुई है, जिसके कारण मकानों में आग लगने से, समीप के खेतों में खड़ी फसल भी आग के कारण जलकर नष्ट हुई है, जिस कारण जन, धन एवं पशु हानि हुई है, साथ ही प्रशासन के लिए कानूनी व्यवस्थापन की स्थिति निर्मित हुई है। 

आग से उत्सर्जित होने वाली हानिकारक गैसों के कारण वायु मंडल एवं पर्यावरण प्रदूषित हुआ है, जिस कारण वायु मंडल में विद्यमान ओजोन परत भी प्रभावित हुई है और इस कारण पराबैंगनी हानिकारक किरणें पृथ्वी तक पहुँचती हैं, जो कि मानव, पशुओं के लिये रोगजन्य होती है।

ऐसी  घटनाओं को होने से रोकने एवं प्रदूषण के रोकथाम के लिए प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अनुपालन करते हुए नरवाई जलाना तत्समय से तत्काल प्रतिबंधित किया गया है। जो कि वर्तमान में निरंतर प्रतिबंधित रहेगा।

नरवाई जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी जो कि  2 एकड़ तक के कृषकों को  2500 रूपये  का अर्थदंड प्रति घटना, 2 से 5 एकड़ तक के कृषकों को  5000 रूपये का अर्थदंड प्रति घटना तथा 5 एकड़ से बड़े कृषकों को  15000 रूपये का अर्थदंड प्रति घटना के अनुसार कार्रवाईकी जाएगी।

नरवाई जलाने से  नष्ट होती है भूमि की उर्वरता

कलेक्टर संदीप जी आर ने बताया कि नरवाई जलाने से भूमि की उर्वरता एवं उत्पादकता प्रभावित होती है। खेत में आग लगने से खेत के माइक्रोफ्लोरा एवं माइक्रोफोना नष्ट हो जाते है। मृदा एक जीवित माध्यम है क्योंकि इसमें असंख्यक सूक्ष्म जीव यथा- बैक्टरियां, फंगस, सहजीविता निर्वहन करने वाले सूक्ष्म लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते है, जो कि भूमि की उर्वरता एवं उत्पादकता में सहायक होते है। 

उन्होंने बताया कि  नरवाई जलाने से खेत की उर्वरता में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे फसल उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। खेतों में विद्यमान नरवाई एवं फसल अवशेष, मृदा में विद्यमान माइक्रोफ्लोरा द्वारा अपघटित होकर जैविक खाद में परिवर्तित हो जाते है, जो कि मृदा के हयूमस में वृद्धि करते है और इस प्रकार मृदा की उर्वरता एवं उत्पादकता निरंतर बनी रहती है, जबकि आग लगाने से इस लाभ से मृदा वंचित रह जाती है। 

नरवाई जलाने से भूमि की जल भरण क्षमता एवं बोये गये बीज की अंकुरण क्षमता भी प्रभावित होती है। नरवाई जलाने से भूमि की लवण सांध्रता प्रभावित होती है, जो कि पौधों द्वारा पोषक तत्वों के अवशोषण की दर निर्धारित करती है ।

वायु प्रदूषण, पर्यावरण एवं भूमि की क्षति को दृष्टिगत रखते हुए सार्वजनिक हित में नरवाई जलाने की प्रथा पर तत्काल, अंकुश लगाने हेतु,  कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी, द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत जन सामान्य, मानव जीवन स्वास्थ्य, स्वांस के खतरे के प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए सागर जिले की भौगोलिक सीमाओं के खेत में धान अवशेष (पराली) खडे गेहूँ के तलों (नरवाई) एवं फसल अवशेषों में आग लगाये जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

जिला कलेक्टर ने कहा कि आदेश की सूचना जन सामान्य को मुनादी द्वारा दी जाये आदेश की प्रतियां कलेक्टर कार्यालय, तहसील कार्यालय, कृषि उपज मंडी, पुलिस थाना, जनपद पंचायत, नगर पालिका, ग्राम पंचायत आदि के सूचना पटल पर चस्पा की जाये।  यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध  कानूनी कार्यवाही की जायेगी।


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लम्बे समय से शहर के छावनी क्षेत्र का नगर निगम में विलय का विषय अटकलों के गलियारों में चहलकदमी करता रहा है 
। तरह -तरह के कयास लगाये जा रहे थे कि इन क्षेत्रों के विलय के साथ ही छाव्लनी क्षेत्र में भी बड़े-बड़े व्यावसायिक माल और बड़ी -बड़ी आवासीय कालोनियां खरपतवार से उगने लगेंगीं । कुछ का मानना था कि इस विलय के साथ ही छावनी क्षेत्र के बंगलों के मालिक रातों-रात करोडपति-अरबपति बन जायेंगे। 

लेकिन शनिवार को नगर निगम और छावनी क्षेत्र के अधिकारीयों कि बैठक के साथ ही इस विलय के स्वरुप के परतें खुलने लगीं हैं। उम्मीद है जल्द ही नगर निगम क्षेत्र में छावनी सीमा  के नागरिक क्षेत्र के विलय को लेकर अटकलों की बदलियाँ छटने लगेंगीं और हकीकत सामने आ जाएगी । 

Sagar Watch News/ छावनी परिषद सागर के   नागरिक क्षेत्र (civil Area )   नगर निगम में विलय के संबंध में निगमायुक्त  राजकुमार खत्री की अध्यक्षता में शनिवार को सागर स्मार्ट सिटी कार्यालय में बैठक आहूत की गई।

 बैठक में   सागर छावनी परिषदके नामित सदस्य  प्रभु दयाल पटेल मुख्य अधिशासी अधिकारी सागर छावनी परिषद   मनीषा जाट , , स्टेशन हेडक्वार्टर सागर कर्नल सुरिन्द्र सिंह राणा,  तहसीलदार सागर प्रवीण पाटीदार सहित अन्य अधिकारियों से विस्तार से चर्चा करते हुये निगमायुक्त   खत्री ने कहा की शहर विस्तार और नागरिक हित को ध्यान में रखते हुये शासन द्वारा कैंट के सिविल एरिया का विलय नगर निगम और नगर पालिकाओं में करने का निर्णय लिया गया है।

 सागर कैंट सिविल एरिया का नगर निगम में विलय होने से छावनी क्षेत्र के नागरिकों को भी नगर निगम की बेहतर सुविधाओं का लाभ मिलेगा। बेहतर पर्याप्त रौशनी वाली स्ट्रीट लाईट सहित सड़क कनेक्टिविटी, पानी सप्लाई, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, स्वच्छता व्यवस्था आदि नगर निगम की नागरिक सेवाओं सहित शासन की निगम सम्बन्धित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ पाने के लिए वे पात्र बनेंगे। 

कैंट के एक बड़े भू-भाग पर अवैध अतिक्रमण कर रहवास और अन्य गतिविधियां संचालित हैं। नगर निगम की सतत् निगरानी में अवैध अतिक्रमण को हटाकर सुंदर कायाकल्प किया जा सकेगा इससे शहर की स्वच्छता और सुंदरता सुनिश्चित होगी। 

उक्त बैठक में सर्वसम्मती से निर्णय लेते हुये कहा गया की कैंट के ऐसे क्षेत्र जहाँ अवैध अतिक्रमण और अन्य गतिविधियां संचालित हैं जिनसे सागर की स्वच्छता और सुंदरता प्रभावित होती है उन्हें जिला प्रशासन, नगर निगम, छावनी परिषद और भारतीय सेना के अधिकारियों द्वारा सयुक्त निरीक्षण कर चिन्हित किया जायेगा और अतिक्रमण आदि हटाने की कार्यवाही की जाकर उक्त भूमि को साफ-स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास किया जायेगा।

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न्यायालय आपके द्वार यानी कैम्प कोर्ट राजस्व विभाग की  एक अच्छी पहल है
 प्रशासन को जमीनी हकीकत से वाकिफ करने में ये कैंप कोर्ट बड़ी अहम् भूमिका अदा कर रहे हैं । इससे गांववासियों को भी काफी राहत मिलती है उन्हें अपने जमीन सम्बन्धी मामलों के समाधान के लिए जिला, तहसील या विकासखंड  मुख्यालय जाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और आर्थिक बोझ भी बढ़ता है

यह बात किसी से छिपी नहीं है जब ग्राम वासी अपने जमीन,घर या खेत से जुड़े मामलों के समाधान के लिए शहर या तहसील आता है तो पटवारी से मुलाक़ात करने में ही उसके पसीने छूट जाते हैं। प्रशासन के आला अफसर भी यह मान चुके हैं कि पटवारी अपने क्षेत्र से भी नदारद रहता है और मुख्यालयों में कम ही नजर आता है| अफसर कह रहे हैं कि पटवारियों के अपने क्षेत्रों में नामौजूदगी के चलते प्रशासन का सूचना तंत्र कमजोर हो गया है|

इतना ही नहीं हर हफ्ते लगातार चलने वाली बैठकों-विडियो  कॉन्फ़्रेंसिंग के चलते आला अधिकारीयों से मुलाक़ात करना मुश्किल होता है ऐसे में उनका आना-जाना  व्यर्थ जाता है पैसा खर्च होता है और जो मानसिक तनाव होता है सो वह अलग

Sagar Watch News/ कलेक्टर संदीप जी आर ने जिले के राजस्व अधिकारियों, एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए थे कि वह कैंप कोर्ट अर्थात न्यायालय आपके द्वार के माध्यम से प्रकरणों को हल करेंगे।  

कैंप कोर्ट के माध्यम से गांव-गांव शिविर लगाकर प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। इसी परिप्रेक्ष्य में बुधवार को  राजस्व महाअभियान 3.0 के अंतर्गत समस्याओं के निवारण के लिए तहसील बीना एरन में न्यायालय आपके द्वार (CAMP COURT) लगाया गया और इसके अतिरिक्त ग्राम पहरगवां तहसील बांदरी में भू-अर्जन कैंप शिविर (Land Acquisition) लगाया गया जिसका निरीक्षण मालथौन एसडीएम द्वारा किया गया।

कलेक्टर ने कहा कि नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन जैसे मूल कार्य 30 दिवस से अधिक लंबित न रहे। जैसे ही राजस्व अधिकारियों के समक्ष प्रकरण आए, उसे चिन्हित कर त्वरित रूप से आवश्यक कार्रवाई की जाए।

ग्रामवासियों की समस्या का समाधान तहसील/विकास खंड तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के स्तर से होना होता है।  तहसील विकासखंड एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के स्तर पर आमजन को सुने एवं अधिकारी क्षेत्र में भ्रमण करे एवं आम जनता की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से किया जाए।  

पटवारी भी अपने क्षेत्र या अपनी तहसील में निवास नहीं कर रहे हैं। इस कारण राजस्व विभाग का सूचना तंत्र कमजोर हो रहा है तथा क्षेत्र की महत्वपूर्ण सूचनाएं राजस्व अधिकारियों के माध्यम से प्राप्त न होकर अन्य माध्यमों से प्राप्त होती है।

जन सुविधा एवं लोकहित को दृष्टिगत रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) हेतु न्यायालय एवं शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में राजस्व अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं जनपद स्तरीय अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे तथा प्राप्त समस्याओं का निराकरण करेंगे। 

तहसीलदार, नायब तहसीलदार नामांतरण, बंटवारा, अतिक्रमण संबंधित प्रकरणों में सुनवाई कर निराकरण करेंगे। शिविर स्थल पर फर्नीचर आदि की व्यवस्था मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा की जा रही है।

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जिले में ऐसे मामले विरले ही होंगे जिसमें शिक्षण कार्य में लापरवाही, कामचोरी और चालबाजी जैसे लगने वाले कामों के लिए मास्साबों को दण्डित किया गया
उन्हें न केवल विभागीय स्तर पर निलंबन की सजा मिली बल्कि उनके खिलाफ थानों में मामले भी दर्ज कराये गए। मास्साबों की कथित कारगुजारियों भी क्षम्य नजर नहीं आतीं हैं। जो मास्साब खुद छल-फरेब करते नजर आते हों वो भला किस मुंह से बच्चों को नैतिकता की क्या सीख देते होंगे । 

एक ज़माने में शिक्षक बनना लोगों का जूनून होता था। वे तमाम कठिनाइयों को झेलते हुए भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देते थे और खुद भी नैतिक जीवन जीकर मिसाल पेश करते थे। लेकिंन अब  शिक्षक बनना घर परिवार चलने का महज एक जरिया और नौकरी बन कर रह गयी है। ये तो एक ही मामला हैं ढूँढने पर ऐसे कई महानुभाव अभी भी शिक्षकों की बिरादरी को लज्जित करने में लगे होंगे । देखते हैं उनका नंबर कब आता है

Sagar Watch News/ दैनिक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकशित खबर के आधार पर मालथौन विकासखंड शिक्षा अधिकारी जी पी अहिरवार एवं विकासखंड स्त्रोत समन्वयक   विजय सींग ठाकुर ने शासकीय प्रा.शाला मझेरा का निरीक्षण किया जिसमें विद्यालय के छात्रों एवं ग्राम वासियों ने बताया कि   इन्द्रविक्रम सींग परमार स्कूल बहुत कम आते है उनके स्थान पर   ममता अहिरवार पढाने आती है। 

इसी प्रकार शासकीय एकीकृति माध्यामिक शाला भैलैया में पदस्थ  रूप सिंह चढार प्राथमिक  शिक्षक के स्थान पर विक्रम सिंह  लोधी के पढ़ाने आते है। इसी प्रकार जैसी नगर के शासकीय प्राथमिक शाला रहली के शिक्षक अनिल मिश्रा, शासकीय  एकीकृत माध्यमिक शाला बंजरिया की शिक्षिका जानकी तिवारी एवं भगवानदास सकबार, गोकुल प्रजापति है। 

जनशिक्षक - स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल के समय समय पर जारी दिशा निर्देश अनुसार मालथौन विकासखंड के जनशिक्षक जगभन अहिरवार, जैसीनगर जनपद शिक्षा केन्द्र के हरिशंकर लोधी एवं भोलाराम अहिरवार को अपने शिक्षक केन्द्र में आने वाली समस्त प्राथमिक  माध्यामिक  शालाओं की 15 दिवस में निगरानी/निरीक्षण तथा दायित्वो के निर्वाहन में घोर लापरवाही बरतने तथा स्वैच्छाचारिता सहभागिता परिलक्षित  होती है। उक्त कृत अपराधिक एवं स्वैच्छाचारिता गंभीर कदाचरण होने के फलस्वरूप म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1966 के नियम का उल्लंघन है।

उक्त प्रकरण में थाना मालथौन के अंतर्गत 
रूप सिंह चढ़ार, 
इंद्र विक्रम सिंह, 
जगभान अहिरवार 
थाना जैसीनगर के अंतर्गत 
हरिशंकर लोधी, 
अनिल मिश्रा, 
जानकी तिवारी, 
भगवानदास सकवार, 
गोकुल प्रजापति तथा 
थाना खुरई के अंतर्गत 
अवतार सिंह ठाकुर, 
भोलाराम अहिरवार 
के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(18) एवं अन्य धाराओं के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया  

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यह सही है कि शहर के यातायात को नियमित करने में 
चतुर यातायात प्रबंधन तंत्र अहम् भूमिका निभा रहा है। जो वाहन चालक इस तंत्र की नजर में नियमों का उल्लंघन करते चिन्हित किये गए हैं और उनके ई-चालानों का भुगतान बकाया है अब उनकी मुश्किलें बढ़ने वालीं हैं। पर चतुर यातायात तंत्र की क्षमताओं पर कई सवाल भी उठ रहे हैं। 

लोगों का कहना है की बिना नंबर प्लेट, आधे-अधूरे नंबर वाली और आड़े-टेढ़े अंदाज़ में नंबर लिखे नंबरों वालीं प्लेटों  के वाहनों पर कोई कार्रवाई करने में इस तंत्र कि चतुराई नहीं चल पा रही है। वे बेख़ौफ़ यातायात के नियमों का उल्लंघन कर दौड़ते रहते हैं। तेज कानफोडू आवाज वाले साइलेंसर  वाले वाहन भी पकड़ में नहीं आ रहे हैं। इनको पकड़ने में  यातायात का यह  चतुर तंत्र फिसड्डी साबित हो रहा है । क्या वाहन पर सही नंबर प्लेट लगाने वाले ही हरदम ई-चालान भरते रहेंगे?  

Sagar Watch News/ यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर पांच या पांच से अधिक ई-चालान जिन वाहनों पर जनरेट किये गये हैं उन वाहनों की जब्ती की कार्यवाही करें। उक्त निर्देश कलेक्टर संदीप जी. आर. ने दिये हैं। सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के चतुर यातायात प्रबंधन तंत्र  (Intelligent Traffic Management System) द्वारा शहर में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सतत निगरानी  (Monitoring) की जा रही है। 

शहर में दो-पहिया वाहनों पर बिना हेलमेट,तीन सवारी और रेड लाईट का उल्लंघन जैसे यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर चतुर यातायात प्रबंधन तंत्र  (ITMS- Intelligent Traffic Management System) के अंतर्गत चौराहों पर लगे अत्याधुनिक आरएलवीडी कैमरों, ऐएनपीआर कैमरों की मदद से ई-चालान की कार्यवाही की गई है। 

इन  ई-चालान (E-Challan) की सूचना संबंधित वाहन मालिकों के पास सन्देश, ऑनलाइन माध्यम से दी गई और दूरभाष  के जरिये  भी चालान जमा करने हेतु सूचित किया गया। लेकिन  वाहन चालकों द्वारा चालान न भरने के साथ ही बार-बार यातायात नियमों का उल्लंघन किया गया है,जिसके कारण एक वाहन पर कई ई-चालान (E-Challan) लंबित पड़े हैं।

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435 वाहन मालिकों के 5 चालान सहित इससे अधिक चालान वाले 997 वाहन मालिकों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश कलेक्टर एवं सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अध्यक्ष संदीप जी. आर. ने पुलिस विभाग को दिये। ई-चालान (E-Challan) जारी  होने के तत्काल सूचना मिलने से 15 दिन के अंदर चालान की जुर्माना राशि ऑनलाइन (Online) या यातायात थाने के माध्यम से जमा की जाती है। 

ऐसे सभी वाहन जिन पर ई-चालान (E-Challan) का भुगतान बाकी है उनके प्रकरण (Virtual-Court) के माध्यम से माननीय न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किये गये हैं। कलेक्टर ने ऐसे  सभी लापरवाह वाहन चालकों द्वारा ई-चालान(E-Challan) का भुगतान न करने पर वाहनों की जब्ती के साथ ही सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। निर्देशानुसार 5 और 5 से अधिक चालान वाले कुल 997 वाहन मालिकों पर वाहन जब्ती के साथ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। 

आपके वाहन की जब्ती  कार्यवाही न हो इसके लिए नागरिक अपने वाहनों पर ई-चालान की जानकारी वेबसाइट एवं व्हीकोर्ट  पर ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर भुगतान कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए वाहन मालिक थाना यातायात कटरा बाजार या सिविल लाईन स्थित कार्यालय में उपस्थित होकर अपने प्रकरण का निराकरण करायें अन्यथा की स्थिति में वाहन जब्ती की कार्यवाही की जायेगी।

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दिव्यांगों की समस्याओं को हल करने के प्रति जिला कलेक्टर ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं। उन्होंने सभी विभागों और सार्वजनिक स्थानों को दिव्यांग मित्र बनाने के लिए कहा है। साथ ही दिव्यांगों कि समस्याओं को तय समय में हल करने के भी निर्देश दिए हैं। इससे यह उम्मीद जगती हैं की दिव्यांगों को अपनी समस्या के निराकरण के लिए बार-बार कलेक्ट्रेट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। 

लेकिंन दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील कलेक्टर महोदय इस और भी ध्यान दें कि दिव्यांगों को कलेक्ट्रेट आना ही न पड़े वो जहां रहते हैं उसी तहसील, विकासखंड या गाँव में उनकी समस्याएँ हल हो जाएँ। जाहिर इसके लिए उन्हें कुछ ऐसा करना होगा ताकि उनके जैसी संवेदनशीलता उनके अधीनस्थों में भी जग जाए।

Sagar Watch News/ कलेक्टर संदीप जी.आर. दिव्यांगों के प्रति  संवेदनशील कार्यशैली अपनाने की ओर रुझान दिखाते लग रहे हैं। शासकीय कार्यालय, अन्य सार्वजनिक स्थानों को दिव्यांग मित्र (Disable Friendly) बनाने के लिए कहा है। 

अब जनसुनवाई स्थल , यानी कलेक्ट्रेट में भी दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। जनसुनवाई स्थल पर किसी दिव्यांग के पहुंचने पर उन्हें सुलभ स्थान पर चलित कुर्सी (Wheelchair) उपलब्ध है साथ ही सहायक के साथ उन्हें एक पृथक कक्ष तक ले जाया जाता है।

कलेक्टर  संदीप जी आर के निर्देश पर जनसुनवाई में आने वाले दिव्यांगों   के लिए एक अलग कक्ष बनाया गया है, जहां वो  स्वयं पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुनते हैं तथा संबंधित अधिकारी/ विभाग को तत्काल उस पर कार्यवाही करने के निर्देश देते हैं। 

इसके साथ ही वे इन प्रकरणों तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को समय सीमा के रूप में चिन्हित  भी करते हैं, जिससे कि संबंधित का प्रकरण समय सीमा के अंदर शीघ्र हल किया जा सके। मंगलवार को भी करीब 11 विभिन्न दिव्यांग व्यक्ति जनसुनवाई स्थल पहुंचे।

अब जनसुनवाई स्थल पर भी बनेंगे आधार कार्ड 

कलेक्टर के निर्देश पर अब जनसुनवाई स्थल पर भी आधार कार्ड बन सकेंगे। अगले मंगलवार से यह सुविधा शुरू की जा रही है। कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने बताया कि प्रायः जनसुनवाई स्थल पर आधार से संबंधित शिकायतों को लेकर कई व्यक्ति आते हैं, जिनकी समस्या हल करने के लिए मौके पर ही अब टीम मौजूद रहेगी जो समस्या हल करने के साथ-साथ नए आधार बनाने का भी कार्य करेगी। 

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😝अब तक लोगों ने मास्साबों द्वारा विद्यार्थियों को सजा देने की ख़बरें तो खूब पढीं होंगी लेकिन यह खबर मास्साबों को सजा मिलने की कहानी कह रही है। मप्र के सागर जिले  में मास्साबों ने अलग ही  गोरख धंधा चला रखा है।  वे खुद की जगह भाड़े पर लोगों को रख कर स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई करा रहे हैं। 

 देश के भविष्य का नाश करने पर  तुले  इन मास्साबों की कारगुजारी सामने आने पर कलेक्टर साहब भी सन्न रह गए।  फिर उन्होंने ने इन कामचोर और हथकंडे बाज शिक्षकों को सबक सिखाने के ऐसा कदम उठाया की पूरे शिक्षा महकमे में हडकंप मच गया।😳 

Sagar Watch News/ सागर दैनिक समाचार पत्र की खबर " भाड़े के शिक्षकों से स्टाफ को भी आराम इसलिए नहीं करते कार्रवाई " की खबर की बाद कलेक्टर संदीप जी आर  ने लापरवाही करने वाले अधिकारियों,शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी संकुल प्राचार्य को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए तीन जन शिक्षक ,पांच शिक्षकों कुल आठ को निलंबित किया है। 

कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी लापरवाही करने वालों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

जिला कलेक्टर ने बताया कि दैनिक समाचार पत्र की खबर के बाद यह कार्रवाई की गई है और जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वह प्रति दिन विद्यालयों का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

दिनांक 18 नवंबर को एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित खबर "भाड़े के शिक्षक से संस्था में बच्चों को पढ़वाया जा रहा है।" शीर्षक के संबंध में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक मालथौन द्वारा  माध्य. शाला भेलैंया एवं प्राथमिक शाला मझेरा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया एवं संयुक्त जांच कार्रवाई कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया ।

प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार निरीक्षण के दौरान पदस्थ अन्य शिक्षकों एवं छात्रों एवं अभिभावकों द्वारा अवगत कराया गया कि रूप सिंह चढ़ार, प्राथमिक शिक्षक शाला भेलैंया में नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहते, उनके स्थान पर श्री विक्रम सिंह लोधी(किराए के शिक्षक) संस्था में शैक्षणिक कार्य कराया जा रहा हैं। रूप सिंह चढ़ार द्वारा  विक्रम सिंह लोधी को प्रति माह राशि रूपये 3000 मान से वेतन के रूप में देने की पुष्टी होना प्रतीत होती है ।

इसी प्रकार इंद्र विक्रम सिंह परमार, प्राथमिक शिक्षक शाला मझेरा विकासखंड मालथौन में नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहते, उनके स्थान पर श्रीमती ममता अहिरवार (किराए के शिक्षक) से  संस्था में शैक्षणिक कार्य कराया जा रहा हैं। श्री इंद्र विक्रम सिंह परमार द्वारा श्रीमती ममता अहिरवार को प्रति माह राशि रूपये 3000 मान से वेतन के रूप में देने की पुष्टी होना प्रतीत होती है ।

इसी प्रकार विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड स्त्रोत समन्वयक जनपद शिक्षा केंद्र जैसीनगर के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार शासकीय प्राथमिक शाला रहली बंद पाई गई सभी बच्चे शाला परिसर में पाए गए संस्था में उपस्थित छात्रों द्वारा बताया गया कि  अनिल मिश्रा प्राथमिक शिक्षक शाला में सप्ताह में एक बार उपस्थित होते हैं एवं उनके स्थान पर संस्था में श्री भगवानदास सकवार (किराए के शिक्षक)  पढ़ाने  आते हैं।

 इसी प्रकार निरीक्षण के दौरान एकीकृत माध्यमिक शाला बंजरिया विकासखंड जैसीनगर का निरीक्षण किया गया  निरीक्षण के दौरान पाया गया कि जानकी तिवारी प्राथमिक शिक्षक जो प्राथमिक शाला घानामाफी में पदस्थ हैं शैक्षणिक व्यवस्था अंतर्गत एकीकृत माध्यमिक शाला बंजरिया में कार्यरत हैं उनकी जगह गोकुल प्रजापति किराए पर शैक्षणिक कार्य करते हैं।

इसी प्रकार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी खुरई  द्वारा  शासकीय प्राथमिक शाला कजरई विकासखंड खुरई का आकस्मिक निरीक्षण किया गया एवं संयुक्त जांच कार्रवाई कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। 

प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार संख्या में पदस्थ शिक्षा श्री अवतार सिंह ठाकुर प्राथमिक शाला कजरई विकासखंड खुरई अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह एवं अनियमित हैं इन्होंने अपने स्थान पर एक अन्य शिक्षक श्री राहुल पंडित को किराए पर शैक्षणिक कार्य हेतु लगाया हुआ है। 

समाचार पत्र के मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित खबर की पुष्टी जांच प्रतिवेदन के अनुसार श्री रूप सिंह चढ़ार एवं श्री इंद्र विक्रम सिंह परमार, श्री अनिल मिश्रा, श्रीमती जानकी तिवारी, श्री अवतार सिंह ठाकुर प्रथम दृष्टतया दोषी हैं।


उपरोक्त का उक्त कृत्य आपराधिक एवं स्वैच्छाचारिता, गंभीर कदाचरण होने के फलस्वरूप म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1966 का उल्लंघन है।

  • रूप सिंह चढ़ार एवं 
  • इंद्र विक्रम सिंह परमार, 

  • अनिल मिश्रा,  
  • जानकी तिवारी, 

  • अवतार सिंह ठाकुर 

को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966  के तहत निलंबित किया गया।

जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन ने बताया कि उक्त निलंबित शिक्षकों के खिलाफ पुलिस एफआईआर भी की जा रही है।

तीन जन शिक्षकों में जनपद शिक्षा केंद्र खुरई के प्रभारी जन शिक्षक भोलाराम अहिरवार, जैसीनगर विकासखंड के जनपद शिक्षा केंद्र के जनशिक्षक श्री हरिशंकर लोधी एवं  माल्थोन के जनपद शिक्षण केंद्र जगभान अहिरवार के द्वारा मॉनिटरिंग निरीक्षण न किए जाने तथा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने पर  संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग डॉक्टर मनीष वर्मा ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया । 

शिक्षा विभाग के द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारियों  एवं संकुल प्राचार्य को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया उनमें  

  • राम सेवक शर्मा प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी खुरई, 
  • दिनेश गुप्ता संकुल केंद्र प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय माल्थोन, 
  • जी एस अहिरवार प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी जैसीनगर एवं संकुल केंद्र प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलहरा, 
  • जीपी अहिरवार प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी मालथौन एवं 
  • एच एन जिझौतिया संकुल केंद्र प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक ललिता शास्त्री खुरई विकासखंड खुरई शामिल हैं।

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शासकीय कामों  में कामचोरी, लापरवाही और देरी करने पर कलक्टर ने तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पंचायत सचिवों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन  पर सजा के तौर पर जुर्माना ठोक दिया है 

कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट  संदीप जी.आर. के आदेशानुसार, अपने कार्यों के प्रति लापरवाही और प्रकरणों का निराकरण समय सीमा के अंदर नहीं करने पर केसली तहसीलदार  प्रीतिरानी चौधरी, बांदरी तहसीलदार  अनिल कुशवाहा एव नायब तहसीलदार बहरोल बंडा  ममता मिश्रा, नायब तहसीलदार मंडबामौरा बीना सुनील कुमार खरे सहित जनपद जैसीनगर, बंडा, केसली, देवरी, बीना, रहली, सागर, शाहगढ़, मालथौन की विभिन्न ग्राम पंचायतों के सचिवों पर जुर्माना लगाया गया।

म०प्र० लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी द्वारा अपने अधिकार का उपयोग करते हुए, आर्थिक सांख्यिकी विभाग के प्रकरण को समय सीमा के अंदर निराकरण न करने, साथ ही इस हेतु पूर्व में भी पंचायत सचिवों को निर्देशित करने के उपरांत भी प्रकरण का निराकरण समय सीमा में नहीं किया गया हैं। साथ ही कारण बताओ नोटिस का भी ग्राम पंचायत  सचिवों द्वारा समाधान कारक जबाव नहीं दिया गया ।

उक्त कृत्य लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 की धारा 7 (क) का उल्लंघन हैं। अतएव सचिवों के द्वारा आवेदन को विलंबत करने एवं समय सीमा पर निराकृत नहीं करने पर दंड स्वरूप जुर्माना लगाया गया। साथ ही उक्त जुर्माना राशि को तीन दिन के अंदर जमा करने का आदेश दिया गया।


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 जिला योजना समिति की बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी के अंतर्गत बनने वाले आवास के सिलसिले में निर्देश दिए कि "कार्य पूर्ण करें एवं आवंटन होने के पश्चात लोकार्पण कराएं।" 

उन्होंने कहा कि जिले की जिन विधानसभा क्षेत्रों के व्यक्तियों के नाम आवास सूची से छूटे हुए हैं उनका पुनः परीक्षण कराएं और चिन्हित करने  (Mapping) की कार्रवाई शुरू करें जिससे कि छूटे हुए पात्र व्यक्तियों को भी शीघ्रता से आवास प्रदान किया जा सके।

उन्होंने नल जल योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि नल जल योजनाओं एवं जल जीवन मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों के तत्काल बाद सड़कों की बहाली (Restoration) पूरी गुणवत्ता के साथ किया जाए एवं पानी की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि सभी कार्य शीघ्रता से पूरे करें। 

जल जीवन मिशन के अंतर्गत 1792 ग्रामों 331958 परिवारों को पानी प्रदान किया जाना है। उन्होंने जल निगम के माध्यम से जिले में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की भी समीक्षा की और निर्देश दिए कि सभी परियोजनाओं का कार्य समय सीमा में किया जावे जिससे कि समय पर शुद्ध पेयजल प्रदान किया जा सके और सिंचाई भी की जा सके।

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प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत जिले में चल रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि 2100 करोड रुपए की लागत से बनने वाली सागर-दमोह फोरलेन मार्ग (Sagar-Damoh Fourlane Higway) का काम "कार्यादेश (Work-Order) जारी होते ही प्रारंभ करें और भू अर्जन के कार्य भी शुरू करें। 

उन्होंने सागर जिले की बहु प्रतीक्षित सागर बाईपास (By-Pass)  का (Work-Order) जारी होने के साथ ही शीघ्रता से कार्य पूर्ण किया जाए।  सागर भोपाल फोरलेन सड़क के संबंध में निर्देश दिए कि बेलखेड़ी सड़क से ग्यारसपुर विदिशा रायसेन होते हुए जो फोरलेन सड़क बन रही है, उसे बेरखेड़ी सड़क से सागर तक जोड़ा जाए।

प्रभारी मंत्री ने सागर जिले में चल रहे सभी जिक्र करते हुए कहा कि  वे समय सीमा में किए जाएं और जो कार्य स्वीकृत हुए हैं उनका "विस्तृत परियोजना रपट"  (DPR) तैयार करें और विभाग को प्रेषित करें, जिससे कि राशि स्वीकृत कर आगे की कार्रवाई की जा सके।

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  प्रभारी मंत्री  शुक्ल ने जिला योजना समिति कि बैठक में  जिले में खाद, उर्वरक के वितरण के संबंध में भी समीक्षा करते हुए निर्देश दिए की खाद और उर्वरक के वितरण के दौरान किसानों  को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखा जाए। 

उन्होंने कहा कि सभी वितरण केंद्रों पर आवश्यक मूलभूत सुविधाएं बनाये रखने पर जोर देते हुए कहा  कि रबी फसल के दौरान किसानों को 10 घंटे बिजली आपूर्ति उपलब्ध रहे इसके लिए भी लगातार कार्य करें और जहां भी ट्रांसफार्मर खराब होते हैं उन्हें तत्काल बदला जाये। 

उन्होंने आयुष्मान कार्ड योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के द्वारा 70 प्लस वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 लाख तक का मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने की योजना प्रारंभ की है , उसमें जिले के सभी 70 प्लस वरिष्ठ नागरिकों की आयुष्मान कार्ड समय सीमा में बनाएं । सभी नगरीय निकायों , पंचायत स्तर पर शिवरों का आयोजन करें।

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जिला योजना समिति में उपमुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने  एक नजरिये जिला अस्पताल और बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय के विलय पर मुहर लगा दी है  उन्होंने सागर कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में जिला चिकित्सालय और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के विलय (Merger) के बाद डॉक्टरों की कमी भी पूरी होगी तथा अन्य विभाग भी शुरू होंगे और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में सीटें बढ़ाने की परेशानी भी खत्म होगी। 

प्रभारी मंत्री श्री  शुक्ल ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की समीक्षा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के लिए जो भी वित्तीय आवश्यकता है उसका एक विस्तृत प्रारूप तैयार कर प्रस्तुत करें जिससे सभी कार्य समय सीमा में कराये जा सकें। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि तिलीमाफी में बन रहे छात्रावास का कार्य गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूर्ण करें जिससे कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज परिसर में बने छात्रावासों के स्थान पर अस्पताल का विस्तार किया जा सके। 

बैठक में उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि "सेहत कि जांच का अधिकार"  (Right To Screening) उद्देश्य के तहत संपूर्ण जिले वासियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। (Right To Health) के साथ-साथ (Right To Screening) पर भी ज़ोर दें जिससे कि संपूर्ण जिले वासियों की "सेहत का रूप-रेखिकरण" (Health Profiling) की जा सके। आईपीएचएस- 12 (Indian Public Health Standards-12) के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में जनशक्ति (Manpower) की कमी जल्द पूरी होगी।

साथ ही  इंदिरा नेत्र चिकित्सालय में "अंतर विश्लेषण" (Gap Analysis) करें जिससे अस्पताल के "क्षमता से कम उपयोग" (Under Utilization) से संबंधित मुद्दों पर कार्य किया जा सके।

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मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत  राजस्थान स्वीट्स गोदाम , फैक्ट्री स्थान पथरिया जाट में औचक निरीक्षण किया गया। 

खाद्य सुरक्षा अधिकारी   प्रीति राय ने बताया कि मौके पर मिले मावा , घी एवं मिठाई की सैंपलिंग कराई गई ।  फैक्ट्री ग्राम पथरिया जाट के रहवासी क्षेत्र में निजी आवासीय परिसर में संचालित की जा रही है , निरीक्षण के दौरान पता की फर्म के पास टर्न ओवर के अनुसार उत्पादन इकाई  की अनुमति  नहीं है केवल भण्डारण की मंजूरी पाई गई। 

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 धनतेरस एवं दीपावली पर्व पर 29 से 30 अक्टूबर तक कटरा क्षेत्र में प्रातः 08-00 बजे से रात्रि 10 बजे तक तीन पहिया एवं चार पहिया वाहन पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है  संभावित भीड़ को देखते हुये वाहनों के प्रवेश प्रतिबंध को अतिरिक्त समय के लिये बढ़ाया भी जा सकता है।


प्रतिबंधित वाहन तीन मढ़िया, एलिवेटेड कोरिडोर, राधा तिराहा, अप्सरा टॉकीज, विजय टॉकीज, मोतीनगर तिराहा, राहतगढ़ बस स्टैण्ड वनवे से कटरा की ओर प्रवेश नही कर सकेगें, इसके अतिरिक्त तीन बत्ती से कटरा मस्जिद तक सड़क के दोनो ओर किसी भी प्रकार के वाहन की पार्किंग प्रतिबंधित रहेगी।

यातायात पुलिस शहर के समस्त नागरिकों से यह अनुरोध करती है कि उपरोक्त मागों से अपने तीन पहिया, चार पहिया (आटों, आपे, लोडिंग वाहन, पिकप, कार) इत्यादि वाहनों का प्रवेश उक्त स्थानों से नही करेगें। तीन बत्ती से कटरा मस्जिद तक जो भी चार पहिया वाहन पार्क किये गये है उन्हे तत्काल हटाकर निजी पार्किंग स्थलों पर पार्क किया जाना सुनिश्चित करे अन्यथा ऐसे वाहनों को क्रेन से हटवाया जावेगा जिससे वाहन में होने वाली संभावित क्षति की जिम्मेदारी वाहन मालिक की होगी।