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लम्बे समय से शहर के छावनी क्षेत्र का नगर निगम में विलय का विषय अटकलों के गलियारों में चहलकदमी करता रहा है । तरह -तरह के कयास लगाये जा रहे थे कि इन क्षेत्रों के विलय के साथ ही छाव्लनी क्षेत्र में भी बड़े-बड़े व्यावसायिक माल और बड़ी -बड़ी आवासीय कालोनियां खरपतवार से उगने लगेंगीं । कुछ का मानना था कि इस विलय के साथ ही छावनी क्षेत्र के बंगलों के मालिक रातों-रात करोडपति-अरबपति बन जायेंगे।
लेकिन शनिवार को नगर निगम और छावनी क्षेत्र के अधिकारीयों कि बैठक के साथ ही इस विलय के स्वरुप के परतें खुलने लगीं हैं। उम्मीद है जल्द ही नगर निगम क्षेत्र में छावनी सीमा के नागरिक क्षेत्र के विलय को लेकर अटकलों की बदलियाँ छटने लगेंगीं और हकीकत सामने आ जाएगी ।
Sagar Watch News/ छावनी परिषद सागर के नागरिक क्षेत्र (civil Area ) नगर निगम में विलय के संबंध में निगमायुक्त राजकुमार खत्री की अध्यक्षता में शनिवार को सागर स्मार्ट सिटी कार्यालय में बैठक आहूत की गई।
बैठक में सागर छावनी परिषदके नामित सदस्य प्रभु दयाल पटेल मुख्य अधिशासी अधिकारी सागर छावनी परिषद मनीषा जाट , , स्टेशन हेडक्वार्टर सागर कर्नल सुरिन्द्र सिंह राणा, तहसीलदार सागर प्रवीण पाटीदार सहित अन्य अधिकारियों से विस्तार से चर्चा करते हुये निगमायुक्त खत्री ने कहा की शहर विस्तार और नागरिक हित को ध्यान में रखते हुये शासन द्वारा कैंट के सिविल एरिया का विलय नगर निगम और नगर पालिकाओं में करने का निर्णय लिया गया है।
सागर कैंट सिविल एरिया का नगर निगम में विलय होने से छावनी क्षेत्र के नागरिकों को भी नगर निगम की बेहतर सुविधाओं का लाभ मिलेगा। बेहतर पर्याप्त रौशनी वाली स्ट्रीट लाईट सहित सड़क कनेक्टिविटी, पानी सप्लाई, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, स्वच्छता व्यवस्था आदि नगर निगम की नागरिक सेवाओं सहित शासन की निगम सम्बन्धित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ पाने के लिए वे पात्र बनेंगे।
कैंट के एक बड़े भू-भाग पर अवैध अतिक्रमण कर रहवास और अन्य गतिविधियां संचालित हैं। नगर निगम की सतत् निगरानी में अवैध अतिक्रमण को हटाकर सुंदर कायाकल्प किया जा सकेगा इससे शहर की स्वच्छता और सुंदरता सुनिश्चित होगी।
उक्त बैठक में सर्वसम्मती से निर्णय लेते हुये कहा गया की कैंट के ऐसे क्षेत्र जहाँ अवैध अतिक्रमण और अन्य गतिविधियां संचालित हैं जिनसे सागर की स्वच्छता और सुंदरता प्रभावित होती है उन्हें जिला प्रशासन, नगर निगम, छावनी परिषद और भारतीय सेना के अधिकारियों द्वारा सयुक्त निरीक्षण कर चिन्हित किया जायेगा और अतिक्रमण आदि हटाने की कार्यवाही की जाकर उक्त भूमि को साफ-स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास किया जायेगा।
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