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न्यायालय आपके द्वार यानी कैम्प कोर्ट राजस्व विभाग की  एक अच्छी पहल है
 प्रशासन को जमीनी हकीकत से वाकिफ करने में ये कैंप कोर्ट बड़ी अहम् भूमिका अदा कर रहे हैं । इससे गांववासियों को भी काफी राहत मिलती है उन्हें अपने जमीन सम्बन्धी मामलों के समाधान के लिए जिला, तहसील या विकासखंड  मुख्यालय जाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और आर्थिक बोझ भी बढ़ता है

यह बात किसी से छिपी नहीं है जब ग्राम वासी अपने जमीन,घर या खेत से जुड़े मामलों के समाधान के लिए शहर या तहसील आता है तो पटवारी से मुलाक़ात करने में ही उसके पसीने छूट जाते हैं। प्रशासन के आला अफसर भी यह मान चुके हैं कि पटवारी अपने क्षेत्र से भी नदारद रहता है और मुख्यालयों में कम ही नजर आता है| अफसर कह रहे हैं कि पटवारियों के अपने क्षेत्रों में नामौजूदगी के चलते प्रशासन का सूचना तंत्र कमजोर हो गया है|

इतना ही नहीं हर हफ्ते लगातार चलने वाली बैठकों-विडियो  कॉन्फ़्रेंसिंग के चलते आला अधिकारीयों से मुलाक़ात करना मुश्किल होता है ऐसे में उनका आना-जाना  व्यर्थ जाता है पैसा खर्च होता है और जो मानसिक तनाव होता है सो वह अलग

Sagar Watch News/ कलेक्टर संदीप जी आर ने जिले के राजस्व अधिकारियों, एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए थे कि वह कैंप कोर्ट अर्थात न्यायालय आपके द्वार के माध्यम से प्रकरणों को हल करेंगे।  

कैंप कोर्ट के माध्यम से गांव-गांव शिविर लगाकर प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। इसी परिप्रेक्ष्य में बुधवार को  राजस्व महाअभियान 3.0 के अंतर्गत समस्याओं के निवारण के लिए तहसील बीना एरन में न्यायालय आपके द्वार (CAMP COURT) लगाया गया और इसके अतिरिक्त ग्राम पहरगवां तहसील बांदरी में भू-अर्जन कैंप शिविर (Land Acquisition) लगाया गया जिसका निरीक्षण मालथौन एसडीएम द्वारा किया गया।

कलेक्टर ने कहा कि नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन जैसे मूल कार्य 30 दिवस से अधिक लंबित न रहे। जैसे ही राजस्व अधिकारियों के समक्ष प्रकरण आए, उसे चिन्हित कर त्वरित रूप से आवश्यक कार्रवाई की जाए।

ग्रामवासियों की समस्या का समाधान तहसील/विकास खंड तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के स्तर से होना होता है।  तहसील विकासखंड एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के स्तर पर आमजन को सुने एवं अधिकारी क्षेत्र में भ्रमण करे एवं आम जनता की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से किया जाए।  

पटवारी भी अपने क्षेत्र या अपनी तहसील में निवास नहीं कर रहे हैं। इस कारण राजस्व विभाग का सूचना तंत्र कमजोर हो रहा है तथा क्षेत्र की महत्वपूर्ण सूचनाएं राजस्व अधिकारियों के माध्यम से प्राप्त न होकर अन्य माध्यमों से प्राप्त होती है।

जन सुविधा एवं लोकहित को दृष्टिगत रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) हेतु न्यायालय एवं शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में राजस्व अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं जनपद स्तरीय अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे तथा प्राप्त समस्याओं का निराकरण करेंगे। 

तहसीलदार, नायब तहसीलदार नामांतरण, बंटवारा, अतिक्रमण संबंधित प्रकरणों में सुनवाई कर निराकरण करेंगे। शिविर स्थल पर फर्नीचर आदि की व्यवस्था मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा की जा रही है।
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