#sagar #collector #munadi #parali #narwaayee #fine
देश की राजधानी दिल्ली की दुर्दशा देखकर आखिर कर देश भर में सरकारें पराली यानी नरवाई जलाने पर रोक लगाने के लिए सख्त हो गयीं हैं । खेतों में खुले में कृषि के कचरे यानी फसलों के अवशेष को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से आम लोगों का जीवन संकट में पड़ रहा है। हवा के दूषित होने से लोगों दम घुटने लगता है सांसों से जुडी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है इसलिए सरकारें किसानों को पराली/ नरवाई नहीं जलाने से रोक रहीं हैं।
सागर में भी कृषि विभाग को किसानो द्वारा नरवाई जलाने की सूचना मिली है जिसके चलते जिला कलेक्टर ने भी जिले में नरवाई जलाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। हालांकि यह किसानो के भी सोचने का समय है वह अपनी छोटे से फायदे के लिए नरवाई जला कर बड़े पैमाने पर लोगों की मुश्किलें न बढायें इस से होने वाली आगजनी की घटनाओं से बचा जा सकेगा।
Sagar Watch News/ सागर जिले में कृषि अवशेष नरवाई या पराली जलाने से होने वाले वायुप्रदूषण को देखते हुए नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया है । प्रतिबन्ध का उल्लंघन करने वाले किसानों पर 15 हज़ार रूपए तक का जुर्माने लगाया जायेगा।
उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा जिला कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया है कि सागर जिले में रबी फसल की कटाई के पश्चात् अगली फसल के लिये खेत तैयार करने हेतु बहुसंख्यक कृषकों द्वारा अपनी सुविधा के लिये खेत में आग लगाकर गेहूँ के डंठलों को जलाया जाता है।
नरवाई में आग लगाने के कारण विगत वर्षों में गंभीर स्वरूप की अग्नि दुर्घटनाएं घटित हुई है, जिसके कारण मकानों में आग लगने से, समीप के खेतों में खड़ी फसल भी आग के कारण जलकर नष्ट हुई है, जिस कारण जन, धन एवं पशु हानि हुई है, साथ ही प्रशासन के लिए कानूनी व्यवस्थापन की स्थिति निर्मित हुई है।
आग से उत्सर्जित होने वाली हानिकारक गैसों के कारण वायु मंडल एवं पर्यावरण प्रदूषित हुआ है, जिस कारण वायु मंडल में विद्यमान ओजोन परत भी प्रभावित हुई है और इस कारण पराबैंगनी हानिकारक किरणें पृथ्वी तक पहुँचती हैं, जो कि मानव, पशुओं के लिये रोगजन्य होती है।
ऐसी घटनाओं को होने से रोकने एवं प्रदूषण के रोकथाम के लिए प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अनुपालन करते हुए नरवाई जलाना तत्समय से तत्काल प्रतिबंधित किया गया है। जो कि वर्तमान में निरंतर प्रतिबंधित रहेगा।
नरवाई जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी जो कि 2 एकड़ तक के कृषकों को 2500 रूपये का अर्थदंड प्रति घटना, 2 से 5 एकड़ तक के कृषकों को 5000 रूपये का अर्थदंड प्रति घटना तथा 5 एकड़ से बड़े कृषकों को 15000 रूपये का अर्थदंड प्रति घटना के अनुसार कार्रवाईकी जाएगी।
नरवाई जलाने से नष्ट होती है भूमि की उर्वरता
कलेक्टर संदीप जी आर ने बताया कि नरवाई जलाने से भूमि की उर्वरता एवं उत्पादकता प्रभावित होती है। खेत में आग लगने से खेत के माइक्रोफ्लोरा एवं माइक्रोफोना नष्ट हो जाते है। मृदा एक जीवित माध्यम है क्योंकि इसमें असंख्यक सूक्ष्म जीव यथा- बैक्टरियां, फंगस, सहजीविता निर्वहन करने वाले सूक्ष्म लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते है, जो कि भूमि की उर्वरता एवं उत्पादकता में सहायक होते है।
उन्होंने बताया कि नरवाई जलाने से खेत की उर्वरता में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे फसल उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। खेतों में विद्यमान नरवाई एवं फसल अवशेष, मृदा में विद्यमान माइक्रोफ्लोरा द्वारा अपघटित होकर जैविक खाद में परिवर्तित हो जाते है, जो कि मृदा के हयूमस में वृद्धि करते है और इस प्रकार मृदा की उर्वरता एवं उत्पादकता निरंतर बनी रहती है, जबकि आग लगाने से इस लाभ से मृदा वंचित रह जाती है।
नरवाई जलाने से भूमि की जल भरण क्षमता एवं बोये गये बीज की अंकुरण क्षमता भी प्रभावित होती है। नरवाई जलाने से भूमि की लवण सांध्रता प्रभावित होती है, जो कि पौधों द्वारा पोषक तत्वों के अवशोषण की दर निर्धारित करती है ।
वायु प्रदूषण, पर्यावरण एवं भूमि की क्षति को दृष्टिगत रखते हुए सार्वजनिक हित में नरवाई जलाने की प्रथा पर तत्काल, अंकुश लगाने हेतु, कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी, द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत जन सामान्य, मानव जीवन स्वास्थ्य, स्वांस के खतरे के प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए सागर जिले की भौगोलिक सीमाओं के खेत में धान अवशेष (पराली) खडे गेहूँ के तलों (नरवाई) एवं फसल अवशेषों में आग लगाये जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
जिला कलेक्टर ने कहा कि आदेश की सूचना जन सामान्य को मुनादी द्वारा दी जाये आदेश की प्रतियां कलेक्टर कार्यालय, तहसील कार्यालय, कृषि उपज मंडी, पुलिस थाना, जनपद पंचायत, नगर पालिका, ग्राम पंचायत आदि के सूचना पटल पर चस्पा की जाये। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
Post A Comment:
0 comments so far,add yours