Sagar Watch/ जिले में रबी फसलों का कार्य प्रगति पर है, जिसके चलते बेसल डोज (Basal Dose) के रूप में कृषकों को डीएपी (DAP-Di-Ammonium Phosphate) एनपीके (NPK-Nitrogen-Phosphate-Potassium) एवं एसएसपी (SSP-Single Super Phosphate) उर्वरक की आवश्यकता होती है। रबी फसलों के लिए कृषक डीएपी उर्वरक का अधिक उपयोग करते है।
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Sagar Watch/ जिले में रबी फसलों का कार्य प्रगति पर है, जिसके चलते बेसल डोज (Basal Dose) के रूप में कृषकों को डीएपी (DAP-Di-Ammonium Phosphate) एनपीके (NPK-Nitrogen-Phosphate-Potassium) एवं एसएसपी (SSP-Single Super Phosphate) उर्वरक की आवश्यकता होती है। रबी फसलों के लिए कृषक डीएपी उर्वरक का अधिक उपयोग करते है।
सागर, 31 जुलाई 2023/ जिले में पर्याप्त मात्रा मे यूरिया उपलब्ध है। जिले में 2605 मीट्रिक टन यूरिया की एक रैक सागर को मिली है। जिसे मिलाकर 4 हजार मीट्रिक टन यूरिया जिले में उपलब्ध है।
जिला विपणन श्रीमती राखी रघुवंशी ने बताया कि जिसमें 1830 मीट्रिक टन यूरिया विपणन संघ के गोदाम में भेजा गया है। इसमें गौरझामर, देवरी और केसली में 900 मीट्रिक टन, सागर और जैसीनगर में 520 मीट्रिक टन, गढ़ाकोटा और रहली 260 मीट्रिक टन, खुरई में 150 मीट्रिक टन यूरिया शामिल है। ये स्टाक 2 अगस्त से गोदामों से विक्रय हेतु उपलब्ध रहेगा।
सागर 06 जुलाई 2023/ किसानों को कृषि उपज विपणन के क्षेत्र में अभिनव कदम उठाते हुए मोबाईल एप के माध्यम से अपनी कृषि उपज का विक्रय अपने घर, खलिहान, गोदाम से कराने की सुविधा प्रदान की गई है।
सर्वप्रथम किसान अपने एंड्राइड मोबाईल (Android Mobile) पर प्ले स्टोर (Play Store) में जाकर मंडी बोर्ड भोपाल का मोबाईल एप MP FARM GATE APP डाउनलोड (download) करना होगा तथा एप इंस्टाल कर कृषक पंजीयन पूर्ण करना होगा। फसल विक्रय के समय किसानों को अपनी कृषि उपज के संबंध में मंडी फसल, ग्रेड-किस्म, मात्रा एवं वांछित भाव की जानकारी दर्ज करना होगा।
SAGAR WATCH/ मध्य प्रदेश की कृषि उत्पादन आयुक्त वीरा राणा का कहना है कि सागर संभाग में इस वर्ष 20 से 40 प्रतिशत वर्षा कम होने की भविष्यवाणी की गई है, जिसको देखते हुए किसानों को कम पानी वाली फसलों को पैदा करना होगा।
कृषि उत्पादन संबंधी समीक्षा बैठक में ऑनलाइन शामिल हुईं कृषि आयुक्त ने कहा कि मिलेट उत्पादन के लिए रकबें में वृद्धि हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। साथ में जैविक एवं प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्राथमिकता से जागरूक किया जाए। खरीफ फसल हेतु खाद बीज का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करें। उक्त निर्देश कृषि उत्पादन।
SAGAR WATCH/ जिले में रबी उपार्जन का कार्य लगातार जारी है। अब तक 44 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अनिल तंतुवाय ने बताया जिले में 153 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें लगभग तीन लाख मीट्रिक टन फसल का उपार्जन किया जाना है।
Sagar Watch/ कृषि स्थाई समिति से कार्यक्रमों का अनुमोदन लिये बिना नियम विरूद्ध बीज ग्राम एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अन्तर्गत बीज वितरण कार्यक्रम विकासखण्डों को जारी कर दिया गया था।
कलेक्टर जिला टीकमगढ़ ने कु० छत्रपाल सिंह “छोटू राजा“ सदस्य जिला पंचायत ,अध्यक्ष कृषि स्थाई समिति, जिला पंचायत की शिकायत पर श्री भरत राजवंशी, उपसंचालक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को निलंबित कर दिया गया है ।
श्री राजवंशी द्वारा पंचायती राज व्यवस्था का पालन नहीं किया जा रहा था । पूर्व में भी उनके द्वारा प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरांत कर्मचारियों के स्थानानंतरण आदेश जारी नहीं किये गये थे।
सागर वॉच/रबी विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन 1 फरवरी से 25 फरवरी तक करा सकते हैं। किसान पंजीयन की व्यवस्था को सहज और सुगम बनाने के लिए किसानों के स्वयं के मोबाईल में सुविधा दी गई है। अब किसान घर बैठे पंजीयन कर सकेंगे। किसानों को पंजीयन केन्द्रों में लाईन लगाकर पंजीयन कराने की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
सागर वॉच/ धान उपार्जन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा की बैठक में जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि समर्थन मूल्य पर किसानों से अभी तक 14 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। जिले में बनाए गए 30 धान खरीदी केन्द्रों के माध्यम से खरीदी जारी है। जिले में कुल 7750 किसानों ने धान विक्रय के लिए पंजीयन करवाया था। अभी तक 2248 किसानों द्वारा धान विक्रय किया जा चुका है। 3986 किसानों द्वारा धान विक्रय के लिए स्लाट बुक किए गए है।
सागर वॉच। मध्य प्रदेश में किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा द्वारा भूमि सुपोषण अभियान-चलो खेत की ओर चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से किसान मोर्चा 75000 किसानों को तैयार कर 75000 हजार एकड़ भूमि में प्राकृतिक कृषि करवाएगा। यह बात दर्शन सिंह चौधरी प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा ने सागर में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही।
सागर वॉच/ कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि किसानों को खाद उपलब्ध आसानी से हो इसके लिए जिला वितरण केंद्र की वितरण केंद्रों से एवं समितियों की वितरण केंद्र से खाद का वितरण कराया जा रहा है जहां पर समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है।
किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किए गए जिसके तहत उनको समस्त खाद वितरण केंद्रों पर खाद प्राप्त करने के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। जिसके तहत बैठने के लिए कुर्सी, पानी, पंडाल एवं चाय की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई।
उन्होंने बताया कि कालाबाजारी रोकने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं जिसकी चलते कालाबाजारी करने वालों पर पुलिस कार्रवाई की गई है एवं उर्वरक को जब्त किया गया है उन्होंने बताया कि किसान भाइयों को सुविधा से खाद उपलब्ध हो इसके लिए समस्त निजी वितरण केंद्रों पर पटवारियों एवं तहसीलदारों की नियुक्ति कर निगरानी की जा रही है।
सागर वॉच/15 मार्च 2022/ एसडीएम, तहसीलदार एवं जेएसओ उपार्जन केंद्रों का भौतिक सत्यापन करें एवं समस्त रबी उपार्जन केंद्र पर भंडारण, परिवहन, बारदाने सहित समस्त अन्य मूलभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। उक्त निर्देश कलेक्टर ने जिला उपार्जन समिति की बैठक में दिए ।
NEWS IN SHORT / ख़बरें संक्षेप में
सागर वॉच / 6 मार्च 2022/
- स्वयं के मोबाईल अथवा कम्प्यूटर से पंजीयन हेतु निर्धारित लिंक पर जाकर,
- ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केन्द्र पर,
- जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर,
- तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्रों पर,
- पूर्व वर्षो की भांति सहकारी समिति द्वारा संचालित केन्द्र पर।
सागर 26 दिसम्बर 2021

सागर वॉच/ 10 दिसम्बर 2021/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सागर में लगभग 1000 करोड़ रूपये के कार्य कराए जा रहे हैं। इससे सागर शहर की तस्वीर बदल जायेगी। यह इंदौर जैसा स्मार्ट शहर बन जायेगा। लाखा बंजारा झील से पुराने सागर तक बनने वाला एलीवेटेड कॉरीडोर पुराने एवं नये सागर को जोड़ेगा। आगे इसे मेडिकल कॉलेज तक बढ़ाया जाएगा। नगर में 12 करोड़ रूपये की लागत से ऑडिटोरियम बनाया गया है। साथ ही विकास के विभिन्न कार्य कराये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाकर हर बहन की मासिक आमदनी 10 हजार रूपये की जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। शहरी महिलाओं को भी आजीविका मिशन से जोड़ा जा रहा है। स्व-सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों के लिए धन की व्यवस्था के साथ ही उनके उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना में सागर प्रदेश में अग्रणी है। यहाँ 8 हजार पथ व्यवसाइयों को व्यवसाय के लिए 10-10 हजार रूपये का बिना ब्याज का ऋण सरकार द्वारा दिलवाया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखण्ड को 44 हजार 605 करोड़ रूपये की बड़ी सौगात केन-बेतवा लिंक योजना के रूप में दी है। यह बुंदेलखण्ड के विकास के लिये अद्भुत कार्य है। इस योजना से बुंदेलखण्ड के हर खेत को पानी मिलेगा। इससे यहाँ 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी तथा 62 लाख व्यक्तियों को पीने का पानी मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज सागर में 221 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे पूर्व सी.डी.एस. स्व. जनरल बिपिन रावत महान शूरवीर एवं योद्धा थे। ऐसे व्यक्ति सदियों में पैदा होते हैं। मैं उनके चरणों में सादर प्रणाम करते हुए श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने दो मिनिट का मौन रखकर स्व. श्री बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी।
लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखण्ड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान धन्यवाद के पात्र हैं। बेतवा विकास की नदी है। सागर स्मार्ट सिटी का कार्य नगर को नया स्वरूप प्रदान करेगा। लाखा झील को परिष्कृत एवं परिमार्जित करने का कार्य महत्वपूर्ण है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि केन-बेतवा लिंक योजना बुंदेलखण्ड की तस्वीर बदल देगी। इससे पूरा बुंदेलखण्ड समृद्ध और संपन्न होगा। हमारी सरकार ने सागर में मेडिकल कॉलेज शुरू करने तथा सागर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय घोषित करवाने का कार्य किया। सागर में एलीवेटेड कॉरीडोर का कार्य महत्वपूर्ण है, इसका दूसरा फेज भी शुरू होगा।
राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि सागर में मेडिकल कॉलेज की लम्बे समय से मांग थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस मांग को पूरा किया। कोरोना काल में कोरोना मरीजों के इलाज में इस मेडिकल कॉलेज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा सागर के चहुँमुखी विकास के लिये विभिन्न कार्य कराये जा रहे हैं। इसके लिये वे बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर 14 करोड़ 35 लाख रूपये लागत के सभागार का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 75 करोड़ 60 लाख रूपये की लागत से एलीवेटेडे कॉरीडोर कार्य, 66 करोड़ 88 लाख के बुंदेलखंड कल्चरल एवं इन्फॉर्मेशन सेंटर कार्य, 20 करोड़ 32 लाख के सिटी गवर्नेंस सेंटर एवं 8 जोनल सिटीजन फेसिलिटेशन सेंटर कार्य, 16 करोड़ 36 लाख के ट्रांसपोर्ट नगर एवं मेकेनिक्स कॉम्पलेक्स कार्य, 8 करोड़ 02 लाख डेयरी विस्थापन कार्य का भूमि पूजन किया ।
इसके अलावा 4 करोड़ 88 लाख के फायर स्टेशन भवन निर्माण कार्य, 4 करोड़ 28 लाख के 6 मुक्ति धामों के अपग्रेडेशन कार्य, 3 करोड़ 83 लाख के वृद्धाश्रम निर्माण कार्य, 3 करोड़ 10 लाख के हेरिटेज कंजर्वेशन एवं रेस्टोरेशन कार्य, 2 करोड़ 77 लाख के सीएम राइज स्कूल स्कीम के अंतर्गत एमएलबी स्कूल पुनर्विकास कार्य तथा 83 लाख रूपये के मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी निर्माण कार्य का भूमि-पूजन किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर आजीविका मिशन अंतर्गत सोनचिरैया उत्सव का उदघाटन किया और महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का अवलोकन कर सराहना की। उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की अद्यतन स्थिति का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हित लाभ का वितरित किये।
सागर वॉच/ 10 दिसम्बर 2021/ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जहां केन- बेतवा परियोजना को मंजूरी देकर बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के नए दरवाजे खोल दिए हैं, केंद्रीय कैबिनेट की मंज़ूरी मिलने के बाद केन -बेतवा परियोजना को क्रियान्वित करने का रास्ता अब सशक्त हो चुका है।
जहां अब केंद्र सरकार ने इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाकर तैयार कर ली है। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश की केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में हस्तांतरित करना है।
इस दिशा में पहला पड़ाव था, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच देश में पहली बार, 22 मार्च 2021 को केन - बेतवा परियोजना को लागू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर ।
यह समझौता पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए अंतर-राज्य सहयोग की शुरुआत करने के लिए किया गया था। दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव रहा जब केन -बेतवा लिंक परियोजना को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिली। इससे दोनों राज्यों में फैले बुंदेलखंड क्षेत्र में विकास की एक नई उम्मीद जाग गई है।
'केन -बेतवा परियोजना', नदियों को आपस में जोड़ने के लिये राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan) की पहली महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों की सरकारों द्वारा इस पर फिर से कई वर्षों से अमल की जाने की कोशिश की जा रही है। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश की केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में हस्तांतरित करना है।
पानी की कमी से जूझ रहे बुंदेलखंड क्षेत्र में अब खुशहाली की उम्मीद की जा सकेगी। केन बेतवा परियोजना की लागत 44 लाख 605 करोड़ रुपये है। इस परियोजना से जहां मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सागर, दमोह और दतिया ज़िलों में पानी की कमी दूर होगी
वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर ज़िलों में सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विदिशा, शिवपुरी और रायसेन ज़िलों में, इस परियोजना से करीब 62 लाख लोगों को पेयजल भी उपलब्ध करवाया जा सकेगा।
इस परियोजना के सन्दर्भ में दो बातें महत्वपूर्ण हैं। पहली, इस परियोजना के लागू होने से बुंदेलखंड क्षेत्र को भरपूर फायदे मिलेंगे जैसे सूखे की स्थिति में कमी, बिजली उत्पादन में वृद्धि, कृषि उत्थान, किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल, और जैव विविधता का जीर्णोद्धार इत्यादि।
दूसरी, केंद्र सरकार ने सभी राजनैतिक मतभेदों को पृथक रखकर यह निर्णय लिया है। यही नहीं, सरकार ने इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पर्यावरणीय घटकों को भी ध्यान में रखा है, जिससे वन संपदा को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुँचे।
इस परियोजना का सबसे बड़ा अनुकूल प्रभाव किसानों पर पड़ने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के स्थायी साधन प्रदान किये जा सकेंगे बल्कि भूजल पर अत्यधिक निर्भरता को कम करके किसानों के लिए स्थायी आजीविका भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस बहुउद्देशीय परियोजना के क्रियान्वयन से न केवल जल संरक्षण में तेज़ी आएगी, बल्कि 103 मेगावाट जल-विद्युत का उत्पादन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि पन्ना टाइगर रिज़र्व के जल संकट वाले क्षेत्रों में बांधों का निर्माण होने से पन्ना रिज़र्व के जंगलों का जीर्णोद्धार किया जा सकेगा,और ऐसा होने पर इस क्षेत्र में जैव विविधता समृद्ध हो सकेगी।
कुल 44 हज़ार ,605 करोड़ रुपये की इस परियोजना में 39 हज़ार 317 करोड़ रुपये का केंद्रीय समर्थन मिलेगा , जिसमें 36 हज़ार 290 करोड़ रुपये का अनुदान और 3,027 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है। इस परियोजना के क्रियान्वयन में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा, जो आने वाले 8 वर्षों की अवधि में बुंदेलखंड के वर्तमान रूप को बदलकर एक खुशहाल क्षेत्र का रूप प्रदान करेगा।