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 कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा  किसानों  को रबी के मौसम में बोई जाने वाली फसलों में उर्वरकों  के उपयोग हेतु सलाह दी गई है। प्रमुख कृषि वैज्ञानिक डॉ के एस यादव ने  सिंचित किस्मों वाले गेहूं अर्थात रबी के समय पर बुआई (नवंबर माह में बुआई करने) पर खाद एवं उर्वरक की मात्रा तथा प्रयोग की विधि कि बतायी

उन्होंने बताया कि  यदि किसान के  पास NPKS,20:20:0:13 तथा यूरिया, पोटाश उर्वरक उपलब्ध है तो बुआई के समय अंतिम जुताई पूर्व पोटाश 25 किलो , जिंक 8 किलो प्रति एकड़ (3 वर्ष में एक बार) तथा गोबर खाद कम से कम 50 किवंटल खेत में मिलाएं । उसके बाद NPKS, 20:20:0:13 को सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन से 120 किलो प्रति एकड़ डालकर बुआई करे।

इसके बाद  21 दिन बाद  प्रथम सिंचाई उपरांत 25 से 30 किलो यूरिया, 40 से 45 दिन बाद दूसरी सिंचाई बाद पुनः 25 से 30 किलो यूरिया तथा पुनः 60 से 65 दिन बाद सिंचाई के बाद फिर 30 किलो यूरिया की टॉप ड्रेसिंग या छिड़काव करे। यूरिया के स्थान दूसरी तथा तीसरी सिंचाई के बाद नैनो यूरिया  2 से 4 मिली प्रति लीटर पानी की दर से स्प्रे भी कर  सकते।

 नैनो डी ए पी से 4 मिली प्रति किलो की दर से बीज उपचार करने के बाद बुआई करने से अंकुरण अच्छा होता है। इसके अलावा बायो फर्टिलाइजर तथा कल्चर से बीजोपचार करने से सभी तरह के फसलों में सभी उर्वरकों की मात्रा 20 से 25 प्रतिशत कम कर डाले। यदि 2 से 3  पानी वाले अर्ध सिंचित गेहूं को बोते है तो इन उर्वरकों की मात्रा आधी कर देवे।
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