SAGAR WATCH/04 January 2024/ वर्तमान में विगत 2-3 दिनों से घना कोहरा के साथ-साथ आंशिक रूप से मेघमय मौसम के साथ ठंड पड़ रही है। वर्तमान में क्रमशः अधिकतम तापमान 22-23 डिग्री सेंटीग्रेड तथा न्यून्तम तापमान 12-13 डिग्री सेंटीग्रेड के आस-पास चल रहा है। साथ ही कहीं-कहीं हल्की-फुल्की वर्षा की भी संभावना रहेगी। ऐसे कृषकों को निम्नानुसार कृषिगत सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार आगामी एक से दो दिनों बाद मौसम खुलते ही ठंड बढ़ेगी। फिलहाल वर्तमान मौसम फसलों की वृद्धि के लिए लाभदायक है।
गेहूं में 40 व 60 दिन बाद दूसरी व तीसरी सिंचाई करें तत्पश्चात् यूरिया की 25 कि.ग्रा. प्रति एकड़ की दर से या नैनो यूरिया या डीएपी की 3 मिली प्रतिलीटर की दर से छिड़काव करें।
मौसम खुलते ही चना तथा मसूर आदि फसलों में रस चूसक कीट एवं इल्लियों आदि का प्रकोप बढ़ने से जरूरत के मुताबिक कीटनाशी का छिड़काव करें।
चने में इल्लियों के नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ 20-25 टी आकार की जगह-जगह खूंटिया लगावें। रस चूसक कीटों सें बचाव के लिए पीले रंग के चिपचिपे स्टिीकी ट्रेप लगावें। फूल की अवस्था में विशेषकर चना व मसूर में सिंचाई करने से बचें।
साथ ही फसल की वृद्धि अच्छी होने से आवश्यक रूप से टॉनिक आदि का छिड़काव नहीं करें। मौसम खुलते ही आगे यदि तापमान 5-6 डिग्री सेंटीग्रेड से कम होने लगे तोपाले से बचाव के उपाय करें।
विशेषकर सब्जियों आदि में। इसके लिए रात को मेड़ों पर धुंआ करें, शाम का फसलों में सिंचाई करें। मध्यय रात्रि के बाद सिंचाई नहीं करें। साथ ही 2-2.5 ग्राम प्रति लीटर की दर फसलों घुलनशील गंधक अर्थात् सल्फर का छिड़काव कर सकते हैं।
छोटे फलदार वृ़क्षों में आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई व खाद उर्वरकों की पूर्ति कर सूखी घास से मल्चिंग करें। आम नीबू तथा पपीता आदि में तना से 2 फीट की दूरी छोडकर 1-1.5 मीटर की चौडाई में नत्रजन फास्फोरस व पोटाश तथा गोबर की खाद मिलाकर निराई गुड़ाई कर सिंचाई करें। सब्जियों आदि में पत्तियों पर धब्बा रोग आने पर टेबूकोनाजाल एवं सल्फर या मैंकोजेब का छिड़काव करें।