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Sagar Watch News

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केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सागर जिले के गढ़ाकोटा में तीन दिवसीय रहस मेले का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिव्य कला मेला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अब तक 24 मेलों में 1500 दिव्यांगों ने 19 करोड़ रुपये का व्यवसाय किया है। भविष्य में इस पहल को और विस्तारित किया जाएगा।

मंत्री ने बताया कि स्वच्छता कर्मियों की सुरक्षा के लिए "नमस्ते योजना" शुरू की गई है, जिससे काम के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जाएगा। अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए विदेश में उच्च शिक्षा हेतु नई योजनाएँ भी बनाई गई हैं।

सागर में शीघ्र ही एक दिव्यांग पार्क स्थापित किया जाएगा, जिसमें विशेष सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, सुनने और बोलने में अक्षम 0-5 वर्ष के बच्चों की सर्जरी के लिए सरकार विशेष प्रयास कर रही है, जिसके तहत अब तक 6500 बच्चों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है।

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विधायक गोपाल भार्गव ने रहस मेले के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह प्राचीन संस्कृति को संरक्षित करने का माध्यम है। मेले में लोक कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सुविधाएँ दी जा रही हैं, साथ ही नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और दवा वितरण भी किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का 28 फरवरी को बुंदेलखंड स्तरीय किसान सम्मेलन के तहत गढ़ाकोटा में आयोजित रहस लोकोत्सव एवं अन्य स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इसके साथ ही उनका सागर के बड़तूमा में बन रहे संत रविदास मंदिर एवं संग्रहालय का निरीक्षण भी करेंगे।

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 प्रधानमंत्री मोदी ने "विकास की नई उड़ान" थीम पर जोर देते हुए मध्यप्रदेश को भारत का औद्योगिक और आर्थिक भविष्य बताया। उन्होंने राज्य में 100% रेलवे विद्युतीकरण, लॉजिस्टिक्स हब "Logistic Hub", ग्रीन एनर्जी "Green Energy", ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल सेक्टर "Automobile And Textile Sector" में उभरती संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) ने मध्यप्रदेश को औद्योगिक विकास के नए युग में प्रवेश कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में "लोकल से ग्लोबल" दृष्टिकोण अपनाया गया, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश 2047 तक भारत की 30 ट्रिलियन डॉलर "30 Trillion Dollar" की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाएगा। राज्य सरकार ने 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया, जिससे तकनीक, नवाचार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा

राज्य सरकार ने  7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव "Regional Industry Conclave" आयोजित किए, जिससे "स्थानीय उद्योगों को राष्ट्रीय पहचान" मिली और "MSME SECTOR" को बढ़ावा मिला। इस समिट में 30.77 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे लाखों रोजगार सृजित होंगे।

इस समिट की सफलता ने मध्यप्रदेश को भारत का अगला औद्योगिक हब बनने की दिशा में अग्रसर कर दिया है।

प्रधानमंत्री के बुंदेलखंड का दौरा बेहद अहम् माना जा रहा है बुंदेलखंड के लिए केन-बेतवा नदी जोड़ो योजना के बाद बागेश्वर धाम में बनने वाला कैंसर अस्पताल ही वो वजह बना है जिसके चलते प्रधानमंत्री पिछड़ेपन के लिए पहचाने जाने वाले बुंदेलखंड अंचल में आये। 
यहाँ उन्होंने जहां बुन्देली भाषा में राम राम कर जनता से तुरंत अपना नाता जोड़ा और कैंसर अस्पताल को आस्था के केंद्र को सेहत के केंद्र में बनने के लिए उपलब्धि बताया। 
इसके अलावा उनका पूरा भाषण केंद्र सरकार द्वार आम जन के लिए चलायी जा रही जनकल्याण योजनाओं की अहमियत जताने पर केन्द्रित रहा। हालाँकि इस दौरान उन्होंने आम जनता से आयुष्मान योजना का हवाला देकर भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सीधे पत्र लिखने के लिए भी प्रोत्साहित किया 

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भारत के 
रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य पर सतर्क नजर रखने और किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए हमेशा सतर्क और तैयार रहने का आह्वान किया। 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे समय होते हैं जब भारत को सीमाओं के साथ-साथ आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में सैनिकों के लिए दुश्मनों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना और उनके खिलाफ समय पर और प्रभावी कदम उठाना जरूरी हो जाता है। 

ये विचार उन्होंने 29 दिसंबर, 2024 को मध्य प्रदेश के महू में भारतीय सेना के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों -आर्मी वॉर कॉलेज (AWC), इन्फैंट्री स्कूल और मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग (MCTE) के दौरे के बीच सैनिकों को दिए अपने संबोधन के दौरान व्यक्त किये

इसी सिलसिले में  रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है और सशस्त्र बल इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 

उन्होंने कहा, "आप हमारी सीमाओं के रक्षक हैं और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी हैं। मुझे यकीन है कि आप साहस और समर्पण के साथ हमारी सीमाओं की सुरक्षा करते रहेंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे।"

रक्षा मंत्री ने सैन्य रणनीति और युद्ध कौशल में कर्मियों को कुशल बनाने के लिए भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के प्रयासों की सराहना की

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सैन्य रणनीति और युद्ध कौशल में कर्मियों को कुशल बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की सराहना की है। उनके साथ कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कार्यवाहक कमांडेंट द्वारा उन्नत इनक्यूबेशन और अनुसंधान केंद्र की स्थापना और प्रौद्योगिकियों के अवशोषण और परिवर्तन को सक्षम करने की दिशा में विभिन्न समझौता ज्ञापनों के बारे में जानकारी दी गई। 

उन्होंने राष्ट्रीय खेलों के प्रति उनके योगदान को देखने के लिए सेना की निशानेबाजी इकाई का दौरा किया। रक्षा मंत्री ने इन्फैंट्री संग्रहालय का भी दौरा किया, जहाँ उन्हें इन्फैंट्री के इतिहास के साथ-साथ इन्फैंट्री में आधुनिक उपकरणों को शामिल करने के बारे में जानकारी दी गई।

रक्षा मंत्री ने एडब्ल्यूसी में आयोजित बड़ाखाना के दौरान तीनों संस्थानों के सभी रैंकों के साथ बातचीत भी की। सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय सेना के जवानों के साहस और सतर्कता की सराहना की। 

उन्होंने कहा, "आपकी लगन और कर्तव्य के प्रति समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है। आपकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण ही हमारा देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं।

इससे पहले, श्री राजनाथ सिंह ने महू में डॉ. बीआर अंबेडकर को समर्पित स्मारक भीम जन्मभूमि का दौरा किया और उनके जन्मस्थान पर भारत रत्न और भारतीय संविधान के निर्माता को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर को निस्वार्थ सेवा का प्रतीक बताया, जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक समानता और सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया।

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कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के संबंध में महिलाओं की शिकायतें आसानी से दर्जा हो सकें इस मकसद से महिला एवं बाल विकास विकास मंत्रालय द्वारा शी-पोर्टल (SHe-Portal) को बनाया गया। शी-बॉक्स पोर्टल के माध्यम से कार्य स्थलों पर   वहाँ के वातावरण को महिलाओं के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। पोर्टल की पारदर्शिता और ऑनलाइन ट्रैकिंग से यह त्वरित निराकरण में बेहद कारगर साबित हो रहा हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हाल ही में 'कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013' (एसएच अधिनियम) के विभिन्न प्रावधानों के बेहतर कार्यान्वयन में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई एक ऑनलाइन प्रणाली 'शी-बॉक्स' पोर्टल लॉन्च किया है। यह अधिनियम संबंधित सरकार को इसके कार्यान्वयन की निगरानी करने और दर्ज किए गए और निपटाए गए मामलों की संख्या पर डेटा बनाए रखने का अधिकार देता है।

शी-पोर्टल (SHe-Portal), कार्यस्थल के नियोक्ताओं को जवाबदेह बनाने तथा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित कानून प्रावधानों के अनुसार रिपोर्टिंग करने के लिए एक प्रभावी माध्यम है। महिलाओं को ऑनलाइन पोर्टल (Online Portal) के माध्यम से गुमनाम रूप से शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी गई है।

शी-बॉक्स पोर्टल की विशेषता है कि यह सार्वजनिक निजी क्षेत्र की सभी महिला कर्मचारियों के लिए सुलभ है। इसका संचालन विधि  उपयोगकर्ता की सुविधा के मुताबिक बनायी गयी है, जो शिकायत दर्ज करने और प्रस्तुत की गई शिकायतों पर नजर रखने में भी मदद करेगा। 

इस पूरी प्रक्रिया के दौरान शिकायतकर्ता की पहचान को पूर्ण गोपनीय रहती है। यह शिकायतकर्ताओं को अपने मामलों की स्थिति की ऑनलाइन निगरानी करने की सुविधा देता है। यह पोर्टल भारतीय जनसांख्यिकी की भाषाई विविधताओं को ध्यान में रखते हुए अनेक भाषाओं में सहायता प्रदान करता है, साथ ही पीड़ितों का मार्गदर्शन करता है और आवश्यकता पड़ने पर पीड़ितों को कानूनी सहायता और परामर्श भी प्रदान करता हैं।

शी-बॉक्स पोर्टल (SHe-Box Portal) का महत्व कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए है। भारत सरकार ने मुख्य रूप से कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के 5 बारे में शिकायत दर्ज करने के लिए यह ऑनलाइन प्लेटफार्म  (Online Portal)  शुरू किया है। इसका उद्देश्य सभी कामकाजी महिलाओं को चाहे वह सरकारी या निजी क्षेत्र में ही शिकायत दर्ज करने और निवारण पाने के लिए एकल खिड़की उपलब्ध कराना है। 

जिला कलेक्टर ने सभी शासकीय, अशासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी संस्थानों के लिए कार्यस्थल पर लेंगिक उत्पीड़न रोकथाम हेतु सी पोर्टल पर आवश्यक प्रविष्टियाँ  करने एवं नियमित रुप से प्रगति प्रतिवेदन जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय के कक्ष क्रमांक 226 मे प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र मे wcdsagar@gmail.Com पर भी प्रेषित की जा सकती है  

शी-बॉक्स पोर्टल, एक ऑनलाइन प्रणाली है जिसे 'कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013' (एस एच अधिनियम) के विभिन्न प्रावधानों के बेहतर कार्यान्वयन में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जांच के लिए अधिनियम के तहत निर्धारित समय 90 दिन है

पोर्टल पर शिकायत एक पीड़ित महिला या शिकायतकर्ता की ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज की जा सकती है। यदि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति स्वयं पीड़ित महिला है, तो उसे अपने मूल विवरण जैसे कि उसकी कार्य स्थिति, नाम, फोन नंबर और ईमेल दर्ज करके पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। 

यदि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति कोई अन्य व्यक्ति है, तो उसे अपना नाम, शिकायतकर्ता के साथ संबंध और शिकायतकर्ता की ओर से अंडरटेकिंग के साथ-साथ पीड़ित महिला/शिकायतकर्ता की कार्य स्थिति, नाम, फोन नंबर और ईमेल दर्ज करके पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। 

अपने रोजगार की स्थिति के आधार पर शिकायत दर्ज करने वाले व्यक्ति को उस कार्यस्थल का चयन करना होगा जहां वे शिकायत दर्ज करना चाहते हैं। यदि पीड़ित महिला का आईसी या एलसी पोर्टल पर पंजीकृत है, तो शिकायत स्वचालित रूप से जमा हो जाएगी और संबंधित आईसी/एलसी को भेजी जाएगी  

शी-बॉक्स पोर्टल में नोडल अधिकारियों के लिए निगरानी डैशबोर्ड है, जिससे दर्ज, निपटाए गए और लंबित मामलों की संख्या देखी जा सकती है। शिकायतकर्ता के लिए भी अपनी शिकायत की स्थिति को ट्रैक करने के लिए इसी तरह की सुविधा बनाई गई है। इसके अलावा, पोर्टल में रिपोर्ट तैयार करने की सुविधा है, ताकि पर्यवेक्षी अधिकारियों द्वारा बेहतर निगरानी और निर्धारित समय-सीमा का पालन किया जा सके।

शी-बॉक्स पोर्टल पर दर्ज की गई कोई भी शिकायत सीधे को प्रेषित होती है संबंधित कार्यस्थल के प्रभारी पोर्टल को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह गोपनीयता बनाए रखने के लिए शिकायतकर्ता के विवरण को छुपाता है। आईसी/एलसी के अध्यक्ष के अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति दर्ज की गई शिकायत का विवरण या प्रकृति नहीं देख सकता।
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मध्यप्रदेश की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 19 अक्टूबर को भोपाल में हुए सेमिनार में की गई घोषणा अनुसार प्रदेश को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क निर्माण योजनाओं की स्वीकृति प्रदान कर दी है। 

इन परियोजनाओं को शीघ्र धरातल पर उतारने के लिए कार्यवाही तेज़ी से की जा रही है। आने वाले दिनों में लगभग 20 हज़ार 403 करोड़ की लागत से प्रारंभ होने वाली 27 परियोजनाओं से प्रदेश के मार्गों और सड़कों का विस्तार होगा, जिससे यातायात सुगम बनेगा साथ ही सड़क सुरक्षा में सुधार आएगा।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह इस सौगात को प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास को नई दिशा प्रदान करेगी। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य शुरू होंगे, जिससे यातायात में सुधार के साथ आर्थिक और सामाजिक प्रगति के नये आयाम स्थापित होंगे। इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से मध्यप्रदेश में विकास की रफ्तार बढ़ेगी और राज्य के नागरिकों के लिए सफर पहले से अधिक सुगम और सुरक्षित होगा।

एनएचएआई के अंतर्गत प्रस्तावित परियोजनाएँ:

  • बैतूल-खंडवा सेक्शन (एनएच-347बी): बेतूल से मोहदा (90 कि.मी.) और मोहदा से बाराकुंड तक 2-लेन प्लस पावर्ड सेक्शन का निर्माण किया जाएगा, जिसकी लागत 1,200 करोड़ रुपये है।

  • देशगांव-खरगोन सेक्शन (एनएच-347बी): 65 कि.मी. लंबी इस सड़क को 4 लेन में परिवर्तित करने के लिए 1,700 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

  • खरगोन-बड़वानी सेक्शन (एनएच-347बी): 35 कि.मी. की इस परियोजना में 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

  • बरेठा घाट (एनएच-46): इटारसी-बैतूल सेक्शन में टाइगर कॉरिडोर के इस 20 कि.मी. हिस्से को 4-लेन में परिवर्तित किया जाएगा, जिसकी लागत 550 करोड़ रुपये है।

  • सलकनपुर-नसरुल्लागंज-बुधनी-बाड़ी स्ट्रेच: इस 41 कि.मी. लंबे हिस्से की लागत 650 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।

  • झाबुआ-रायपुरिया-पेटलावद सेक्शन: 50 कि.मी. लंबाई की इस परियोजना के लिए 650 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

  • बेतूल-खंडवा पैकेज-4 (एनएच-347बी): यह 33 कि.मी. लंबी परियोजना 381 करोड़ रुपये में पूरी होगी।

  • सागर-कानपुर (पैकेज-3): सतिया घाट से अंगोर गाँव तक 55 कि.मी. की यह सड़क 1,006 करोड़ रुपये में बनेगी।

  • सागर-कानपुर (पैकेज-4): अंगोर गाँव से एमपी/यूपी सीमा तक के 44 कि.मी. हिस्से की लागत 996 करोड़ रुपये है।

  • ग्वालियर सिटी बायपास: पश्चिमी क्षेत्र में 29 कि.मी. लंबे इस बायपास पर 1,005 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

  • ओरछा-झांसी ग्रीनफील्ड हाईवे लिंक: NH-26 को एनएच-76 से जोड़ने वाले इस लिंक की लंबाई 14 कि.मी. होगी और इसकी लागत 491 करोड़ रुपये है।

  • सागर बायपास (सागर लिंक रोड-02): इस 26 कि.मी. लंबे बाईपास की लागत 756 करोड़ रुपये है।

  • जबलपुर-दमोह (पैकेज-1 और 3): जबलपुर से दमोह तक 80 कि.मी. लंबी इस परियोजना पर 1,773 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

  • रीवा-सीधी सेक्शन (एनएच-39): 30 कि.मी. लंबे इस सेक्शन पर 1,500 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

  • एनएचएआई के तहत कुल 612 कि.मी. लंबाई की परियोजनाओं का अनुमानित बजट 13,658 करोड़ रुपये है।

  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत प्रस्तावित परियोजनाएँ:

  • मंडला बायपास से नैनपुर बायपास (एनएच-543): इस 46 कि.मी. लंबे खंड की लागत 642 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

  • सेंधवा-खेतिया (एनएच-752जी): इस 57 कि.मी. लंबे हिस्से के लिए 725 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

  • टिकमगढ़-ओरछा (एनएच-539): 75 कि.मी. की यह परियोजना 926 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

  • शाहगढ़-टीकमगढ़ (NH-539): इस 80.1 कि.मी. लंबी सड़क की लागत 951 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

  • अंजड़-बड़वानी (एनएच-347बी): 20.25 कि.मी. लंबाई की इस परियोजना पर 250 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

  • चंदेरी-पिछोरे (एनएच-346): इस 55.15 कि.मी. लंबे हिस्से पर 452 करोड़ रुपये का व्यय होगा, जिसमें तीन ग्रीनफील्ड बाईपास भी शामिल हैं।

  • सिरमौर-डभोरा (एनएच-135बी): 38.29 कि.मी. लंबाई की इस सड़क का बजट 300 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

  • पवई-सलेहा-जसो-नागौद (एनएच-943): इस 12.49 कि.मी. लंबे हिस्से के शेष कार्य पर 56 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

  • बैतूल-परतवाड़ा (एनएच-548सी): 62.16 कि.मी. की इस सड़क के लिए 580 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

  • नैनपुर बायपास से बालाघाट बायपास (एनएच-543): इस 74.35 कि.मी. लंबे खंड पर 860 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

  • लोनिया (मध्यप्रदेश /महाराष्ट्र सीमा) से बुरहानपुर(एनएच-347सी): 8.8 कि.मी. की इस परियोजना पर 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

  • सिंगरौली-चित्रंगी-बगदरा (एनएच-135सी): 70.1 कि.मी. लंबी इस सड़क की लागत 903 करोड़ रुपये है।

  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत कुल 616 कि.मी. लंबाई की परियोजनाओं का अनुमानित बजट 6,745 करोड़ रुपये है।

  • स्वीकृत परियोजनाएँ

  • वित्तीय वर्ष 2024-25 में पहले से स्वीकृत परियोजनाएँ जो प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में प्रगतिरत है।

  • अयोध्या नगर बायपास (NH-46 से NH-146): 16 कि.मी. लंबे इस बायपास की लागत 1,219 करोड़ रुपये है।

  • ग्यारसपुर-राहतगढ़ (NH-146): 36 कि.मी. लंबाई की इस परियोजना पर 620 करोड़ रुपये का खर्च होगा।

  • राहतगढ़-बरखेड़ी (NH-146): 11 कि.मी. की यह परियोजना 450 करोड़ रुपये में पूरी होगी।

  • विदिशा-भोपाल (NH-146): 52 कि.मी. लंबाई की इस सड़क पर 1,096 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

  • विदिशा-ग्यारसपुर (NH-146): इस 32 कि.मी. लंबी परियोजना की लागत 543 करोड़ रुपये है।

  • जबलपुर रिंग रोड (पैकेज-5): 18 कि.मी. लंबाई की इस रिंग रोड के लिए 620 करोड़ रुपये का बजट है।

  • आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड: इस 88 कि.मी. लंबे हाईवे की लागत 4,821 करोड़ रुपये है।


प्रदेश मे केन्द्र स्वीकृत परियोजनाओं के तहत 9,369 करोड़ रुपये के विभिन्न सड़क निर्माण कार्य प्रगतिरत है।

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केन्द्र सरकार दिसंबर-2028 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) सहित सभी सरकारी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखेगी। फोर्टिफाइड चावल वितरण का उद्देश्य एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करना है।

मप्र में भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में पूरे प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नि:शुल्क फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। आँगनवाड़ी केन्द्रों और मध्यान्ह भोजन के लिये भी फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। 

इस सिलसिले में प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश में प्रतिमाह लगभग 1.75 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। इससे लगभग 5 करोड़ 45 लाख हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। 

क्या है फोर्टिफाइड चावल 

भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अनुसार सामान्य चावल में पोषक तत्व मिलाकर फोर्टिफाइड चावल तैयार किया जाता है। फोर्टिफाइड चावल में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन-बी एवं जिंक सम्मिलित हैं। ये सूक्ष्म पोषक तत्व लोगों की आहार जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मिलाए जाते हैं।
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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) आज सफलतापूर्वक एक दशक पूरा कर रही है। पीएमजेडीवाई दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यकम है। वित्त मंत्रालय अपने वित्तीय समावेशन प्रयासों के जरिये हाशिए के समुदायों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करने का निरंतर प्रयास करता रहा है। 

 केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा, “वित्तीय समावेशन एवं सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए औपचारिक बैंकिंग सेवाओं तक सभी की आसान पहुंच आवश्यक है। यह गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में एकीकृत करता है और हाशिए के समुदायों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

” केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “बैंक खाते, लघु बचत योजनाएं, बीमा एवं ऋण सुविधा सहित तमाम सार्वभौमिक, सस्ती एवं औपचारिक वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हुए पीएम जन-धन योजना ने पिछले एक दशक में देश के बैंकिंग एवं वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है।

” श्रीमती सीतारमण ने कहा, “इस कार्यक्रम की सफलता इसी बात से परिलक्षित होती है कि जन-धन खाते खोलकर 53 करोड़ लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया जा चुका है। इन बैंक खातों में 2.3 लाख करोड़ रुपये जमा हुए है और इसके परिणामस्वरूप 36 करोड़ से अधिक निःशुल्क रुपे कार्ड जारी किए गए हैं जो 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान करते हैं। 

गौरतलब है कि यह खाता खोलने के लिए कोई शुल्क या रखरखाव शुल्क नहीं लिया जाता है और इसके लिए खाते में न्यूनतम शेष राशि को बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है।” केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “यह जानकर खुशी हो रही है कि 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण अथवा कस्‍बाई क्षेत्रों में खोले गए हैं और 55 प्रतिशत खाते महिलाओं द्वारा खोले गए हैं।” 

श्रीमती सीतारमण ने कहा, 'जन-धन, मोबाइल और आधार को लिंक करते हुए तैयार की गई सहमति आधारित पाइपलाइन वित्तीय समावेशन परिवेश के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में शामिल है। इसने सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को पात्र लाभार्थियों के खाते में त्वरित, निर्बाध एवं पारदर्शी तरीके से हस्‍तांतरित करने में सक्षम बनाया है और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया है।'

 केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा, “पीएमजेडीवाई महज एक योजना ही नहीं है बल्कि यह एक परिवर्तनकारी अभियान है, जिसने बैंकिंग सेवाओं से वंचित तमाम लोगों को वित्तीय आजादी प्रदान की है और उनमें वित्तीय सुरक्षा की भावना पैदा की है।” 

 श्री चौधरी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने 2021 में स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में घोषणा की थी कि हर परिवार में एक बैंक खाता होना चाहिए और हरेक वयस्क के पास बीमा एवं पेंशन कवरेज होना चाहिए। देश भर में चलाए गए विभिन्न अभियानों के जरिये इस दिशा में लगातार किए गए प्रयासों के बल पर आज हम बैंक खातों के मामले में लगभग संतृप्ति की स्थिति हासिल कर चुके हैं। इससे देश भर में बीमा एवं पेंशन कवरेज में भी लगातार वृद्धि हुई है।” 

 श्री चौधरी ने कहा, “सभी हितधारकों, बैंकों, बीमा कंपनियों और राज्य सरकारों के समर्थन से अब हम वित्तीय तौर पर कहीं अधिक समावेशी समाज की ओर बढ़ रहे हैं। पीएमजेडीवाई को देश के वित्तीय समावेशन में गेम चेंजर के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री जन-धन योजना न केवल शासन के मिशन मोड का एक प्रमुख उदाहरण है बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि अगर सरकार लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है तो वह क्या हासिल कर सकती है।” 

 पीएमजेडीवाई बिना बैंकिंग सुविधा वाले हर वयस्क को एक बुनियादी बैंक खाता प्रदान करता है। इस खाते के लिए खाता में शेष राशि रखने की जरूरत नहीं होती है और इस खाते के लिए कोई शुल्क भी नहीं लिया जाता है। इस खाते के साथ एक निःशुल्क रुपे डेबिट कार्ड भी प्रदान किया जाता है ताकि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जा सके। 

रुपे डेबिट कार्ड पर 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान किया जाता है। पीएमजेडीवाई खाताधारकों को आपातकालीन स्थितियों के दौरान 10,000 रुपये तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी दी गई है। पिछले एक दशक के दौरान प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत किए गए प्रयासों ने प्रभावी तौर पर परिवर्तनकारी एवं दिशात्मक बदलाव किए हैं। 

इससे बैंक एवं वित्तीय संस्थान समाज के अंतिम व्यक्ति यानी सबसे गरीब व्यक्ति तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाने में समर्थ हुए हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए खाते न केवल प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण में मददगार साबित हुए हैं बल्कि ये सरकार द्वारा निर्धारित लाभार्थियों को दी जाने वाली सब्सिडी/भुगतान को बिना किसी बिचौलिए के आसानी से पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने, निर्बाध लेनदेन और बचत संचय के लिए भी एक प्‍लेटफॉर्म के रूप में भी काम करते हैं। 

इसके अलावा ये खाते जन सुरक्षा योजनाओं (सूक्ष्म बीमा योजनाओं) के जरिये असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिकों को जीवन एवं दुर्घटना बीमा प्रदान करने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। जन-धन आधार एवं मोबाइल (जेएएम) की त्रिमूर्ति के लिए भी प्रधानमंत्री जन-धन योजना एक महत्‍वपूर्ण स्तंभ है और यह बिना किसी नुकसान के सब्सिडी वितरित करने का ढांचा साबित हुआ है। 

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत जेएएम के जरिये सरकार ने सब्सिडी एवं सामाजिक लाभ को सीधे तौर पर वंचितों के बैंक खातों में सफलतापूर्वक हस्तांतरित किए हैं। 

 पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री जन-धन योजना के सफल कार्यान्वयन ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। पीएमजेडीवाई की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं: 
 
 
  • पीएमजेडीवाई खातों की संख्‍या : 53.13 करोड़ (14 अगस्त 2024 तक) प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 14 अगस्त 2024 तक खोले गए खातों की कुल संख्या 53.13 करोड़ है। इसमें 55.6 प्रतिशत (29.56 करोड़) जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं और 66.6 प्रतिशत (35.37 करोड़) जन-धन खाते ग्रामीण एवं कस्‍बाई क्षेत्रों में हैं। 

  • पीएमजेडीवाई खातों में जमा रकम: 2.31 लाख करोड़ रुपये (14 अगस्त 2024 तक) प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों में कुल जमा रकम 2,31,236 करोड़ रुपये है। इन खातों में 3.6 गुना वृद्धि के साथ जमा राशि में करीब 15 गुना (अगस्त 2024/ अगस्त 2015) वृद्धि हुई है। 

  • प्रति पीएमजेडीवाई खाते में औसत जमा रकम: 4,352 रुपये (14 अगस्त 2024 तक) प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों में प्रति खाता औसत जमा रकम 14 अगस्‍त 2024 के अनुसार 4,352 रुपये है। अगस्‍त 2015 अगस्त के मुकाबले प्रति खाता औसत जमा रकम में 4 गुना वृद्धि हुई है। औसत जमा रकम में वृद्धि खातों के बढ़ते उपयोग और खाताधारकों में बचत की आदत विकसित होने का संकेत है। 

  • पीएमजेडीवाई खाताधारकों को जारी किए गए रुपे कार्ड: 36.14 करोड़ (14 अगस्त 2024 तक) प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों के खाताधारकों को 36.14 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं। समय के साथ-साथ रुपे कार्ड की संख्या और उपयोग में वृद्धि हुई है। 

  • प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 36.06 करोड़ से अधिक रुपे डेबिट कार्ड जारी किए जाने, 89.67 लाख पीओएस/एमपीओएस मशीनों की स्थापना और यूपीआई जैसी मोबाइल आधारित भुगतान प्रणालियों की शुरुआत होने से डिजिटल लेनदेन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2018-19 में 2,338 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 16,443 करोड़ हो गई। 

  • यूपीआई वित्तीय लेनदेन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2018-19 में महज 535 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 13,113 करोड़ हो गई। इसी प्रकार, पीओएस और ई-कॉमर्स पर रुपे कार्ड के जरिये लेनदेन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2017-18 में 67 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 96.78 करोड़ हो गई। 

  •  पीएमजेडीवाई की सफलता इसके मिशन मोड वाले दृष्टिकोण, नियामकीय समर्थन, सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी और बायोमेट्रिक पहचान के लिए आधार जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के महत्व को दर्शाती है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने लोगों को बचत करने में सक्षम बनाया है। 

  • साथ ही इसने औपचारिक तौर पर लेनदेन के बिना किसी रिकॉर्ड वाले लोगों के लिए भी ऋण तक आसान पहुंच सुनिश्चित की है। खाताधारक अब अपना बचत पैटर्न दिखा सकते हैं, जो उन्हें बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से ऋण के लिए पात्र बनाएगा। इसका सबसे अच्‍छा उदाहरण मुद्रा लोन का आवंटन है। 

  • मुद्रा लोन के आवंटन में वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2024 तक 5 वर्षों के दौरान सालाना 9.8 प्रतिशत चक्रवृद्धि दर से बढ़ोतरी हुई है। इस ऋण तक पहुंच काफी परिवर्तनकारी है क्योंकि यह व्यक्तियों को अपनी आय बढ़ाने के लिए सशक्त बनाती है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है। इसकी परिवर्तनकारी ताकत और डिजिटल नवाचारों ने भारत में वित्तीय समावेशन में क्रांतिकारी बदलाव किया है।
Adhaar Card Updation-अब घर बैठे बदलवा सकते हैं आधार कार्ड में पता

सागर वॉच/
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नागरिकों के अनुकूल एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत, उन्हें घर के मुखिया (एचओएफ) की सहमति से आधार में दर्ज पते में ऑनलाइन सुधार करने में सहायता मिलेगी।

आधार में एचओएफ आधारित ऑनलाइन पते में सुधार की सुविधा से बच्चों, जीवनसाथी, अभिभावकों आदि ऐसे संबंधियों को काफी सहायता मिलेगी, जिनके पास अपने नाम पर दस्तावेज नहीं होते हैं।

ऐसा राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि संबंध के प्रमाण से जुड़े दस्तावेज जमा करके भी किया जा सकता है, जिनमें आवेदक और एचओएफ का नाम और उनके बीच के संबंध का उल्लेख है। इसके लिए एचओएफ को ओटीपी के जरिये प्रमाणित करना होगा। संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, यूआईडीएआई के द्वारा सुझाए गए प्रारूप में एचओएफ को एक स्व-घोषणा यूआईडीएआई के पास जमा करनी होती है।

देश के भीतर विभिन्न वजहों से शहरों और कस्बों को पलायन करने वाले लोगों को देखते हुए, यह सुविधा देश के लाखों लोगों के लिए लाभकारी होगी। यह विकल्प यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किसी भी वैध पते के प्रमाण का उपयोग करते हुए मौजूदा पते में सुधार की सुविधा के अतिरिक्त होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एक एचओएफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।

‘माई आधार’ पोर्टल  में एक नागरिक पते में ऑनलाइन सुधार करते समय इस विकल्प को चुन सकता है। इसके बाद, निवासी को एचओएफ की आधार संख्या दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सिर्फ पुष्टि करनी होगी। एचओएफ की पर्याप्त गोपनीयता बनाए रखने के लिए एचओएफ के आधार की कोई अन्य जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

एचओएफ की आधार संख्या की सफलतापूर्वक पुष्टि होने के बाद, नागरिक को संबंध के प्रमाण से जुड़ा दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत होगी।

इस सेवा के लिए 50/ रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। सफल भुगतान पर, नागरिक के साथ एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) साझा की जाएगी और पते के अनुरोध से जुड़ा एक एसएमएस एचओएफ को भेजा जाएगा। एचओएफ को सूचना प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर माई आधार पोर्टल में लॉग इन करके अपनी सहमति देनी होगी और इसके बाद अनुरोध पर कोई कार्यवाही की जाएगी।

यदि एचओएफ अपना पता साझा करने से इनकार कर देता है या एसआरएन जारी होने के 30 दिन के भीतर उसे स्वीकार या इनकार नहीं करता है तो अनुरोध को बंद कर दिया जाएगा।

इस विकल्प के माध्यम से पता अपडेट करने की कोशिश करने वाले नागरिक को एक एसएमएस के माध्यम से अनुरोध के बंद होने के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। यदि अनुरोध बंद हो जाता है या एचओएफ की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अस्वीकार कर दिया जाता है या प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार कर दिया जाता है, तो आवेदक को धनराशि वापस नहीं की जाएगी।
Road Development-मंत्रालय ने प्रदेश में 26 सड़कों के निर्माण के लिए दी 2332 करोड़ की स्वीकृति

सागर वॉच/
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रदेश में 26 सड़कों के निर्माण एवं उन्नयन के लिए 2332 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने केन्द्रीय रोड एण्ड इन्फ्रास्ट्रचर फण्ड से दी गई इस स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार और केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी के प्रति आभार ज्ञापित किया है।

मंत्री श्री भार्गव ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में नयी सड़कों के निर्माण और सड़कों के उन्नयन के लिए लगातार सहयोग किया जा रहा है। परिणामस्वरूप प्रदेश में पिछले चार वर्षों में 22 हजार 394 करोड़ रूपये के व्यय से 10 हजार 195 किलोमीटर नयी सड़कों तथा 45 नये पुलों का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में 31 दिसम्बर को प्रदेश की 26 सड़कों में 625 किलोमीटर मार्ग के निर्माण एवं उन्नयन के लिए स्वीकृति दी गई है।

प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री सुखवीर सिंह ने बताया कि 

  • नागौद से मैहर बापा सुरधारू परसामनिया रामपुर रोड में 61 किलोमीटर मार्ग के लिए 178 करोड़, 
  • खारदौन कलां उगली शुजालपुर रोड के लिये 71 करोड़ 23 लाख, 
  • NH-39 से सकरिया-काकराहटी-गुन्नौर-दिगौरा- से NH-943 के लिये 63 करोड़ 37 लाख, 
  • मऊ-पदाना-तेलन के अपग्रेडेशन कार्य के लिये 79 करोड़ 15 लाख, 
  • सेमई से विजयपुर रोड के लिये 57 करोड़ 69 लाख, 
  • देवतालाब से पथराहा डाडन-हटवा-सोहरेन-अमोचपहाड़ी-निरपत सिंह रोड के लिये 49 करोड़ 72 लाख, 
  • एन.एच.44 से जाडेरूआ-बेहाटा-सूरोचंदूपूरा-गुठिया-बहुदपुर रोड के लिये 47 करोड़ 62 लाख, शाहपुर-रंगोली-गिरवर-भाईसवाही-हिलगना-धाना-मोकलपुर चौराहे से NH-44 मार्ग के लिये 119 करोड़ 25 लाख, 
  • गढ़ाकोटा-बलहे रोड के अपग्रेडेशन कार्य के लिये 33 करोड़ 8 लाख, 
  • गढ़ाकोटा-झागरी-केनकारा-सेवास-कनमाड़ रोड के लिये 36.75 करोड़, 
  • शैतान सिंह चौराहा से मनीषा मार्केट- बंसल हॉस्पिटल-स्वर्ण जयंती पार्क-बावड़िया तिराहा से कोलार रोड मार्ग के लिये 37 करोड़ 30 लाख, 
  • बड़ागांव-करहिया-गोदाना-मुहास-लालपुर-पाली रोड मार्ग के लिये 73 करोड़ 10 लाख, 
  • बेगमगंज-सागर रोड से महूखेड़ा कला गोरखा पडारिया-राजधर-रत्नागिरी से सिलवानी-सागर रोड मार्ग के लिये 76 करोड़ 99 लाख, 
  • देहगांव-बम्हौरी रोड मार्ग के लिये 59 करोड़ 69 लाख, 
  • अमलपुरा-सेवखेड़ा-जावर और सांडखेड़ा-सतवाड़ा-बड़गांवमाली, नहालदा से 5/2 किलोमीटर, एसएच-25 मार्ग के लिये 40 करोड़ 40 लाख, 
  • सतरूडा-मुंडी छत्री बिरामावल रोड मार्ग के लिये 48 करोड़, 
  • जावरा-कालूखेड़ा-धोंधर रोड के लिये 32 करोड़ 24 लाख, 
  • एबी रोड-हरसोला-दतोड़ा-खानवा रोड के अपग्रेडेशन के लिये 38 करोड़ 45 लाख, 
  • गाडरवाड़ा से बारहा रोड के लिये 35 करोड़, 
  • दिगाओमली से दलोदा धुन्डका रोड अपग्रेडेशन कार्य के लिये 26 करोड़ 48 लाख, 
  • 4 लेन रोड पुल बोगदा से रॉयल मार्केट, शाहजहाँनाबाद-भोपाल टॉकीज-रेलवे क्रॉसिंग बैरसिया रोड के लिये 75 करोड़ 69 लाख, 
  • करपी से मुक्तागिरी रोड के लिये 17 करोड़ 49 लाख, 
  • मदियादो-राजपूरा रोड के लिये 40 करोड़ 13 लाख, 
  • 4 लेन इलीवेटेड कॉरिडोर फ्लाई ओवर महारानी लक्ष्मी बाई से गिरवाई पुलिस चौकी, एबी रोड NH-48 से स्वर्ण रेखा नदी ग्वालियर में कंस्ट्रक्शन मार्ग के लिये 778 करोड़ 14 लाख, 
  • मेगोवाडा से अमरोद-मुंगावली जिला अशोकनगर, ब्रिजपुरा-रूसल्ला बजरंज घटवामंडी, महिदपुर- पिपरसाला परसाराई चंदन-बेहता-बाईबेनी-हेदर रोड मार्ग के लिये 121 करोड़ 44 लाख 
  • तथा 4L+PS मालीबाया से सलकनपुर नीलकछार मार्ग के लिये 96 करोड़ 8 लाख रूपये स्वीकृत किये गये हैं।


सागर वॉच/ 
  रेलवे बोर्ड (रेल मंत्रालयके नये अध्यक्ष एवं मुख् कार्यकारी अधिकारी (सीईओके रूप में श्री अनिल कुमार लाहोटी ने आज पदभार ग्रहण किया। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने दिनांक 01.01.2023 से श्री अनिल कुमार लाहोटी की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है । उन्होंने दिनांक 17.12.2022 को रेलवे बोर्ड में सदस्य, इंफ्रास्ट्रक्चर  के रूप में पदभार संभाला था ।



श्री अनिल कुमार लाहोटी,  इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ इंजीनियर्स के 1984 बैच के अधिकारी हैं। इन्हें भारत सरकार द्वारा अनुमोदित इंडियन रेलवे मेनेजमेंट सर्विस की लेवेल-17 की पहली पेनल में शामिल किया गया। उन्होंने माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, ग्वालियर से सिविल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ स्नातक किया है और रुड़की विश्वविद्यालय (आईआईटी, रुड़की) से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (स्ट्रक्चर्स) किया है। रेलवे में अपने 36 वर्षो से अधिक के सेवा काल के दौरान, उन्होंने मध्य, उत्तर, उत्तर मध्य, पश्चिम और पश्चिम मध्य रेल और रेलवे बोर्ड में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।


इससे पूर्व, वह मध्य रेल के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे और कई महीनों तक पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। महाप्रबंधक के रूप में उनके कार्यकाल में सबसे अधिक संख्या में किसान रेल चलाने और  राजस्व  के मामले में उन्हें अब तक का सबसे अधिक माल और पार्सल यातायात (टन में) प्राप्त करने का श्रेय प्राप्त है। उन्होंने गैर-किराया, स्क्रैप की बिक्री और व्यापक टिकट जांच अभियान द्वारा राजस्व में रिकॉर्ड सुधार का कार्य भी किया है। उन्होंने मुंबई में वातानुकूलित उप-नगरीय सेवाओं के विस्तार के जटिल मुद्दे का सफलतापूर्वक परिचालन और समाधान किया है। उनके कार्यकाल के दौरान, मध्य रेल ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निष्पादन और कमीशनिंग में बड़े स्तर पर सुधार किया तथा मुंबई में दिवा और ठाणे के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित 5वीं और 6वीं लाइन की शुरुआत की।

श्री लाहोटी ने मंडल रेल प्रबंधक, लखनऊ, उत्तर रेलवे के पद पर भी कार्य किया, जहां उन्होंने भीड़-भाड़ वाले गाजियाबाद-प्रयागराज-डीडीयू मार्ग के विकल्प के रूप में लखनऊ-वाराणसी-डीडीयू मार्ग पर माल ढुलाई में सुधार के लिए कई पहल की हैं । उन्होंने लखनऊ मंडल के स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं और स्वच्छता मानकों में सुधार के विशेष कार्य किये । उन्होंने लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर करने सहित बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए कई कार्य किए और भविष्य में यातायात में वृद्धि के लिए नेटवर्क क्षमता के विस्तार के महत्वपूर्ण कार्यों की मंजूरी के लिए व्यापक योजना बनाई।

उत्तर रेलवे में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) और मुख्य इंजीनियर (निर्माण) के रूप में श्री लाहोटी ने बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये नई लाइनों, ट्रैक के दोहरीकरण और मल्टी-ट्रैकिंग, यार्ड रीमॉडेलिंग, महत्वपूर्ण पुलों, स्टेशन निर्माण आदि के कई कार्यों का निष्पादन किया। दिल्ली में आनंद विहार टर्मिनल’ और नई दिल्ली स्टेशन के प्रतिष्ठित ‘अजमेरी गेट’ साइड स्टेशन भवन की योजना और निर्माण उनके द्वारा किया गया है। आप विश्व स्तर के स्टेशन के रूप में नई दिल्ली स्टेशन के पुनर्विकास और वाणिज्यिक विकास की योजना से भी जुड़े रहे।

रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक  के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान श्री अनिल कुमार लाहोटी ने विशेष रूप से परिचालन की गति बढ़ाने और उच्च एक्सल लोड की ढुलाई के लिए सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के रखरखाव, पुनर्वास और स्थायी मार्ग के उन्नयन पर कई नीतियों और योजनाओं की पहल की । उन्होंने ट्रैक रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ ट्रैक रखरखाव के पूर्ण मशीनीकरण के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया और उसे कार्यान्वित भी किया । समुचित शोध के पश्चात् उन्होंने उद्देश्य आधारित रखरखाव मानदंड तैयार किया और ट्रैक रखरखाव संगठन के लिए कम लागत रखरखाव मॉडल विकसित करने की पहल की है। उन्हें भारतीय रेलवे पर रेल ग्राइंडिंग मेंटेनन्स (रखरखाव) की विस्तृत योजना बनाने और इसके सफल कार्यान्वयन का भी श्रेय है।

उन्होंने  स्ट्रैटेजिक मेनेजमेंट (सामरिक प्रबंधन) और लीडरशिप प्रोग्राम (नेतृत्व कार्यक्रम) में कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी, पिट्सबर्ग, यूएसए; बोकोनी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, मिलान, इटली; और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद से प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने हांगकांग, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी और स्विटजरलैंड में स्टेशनों के विकास एवं रेलवे भूमि पर वाणिज्यिक विकास का अध्ययन किया है। उन्होंने ट्रैक प्रौद्योगिकी और ट्रैक अनुरक्षण मशीनों के विकास के सिलसिले में कई देशों का दौरा भी किया है।

Electoral Bond-नौ से पंद्रह नवम्बर तक भुनाए  जा सकते हैं चुनावी बांड

सागर वॉच/
भारत सरकार ने राजपत्र अधिसूचना संख्‍या 20, दिनांक 02 जनवरी, 2018 (जैसा कि 7 नवंबर, 2022 को राजपत्र अधिसूचना के जरिए संशोधित किया गया है) के तहत चुनावी बॉन्ड योजना-2018 को अधिसूचित किया है। इस योजना के प्रावधानों के अनुसार चुनावी बॉन्ड की खरीद ऐसे व्‍यक्ति (जैसा कि राजपत्र अधिसूचना के आइटम नम्‍बर 2डी में परिभाषित किया गया है) द्वारा की जा सकती है, जो भारत का नागरिक हो या भारत में निगमित या गठित कंपनी हो। व्‍यक्ति विशेष के रूप में कोई भी व्‍यक्ति एकल रूप से या अन्‍य व्‍यक्तियों के साथ मिलकर संयुक्‍त रूप से चुनावी बॉन्डों को खरीद सकता है।

केवल वैसे राजनीतिक दल, जो जन प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 (1951 का 43) के अनुच्‍छेद 29ए के तहत पंजीकृत हों और जिसने पिछले आम लोकसभा चुनावों या राज्‍य विधानसभा चुनावों में डाले गये कुल मतों के एक प्रतिशत से कम मत प्राप्‍त नहीं किए हों, चुनावी बॉन्ड प्राप्‍त करने के पात्र होंगे। चुनावी बॉन्डों को किसी भी पात्र राजनीतिक दल द्वारा केवल अधिकृत बैंक के किसी बैंक खाते के माध्‍यम से ही भुनाया जा सकेगा।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बॉन्ड बिक्री के XXIII या 23वें चरण में 09.11.2022 से लेकर 15.11.2022 तक अपनी 29 अधिकृत शाखाओं (संलग्न सूची के अनुसार) के माध्यम से चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।

चुनावी बॉन्ड जारी होने की तारीख से लेकर पंद्रह कैलेंडर दिनों तक वैध होंगे और वैधता अवधि की समाप्ति के बाद चुनावी बॉन्ड जमा किए जाने पर किसी भी प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। किसी भी पात्र राजनीतिक दल द्वारा अपने खाते में जमा किए गए चुनावी बॉन्ड की राशि उसी दिन उसके खाते में डाल दी जाएगी।

Press Conference- खाद्यान्न पर जीएसटी लगाना इस सदी का सबसे बड़ा पाप-रघु ठाकुर

सागर वॉच
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लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने कहा कि खाद्यान्न के ऊपर जीएसटी लगाना इस सदी का सबसे बड़ा पाप है, वहीं कॉर्पोरेट टैक्स घटा दिया है जबकि उस बढाया जाना चाहिए खाद्यान्न पर लगाए गए जीएसटी को समाप्त किया जाना चाहिए 

श्री ठाकुर आज सागर प्रवास के दौरान अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. उन्होने कहा कि एशिया को सबक सीखना चाहिए कि अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक का कर्ज दीर्घकाल में देश की व्यवस्था को बिगाड़ सकती है श्रीलंका में आम चुनाव ही अंतिम हल होगा, भले ही वहाँ संसदीय बहुमत से सरकार बन गई परंतु आंतरिक हलचल रूकने वाली नहीं है और लोकतांत्रिक हल भी वही है। 


उन्होने कहा कि नई शिक्षा नीति शिक्षा के निजीकरण का रास्ता है और आत्मनिर्भरता के नाम पर शिक्षण संस्थाओं को बाजार बनाया जा रहा है, इससे न केवल शिक्षा, छात्रों के चरित्र जीवन शैली पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि राष्ट्र की योग्यता पर भी प्रभाव पड़ेगा भारत सरकार को इस शिक्षा नीति पर पुर्नविचार करना चाहिए आश्चर्यजनक है कि संघ जैसी संस्थाएं और विद्यार्थी परिषद अब मौन धारण करें हैं
 
रेवड़ी कल्चर पर उपदेश देने वाले सबसे बड़े उपयोगकर्ता स्वत: भाजपा है. 50 हजार के ऋण माफी की घोषणा, 50 क्विंटल राशन मुफ्त यह सब केंद्र सरकार रही है समाजवादी विचारधारा ने जो जनहित की बात उठाई थी उसे वह कमजोर गरीब तबकों के लिए मदद का लक्ष्यता: परंतु अब सरकारों ने वोट बैंक का माध्यम बना लिया है, जिससे राज्यों की आर्थिक व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ रहा है 

लोसपा की राय में आर्थिक रूप से समर्थ बनाना चाहिए विषमता को सीमित करना चाहिए श्री ठाकुर ने कहा कि संसद में कुछ शब्दों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाए जाने पर उन्होंने  कहा कि अलोकतांत्रिक है

Achievement-पीएम आवास योजना के बेहतर  क्रियान्वयन में देश भर में  अव्वल  रहा मप्र

सागर वॉच।
प्रधानमंत्री आवास योजना के सर्वोत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश को देश भर में प्रथम स्थान मिला है। गत  8 जुलाई को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने मप्र के एडीशनल कमिश्नर सतेन्द्र सिंह को यह अवार्ड सौंपा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस बड़ी उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी है।


नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पीएम आवास योजना के क्रियान्वयन में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मिले अवार्ड पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करते हुए कहा है कि इस योजना ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की आवश्यकताओं को तो पूरा किया ही है ,साथ ही इन परिवारों की भावनाओं को भी छुआ है। 

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इस योजना के भावनात्मक पहलू से जुड़ कर संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यक्तिगत रुचि लेकर इस योजना का मप्र में सफल क्रियान्वयन किया। आज लाखों पीएम आवासों ने मध्यप्रदेश की आबादी के एक बड़े हिस्से को सुविधा और स्वास्थ्य के साथ आत्मसम्मान का जीवनस्तर प्रदान किया है। इस संतुष्टि ने हितग्राही परिवारों के मानसपटल पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और भाजपा के प्रति सदैव के लिए अमिट छाप छोड़ी है।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने इस योजना का महत्व और मूलभाव समझ कर इस पर सूक्ष्मता से अमल किया है। इसमें अधिकतम पारदर्शिता बरतने की कोशिश हुई और आवास के लिए मिली राशि के सुनिश्चित उपयोग के स्तर पर भी सख्ती से निगरानी रखी गई। 

यही वजह है कि मध्यप्रदेश में खपरैल और कच्चे मकानों की संख्या में कमी आई है। इतना ही नहीं इस योजना की सफलता ने मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान की है। मंत्री श्री सिंह ने पीएम आवास योजना के उत्कृष्ट और सफल क्रियान्वयन के लिए इस कार्य में संलग्न रहे प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी वर्ग की भी सराहना की है।

Cyber Crime Reporting Portal-साइबर अपराधों की शिकायतों के लिए ने पोर्टल शुरू

सागर वॉच/ 
गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा साइबर अपराधों से व्यापक तरीके से निपटने के लिए एक प्रभावी तंत्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से “भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी)” योजना को कार्यान्वित किया है। इसके अंतर्गत सभी प्रकार के साइबर अपराधों ,विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रिपोर्टिंग हेतु “राष्ट्रीय अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल‘‘ को लॉंच किया गया है। पोर्टल में दर्ज शिकायतें स्वचालित रूप से संबन्धित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को ऑनलाइन अग्रेषित की जाती हैं।

  
देश में दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ती ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की त्वरित रिपोर्टिंग के लिए गृह मंत्रालय द्वारा शिकायत दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाईन नंबर 1930 शुरू किया गया है।
कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने निर्देष दिए हैं कि “राष्ट्रीय अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाईन नंबर 1930, टिवटर अकाउंट, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम के संबंध में क्षेत्रीय लोगों में तथा नगर पालिका और पंचायत क्षेत्रों में स्कूल/कॉलेज के विध्यार्थियों को जागरूक करने हेतु प्रचार-प्रसार एवं उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु सकारात्मक कदम उठाए जाने की जरूरत  है।

PM HOUSING SCHEME-मप्र के 50 हजार से ज्यादा हितग्राहियों के प्रस्ताव केंद्र में मंजूरी के लिए अटके

 सागर वॉच। 19 मार्च 2022। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने बताया है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 1 लाख 7 हजार 286 हितग्राहियों के आवास जल्द स्वीकृत होंगे।  आवास मंत्री  ने गत दिनों नई दिल्ली में आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी से भेंट कर उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक में हितग्राहियों द्वारा विशेष रूचि ली जा रही है। 


उन्होंने केंद्रीय आवास मंत्री को यह भी बताया कि फरवरी 2022 में 67 हजार 286 हितग्राहियों के प्रस्ताव केन्द्र में स्वीकृति के लिए विचाराधीन हैं। मार्च माह में भी 40 हजार हितग्राहियों ने बीएलसी घटक में आवास के लिये आवेदन किया है] जिनके प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजे जा रहे हैं। श्री पुरी ने अधिकारियों को मध्यप्रदेश के लंबित प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं।


केन्द्र के तकनीकी सहयोग से प्रदूषण मुक्त होंगी नदियाँ 

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने राज्य की सभी नदियों एवं जल-स्रोतों को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिये गंगा एक्शन प्लान या अन्य अनुभव के आधार पर मार्गदर्शन देने का आग्रह किया। श्री पुरी ने इस संबंध में तकनीकी मार्गदर्शन देने के लिये एक टीम मध्यप्रदेश भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

मप्र-उप्र साझ करेंगे नगरीय विकास के अनुभव 

केंद्रीय आवास मंत्री ने उत्तर प्रदेश] मध्यप्रदेश एवं गुजरात के नगरीय विकास के अनुभवों को आपस में साझा करने के लिये एक फोरम (क्लास लर्निंग प्लेटफार्म) बनाने के सुझाव पर सहमति व्यक्त करते हुए जल्द कार्यवाही के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।

मप्र के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में मिल रहे केन्द्र सरकार के लगातार सहयोग से प्रदेश ने योजना के क्रियान्वयन में देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान में बीएलसी घटक में 6 लाख 28 हजार आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं। सभी घटकों में मिलाकर अब तक 8 लाख 68 हजार आवास स्वीकृत हो चुके हैं।

Income Tax Raid-कोचिंग  संस्थान ने छात्रों से मिली २५ करोड़ से अधिक की राशि छिपाई
सागर वाच आयकर विभाग ने 25-11-2021 को इंदौर के दो प्रमुख व्यापारिक समूहों पर छापे
मारी व तलाशी-जब्ती अभियान शुरू किया। पहला समूह खनन, मीडिया और केबल टीवी सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय से जुड़ा है और दूसरा समूह एक कोचिंग अकादमी चला रहा है। मध्य प्रदेश में 70 और 5 अन्य राज्यों सहित 70 से अधिक परिसरों की तलाशी ली गई।

तलाशी की कार्रवाई के दौरानकुछ व्यवसायों के वित्तीय रिकॉर्ड के समानांतर सेट सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इन साक्ष्यों के आरंभिक विश्लेषण से विभिन्न कदाचारोंविशेष रूप से खनन व्यवसाय में बिक्री की आयकर चोरी का पता चलता है।

केबल टीवी सेवा के कारोबार में भी इसी तरह बड़े पैमाने पर कर चोरी पाई गई है। अन्य कदाचार जैसे पैसों का भुगतानसंदिग्ध बेनामी लेनदेननकद में किए गए बेहिसाब खर्चअचल संपत्तियों में अघोषित निवेश आदि के साक्ष्य भी मिले हैं।

जांच से पता चला है कि समूह ने प्रविष्टि संचालक द्वारा प्रबंधित विभिन्न मुखौटा कंपनियों से फर्जी असुरक्षित कर्ज के रूप में 40 करोड़ रुपये से अधिक की आवास प्रविष्टियां भी प्राप्त की हैं। 

तलाशी अभियान के दौरान मुख्य प्रविष्टि संचालकमुख्य संचालक और मुखौटा कंपनियों के कई नकली निदेशकों की पहचान करउनसे पूछताछ कर ली गई है। 

नकली निदेशकों और प्रमुख संचालकों ने स्वीकार किया है कि कंपनियां केवल कागजी संस्थाएं हैं और वे मुख्य प्रविष्टि संचालक के इशारे पर काम कर रही हैं।

कोचिंग ग्रुप के तलाशी अभियान से मिले और जब्त किए गए दस्तावेजी साक्ष्य स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि छात्रों से नकदी के रूप में प्राप्त 25 करोड़ रुपये से अधिक की राशि छिपाई गई है। 

जब्त किए गए सबूतों के विश्लेषण से यह भी संकेत मिलता है कि यह समूह व्यवस्थित रूप से अपनी विभिन्न फ्रेंचाइजी से मिली रॉयल्टी और लाभ की हिस्सेदारी से हुई आय को छिपा रहा है। 

इन खातों में 10 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी की रकम प्राप्त की गई है। तलाशी अभियान के दौरान दो करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद हुई है। जांच आगे जारी है।