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Sagar Watch News

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रघु ठाकुर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कल 24 अप्रैल 2024 को सागर चुनाव के दौरे पर आ रहे हैं। इसके पहले भी वह पिछले लोक सभा चुनाव के समय चुनाव प्रचार के लिए सागर आए थे और उन्होंने महान दानवीर शिक्षा विदऔर देश के महान सपूत डॉक्टर हरिसिंह गौर के बारे में सार्वजनिक स्वरूप से जनसभा में अपने विचार व्यक्त किए थे । उनकी प्रशंसा की थी।

यह  सर्वविदित तथ्य  है की देश में अगर किसी एक व्यक्ति के अपने निजी योगदान से एक ऐसा विश्वविद्यालय 1946में शुरू किया गया जो गरीबों के इस अंचल के लिए ,कमजोर लोगों के लिए पढ़ाई का सस्ता जरिया था । 

यह सारी दुनिया में शायद एकमात्र डॉक्टर हरिसिंह गौर का ही योगदान है। उन्होंने महिला अधिकारों के क्षेत्र में महिलाओं को बराबरी के अधिकार संपत्ति अधिकार दिलाने के लिए उन्हें वकालत के लिए अधिकार दिलाने के लिए जो प्रयास किये उन्हें भुलाना अकृतज्ञता होगी। 

बुंदेलखंड की जनता इस उम्मीद में थी कि प्रधानमंत्री जी डॉक्टर हरि सिंह गौर को भारत रत्न की उपाधि से विभूषित करेंगे और इस अंचल की इच्छा की पूर्ति करेंगे। परंतु खेद है कि अंचल के करोड़ों जनता की आकांक्षा पूरी नहीं हो सकी । हम प्रधानमंत्रीजी से अपील करेंगे कि वह कल जनसभा में इन मुद्दों पर अपनी राय दें और समुचित संकेत दें । 

 बुंदेलखंड अंचल की जनता का एक और बड़ा दुख है की इस अंचल की पांच रेल लाइन जो पिछले 12-13 वर्ष से स्वीकृत पड़ी है जिनमें सर्वेक्षण हो चुका है जिनका प्रस्ताव तैयार होकर रेलवे बोर्ड को पहुंचाया जा चुका है उनके काम को शुरू करने के लिए अभी तक रेलवे बोर्ड या भारत सरकार ने पैसा नहीं दिया है ।

यह दुखद है कि देश के सभी इलाकों में नई रेल लाइनों के लिए पैसा दिया जा रहा है परंतु बुंदेलखंड अंचल इससे छूटा हुआ है। इन लाइनों से न केवल सस्ता यातायत होगा बल्कि यात्रियों का समय बचेगा ।बल्कि बड़े पैमाने पर डीजल पेट्रोल की खपत भी कम होगी । 

अंचल में कृषि आधारित उद्योग शुरू हो सकेगें तथा किसान सीधे महानगरों के बाजार तक पहुंच सकेंगे। ललितपुर से सागर देवरी छिंदवाड़ा ,छतरपुर से सागर राहतगढ़ होकर भोपाल, ललितपुर से गुना और झांसी से शिवपुरीहोकर श्योपुर तथा भिंड से उरई जालौन होकर बांदा तक की रेल लाइन स्वीकृत पड़ी है। केवल पैसा की आवश्यकता है। 

प्रधानमंत्रीजी बेहतर जानते हैं कि रेल लाइन कोई एक वर्ष में तैयार नहीं होते उनके तैयार होने में आमतौर पर चार-पांच साल या कभी-कभी ज्यादा भी लग जाते हैं। अगर इनका काम भी शुरू हो गया होता तो आज कम से कम आधी आबादी तो लाभ ले रही होती। 

समाजवादी चिन्तक श्री ठाकुर ने उम्मीद जताई  कि वह कल अपनी सभा में इन पांच स्वीकृत रेल लाइनों के बारे में भी कुछ कहेंगे और जनता को आश्वस्त करेंगे ।बुंदेलखंड के जनप्रतिनिधी पुराने या संभावित अपने राजनेतिक हित के लिए कमजोर हो सकते हैं परंतु बुंदेलखंड का जनम त कमजोर नहीं है। 

अगर प्रधानमंत्री जी इन दोनों बातों पर गौर सा को भारत रत्न और बुंदेलखंड अंचल की उपरोक्त रेल लाइनों के बारे में कुछ ठोस बात नहीं कहेंगे तो जनता भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकती है, और करना भी चाहिए । 

श्री ठाकुर ने यह भी कहा कि  आम जनता से अपील करूंगा की सरकार के ऊपर दबाव डालने का यह सही समय है । इसका इस्तेमाल करें और प्रधानमंत्री को साफ बता
 दें की अगर डॉक्टर गौर को भारत रत्न नहीं बुंदेलखंड को रेल लाइन नहीं तो फिर
 भाजपा को वोट नहीं । 

Sagar Watch/ साहित्यकारों को अपने विचारों के लिए जोखिम उठाने की जरूरत- रघु ठाकुर हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि और लेखक विजयदेव नारायण साही ने साहित्य को कर्म से जोड़ने का जोखिम उठाया। असल साहित्यकार वही है जो विचारों के लिए जोखिम उठाए। यह बात प्रसिद्ध समाजवादी चिंतक श्री रघु ठाकुर ने कही। वे समता ट्रस्ट और विश्ववाणी प्रकाशन की ओर से हिंदी भवन में आयोजित विजयदेव नारायण साही जन्मशती समारोह में बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि साहित्यकार की जीभ कुत्ते की दुम नहीं, जो कहीं भी हिलाए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध साहित्यकार प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह उपस्थित रहे। श्री ठाकुर ने कहा कि साही जी डॉ. राममनोहर लोहिया जी के बहुत नजदीक थे। साही जी का चिंतन लोहिया जी की विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है। 

लोहिया जी और साही जी के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों और समाजवादी विचारों को लेकर गहन चर्चा होती थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह जी ने साही को याद करते हुए कहा कि हम जैसे लोग अपने विद्यार्थी जीवन से ही विजयदेव नारायण साही जैसे साहित्यकारों को पढ़कर समृद्ध होते रहे हैं। हमारे पुरखों को आजादी पसंद थी और साही जी असल मायनों में आजादी का अर्थ समझते थे। 

संस्कृत के जाने- माने विद्वान प्रोफेसर राधवल्लभ त्रिपाठी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब मैनें पहली बार साही जी को सागर में सुना था तब मुझे लगा कि उनके सोचने और बोलने का तरीका औरों से बहुत अलग है। 

 साहित्यकार मुकेश वर्मा ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि साहित्यकार को यह चुनना पड़ता है कि वह लोक के साथ या अभिजात्य के साथ। साही जी का चिंतन लोक के साथ था। वे कवि और साहित्यकार के साथ शोषित और वंचितों की आवाज थे। 

सांची विवि के कुलपति श्री वैद्यनाथ लाभ जी ने भी कार्यक्रम संबोधित किया। आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित एमसीयू के पूर्व कुलपति दीपक तिवारी के कहा कि हम जिस अज्ञानता के दौर से गुजर रहे हैं, उस दौर में साही जी जैसे लोगों की बहुत जरूरत है। 

इस अवसर पर राधा वल्लभ त्रिपाठी जी की पुस्तक 'संस्कृति संवाद' का विमोचन भी किया गया। पुस्तक के बारे में बोलते हुए श्री रघु ठाकुर जी ने कहा कि राधा वल्लभ त्रिपाठी जी ने पुस्तक के माध्यम से प्रमाणिक ग्रंथो के आधार पर भारत की धर्मनिरपेक्षता को परिभाषित किया है। 

कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिवा श्रीवास्तव तथा आभार प्रदर्शन श्री मदन जैन ने किया। कार्यक्रम में शंभूदयाल बघेल जी, श्यामसुंदर यादव जी, पीयूष बबेले जी, यश भारतीय जी, शशिभूषण यादव जी, धर्मेन्द्र यादव आदि उपस्थित रहे।
Sagar Watch, Politics

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इन दिनों आखिर ऐसा क्या हो गया है जो वैचारिक स्तर पर कांग्रेस के विरोधी 
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे के व्यक्तित्व और विचारों की खुलकर तारीफ करते नजर आ रहे हैं।

इस बात का अंदाजा उनके उस वक्तव्य से लगता है जिसमें उन्होंने हाल ही में बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में आयोजित एक आमसभा में हिंदी भाषा में भाषण देने पर मल्लिकार्जुन खड्गे को  पार्टी स्तर के वैचारिक मतभेदों को दरकिनार रखते हुए साधुवाद दिया उन्होंने कहा कि "खड्गे जी  ने अपना भाषण हिंदी में दिया, यद्यपि वे कन्नड़ भाषी है और अंग्रेजी भी उन्हें सुविधाजनक है। परंतु उनके हिंदी में भाषण देने के लिए उन्हें साधुवाद।" 

समाजवादी विचारक रघु ठाकुर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री खड्गे की तारीफ में इतना कहकर ही नहीं रुके आगे उन्होंने उनके भाषण को तार्किक और जनता से सरोकार रखने वाला बताते हुए भी प्रशंसा की  उन्होंने कहा कि "उनका भाषण प्रभावी और स्तरीय था जिसका प्रभाव श्रोताओं पर बहुत अच्छा रहा।"

एक समाजवादी चिन्तक व  राजनैतिक दल के प्रमुख होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी की मुखिया की तारीफ़ करने के मुद्दे पर उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए यह भी कहा कि  हालाँकि वो कांग्रेस के  नहीं हैं और वे  कई नीतिगत मामलों पर कांग्रेस के विरोधी भी हैं फिर भी उन्होंने  खड्गे जी की तारीफ में कहा कि उनका भाषण तार्किक और जनता के साथ जोड़ने वाला था  

श्री ठाकुर की मुताबिक  खड्गे जी ने कोई विवाद पैदा करने की बात नहीं कही और उनका भाषण उनके पद की गरिमा के अनुकूल था। उन्होंने उन सभी बिंदुओं को उठाया जो उनकी पार्टी के चुनाव के मुद्दे हैं पर कटुता और घृणा भड़कानेवाली बात नहीं कही। सुप्रीम कोर्ट की भावनाओं के अनुकूल उन्होंने हेट स्पीच नहीं दी। यह राजनीति में अच्छी शुरुआत है।  
Sagar Watch, Morality In Public Life, Raghu Thakur

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सार्वजनिक जीवन में नैतिकता के विषय पर बोलते हुए साहित्यकार विजय बहादुर सिंह कहा कि मनुष्य नैतिकता अपनी आवश्यकता अनुसार गढ़ता है,नैतिकता समाज की लक्ष्मण रेखा है जो समाज कीमत नहीं चुका सकता नैतिकता नहीं ला सकता। महापुरुष इस बात के उदाहरण है। उन्होंने कहा कि नैतिकता का ठिकाना साहित्य हैं और हमेशा रहेगा

ये विचार उन्होंने स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह ठाकुर स्मृति में   सरस्वती वाचनालय गौर मूर्ति सागर में   सार्वजनिक जीवन में नैतिकता विषय पर संपन्न व्याख्यान में अपना उद्बोधन के दौरान व्यक्त किये  

Sagar Watch, Raghu Thakur

इसी सिलसिले में पत्रकार उमेश  त्रिवेदी
ने विस्तार से सार्वजनिक जीवन में नैतिकता पर प्रकाश डाला
 उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में नैतिक गिरावट आई है चाहे वह राजनीति का हो,व्यापार का हो,साहित्य का हो, पत्रकारिता का हो,समाज इन चुनौतियां का सामना कर आगे बढ़ता रहा है। इस कार्यक्रम में आने से मुझे नैतिक बल मिला है,आयोजकों का मैं आभारी हूं। 

समाजवादी नेता और कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री रघु ठाकुर ने अपने संबोधन में  नौजवानों से अपील करते हुए कहा कि हमें समाज को नैतिक पतन से बचाना है इसके लिए हमें एक साथ खड़े हो 

उन्होंने नौजवानों से महिलाओं आह्वान किया कि हम सब मिलकर नैतिकता की और बढ़ चलें समाज हमारी ओर देख रहा है नैतिक गिरावट को हम खत्म करके दम लेंगे

उन्होंने कहा कि समाज सदैव नैतिकता का समर्थन करता रहा है आज का उपस्थित समूह इस बात का संदेश है उन्होंने कहा कि समाज को बदलने के लिए बुराइयों की नहीं अच्छाइयों की चर्चा करें महापुरुष के आचरण इन बातों के आदर्श हैं समाज में नैतिक पतन को उन्होंने पूजीबाद के लिए जिम्मेदार बताया पूंजीवाद अनैतिक विचारधारा है,समाजवाद नैतिकता है पूंजीवाद के बढ़ने से विकृति आएंगी। नैतिकता का सबसे बड़ा शत्रु विवाद है जो गैर बराबरी और विस्मता को जन्म देता है और अंत मैं उन्होंने कहा कि यदि नेता नैतिक है तो समाज भी नैतिक बनेगा।

Sagar Watch, Raghu Thakur

विद्वानों के उद्बोधन के पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर ने माल्यार्पण किया एवम श्री विश्वनाथ सिंह ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण किया उसके बाद अतिथियों का स्वागत किया गया
। श्री उमेश त्रिवेदी पत्रकार का स्वागत जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष आनंद अहिरवार ने किया।
श्री विजय बहादुर सिंह साहित्यकार का स्वागत रामकुमार पचोरी ने किया श्री रघु ठाकुर का स्वागत रफीक गनी और पप्पू गुप्ता ने किया।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर बद्दी प्रसाद ने किया आभार पंडित सुखदेव प्रसाद तिवारी ने माना।  

इस अवसर पर ठाकुर विश्वनाथ सिंह के परिजन सहित प्रमुख रुप से उपस्थित रहने वालों में श्री लक्ष्मीनारायण यादव पूर्व सांसद,सुनील जैन पूर्व विधायक सुरेन्द्र चौधरी पूर्व विधायक,अशोक श्रीवास्तव,रमाकांत यादव,राम अवतार तिवारी, भोलेश्वर तिवारी,हेमचंद्र जैन,कैलाश सिघईं,सुरेश आचार्य,डा श्याम मनोहर सिरोठिया,
विष्णु आर्य योगाचार्य,सुरेंद्र सुहाने, साहित्यकार पूरनसिंह,देवेंद्र फुसकेले,डॉ जिनेंद्र जैन,टी आर मलैया,भूपेंद्र मुहासा,बी डी पटेल,आशीष ज्योतिषि,राहुल चौबे,राम गोपाल यादव,राहुल व्यास,कवि अशोक मिजाज, गजाधर सागर,
बुंदेल सिंह बुंदेला,नाराण सिंह उमकांत मिश्रा सनोधा,पप्पू गुप्ता, पंकज सिंघई,शिवराज सिंह ठाकुर,महेश पांडे,भूपेंद्र सिंह बंडा,गजाधर सागर,एड. चंद्रभान सिंह राजपूत,सीताराम पाठक,विनोदतिवारी,चिकी एंथोनी,सिंटू कटारे ,
महेश जाटव,नितिन पचौरी,कपिल पचोरी,अकरम खान, रमेश सोनी,अभिनीत पांडे,ओमपाल आदिवासी मोहन आदिवासी,तुलसीराम श्रीराम आदिवासी,श्रीराम शर्मा,अवतार शर्मा,पवन रैकवार,हरीश लोधी,बीरन लोधी,ममता भूरिया,
पूजा पाराशर,आर आर पाराशर, लक्ष्मी पांडे,सिम्मी ठाकुर, मोना ठाकुर,रुचि,सुनील भदोरिया,देवेंद्र कुर्मी,जितेंद्र खटीक,मोहन देवलिया, निरंजन सिंह,कुलदीप भाटिया,बंटू मुखरिया,मुकेश साहू,संजय व्यास,बृजेंद्र नगरिया,राजेश उपाध्याय, 
शशि कुमार,प्रहलाद पचौरी सहित गणमान्य नागरिक पत्रकार बंधु आदि एकसंख्या में लोग उपस्थित थे
Sagar Watch Madhu Limye

सागर वॉच।, 29 जुलाई
। समाजवादी चिंतक व राजनेता रघु ठाकुर की किताब  ' सच के आईने में मधु लिमये ' पुस्तक का विमोचन समारोह आज माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय भोपाल के सभागार में सम्पन्न हुआ।

रघु ठाकुर सहित सप्रे संग्रहालय के संस्थापक विजयदत्त श्रीधर,बाराबंकी से आये वरिष्ठ समाजवादी राजनाथ शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर, डा . राम विद्रोही, साहित्यकार मुकेश वर्मा, स्टेट बैंक आफ इंडिया के डी एम डी विनोद मिश्रा, आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के अध्यापक जयन्त सिंह तोमर ने मधु लिमये को याद किया।

समता ट्रस्ट एवं सप्रे संग्रहालय के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए डा . शिवा श्रीवास्तव व बुंदेली कवि महेश कटारे ' सुगम ' का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन रघु ठाकुर ने व धन्यवाद ज्ञापन समता ट्रस्ट के अध्यक्ष मदन जैन ने किया।
इस अवसर पर ओ पी रावत पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त भारत सरकार, जाने माने सम्पादक एनके सिंह, अबिलास खांडेकर,पूर्व डी जी पी एम. डबल्यू. अंसारी, दया राम नामदेव सचिव गांधी भवन, पत्रकार ममता कलहार, डॉक्टर रहीश लखनऊ,पूर्व मंत्री राजा पटेरिया, दीपक जोशी, पत्रकार पाटेश्वरी बाराबंकी विशेष रूप से उपस्थित थे।
रघु ठाकुर ने मधु लिमये के त्याग, संघर्ष व देशसेवा को याद करते हुए कहा कि मधुजी उस आदर्श के प्रतीक हैं जो सिद्धांत से समझौता नहीं करता। जनता पार्टी तोड़ने के लिए वे जिम्मेदार नहीं थे यह बात नानाजी देशमुख ने लिखी। मधु लिमये ने विशेष अवसर के सिद्धांत पर जोर देते हुए आरक्षण की स्वत: समापनीय योजना सुझाई थी। उन्होंने देश की आज़ादी के साथ गोवा की आज़ादी के लिए संघर्ष किया और बताया कि समाजवाद आनेवाली पीढ़ियों के भविष्य का इंतजाम करता है।
राजनाथ शर्मा ने कहा कि मधु जी जैसे नेताओं ने ही सिखाया कि संतति व संपत्ति को जो त्याग दे वही सच्चा समाजवादी है। उन्होंने न्यूनतम लेकर अधिकतम दिया और श्रेष्ठतम जिया।
विजय दत्त श्रीधर ने मधु लिमये ने जो सत्ता के केन्द्र में रहकर जो सादगी भरा जीवन जिया उससे उन लोगों को कुछ सीखना चाहिए जो जनता के प्रतिनिधि बनकर हर चीज में विशेषाधिकार चाहते हैं और  साधारण नागरिक की तरह नहीं जीना चाहते। वरिष्ठ पत्रकार व रंगमंच विशेषज्ञ गिरिजाशंकर ने कहा कि रघु ठाकुर की सादगी व सक्रियता में  मधु लिमये की छवि दिखाई देती है। उन्हें देखकर उम्र की चिंता दूर हो जाती है। देश की एक बड़ी आबादी आज भी अगर विचार और सामाजिक सरोकार से जुड़ा है तो उसके पीछे इन्हीं आदर्शो की प्रेरणा है।
डॉ राम विद्रोही ने कहा कि समाजवादी  विचार आंदोलन से जिंदा रहता है। डॉ लोहिया व मधु लिमये ने यह राह दिखाते हुए सिखाया था कि समाजवादी रिटायर नहीं होते। वे या तो बर्खास्त होते हैं या दुनिया ही छोड़ देते हैं। स्टेट बैंक आफ इंडिया वरिष्ठ अधिकारी विनोद मिश्र ने कहा कि देश मधु लिमये व जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं के रास्ते पर चलकर को बचाये रख सकता है।
कार्यक्रम में लोसपा नेता श्यामसुंदर यादव, चित्रकार संजू जैन, अनूप सिंह,पूर्व पार्षद मकसूद भाई , लालू भाई , वरिष्ठ सेवानिवृत अधिकारी गण एवं बड़ी संख्या में लोगों ने विशेषरूप से उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल  बनाया।

Birth Cenetary-संसदीय मर्यादाओं-परम्पराओं के धुर समर्थक थे मधु लिमये

सागर वॉच/
लोहियावादी विचारधारा के अनुयायी व् समाजवादी चिन्तक  राजनाथ शर्मा के मुताबिक समाजवादी चिन्तक स्वर्गीय मधु लिमये का जीवन युवाओं को प्रेरणा लेने का है यदि राजनीति के उच्च मापदंड स्थापित किये जा सके तो समाज जल्दी बदलेगा। स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह के जन्मदिवस पर मधु लिमए का भारतीय राजनीति में योगदान विषय पर होटल क्राउन पैलेस के हाल में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित श्रोतागणों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि लिमये ने  लोगों को संघर्ष करना सिखाया और सिद्धांतों के साथ जीना भी। 

इसी सिलसिले में अपने  अध्यक्षीय उद्बोधन में समाजवादी चिन्तक रघु ठाकुर ने कहा कि मधु जी का जीवन आम आदमी को एवं गरीबों को समर्पित जीवन था। आजादी के आंदोलन में उन्होंने अल्प आयु में संघर्ष किया और जेल गए । उनका जीवन एक प्रकार से आंदोलन का जीवन था। स्वतन्त्रता संग्राम के आंदोलन गोवा मुक्ति आंदोलन आपातकाल का विरोध जे पी आंदोलन करते हुए उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन गरीबों के लिए संघर्ष में लगाया। 

उन्होंने कहा कि मधु लिमए जी का मतलब है संघर्ष। वह लंबे समय तक जेल में रहे और उनका सोचना था की जीवन में जेल इंसान के निर्माण का सबसे बढ़िया माध्यम है। पूरा जीवन सिद्धांतों के साथ जिया। संसदीय मर्यादाओं का और संसदीय परंपराओं का भी उन्होंने बखूबी निर्वहन किया। उनके जमाने में संसद गरीबों की संसद थी जहां गरीब की आवाज उठाई जाती थी। 

उन्होंने संसदीय परंपरा के कई नैतिक मूल्य स्थापित किए। वह विरोधियों के भी सम्मानीय थे । यह राजनीति का सबसे बड़ा सम्मान उन्होंने पाया था। चंपा जी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वह सदैव नर नारी समानता के पक्षधर थे और यह उन्होंने लोहिया जी एवं महात्मा गांधी के जीवन से सीखा था। आज मधु लिमए जी के सिद्धांत को राजनीति की बहुत आवश्यकता है। अगर ऐसा हो सका तो देश बदलने में देर नहीं लगेगी । 

उन्होंने सांसदों की पेंशन एवं वेतन वृद्धि का विरोध किया उन्होंने महंगे चुनाव रोकने के लिए आदर्श आचार संहिता बने इसके लिए कार्य किया और राजनीति के साधनों पर किसी का स्थाई हक नहीं है यह भी उन्होंने अपने आचरण से सिद्ध किया। पूरे देश में  मधु लिमए जी का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है । सभी जगह यह कार्यक्रम संपन्न हो रहे हैं और हर्ष की बात यह है कि युवा कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं । इससे यह साफ संदेश है कि लोग अभी भी शुचिता और ईमानदारी की राजनीति के पक्षधर हैं।

पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने मधु जी के जीवन से जुड़ी घटनाओं को याद किया और कहां की मधु जी के सिद्धांत अपनाने के लिए बहुत ही दृढ़ निश्चय की आवश्यकता है । ऐसा कम ही लोग कर पाते हैं। 

वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र पाल सिंह ने कहा कि उनके जीवन को चार काल खंडों में विभाजित करके देखना चाहिए _ पहला आजादी के आंदोलन में हिस्सा दूसरा राजनीति तीसरा संसदीय परंपराएं और चौथा उनके द्वारा किया गया लेखन । उन्होंने सिद्धांत के उच्चतम कीर्तिमान स्थापित किए थे । 

कार्यक्रम की प्रस्तावना मोर्चा के संयोजक डॉक्टर बद्री प्रसाद ने रखा और मधु लिमए जी के जीवन से जुड़ी अनेक घटनाओं का जिक्र किया । उन्होंने कहा प्रतिवर्ष स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह जी की स्मृति में यह आयोजन होते रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे।

इस अवसर पर समाज सेवा में कार्य कर रहे व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। स्वर्गीय श्रीमती शशि जैन की स्मृति में पंडित सुखदेव प्रसाद तिवारी श्री निरंजन प्रसाद पचौरी जी की स्मृति में डॉ डीके गोस्वामी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सागर एवं स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह की स्मृति में समाजसेवी हेम चंद जैन को सम्मानित किया गया। श्री मति सरिता तिवारी ने श्री मति निधि जैन प्रधान सम्पादक आचरण का सम्मान किया। 

कार्यक्रम का संचालन राम कुमार पचौरी ने किया और आभार श्री अरुण प्रतापसिंह ने माना। प्रमुख रूप से सुनील जैन पूर्व विधायक साहित्यकार शरद सिंह श्याम मनोहर सिरोठिया, क्षिप्रा सिंह उमाकांत मिश्रा, वंदना सिंह, सुरेंद्र सुहाने, नारायण सिंह सनोधा, महेश पांडे, पप्पू गुप्ता, मुकुल पुरोहित रामजी दुबे सिंटू कटारे लालचंद घोसी विनोद तिवारी बजेन्द् नागरिया राजेश उपाध्याय लाल्ला यादव पकंज सिघई शुभम घोसी अब्बू घोसी हेमेश सिंह टीला महेश श्रीवास्तव अब्दुल रफीक गनी आशीष जोशी शैलेंद्रसिंह, अखलेश केसरवानी, अतुल मिश्रा  केबल जैन, जे के जैन, अमोल सिंह ठाकुर, महेंद्र दुबे, राम किशन चौरसिया, राहुल साहू, शिवराज सिंह ठाकुर, रमेश सोनी, हरिदयाल गोस्वामी, सुरेश जाट, इंदु चौधरी, पप्पू तिवारी,  चक्रेश जैन, प्रोफेसर विनोद दीक्षित, महेश जाटव, भूपेंद्र सिंह चंद्रभान सिंह, पंकज सिंघई, अविनाश चौबे,  सहित शहर के गणमान्य नागरिक गण समाजसेवी डॉ  एडवोकेट  व विश्वनाथ सिंह के परिजन  तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

Press Conference- खाद्यान्न पर जीएसटी लगाना इस सदी का सबसे बड़ा पाप-रघु ठाकुर

सागर वॉच
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लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने कहा कि खाद्यान्न के ऊपर जीएसटी लगाना इस सदी का सबसे बड़ा पाप है, वहीं कॉर्पोरेट टैक्स घटा दिया है जबकि उस बढाया जाना चाहिए खाद्यान्न पर लगाए गए जीएसटी को समाप्त किया जाना चाहिए 

श्री ठाकुर आज सागर प्रवास के दौरान अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. उन्होने कहा कि एशिया को सबक सीखना चाहिए कि अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक का कर्ज दीर्घकाल में देश की व्यवस्था को बिगाड़ सकती है श्रीलंका में आम चुनाव ही अंतिम हल होगा, भले ही वहाँ संसदीय बहुमत से सरकार बन गई परंतु आंतरिक हलचल रूकने वाली नहीं है और लोकतांत्रिक हल भी वही है। 


उन्होने कहा कि नई शिक्षा नीति शिक्षा के निजीकरण का रास्ता है और आत्मनिर्भरता के नाम पर शिक्षण संस्थाओं को बाजार बनाया जा रहा है, इससे न केवल शिक्षा, छात्रों के चरित्र जीवन शैली पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि राष्ट्र की योग्यता पर भी प्रभाव पड़ेगा भारत सरकार को इस शिक्षा नीति पर पुर्नविचार करना चाहिए आश्चर्यजनक है कि संघ जैसी संस्थाएं और विद्यार्थी परिषद अब मौन धारण करें हैं
 
रेवड़ी कल्चर पर उपदेश देने वाले सबसे बड़े उपयोगकर्ता स्वत: भाजपा है. 50 हजार के ऋण माफी की घोषणा, 50 क्विंटल राशन मुफ्त यह सब केंद्र सरकार रही है समाजवादी विचारधारा ने जो जनहित की बात उठाई थी उसे वह कमजोर गरीब तबकों के लिए मदद का लक्ष्यता: परंतु अब सरकारों ने वोट बैंक का माध्यम बना लिया है, जिससे राज्यों की आर्थिक व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ रहा है 

लोसपा की राय में आर्थिक रूप से समर्थ बनाना चाहिए विषमता को सीमित करना चाहिए श्री ठाकुर ने कहा कि संसद में कुछ शब्दों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाए जाने पर उन्होंने  कहा कि अलोकतांत्रिक है

Press-Meet-सत्ताधारी ...इंसान -को-जानवर-मानने-को-भी-तैयार-नहीं-रघु-ठाकुर

सागर वॉच।
उप्र के लखीमपुर खीरी की घटना दुखद निंदनीय और राष्ट्र के लिए शर्मनाक हैं. सत्ताधारियों में सत्ता का मद इतना व्याप्त हो गया है कि वे इंसान को जानवर मानने को भी तैयार नहीं हैं। 

   यह विचार लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने आज सागर प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा के दौरान व्यक्त किये उन्होने कहा कि यह योजनाबद्ध तरीके से घटना सुनियोजित प्रतीत होती है कि राज्य के उप मुख्यमंत्री को यह सूचना ना हो कि रास्ते में किसान आंदोलन चलना रहा है जो कि संभव नहीं है


लोसपा की सरकार से मांग है कि मंत्री पुत्र को तो गिरफ्तार किया जाए और प्रधानमंत्री पिता मंत्री को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करें उन्होने कहा कि आजाद हिंदुस्तान में किसानों की बर्बरता पूर्वक हत्या यह एक प्रकार से शासन के द्वारा की गई हत्या है

प्रधानमंत्री को चाहिए कि किसानों की मांग पूरी करें और चर्चा निर्णय भले ही बाद में हो फिलहाल तीनों कानूनों को निलंबित करें वरना उप्र के आगामी चुनाव हिंसा की आग के चुनाव बन जायेगें। 

उन्होने कहा कि मप्र में बिजली का संकट गहराता जा रहा है। बिजली कटौती अघोषित रूप से बढ़ रही है. ग्रामीण इलाकों में जब बिजली की आवश्यकता है या तो मिल नहीं रही है या फिर ट्रांसफार्मर जले है. सरकार को चाहिए कि अभियान चलाकर दस दिन के अंदर जले हुए ट्रांसफार्मरों को बदला जाए और विद्युत आपूर्ति पूरे समय कराई जाए। 


राजकीय विवि को लेकर मोर्चा कार्यक्रम बनायेगा

राजकीय विवि की स्थापना को लेकर श्री ठाकुर ने कहा कि एक पखवाड़े के बाद सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा के माध्यम से ज्ञापन और उच्च शिक्षा मंत्री से मुलाकात का कार्यक्रम तय होगा

मोर्चा के संरक्षक श्री ठाकुर ने विवि की नवागत कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता द्वारा डॉ गौर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पीठ की स्थापना के लिए साधुवाद दिया उन्होंने कहा कि विवि में चूंकि यह वर्ष आजादी का 75 वां और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती का 152 वां तथा विवि की स्थापना का 75 वां वर्ष चल रहा है 

जिसको देखते हुए गांधी, अंबेडकर, जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया, कपूरी ठाकुर की पीठ भी स्थापित की जावे. जिससे राष्ट्रीय दायित्व भी पूरा होगा और राजनैतिक पक्षपात के आरोपों से भी बचा जा सकेगा