SAGAR WATCH/ 14 SEPTEMBER/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड की धरती वीरों की धरती है, शूरवीरों की धरती है। इस भूमि को केन और बेतवा दोनो का आशीर्वाद मिला है। प्रदेश के विकास को नई गति देने वाली अनेक परियोजनाओं का भूमिपूजन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि वे सौभाग्यशाली है कि महीने में दूसरी बार बुंदेलखंड आकर जन आशीर्वाद और जन दर्शन करने का अवसर मिला है।
सागर 06 जुलाई 2023/ जिले के रहली तहसील में सिद्ध तीर्थ स्थल टिकीटोरिया में देवी माँ के दर्शन हेतु वृद्ध, विकलांग, बच्चों, गर्भवती महिलाओं सहित आमजन की सुविधा के लिए लंबी प्रक्रिया के बाद आधुनिक रोप-वे के निर्माण हेतु भारत सरकार से अनुमति प्राप्त कर ली गई है।
मप्र के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि इसका भारत सरकार द्वारा टेंडर जारी कर दिया गया है। शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य भी प्रारम्भ हो जाएगा। इसके साथ ही रहली क्षेत्र के ही सिद्ध क्षेत्र रानगिर व बूढी रानगिर में विश्व स्तरीय झूला पुल के निर्माण कार्य की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
सागर वॉच| बुंदेलखंड में फिल्म निर्माण संस्कृति स्थापित करने व् इस के जरिये अंचल के पर्यटन व व् दर्शनीय स्थलों को देश दुनिया के सामने के मकसद से स्थानीय युवाओं ने फीचर फिल्म का निर्माण किया है| इस फिल्म के निर्माण से जुड़े कलाकारों और सहयोगियों का मानना है कि इस प्रयास से न केवल स्थानीय कलाकारों को अपनी कला को दिखाने का मौका मिलेगा बल्कि क्षेत्र में नए तरह के रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे|
ऑरेंज हॉर्स एंटरटेनमेंट,डेल्टा क्रिएशन,नीरज एकता फिल्म्स के संयुक्त बैनर तले बनी हिंदी फीचर फिल्म फैमिली फर्स्ट 5 अगस्त 2022 को ओ टी टी प्लेटफॉर्म एम् एक्स प्लेयर पर रिलीज हो रही है |
पारिवारिक पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म की शूटिंग मुख्य रूप से सागर में की गयी है | फिल्म के अधिकांश कलाकार सागर के हैं |गौरतलब है कि 3 अगस्त को फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया जिसे दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है |
एक माध्यम वर्गीय परिवार के जीवन में आने वाली चुनौतियों को दर्शाते हुए इस फिल्म में परिवार की एकता को दिखाया गया है| फिल्म के निर्माता अमित दुबे "रामजी " ने बताया कि बुंदेलखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है कमी है तो उन्हें मिलने वाले उचित मंचों की| लिहाजा बुंदेलखंड के सीनियर व् जूनियर कलाकारों को अवसर देते हुए उन्होंने फिल्म बनाने का निर्णय लिया|
इस फिल्म से बुंदेलखंड में फिल्म संस्कृति,रोजगार व् पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा | इसे बुंदेली वुड की दिशा में पहला कदम माना जा सकता है| फिल्म के निर्देशक शिव कुमार पाठक जो विगत कई दशकों से मुंबई में काम कर रहे हैं ने बताया कि वे स्वयं सागर के हैं और सागर में उन्होंने कई विज्ञापन फिल्म का निर्देशन किया है | जब इस फिल्म का प्रस्ताव उन्हें मिला तो उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया |
फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने नए कलाकारों को कार्यशाला के तहत फिल्म्स से जुडी बारीक जानकारियों से भी अवगत कराया | पटकथा लेखक इमरान खान ने फिल्म को बड़ी खूबसूरती से लिखा है | उनके अनुसार सबसे बड़ी चुनौती अभिनेताओं द्वारा फिल्म के मर्म को बखूबी प्रस्तुत करने की थी | वहीँ फिल्म के सहायक निर्देशक व ई पी शुभम उपाध्याय जो लम्बे समय से रंगमंच में काम करते रहे हैं ने बताया कि सागर में फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं हैं |
सागर में सभी प्रकार की आकर्षक स्थल मौजूद हैं | बुंदेलखंड में फिल्म निर्माण के केंद्र के रूप में सागर को विकसित किया जा सकता है | फिल्म के संगीत पर विशेष काम किया गया है | फिल्म की टीम ने दर्शकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में फिल्म को देखें व् अपने मित्रों से शेयर करें जिससे निकट भविष्य में बुंदेलखंड में नई फिल्मो के निर्माण के लिए प्रोत्साहन मिले |
निर्माताओं का कहना है कि इस फिल्म को निश्चित ही दर्शकों का प्यार मिलेगा| इसके अलावा फिल्म में कला निर्देशक राजीव जाट ,संगीत पार्थो घोष ,छायांकन सूर्या सोनकर,लाइन प्रोडूसर सुरेंद्र अहिरवार व् प्रबंधन दीपक राय ने किया है |
मुख्य किरदार
राजीव अयाची,रविंद्र दुबे कक्का,मोनिका जैन,राजकुमार रायकवार,दर्शना मालवीय, सुमित दुबे,परवेज़ खान ,जयशेखर,मनोज सोनी,इमरान खान,गिरीशकांत रायकवार,कनिका सूर्यवंशी,पारस जैन ,रीतेश, संजय आठिया, अश्विनी बलैया,पवन रायकवार,सूरज,नीरज,रॉकी,विवेक सोनी, सत्यम जैन,राजेश,नईम खान,रिंकल तोमर,दीपक राय,आदि।
सागर वॉच। सागर एवं आसपास के क्षेत्रों में मधुमेह रोग के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है,इस रोग के के होने कारणों उससे बचने के उपायों के बारे में लोगों की अनभिज्ञता के कारण मरीजों की परेशानियाँ बढ़ रहीं हैं। इन्हीं विषयों पर मंथन के लिए सागर शहर में डायबिटीज पर एक प्रदेश स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन 25-26 जून को हो रहा है। इस संगोष्ठी में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं आसपास के लगभग 300 डॉक्टर भाग लेंगे।
भारत में मधुमेह(डायबिटीज) रोग के दस हजार से ज्यादा विशेषज्ञों की सबसे बड़ी संस्था आरएसएसडीआई के तहत गठित सागर डायबिटीज फोरम के द्वारा आयोजित होने जा रही इस प्रदेश स्तरीय संगोष्ठी के बारे में चिकित्सक राजेंद्र चौदा व् प्रोमिश जैन ने बताया कि बुंदेलखंड के इतिहास में डॉयबिटीज की स्टेट कॉन्फ्रेन्स पहली बार होने जा रही है।
संगोष्ठी में पद्मश्री डॉ. अनूप मिश्रा जी, RSSDI के नेशनल प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉ. बी. एम. मक्कड़, डॉ. पी.सी. मनोरिया, डॉ. विंद भारद्वाज, डॉ. सुशील जिंदल, डॉ. सुनील एम. जैन, डॉ. सचिन गुप्ता, संदीप जुलका, डॉ. उमेश मसंद एवं डॉ. मनीषा सिंह जैसी लगभग 50 हस्तियाँ अपने व्याख्यान देंगी।
(लेखक- प्रदेश के लोक निर्माण विभाग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री हैं)
सागर वॉच/ 10 दिसम्बर 2021/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सागर में लगभग 1000 करोड़ रूपये के कार्य कराए जा रहे हैं। इससे सागर शहर की तस्वीर बदल जायेगी। यह इंदौर जैसा स्मार्ट शहर बन जायेगा। लाखा बंजारा झील से पुराने सागर तक बनने वाला एलीवेटेड कॉरीडोर पुराने एवं नये सागर को जोड़ेगा। आगे इसे मेडिकल कॉलेज तक बढ़ाया जाएगा। नगर में 12 करोड़ रूपये की लागत से ऑडिटोरियम बनाया गया है। साथ ही विकास के विभिन्न कार्य कराये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाकर हर बहन की मासिक आमदनी 10 हजार रूपये की जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। शहरी महिलाओं को भी आजीविका मिशन से जोड़ा जा रहा है। स्व-सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों के लिए धन की व्यवस्था के साथ ही उनके उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना में सागर प्रदेश में अग्रणी है। यहाँ 8 हजार पथ व्यवसाइयों को व्यवसाय के लिए 10-10 हजार रूपये का बिना ब्याज का ऋण सरकार द्वारा दिलवाया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखण्ड को 44 हजार 605 करोड़ रूपये की बड़ी सौगात केन-बेतवा लिंक योजना के रूप में दी है। यह बुंदेलखण्ड के विकास के लिये अद्भुत कार्य है। इस योजना से बुंदेलखण्ड के हर खेत को पानी मिलेगा। इससे यहाँ 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी तथा 62 लाख व्यक्तियों को पीने का पानी मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज सागर में 221 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे पूर्व सी.डी.एस. स्व. जनरल बिपिन रावत महान शूरवीर एवं योद्धा थे। ऐसे व्यक्ति सदियों में पैदा होते हैं। मैं उनके चरणों में सादर प्रणाम करते हुए श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने दो मिनिट का मौन रखकर स्व. श्री बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी।
लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखण्ड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान धन्यवाद के पात्र हैं। बेतवा विकास की नदी है। सागर स्मार्ट सिटी का कार्य नगर को नया स्वरूप प्रदान करेगा। लाखा झील को परिष्कृत एवं परिमार्जित करने का कार्य महत्वपूर्ण है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि केन-बेतवा लिंक योजना बुंदेलखण्ड की तस्वीर बदल देगी। इससे पूरा बुंदेलखण्ड समृद्ध और संपन्न होगा। हमारी सरकार ने सागर में मेडिकल कॉलेज शुरू करने तथा सागर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय घोषित करवाने का कार्य किया। सागर में एलीवेटेड कॉरीडोर का कार्य महत्वपूर्ण है, इसका दूसरा फेज भी शुरू होगा।
राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि सागर में मेडिकल कॉलेज की लम्बे समय से मांग थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस मांग को पूरा किया। कोरोना काल में कोरोना मरीजों के इलाज में इस मेडिकल कॉलेज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा सागर के चहुँमुखी विकास के लिये विभिन्न कार्य कराये जा रहे हैं। इसके लिये वे बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर 14 करोड़ 35 लाख रूपये लागत के सभागार का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 75 करोड़ 60 लाख रूपये की लागत से एलीवेटेडे कॉरीडोर कार्य, 66 करोड़ 88 लाख के बुंदेलखंड कल्चरल एवं इन्फॉर्मेशन सेंटर कार्य, 20 करोड़ 32 लाख के सिटी गवर्नेंस सेंटर एवं 8 जोनल सिटीजन फेसिलिटेशन सेंटर कार्य, 16 करोड़ 36 लाख के ट्रांसपोर्ट नगर एवं मेकेनिक्स कॉम्पलेक्स कार्य, 8 करोड़ 02 लाख डेयरी विस्थापन कार्य का भूमि पूजन किया ।
इसके अलावा 4 करोड़ 88 लाख के फायर स्टेशन भवन निर्माण कार्य, 4 करोड़ 28 लाख के 6 मुक्ति धामों के अपग्रेडेशन कार्य, 3 करोड़ 83 लाख के वृद्धाश्रम निर्माण कार्य, 3 करोड़ 10 लाख के हेरिटेज कंजर्वेशन एवं रेस्टोरेशन कार्य, 2 करोड़ 77 लाख के सीएम राइज स्कूल स्कीम के अंतर्गत एमएलबी स्कूल पुनर्विकास कार्य तथा 83 लाख रूपये के मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी निर्माण कार्य का भूमि-पूजन किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर आजीविका मिशन अंतर्गत सोनचिरैया उत्सव का उदघाटन किया और महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का अवलोकन कर सराहना की। उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की अद्यतन स्थिति का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हित लाभ का वितरित किये।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सागर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लाखा बंजारा झील में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण के दौरान निर्माण एजेंसी एवं संबंधित विभागों को निर्देश दिये कि लाखा बंजारा झील का कार्य नई टाइम लाइन अनुसार गुणवत्तापूर्ण किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सागर अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक नगर है। इसकी सारी आवश्यकताएँ पूरी करते हुए इसे आधुनिक स्वरूप देने के लिये लगभग एक हजार करोड़ रूपये के कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से कुछ कार्य प्रगतिरत हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राचीन सागर को लाखा बंजारा झील से 1.6 किलोमीटर के एलिवेटेड कॉरिडोर के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। यह न केवल
बल्कि जनता को आवागमन की सुविधा भी देगा। इसे भविष्य में मेडिकल कॉलेज तक ले जाया जाएगा।
इस अवसर पर लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे
सागर वॉच/ 10 दिसम्बर 2021/ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जहां केन- बेतवा परियोजना को मंजूरी देकर बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के नए दरवाजे खोल दिए हैं, केंद्रीय कैबिनेट की मंज़ूरी मिलने के बाद केन -बेतवा परियोजना को क्रियान्वित करने का रास्ता अब सशक्त हो चुका है।
जहां अब केंद्र सरकार ने इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाकर तैयार कर ली है। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश की केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में हस्तांतरित करना है।
इस दिशा में पहला पड़ाव था, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच देश में पहली बार, 22 मार्च 2021 को केन - बेतवा परियोजना को लागू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर ।
यह समझौता पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए अंतर-राज्य सहयोग की शुरुआत करने के लिए किया गया था। दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव रहा जब केन -बेतवा लिंक परियोजना को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिली। इससे दोनों राज्यों में फैले बुंदेलखंड क्षेत्र में विकास की एक नई उम्मीद जाग गई है।
'केन -बेतवा परियोजना', नदियों को आपस में जोड़ने के लिये राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan) की पहली महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों की सरकारों द्वारा इस पर फिर से कई वर्षों से अमल की जाने की कोशिश की जा रही है। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश की केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में हस्तांतरित करना है।
पानी की कमी से जूझ रहे बुंदेलखंड क्षेत्र में अब खुशहाली की उम्मीद की जा सकेगी। केन बेतवा परियोजना की लागत 44 लाख 605 करोड़ रुपये है। इस परियोजना से जहां मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सागर, दमोह और दतिया ज़िलों में पानी की कमी दूर होगी
वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर ज़िलों में सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विदिशा, शिवपुरी और रायसेन ज़िलों में, इस परियोजना से करीब 62 लाख लोगों को पेयजल भी उपलब्ध करवाया जा सकेगा।
इस परियोजना के सन्दर्भ में दो बातें महत्वपूर्ण हैं। पहली, इस परियोजना के लागू होने से बुंदेलखंड क्षेत्र को भरपूर फायदे मिलेंगे जैसे सूखे की स्थिति में कमी, बिजली उत्पादन में वृद्धि, कृषि उत्थान, किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल, और जैव विविधता का जीर्णोद्धार इत्यादि।
दूसरी, केंद्र सरकार ने सभी राजनैतिक मतभेदों को पृथक रखकर यह निर्णय लिया है। यही नहीं, सरकार ने इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पर्यावरणीय घटकों को भी ध्यान में रखा है, जिससे वन संपदा को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुँचे।
इस परियोजना का सबसे बड़ा अनुकूल प्रभाव किसानों पर पड़ने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के स्थायी साधन प्रदान किये जा सकेंगे बल्कि भूजल पर अत्यधिक निर्भरता को कम करके किसानों के लिए स्थायी आजीविका भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस बहुउद्देशीय परियोजना के क्रियान्वयन से न केवल जल संरक्षण में तेज़ी आएगी, बल्कि 103 मेगावाट जल-विद्युत का उत्पादन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि पन्ना टाइगर रिज़र्व के जल संकट वाले क्षेत्रों में बांधों का निर्माण होने से पन्ना रिज़र्व के जंगलों का जीर्णोद्धार किया जा सकेगा,और ऐसा होने पर इस क्षेत्र में जैव विविधता समृद्ध हो सकेगी।
कुल 44 हज़ार ,605 करोड़ रुपये की इस परियोजना में 39 हज़ार 317 करोड़ रुपये का केंद्रीय समर्थन मिलेगा , जिसमें 36 हज़ार 290 करोड़ रुपये का अनुदान और 3,027 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है। इस परियोजना के क्रियान्वयन में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा, जो आने वाले 8 वर्षों की अवधि में बुंदेलखंड के वर्तमान रूप को बदलकर एक खुशहाल क्षेत्र का रूप प्रदान करेगा।