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प्रधानमंत्री के बुंदेलखंड का दौरा बेहद अहम् माना जा रहा है बुंदेलखंड के लिए केन-बेतवा नदी जोड़ो योजना के बाद बागेश्वर धाम में बनने वाला कैंसर अस्पताल ही वो वजह बना है जिसके चलते प्रधानमंत्री पिछड़ेपन के लिए पहचाने जाने वाले बुंदेलखंड अंचल में आये। 
यहाँ उन्होंने जहां बुन्देली भाषा में राम राम कर जनता से तुरंत अपना नाता जोड़ा और कैंसर अस्पताल को आस्था के केंद्र को सेहत के केंद्र में बनने के लिए उपलब्धि बताया। 
इसके अलावा उनका पूरा भाषण केंद्र सरकार द्वार आम जन के लिए चलायी जा रही जनकल्याण योजनाओं की अहमियत जताने पर केन्द्रित रहा। हालाँकि इस दौरान उन्होंने आम जनता से आयुष्मान योजना का हवाला देकर भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सीधे पत्र लिखने के लिए भी प्रोत्साहित किया 
Sagar Watch, Petrochemal Complex

SAGAR WATCH/ 14 SEPTEMBER/ 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड की धरती वीरों की धरती है, शूरवीरों की धरती है। इस भूमि को केन और बेतवा दोनो का आशीर्वाद मिला है। प्रदेश के विकास को नई गति देने वाली अनेक परियोजनाओं का भूमिपूजन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि वे सौभाग्यशाली है कि महीने में दूसरी बार बुंदेलखंड आकर जन आशीर्वाद और जन दर्शन करने का अवसर मिला है। 

बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास को नई ऊर्जा
 
यह परियोजनाएं बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास को नई ऊर्जा देंगी। इन परियोजनाओं पर केंद्र सरकार 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगा। यह राशि देश के कई राज्यों के वार्षिक बजट से भी अधिक है। यह मध्यप्रदेश के लिए केंद्र सरकार के बड़े संकल्प को दिखाता है। यह परियोजना प्रदेश में लाखो लोगो को रोजगार देंगी। 

यह परियोजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के सपनों को सच करने वाली है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने परियोजनाओं के लोकार्पण के लिए प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आजादी के अमृत काल में हर भारतवासी द्वारा भारत को विकसित करने के लिए लिए गए संकल्प को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि इस संकल्प सिद्धि के लिए भारत का आत्मनिर्भर होना बहुत जरुरी है। 

पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट्स में बनेगा आत्मनिर्भर 

पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट्स के लिए भारत को अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था परंतु आज किया गया शिलान्यास भारत को पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करेगा। पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट की प्लास्टिक की दैनिक उपयोग की चीज, पेंट, कार बंपर, कार डैशबोर्ड, मेडिकल उपकरण और कृषि उपकरणों जैसे उत्पादों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 

अब बीना का पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स बुंदेलखंड के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जायेगी। इससे क्षेत्र में नई-नई इंडस्ट्री आएगी। किसानों और छोटे उद्यमियों को मदद मिलेगी साथ ही युवाओं को रोजगार के लाखों अवसर उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश की बदलती और बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आधुनिक बनाना जरूरी है। 

10 नई औद्योगिक परियोजना मप्र को बनायेंगी मजबूत 

इसी सोच के साथ शुरू की जा रही मध्यप्रदेश में 10 नई औद्योगिक परियोजना मध्यप्रदेश की औद्योगिक ताकत को और ज्यादा बढ़ाएंगे। इसका लाभ क्षेत्र के सभी वर्गों को मिलेगा। सभी को कमाई के अवसर मिलेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि किसी भी देश या राज्य के विकास के लिए पूरी पारदर्शिता से शासन अत्यंत आवश्यक है। पिछले समय में मध्यप्रदेश की पहचान एक खस्ताहाल राज्य के रूप में होती थी। 

पिछली सरकार ने भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा दिया। इस कारण कारोबारी और उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में आने में डर लगता था। सड़क, बिजली और पानी की सुविधा का अभाव था। वर्तमान सरकार ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को स्थापित किया। 

मप्र के हर गाँव तक पहुंची सड़क 

हर गांव तक बिजली और सड़क को पहुंचाया। उद्योग-धंधे के लिए सकारात्मक माहौल बनाया। इस कारण अब देश के बड़े-बड़े निवेशक और उद्योगपति मध्यप्रदेश आना चाहते हैं। अब प्रदेश औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयों को छूने जा रहा है। 

 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाल किले से उन्होंने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और सबके प्रयास एवं समन्वय की चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़ते हुए स्वतंत्रता के साथ देश आगे बढ़ रहा है। जब कोई देश ऐसा करता है तो उसका कायाकल्प होना शुरू हो जाता है। 

इसका ताजा उदाहरण भारत द्वारा जी20 सम्मेलन का सफल आयोजन है। जी20 के सफल आयोजन से सभी देशवासियों को गर्व हुआ है। इसका श्रेय सभी देशवासियों के सामर्थ्य को जाता है। यह 140 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति का प्रमाण है। 

मुख्यमंत्री की हुई तारीफ़ 

विदेश से आए मेहमानों ने कहा कि उन्होंने ऐसा आयोजन कभी नहीं देखा। भारत की विविधता, विरासत और समृद्धि से अभिभूत होकर सभी भारत का गुणगान कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में इंदौर, भोपाल और खजुराहो में जी20 के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान की प्रशंसा की और प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त किया। 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि जी20 के सफल आयोजन के माध्यम से मध्यप्रदेश ने अपनी संस्कृति, पर्यटन, कृषि और औद्योगिक सामर्थ्य को विश्व के सामने प्रस्तुत किया है। इससे विश्व भर में मध्यप्रदेश का नाम रोशन हुआ है। 

प्रधानमंत्री ने कहा संवेदनशील है वर्तमान सरकार  

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार एक संवेदनशील सरकार है। यह सरकार आपके घर तक पहुंच कर आपकी सेवा करने का प्रयास करती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने कॉविड काल के दौरान 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को निःशुल्क राशन दिया ताकि हर गरीब के घर चूल्हा जलता रहे। इस तरह यह सरकार जनता के सुख दुख का साथी बनती है। 

 प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि उनका प्रयास है कि मध्य प्रदेश विकास की नई बुलंदियों को छुए। प्रदेश के घर-घर में समृद्धि आये। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जो जो गारंटी थी उसे पूरी की है। 

मप्र में सभी गारंटी पूरी करके दिखाईं 

उन्होंने बताया कि प्रदेश में पक्के घर की गारंटी दी गई जिससे मध्यप्रदेश में 40 लाख से अधिक परिवारों को पक्के घर मिले हैं। घर-घर शौचालय की गारंटी, मुफ्त इलाज की गारंटी, घर हर घर में बैंक अकाउंट की गारंटी, माताओं और बहनों को धुएं से मुक्त रसोई की गारंटी दी थी और यह सभी गारंटी पुरी करके दिखाई है। 

उन्होंने कहा कि उनका यह प्रयास है कि एक भी बहन की धुएं में खाना न बनाना पड़े। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि इस रक्षाबंधन गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी की गई है। उनका प्रयास है की एक भी बहन और बेटी को धुएं में खाना न बनाना पड़े इसलिए केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि 75 लाख और बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा। 

परिवार में हिस्से होने के कारण नए गैस कनेक्शन की मांग आई है इसके लिए यह नई योजना लाई गई है। कोई भी बहन गैस कनेक्शन से न छूटे यह सुनिश्चित किया जायेगा। सरकार अपनी दी हुई सभी गारंटियों को पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी से कार्य करती है। 

किसान कल्याण की दिशा में बिचौलियों को किया ख़त्म 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि किसानों के कल्याण की दिशा में कार्य करते हुए सरकार ने बिचौलियों को खत्म कर सीधा लाभ देने की गारंटी दी थी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में प्रत्येक किसान को 28 हजार रुपए सीधा उनके बैंक अकाउंट में दिया जा रहा है। 

इस योजना पर 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया जा चुका है। साथ ही किसान की लागत काम करते हुए खाद को कम कीमत में किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। पिछले 9 वर्ष में 10 लाख करोड़ से अधिक की राशि इसके लिए खर्च की जा चुकी है। 

बुंदेलखंड  में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हर संभव प्रयास 

जो यूरिया की थैली अमेरिका में 3 हजार रुपए में मिलती है वहीं भारत में किसानों को 300 रुपए में प्रदान की जाती है। यूरिया को आसानी से हर जगह किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के हर प्रयास किया जा रहे हैं। 

अटल भूजल योजना के तहत पानी के स्रोत बढ़ाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। केन बेतवा परियोजना से बुंदेलखंड के किसानों को बहुत लाभ होने जा रहा है। प्रदेश में 65 लाख परिवारों में हर घर में पीने का साफ पानी पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि अब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर कार्य कर रहा है। 

पेट्रो केमिकल काम्प्लेक्स से बढेंगे रोजगार के अवसर 

इसमें मध्य प्रदेश एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आने वाले 5 वर्ष में मध्यप्रदेश के विकास को नई बुलंदी देंगे। आज लोकार्पित की गई परियोजना मध्यप्रदेश के विकास और और अधिक गति देंगे। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने सागर जिले के बीना स्थित बीपीसीएल रिफाइनरी में 49 हजार करोड़ की लागत के डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स और रिफाइनरी विस्तार योजना की आधारशिला रखी। 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान साथ थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश में विभिन्न जिलों में 1800 करोड़ रुपए से निर्मित होने वाली 10 विभिन्न औद्योगिक परिसरों का वर्चुअल शिलान्यास भी किया। 

बीना रिफाइनरी परिसर में विशाल जनसभा के कार्यक्रम स्थल पर श्री मोदी ने नर्मदापुरम में 227 एकड़ में फैले उर्जा एवं नवकरणीय उर्जा उत्पादन प्रक्षेत्र, आईटी पार्क 3 और 4 इन्दौर, मेगा इंडस्ट्रियल पार्क रतलाम, 6 इंडस्ट्रियल पार्क क्रमशः नर्मदापुरम, गुना, शाजापुर, मऊगंज, आगर मालवा और मक्सी की शिलान्यास पट्टिका का रिमोट द्वारा अनावरण किया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा स्थल पर उपस्थित विशाल जन समुदाय का अभिवादन स्वीकार करते हुए खुली गाड़ी में मंच पर पधारे ,मुख्यमंत्री श्री चौहान तथा सांसद श्री वी. डी. शर्मा साथ थे। लोकार्पण अवसर पर बीना रिफाइनरी और एथिलीन क्रैकर परियोजना तथा प्रदेश के 10 प्रमुख औद्योगिक पार्क पर केंद्रित लघु फिल्मों का प्रदर्शन हुआ। 

 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि जी 20 की एतिहासिक सफलता ने सिद्ध किया है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा विश्व के कल्याण की दिशा में किए जा रहे कार्य से संपूर्ण विश्व में हमारे देश और देशवासियों का मान सम्मान बहा है ।

चंद्रयान सफलता के लिए भी हमारे वैज्ञानिकों को प्रणाम और प्रधानमंत्री श्री मोदी का वंदन है। उनके नेतृत्व में अब हम सूर्य की ओर भी अग्रसर हैं। मुख्यमंत्री सभी चौहान ने कहा कि पिछली सरकार ने बुंदेलखंड को पिछड़ा रखा था। 

प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर यहां हो रहे 49 हजार करोड़ के निवेश से बुंदेलखंड की तस्वीर और यहां के निवासियों की तकदीर बदल जाएगी । बीना रिफाइनरी, एथिलीन क्रैकर परियोजना और प्रदेश के 10 प्रमुख औद्योगिक पार्कों से युवाओं के लिए लाखों रोजगार के अवसर सृजित होंगे ,इन सौगात के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार है। 

मप्र में केन-बेतवा से होगी 20 लाख एकड में सिंचाई 

उन्होंने कहा कि केन बेतवा परियोजना मंजूर हो गई है इससे 20 लाख एकड में सिंचाई होगी और बुंदेलखंड क्षेत्र के लोगों का जीवन बदल जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को केन बेतवा परियोजना के भूमि पूजन के लिए पधारने का आमंत्रण दिया। 

 मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के 17 सितंबर को आ रहे जन्मदिवस के लिए प्रदेश वासियों की ओर से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्री मोदी का जीवन देश और देश वासियों के लिए है। 

ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वे स्वस्थ और प्रसन्न रहें तथा देश व दुनिया की सेवा करते रहें, मध्य प्रदेश उनका अनुसरण करता रहेगा। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद देश का कायाकल्प हुआ है। 

 वर्ष 2014 में जहां देश के केवल 45ः लोगों के पास एलपीजी गैस कनेक्शन था, हमारी सरकार ने 32 करोड गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए । प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों का परिणाम ही है कि विश्व के दूसरे देशों में पेट्रोल डीजल के दाम बड़े लेकिन भारत में पेट्रोल डीजल के भाव कम हुए। देश में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में भी कमी आई है। जिन राज्यों में डबल इंजन की सरकारें है, वहां वैट टैक्स भी कम हुआ है ।

मप्र में पेट्रोल पम्पस के संख्या में हुआ जबरदस्त इजाफा 

केंद्रीय मंत्री श्री पुरी ने 2014 के बाद मध्य प्रदेश में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 में मध्य प्रदेश में जहां 2854 पेट्रोल पंप थे वहीं 2023 में बढ़कर 5938 हो गए । एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर की संख्या 865 से बढ़कर 1552 एलपीजी गैस कनेक्शन की संख्या 70लाख से बढ़कर एक करोड 85 लाख हो गई है। 

केंद्रीय मंत्री ने मध्य प्रदेश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा की प्रदेश में एलपीजी गैस की उपलब्धता 45 प्रतिशत से बढ़कर शत प्रतिशत हुई है, एलपीजी पाइपलाइन कनेक्शन की संख्या 2700 से बढ़कर 15785, सीएनजी स्टेशन की संख्या 15 से बढ़कर 275 और प्राकृतिक गेस पाइपलाइन का विस्तार 802 किलोमीटर से बढ़कर 6862 किलोमीटर में हुआ है । 

बीना में आज हुए लोकार्पण से यह क्षेत्र ष्बुलंद बुंदेलखंडष् के लक्ष्य की ओर डरता पूर्वक अग्रसर होगा। उल्लेखनीय है कि 49 हजार करोड़ की लागत से बनने वाला पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स 5 साल की अवधि में तैयार होगा। 

इसके पूर्ण होने से बीपीसीएल बीना की क्षमता 7.8 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटीपीए) प्रतिवर्ष से बढ़कर 11 एमएमटीपीए हो जायेगी। बीना रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स की नवीन इकाई में उत्कृष्ट तकनीक वाले 1.2 एमएमटीपीए क्षमता के एथलीन क्रैकर काम्पलेक्स की स्थापना भी होगी और डाउन स्ट्रीम पेट्रोकेमिकल संयंत्र भी स्थापित होगा। 

पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स (Petrochemical Complex) प्लास्टिक, पाइप, पैकेजिंग सामग्री, प्लास्टिक शीट, मोटर वाहन की पुर्जे, चिकित्सा उपकरण, मोल्डेड फर्नीचर के साथ ही घरेलू और औद्योगिक उपयोग की अन्य वस्तुओं की व्यावसायिक निर्माण इकाइयों के लिए द्वार खोलेगा। 

 प्रदेश में निवेश के परिणामस्वरूप प्रतिवर्ष 20 हजार करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा की बचत के साथ-साथ 15 हजार लोगों के लिए प्रत्यक्ष और लगभग 2 लाख लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर सृजित होंगे। 

मध्यप्रदेश सरकार एसजीएसटी रिफंड, ब्याज मुक्त ऋण और ब्याज सब्सिडी सहायता, रियायती बिजली, स्टाम्प शुल्क में छूट आदि के तहत वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर परियोजना का समर्थन कर रही है। 

अभी तक बीपीसीएल बीना 7.8 मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष क्षमता की रिफाइनरी संचालित करता है, जो उत्तरी और मध्य भारत की बढ़ती ईंधन की मांग को पूरा करने के लिए सक्षम है। 

 कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय जल शक्ति नियोजन राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, सागर जिले के प्रभारी सहकारिता एवं लोक प्रबंधन मंत्री डा. अरविंद सिंह भदौरिया, उद्योग नीति और निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांसद श्री वी. डी. शर्मा, सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विधायकगण सर्वश्री शैलेन्द्र जैन, प्रदीप लारिया एवं महेश राय तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम में चंडीगढ़ के श्री कन्हैयालाल मित्तल और उनके साथियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

Sagar Watch

सागर  06 जुलाई 2023/
 जिले के रहली तहसील में  सिद्ध तीर्थ स्थल टिकीटोरिया में देवी माँ के दर्शन हेतु वृद्ध, विकलांग, बच्चों, गर्भवती महिलाओं सहित आमजन की सुविधा के लिए लंबी प्रक्रिया के बाद आधुनिक रोप-वे के निर्माण हेतु भारत सरकार से अनुमति प्राप्त कर ली गई है।

मप्र के  लोक निर्माण मंत्री  गोपाल भार्गव ने बताया कि इसका भारत सरकार द्वारा टेंडर जारी कर दिया गया है। शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य भी प्रारम्भ हो जाएगा। इसके साथ ही रहली  क्षेत्र के ही सिद्ध क्षेत्र रानगिर व बूढी रानगिर में विश्व स्तरीय झूला पुल के निर्माण कार्य की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।

 इससे देवी माँ के दर्शन हेतु श्रद्धालुजन को क्षेत्र के दोनों ही तीर्थ स्थल पर सुगमता से माता के दर्शन प्राप्त हो सकेंगे। साथ ही दोनों सिद्ध क्षेत्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होंगे। 
Chief Minister says Main Hoon Na..





SAGAR WATCH/ मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने आज सागर जिले के बीना तहसील के ग्राम रूसल्ला ग्राम पहुंचकर हाल ही में हुई ओलावृष्टि के चलते  किसानों की क्षतिग्रस्त फसलों का खेत पर जाकर जायजा लिया। ग्राम रूसल्ला में उन्होंने  किसान  वीरेंद्र पटेल के खेत पर जाकर  मसूर और सरसों  की  बर्बाद हुयी  फसलों का मुआयेना किया ।

 मुख्यमंत्री ने ग्राम रूसल्ला के किसानों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस संकट की घडी में मप्र सरकार  उनके साथ हैं।  संकट के इस दौर में किसानों की आंखों में सरकार आंसू नहीं आने देगी। मुख्यमंत्री ने कमिश्नर और कलेक्टर को जिले में जहां-जहां किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं, वहां पूरी प्रमाणिकता और ईमानदारी के साथ सर्वे कराकर प्रभावितों की सूची पंचायत कार्यालय में चस्पा करने के निर्देश दिए और यह भी कहा कि जिन किसानों को आपत्ति हो  या कोई संशोधन कराना चाहे तो वे करा सकेंगे ।

 श्री चौहान ने  बताया कि मध्य प्रदेश के 20 जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से  किसानों की फसलो को व्यापक नुकसान हुआ है । सागर जिले के खुरई,  नरयावली, बीना क्षेत्रों में भी नुकसान पहुंचा है ।उन्होंने कहा कि किसानों को  जो मुआवजा  राशि दी जाएगी , वह 3 विभागों के संयुक्त दल द्वारा सर्वे करने के उपरांत दी जाएगी। जो विभाग संयुक्त दल में शामिल होंगे, उनमें कृषि, राजस्व  और पंचायत विभाग शामिल  रहेंगे। 

 श्री चौहान ने  एक अन्य खेत  में भी पहुंचकर अंकुरित हो चुकी गेहूं ,चना की फसल को हाथ में लेकर निरीक्षण किया ।  मुख्यमंत्री ने कहा कि  किसान दिन-रात  मेहनत करते हैं, खून- पसीना बहाते हैं, तब बड़ी मुश्किल  के बाद फसल तैयार होती है।

 फसल तैयार होने पर किसान प्रसन्न होते हैं लेकिन  ओलावृष्टि होने से किसानों की उम्मीदें धूमिल होती है। इसीलिए उनकी आंखों से आंसू आना जायज है। लेकिन  शिवराज सिंह चौहान संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा  है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं ,चना मसूर की फसल के 50 प्रतिशत से ज्यादा  नुकसान होने पर प्रति हेक्टेयर 32000 रुपए की राशि दी जाएगी।  फसल बीमा का कार्य भी साथ- साथ चलेगा। राहत की राशि जो किसी राज्य में नहीं मिलती वह मध्यप्रदेश सरकार देगी । दोनो तरह  की राहत  राशि दी जाएगी ।

फसलों का  सर्वे सेटेलाइट से भी करवाने के निर्देश दिए । जहां बिजली गिरी है और  बिजली गिरने से  जिन किसानों की मृत्यु हुई है,  उनके परिवार को 4 लाख  रुपए की आर्थिक सहायता  दी जाएगी । गाय, भैंस की मृत्यु होने पर 37 हजार, भेड़ बकरी की मृत्यु होने पर 4 हजार, मुर्गा मुर्गी की मृत्यु होने पर  100  रुपए प्रत्येक पर  दिए जाएंगे ।

 उन्होंने कहा कि जिन  किसानों की फसलें ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनसे ऋण वसूली  स्थगित करेंगे । अगले  साल का  ब्याज भी सरकार भरेगी । ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि 0 प्रतिशत ब्याज पर फिर से उन्हें कर्ज मिल सके । 

ओलावृष्टि से प्रभावित जिन किसानों की बेटियों की शादी होनी है, उन्हे मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत ₹56000 की राशि दी जाएगी। ओलावृष्टि से पीड़ित  ऐसे किसान जो न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए पंजीयन नहीं करा सके है , उनके लिए पुनः पोर्टल  खुलवाकर उनका रजिस्ट्रेशन करवाया जायेगा ।

इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री ने  कहा कि उनकी यह घोषणा सिर्फ सागर जिले के लिए नहीं बल्कि  प्रदेश के सभी बीस ओलावृष्टि से प्रभावित जिलों के लिए है ।उन्होंने कलेक्टर से कहा कि सर्वे के बाद पूरी ईमानदारी से आकलन हो। किसानों को  नुकसान का मुआवजा और फसल बीमा, दोनो से  राहत दिलाई जाए।

Entertainment- बुंदेलखंड में बुन्देलीवुड की शुरुआत की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी फिल्म -फॅमिली फर्स्ट

सागर वॉच|
 बुंदेलखंड में फिल्म निर्माण संस्कृति स्थापित करने व् इस के जरिये अंचल के पर्यटन व व् दर्शनीय स्थलों को देश दुनिया के सामने के मकसद से स्थानीय युवाओं ने फीचर फिल्म का निर्माण किया है| इस फिल्म के निर्माण से जुड़े कलाकारों और सहयोगियों का मानना है कि इस प्रयास से न केवल स्थानीय कलाकारों को अपनी कला को दिखाने का मौका मिलेगा बल्कि क्षेत्र में नए तरह के रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे|

ऑरेंज हॉर्स एंटरटेनमेंट,डेल्टा क्रिएशन,नीरज एकता फिल्म्स के संयुक्त बैनर तले बनी हिंदी फीचर फिल्म फैमिली फर्स्ट 5 अगस्त 2022 को ओ टी टी प्लेटफॉर्म एम् एक्स प्लेयर पर रिलीज हो रही है | 

पारिवारिक पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म की शूटिंग मुख्य रूप से सागर में की गयी है | फिल्म के अधिकांश कलाकार सागर के हैं |गौरतलब है  कि 3 अगस्त को फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया जिसे दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है | 

एक माध्यम वर्गीय परिवार के जीवन में आने वाली चुनौतियों को दर्शाते हुए इस फिल्म में परिवार की एकता को दिखाया गया है| फिल्म के निर्माता अमित दुबे "रामजी " ने बताया कि बुंदेलखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है कमी है तो उन्हें मिलने वाले उचित मंचों की| लिहाजा बुंदेलखंड के सीनियर व् जूनियर कलाकारों को अवसर देते हुए उन्होंने फिल्म बनाने का निर्णय लिया| 

इस फिल्म से बुंदेलखंड में फिल्म संस्कृति,रोजगार व् पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा | इसे बुंदेली वुड की दिशा में पहला कदम माना जा सकता है| फिल्म के निर्देशक  शिव कुमार पाठक जो विगत कई दशकों से मुंबई में काम कर रहे हैं ने बताया कि वे स्वयं सागर के हैं और सागर में उन्होंने कई विज्ञापन  फिल्म का निर्देशन  किया है | जब इस फिल्म का प्रस्ताव उन्हें मिला तो उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया | 

फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने नए कलाकारों को कार्यशाला के तहत फिल्म्स से जुडी बारीक जानकारियों से भी अवगत कराया | पटकथा लेखक इमरान खान ने फिल्म को बड़ी खूबसूरती से लिखा है | उनके अनुसार सबसे बड़ी चुनौती अभिनेताओं द्वारा फिल्म के मर्म को बखूबी प्रस्तुत करने की थी | वहीँ फिल्म के सहायक निर्देशक  व ई पी शुभम उपाध्याय जो लम्बे समय से रंगमंच  में काम करते रहे हैं ने बताया कि सागर में फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं हैं |  

सागर में सभी प्रकार की आकर्षक स्थल मौजूद हैं | बुंदेलखंड में फिल्म निर्माण के केंद्र के रूप में सागर को विकसित किया जा सकता है | फिल्म के संगीत पर विशेष काम किया गया है | फिल्म की टीम ने दर्शकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में फिल्म को देखें व् अपने मित्रों से शेयर करें जिससे निकट भविष्य में बुंदेलखंड में नई फिल्मो के निर्माण के लिए प्रोत्साहन मिले |

निर्माताओं का कहना है कि  इस फिल्म को निश्चित ही दर्शकों का प्यार मिलेगा| इसके अलावा फिल्म में कला निर्देशक  राजीव जाट ,संगीत पार्थो घोष ,छायांकन सूर्या सोनकर,लाइन प्रोडूसर सुरेंद्र अहिरवार व् प्रबंधन दीपक राय ने किया है |

मुख्य किरदार 

राजीव अयाची,रविंद्र दुबे कक्का,मोनिका जैन,राजकुमार रायकवार,दर्शना मालवीय, सुमित दुबे,परवेज़ खान ,जयशेखर,मनोज सोनी,इमरान खान,गिरीशकांत रायकवार,कनिका सूर्यवंशी,पारस जैन ,रीतेश, संजय आठिया, अश्विनी बलैया,पवन रायकवार,सूरज,नीरज,रॉकी,विवेक सोनी, सत्यम जैन,राजेश,नईम खान,रिंकल तोमर,दीपक राय,आदि।

Conference on Diabetes- बुंदेलखंड में तेजी से बढ़ रही है मधुमेह के रोगियों की संख्या

सागर वॉच। 
सागर एवं आसपास के क्षेत्रों में मधुमेह रोग के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है,इस रोग के  के होने कारणों उससे बचने के उपायों के बारे में लोगों की अनभिज्ञता के कारण मरीजों की परेशानियाँ बढ़ रहीं हैं। इन्हीं  विषयों पर मंथन के लिए  सागर शहर में डायबिटीज पर एक प्रदेश स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन 25-26 जून को हो रहा है। इस संगोष्ठी में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं आसपास के लगभग 300 डॉक्टर भाग लेंगे।

भारत में मधुमेह(डायबिटीज) रोग के दस हजार से ज्यादा विशेषज्ञों की सबसे बड़ी संस्था आरएसएसडीआई के तहत गठित सागर डायबिटीज फोरम के द्वारा आयोजित होने जा रही  इस प्रदेश स्तरीय संगोष्ठी के बारे में चिकित्सक राजेंद्र चौदा व् प्रोमिश जैन ने बताया कि  बुंदेलखंड के इतिहास में डॉयबिटीज की स्टेट कॉन्फ्रेन्स पहली बार होने जा रही है। 

संगोष्ठी में पद्मश्री डॉ. अनूप मिश्रा जी, RSSDI के नेशनल प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉ. बी. एम. मक्कड़, डॉ. पी.सी. मनोरिया, डॉ. विंद भारद्वाज, डॉ. सुशील जिंदल, डॉ. सुनील एम. जैन, डॉ. सचिन गुप्ता, संदीप जुलका, डॉ. उमेश मसंद एवं डॉ. मनीषा सिंह जैसी लगभग 50 हस्तियाँ अपने व्याख्यान देंगी। 

उन्होंने बताया कि इस कान्फ्रेन्स का मुख्य उद्देश्य शक्कर की बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करना है, साथ ही उन्हें डॉयबिटीज से होने वाले खतरों से बचाना है.। क्योंकि शक्कर की बीमारी से ही ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, लकवा, किडनी में खराबी, अंधापन, पैरों का सुन्नपन होना एवं नपुंसकता होती है।  कई दफा अनभिज्ञता के कारण समय पर इलाज ना मिलने से मरीज परेशान हो जाते हैं..

पहले दिन दो वर्कशाप भी रखे हैं । इंसुलिन वर्कशाप में इन्सुलिन से सम्बंधित सभी जानकारी दीं जायेगी। दूसरा डॉयबिटीज पैरों के काटने (amputation) का मुख्य कारण है।  एक वर्कशॉप डॉयबिटीज से पैरों में जो घाव हो जाते हैं उनसे कैसे बचा जाये, साथ ही पैरों को काटने से कैसे बचाया जाए, इस पर केंद्रित हो गई। 

इस कान्फ्रेन्स में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं आसपास के लगभग 300 डॉक्टर भाग लेंगे। सागर एवं आसपास के क्षेत्रों में डॉयबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है, अनभिज्ञता के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है। 

इस कान्फ्रेन्स के माध्यम से हमारा उद्देश्य डॉयबिटीज के मरीजों को सागर में ही रहकर अच्छी से अच्छी सुविधाएँ प्रदान करना है। डॉयबिटीज के मरीजों को सतत् निगरानी की आवश्यकता होती है। हम इस कान्फ्रेन्स के माध्यम से आसपास के क्षेत्रों के डॉक्टरों एवं पैरामेडीकल स्टाफ को भी इस बीमारी से होने वाली परेशानियों से अवगत करायेंगे।

कार्यक्रम से संबंधित अग्रिम जानकारी के लिए मीडिया प्रभारी  आशीष राजपूत (मो.नं. 9981511110) से संपर्क कर सकते हैं।



मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड अंचल में लम्बे अरसे से पेयजल और सिंचाई का संकट जग जाहिर रहा है। परिणाम स्वरूप यह क्षेत्र देश में आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। 

बुंदेलखंड की तस्वीर बदलेगी- केन-बेतवा परियोजना 

बुन्देलखण्ड का अधिकांश भू-खण्ड पथरीला है और सिंचाई के लिए पानी की कमी यहाँ के मेहनतकश रहवासियों को जीवन निर्वहन के लिये पलायन करने पर मजबूर करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र को "केन-बेतवा लिंक परियोजना'' की सौगात देते हुए एक नये विकसित बुन्देलखण्ड की परिकल्पना को साकार करने का महत्वाकांक्षी कदम बढ़ाया है। यह परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार करते हुए बुन्देलखण्ड अंचल की तकदीर और तस्वीर बदलकर विकास की नई उड़ान भरेगी।

बेतवा -केन नदियाँ अंचल कीं हैं जीवन-रेखा 

लगभग 23733 वर्ग किलोमीटर में फैले बुन्देलखण्ड अंचल में "बेतवा-केन नदियों" को जीवन-रेखा कहा जाता है। इनके साथ ही धसान, सिंध (काली सिंध) नर्मदा का प्रवाह भी अंचल की आर्थिक समृद्धि में सहायक है। इस सब के बाबजूद बुन्देलखण्ड अंचल में पानी की गंभीर समस्या रही है। यही कारण रहा होगा कि अंचल में राजशाही के समय बड़ी संख्या में बड़े-बड़े तालाबों का निर्माण कराया गया, लेकिन घटती वर्षा और बढ़ते शहरीकरण से इन तालाबों का अस्तित्व समाप्त हो गया। परिणामस्वरूप सूखी खेती के साथ पेयजल समस्या ने भी विकराल रूप ले लिया।

अटल जी की सोच का नतीजा है केन-बेतवा लिंक परियोजना 

देश में अटल बिहारी वाजपेयी ही ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे, जिनका ध्यान बुंदेलखण्ड की इस समस्या पर गया। उन्होंने यह समझ लिया था कि पलायन रोकने और बुंदेलखण्ड के विकास के लिये यहाँ की पानी की समस्या को खत्म करना बेहद जरूरी है। इसीलिये अपने कार्यकाल के दौरान वर्ष 2002 में उन्होंने केन-बेतवा लिंक परियोजना की परिकल्पना तैयार करवाई। 

इसके जरिए उनका उद्देश्य बुंदेलखण्ड की दो बड़ी नदी केन एवं बेतवा को आपस में जोड़कर बारिश के पानी को बर्बाद होने से रोकना था, ताकि बारिश के पानी का संग्रहण और सही उपयोग हो और प्यासा बुंदेलखण्ड हरियाली से भरा क्षेत्र बन पाये। स्व.अटल बिहारी वाजपेयी जी के बाद देश में कई सरकारें केन्द्र में आई और गई, मगर बुंदेलखण्ड की इस समस्या की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। 

प्रधानमंत्री का संकल्प बना अटल जी सपना पूरा करना 

इसके बाद एक बार फिर जब भाजपा सरकार बहुमत के साथ केन्द्र में आई, तब प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने फिर से अटल जी के इस सपने को पूरा करने की ठानी। काफी समय तक यह परियोजना पानी बंटवारे के विवाद के चलते उलझी रही। करीब 19 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से पिछले वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान के सहयोग से दोनों प्रदेश पानी बंटवारे पर सहमत हुए। उसके बाद इस परियोजना को आगे बढ़ाने की कवायद शुरू हुई।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार आत्म-निर्भर अर्थ-व्यवस्था की तरफ एक और मजबूत कदम बढ़ाते हुए देश के अलग-अलग क्षेत्रों में नदियों को एक करने के प्रस्ताव को केन्द्रीय बजट में पास किया है। इसमें प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा विशेष रूप से केन-बेतवा नदियों को लिंक करने के लिये 44 हजार 605 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। 

योजना में 90 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार खर्च करेगी

इस योजना में 90 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार खर्च करेगी। शेष दस फीसदी मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार खर्च करेगी। हम लोग पुराने समय से देखते आये हैं कि कई बार पानी के अभाव में बुंदेलखण्ड के किसानों को कई तरह की आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मगर अब प्रधानमंत्री श्री मोदी का बुंदेलखण्ड के विकास पर विशेष ध्यान होने से स्वीकृत हुई केन-बेतवा लिंक परियोजना किसानों के जीवन और खेती में बदलाव लायेगी। 

इस योजना पर करीब 44 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। किसानों के खेत में पानी पहुँचाने के लिये इस परियोजना से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भगीरथ के समान कार्य किया है, जिससे बुंदेलखण्ड का विकास और अधिक तेजी से होगा। अब बुंदेलखण्ड के खेतों में और अधिक हरियाली आयेगी और गर्मी के मौसम में भी खेतिहर मजदूरों को रोजगार की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा।

परियोजना में मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के 13 जिले

केन-बेतवा लिंक परियोजना में मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के 13 जिले आते हैं। इनमें मध्यप्रदेश के 9 जिले पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन शामिल हैं। वही उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले हैं। इस पूरी योजना से इन सभी जिलों को पेयजल के साथ सिंचाई में लाभ होगा, जिससे करीब साढ़े नौ लाख किसानों को फायदा पहुँचेगा। उनका जीवन स्तर सुधरेगा और आय में वृद्धि होगी। 

10 लाख हेक्टेयर जमीन पर हो सकेगी सिंचाई

करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई हो सकेगी और 62 लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 103 मेगावाट हाइड्रो पावर और 27 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट भी बनाया जायेगा। परियोजना से उद्योग-धंधों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे युवाओं के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पलायन भी कम होगा। आशा करता हूँ कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के इस प्रयास से बुंदेलखण्ड की जनता लाभान्वित होगी और हमारा बुंदेलखण्ड विकास की नई उड़ान भरेगा।

(लेखक- प्रदेश के लोक निर्माण विभाग,  कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री हैं)

Smart City Project-इंदौर जैसा स्मार्ट शहर बनेगा  सागर -मुख्यमंत्री

सागर वॉच/ 10 दिसम्बर 2021/
 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 
चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सागर में लगभग 1000 करोड़ रूपये के कार्य कराए जा रहे हैं। इससे सागर शहर की तस्वीर बदल जायेगी। यह इंदौर जैसा स्मार्ट शहर बन जायेगा। लाखा बंजारा झील से पुराने सागर तक बनने वाला एलीवेटेड कॉरीडोर पुराने एवं नये सागर को जोड़ेगा। आगे इसे मेडिकल कॉलेज तक बढ़ाया जाएगा। नगर में 12 करोड़ रूपये की लागत से ऑडिटोरियम बनाया गया है। साथ ही विकास के विभिन्न कार्य कराये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाकर हर बहन की मासिक आमदनी 10 हजार रूपये की जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। शहरी महिलाओं को भी आजीविका मिशन से जोड़ा जा रहा है। स्व-सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों के लिए धन की व्यवस्था के साथ ही उनके उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना में सागर प्रदेश में अग्रणी है। यहाँ 8 हजार पथ व्यवसाइयों को व्यवसाय के लिए 10-10 हजार रूपये का बिना ब्याज का ऋण सरकार द्वारा दिलवाया गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखण्ड को 44 हजार 605 करोड़ रूपये की बड़ी सौगात केन-बेतवा लिंक योजना के रूप में दी है। यह बुंदेलखण्ड के विकास के लिये अद्भुत कार्य है। इस योजना से बुंदेलखण्ड के हर खेत को पानी मिलेगा। इससे यहाँ 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी तथा 62 लाख व्यक्तियों को पीने का पानी मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज सागर में 221 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमिपूजन किया। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे पूर्व सी.डी.एस. स्व. जनरल बिपिन रावत महान शूरवीर एवं योद्धा थे। ऐसे व्यक्ति सदियों में पैदा होते हैं। मैं उनके चरणों में सादर प्रणाम करते हुए श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने दो मिनिट का मौन रखकर स्व. श्री बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी।

लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखण्ड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान धन्यवाद के पात्र हैं। बेतवा विकास की नदी है। सागर स्मार्ट सिटी का कार्य नगर को नया स्वरूप प्रदान करेगा। लाखा झील को परिष्कृत एवं परिमार्जित करने का कार्य महत्वपूर्ण है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि केन-बेतवा लिंक योजना बुंदेलखण्ड की तस्वीर बदल देगी। इससे पूरा बुंदेलखण्ड समृद्ध और संपन्न होगा। हमारी सरकार ने सागर में मेडिकल कॉलेज शुरू करने तथा सागर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय घोषित करवाने का कार्य किया। सागर में एलीवेटेड कॉरीडोर का कार्य महत्वपूर्ण है, इसका दूसरा फेज भी शुरू होगा।

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि सागर में मेडिकल कॉलेज की लम्बे समय से मांग थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस मांग को पूरा किया। कोरोना काल में कोरोना मरीजों के इलाज में इस मेडिकल कॉलेज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा सागर के चहुँमुखी विकास के लिये विभिन्न कार्य कराये जा रहे हैं। इसके लिये वे बधाई के पात्र हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर 14 करोड़ 35 लाख रूपये लागत के सभागार का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 75 करोड़ 60 लाख रूपये की लागत से एलीवेटेडे कॉरीडोर कार्य, 66 करोड़ 88 लाख के बुंदेलखंड कल्चरल एवं इन्फॉर्मेशन सेंटर कार्य, 20 करोड़ 32 लाख के सिटी गवर्नेंस सेंटर एवं 8 जोनल सिटीजन फेसिलिटेशन सेंटर कार्य, 16 करोड़ 36 लाख के ट्रांसपोर्ट नगर एवं मेकेनिक्स कॉम्पलेक्स कार्य, 8 करोड़ 02 लाख डेयरी विस्थापन कार्य का भूमि पूजन किया ।

इसके अलावा  4 करोड़ 88 लाख के फायर स्टेशन भवन निर्माण कार्य, 4 करोड़ 28 लाख के 6 मुक्ति धामों के अपग्रेडेशन कार्य, 3 करोड़ 83 लाख के वृद्धाश्रम निर्माण कार्य, 3 करोड़ 10 लाख के हेरिटेज कंजर्वेशन एवं रेस्टोरेशन कार्य, 2 करोड़ 77 लाख के सीएम राइज स्कूल स्कीम के अंतर्गत एमएलबी स्कूल पुनर्विकास कार्य तथा 83 लाख रूपये के मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी निर्माण कार्य का भूमि-पूजन किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर आजीविका मिशन अंतर्गत सोनचिरैया उत्सव का उदघाटन किया और महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का अवलोकन कर सराहना की। उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की अद्यतन स्थिति का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हित लाभ का वितरित किये।


Smart City Project-एलिवेटेड कॉरिडोर  सागर को नया स्वरूप प्रदान करेगा-सीएम
सागर वॉच/ 10 दिसम्बर 2021/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाखा बंजारा झील सागर की पहचान एवं गौरव है। मेरे पूर्व कार्यकाल में इसका कार्य स्वीकृत हुआ था पंरतु उसके बाद कार्य में विलंब हुआ। अब कार्य के‍ लिये नई टाइम लाइन निर्धारित कर दी गई है। 

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को  सागर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लाखा बंजारा झील में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण के दौरान निर्माण एजेंसी एवं संबंधित विभागों को निर्देश दिये कि लाखा बंजारा झील का कार्य नई टाइम लाइन अनुसार गुणवत्तापूर्ण किया जाए। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सागर अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक नगर है। इसकी सारी आवश्यकताएँ पूरी करते हुए इसे आधुनिक स्वरूप देने के लिये लगभग एक हजार करोड़ रूपये के कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से कुछ कार्य प्रगतिरत हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राचीन सागर को लाखा बंजारा झील से 1.6 किलोमीटर के एलिवेटेड कॉरिडोर के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। यह न केवल
बल्कि जनता को आवागमन की सुविधा भी देगा। इसे भविष्य में मेडिकल कॉलेज तक ले जाया जाएगा।

इस अवसर पर लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे

 

Ken-Betwa Link Project-परियोजना से   उप्र-मप्र में फैले बुंदेलखंड की बदलेगी तकदीर

सागर वॉच/ 10 दिसम्बर 2021 
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जहां केन- बेतवा परियोजना को मंजूरी देकर बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के नए दरवाजे खोल दिए हैं, केंद्रीय कैबिनेट की मंज़ूरी मिलने के बाद केन -बेतवा परियोजना को क्रियान्वित करने का रास्ता अब सशक्त हो चुका है। 

जहां अब केंद्र सरकार ने इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाकर तैयार कर ली है। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश की केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में हस्तांतरित करना है।

इस दिशा में पहला पड़ाव था, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच देश में पहली बार, 22 मार्च 2021 को केन - बेतवा परियोजना को लागू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर । 

यह समझौता पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए अंतर-राज्य सहयोग की शुरुआत करने के लिए किया गया था। दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव रहा जब केन -बेतवा लिंक परियोजना को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिली। इससे  दोनों राज्यों में फैले बुंदेलखंड क्षेत्र में  विकास की एक नई उम्मीद जाग गई है।

'केन -बेतवा परियोजना', नदियों को आपस में जोड़ने के लिये राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan) की पहली महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों की सरकारों द्वारा इस पर फिर से कई वर्षों से अमल की जाने की कोशिश की जा रही है। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश की केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में हस्तांतरित करना है।

पानी की कमी से जूझ रहे बुंदेलखंड क्षेत्र में अब खुशहाली की उम्मीद की जा सकेगी। केन बेतवा परियोजना की लागत 44 लाख 605 करोड़ रुपये है। इस परियोजना से जहां मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सागर, दमोह और दतिया ज़िलों में पानी की कमी दूर होगी

वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर ज़िलों में सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विदिशा, शिवपुरी और रायसेन ज़िलों में, इस परियोजना से करीब 62 लाख लोगों को पेयजल भी उपलब्ध करवाया जा सकेगा।

इस परियोजना के सन्दर्भ में दो बातें महत्वपूर्ण हैं। पहली, इस परियोजना के लागू होने से बुंदेलखंड क्षेत्र को भरपूर फायदे मिलेंगे जैसे सूखे की स्थिति में कमी, बिजली उत्पादन में वृद्धि, कृषि उत्थान, किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल, और जैव विविधता का जीर्णोद्धार इत्यादि। 

दूसरी, केंद्र सरकार ने सभी राजनैतिक मतभेदों को पृथक रखकर यह निर्णय लिया है। यही नहीं, सरकार ने इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पर्यावरणीय घटकों को भी ध्यान में रखा है, जिससे वन संपदा को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुँचे।

इस परियोजना का सबसे बड़ा अनुकूल प्रभाव किसानों पर पड़ने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के स्थायी साधन प्रदान किये जा सकेंगे बल्कि भूजल पर अत्यधिक निर्भरता को कम करके किसानों के लिए स्थायी आजीविका भी सुनिश्चित की जा सकेगी। 

इस बहुउद्देशीय परियोजना के क्रियान्वयन से न केवल जल संरक्षण में तेज़ी आएगी, बल्कि 103 मेगावाट जल-विद्युत का उत्पादन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि पन्ना टाइगर रिज़र्व के जल संकट वाले क्षेत्रों में बांधों का निर्माण होने से पन्ना रिज़र्व के जंगलों का जीर्णोद्धार किया जा सकेगा,और ऐसा होने पर इस क्षेत्र में जैव विविधता समृद्ध हो सकेगी।

कुल 44 हज़ार ,605 करोड़ रुपये की इस परियोजना में  39 हज़ार 317 करोड़ रुपये का  केंद्रीय समर्थन मिलेगा , जिसमें  36 हज़ार 290 करोड़ रुपये का अनुदान और 3,027 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है। इस परियोजना के क्रियान्वयन में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा, जो आने वाले 8 वर्षों की अवधि में बुंदेलखंड के वर्तमान रूप को बदलकर एक खुशहाल क्षेत्र का रूप प्रदान करेगा।