Articles by "#Health"
#Health लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

Hukumchand Memorial Program

सागर वॉच / 21 जून 2023/
 मध्य प्रदेश की  नगरीय आवास और विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि 
इस समय देश में 10 लाख डॉक्टर्स और 17 लाख नर्सों की जरूरत है।  आजादी के 75 साल बाद यह स्थिति दुखद है। पूर्व की सरकारों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। इससे लोगो को स्वास्थ्य सुविधाएं नही मिल सकी और रोजगार भी नही मिला। 

मंत्री श्री सिंह आज बुंदेलखंड मेडिकल कालेज सागर में समाजसेवी स्व हुकुमचंद साहू की स्मृति में वाटर कूलर के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बीएमसी में दो वाटर कूलर का लोकार्पण और चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर सुविधाओं देने वालो का सम्मान किया।  कार्यक्रम में राहुल साहू ने मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह को स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया।

नगरीय विकास मंत्री सिंह ने कहा कि  मेडिकल कालेज आते है तो इस बात की अनुभूति होती है कि मेडिकल कालेज की  सबके जीवन के लिए कितनी जरूरत है।मेडिकल कालेज वह माध्यम है जिससे लोगो को जीवन मिलता है और रोजगार के अवसर मिलते है। 

Hukumchand Memorial Program

राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि 
अब  प्रदेश के हर एक जिले में मेडिकल कालेज और इनके  साथ ही नर्सिंग कालेज भी बनेंगे। कई जिलों में इसकी स्वीकृति  हो चुकी है। कुछ कालेज शुरू हो गए है। जैसे छतरपुर ,दमोह  में मंजूरी मिल चुकी है। वही रायसेन और विदिशा में कालेज शुरू हो गए है और अब इनके साथ  नर्सिंग कालेज भी बनेंगे ।

इस मौके पर महापौर संगीता तिवारी ,महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी ,दानदाता राहुल साहू, डीन आर एस वर्मा और अधीक्षक डी के पिप्पल मोजूद रहे। 

   Inaugration- उच्च शिक्षा मंत्री  ने निजी अस्पताल का किया शुभारंभ

सागर 12 जून 2023/ 
 उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने मेडिकल कॉलेज रोड पर नेशनल अस्पताल का लोकार्पण किया। अस्पताल के लोकार्पण के अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सागर में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। इसी कड़ी में यह निजी अस्पताल सागर के लिए उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टर पूरे मनोयोग से पीड़ित व्यक्तियों की सेवा करें, यही उनका धर्म एवं कर्म है। नेशनल अस्पताल का शुभारंभ करने के पश्चात डॉ. यादव दमोह के लिए रवाना हो गए।


इस अवसर पर विधायक सर्वश्री शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया, पूर्व सांसद श्री लक्ष्मी नारायण यादव,  सुधीर यादव, श्री शैलेश केशरवानी, कमला यादव, उच्च शिक्षा के अतिरिक्त संचालक श्री डॉ. सुनील श्रीवास्तव, डॉ. संजीव दुबे, डॉ. भावना यादव, डॉ. सुनील सक्सेना, श्री विनय मिश्रा, श्री अंशुल भार्गव, सिटी मजिस्ट्रेट राजेश सिंह, पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. इंद्राज सिंह ठाकुर सहित जनप्रतिनिधि एवं चिकित्सक मौजूद थे।

 Get-Covid-Certificate-On -WhatsAp-अब-व्हाट्सअप  -पर-भी-मिलेगा-कोविड-टीकाकरण-का-प्रमाण-पत्र



सागर वॉच।   
अब तक कोविड टीकाकरण के बाद उसका प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए लोगों को कोविन की  वेबसाइट पर जाकर लॉग इन करना पड़ता था । फिर प्राप्त हुए  ओटीपी को भरना पड़ता था उसके बाद ही प्रमाण पत्र डाउनलोड करना पाते थे । यह प्रक्रिया इन्टरनेट का ज्यादा ज्ञान नहीं रखने वालों के लिए मुश्किल लगती थी। केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्रालय ने    हाल ही में आम लोगों की  इस समस्या का  समाधान कर दिया है । अब लोगों को टीकाकरण का प्रमाण पत्र व्हाट्स अप पर ही मिल जायेगा ।Get-Covid-Certificate-On -WhatsAp-अब-व्हाट्सअप  -पर-भी-मिलेगा-कोविड-टीकाकरण-का-प्रमाण-पत्र

Also Read: News In Short-तीसरी लहर से निपटने बीएमसी तैयार

केंद्रीय स्वास्थय  मंत्री  मनसुख मंडाविया  ने बताया कि अब वाट्स अप के जरिये कुछ ही पलों में आपको टीकाकरण का प्रमाण पत्र मिल जायेगा । रविवार 8 अगस्त से इसकी शुरुआत भी हो गयी है । व्हाट्स अप पर टीकाकरण का प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए छोटी से प्रक्रिया है । पहले अपने मोबाइल में  यह मोबाइल नम्बर -9013151515 को कोविड  सर्टिफिकेट के नाम से  सेव कर ले । उसके बाद व्हाट्स के सन्देश  लिखने की जगह पर अंग्रेजी में  - COVID CERTIFICATE - लिख कर कोविड सर्टिफिकेट नाम से दर्ज किये नंबर पर भेज दें । इसके तुरंत बाद आपके टीकाकरण के लिए आपके द्वारा दर्ज कराये मोबाइल नंबर पर ओटीपी आयेगा । उसे व्हाट्स अप के सन्देश बॉक्स में टाइप कर भेज दें ।

Also Read: अंधों-गूंगों की सरकार ने तालाब के बीच से बिछा दी सीवर लाइन-कांग्रेस

ओटीपी भेजते है आपको व्हाट्स अप पर सन्देश मिलेगा कि टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड करने के लिए सन्देश बॉक्स में 1 टाइप कर भेजें । इसके तुरंत बाद आपको टीकाकरण प्रमाणपत्र की पीडीऍफ़ लिंक आ जाएगी । उस परक्लिक करते ही आपका टीकाकरण प्रमाणपत्र खुल जायेगा ।

इसी क्रम में अगर आप व्हाट्स सन्देश बॉक्स में Menu लिख कर भेज देंगे तो आपको कोविड सम्बन्धी कई प्रकार की जानकारी हासिल करने की विकल्प प्राप्त हो जायेंगे । आप  जैसे ही पसंदीदा विकल्प के पहले लिखे उसके  क्रम का   नंबर सन्देश बॉक्स में  लिखकर वापस भेजेंगे । आपको तुरंत चाही गयी जानकारी मिल जाएगी 

Health-Bytes-सहज-प्रसव-में-तन-के-साथ-मन-की -तंदरुस्ती-भी-अहम-होती-है -डॉ-गढ़पाले

सागर वॉच। 
भौतिक चिकित्सक (
फिजियोथेरेपिस्ट) डॉक्टर अंशुल गढ़पाले का मानना है कि स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ मन की भी बेहद अहम भूमिका होती है। जिसका सीधा संबंध शिशु के विकास से होता है। गर्भावस्था के दौरान यह आवश्यक है कि महिला किसी भी प्रकार के तनाव में न रहे। गर्भवती महिलाओं को सहज प्रसूति के लिए सहज प्रसूति केंद्र में उनके लिए आवश्यक परामर्श दिया जाता है।

शहर के सहज प्रसूति सहायता फिजियोथेरेपी सेंटर (भौतिक चिकित्सा केंद्र) में पदस्थ भौतिक चिकित्सा (फिजियोथेरेपी) विशेषज्ञ डॉक्टर अंशुल गढ़पाले अपनी सेवाएँ दे रही हैं और अनेक गर्भवती महिलाओं को उनके सबसे महत्वपूर्ण समय में, साथी बनकर उनकी हर समस्या का निवारण भी कर रही हैं।

Also Read: Smart Initiative -शहर के हर इलाके में आकार ले रहे हैं स्मार्ट पार्क और क्रीडा स्थल

डॉक्टर अंशुल ने बताया कि आम तौर पर यह देखा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की तक़लीफ होने पर महिलाएँ घबरा जातीं हैं और अनावश्यक रूप से दवाओं का सेवन भी करती है। उन्होंने कहा कि, हमारा प्रयास होना चाहिए कि जितना हो सके भोजन और अन्य प्राकृतिक माध्यमों से आवश्यक पोषण का की पूर्ति करें। साथ ही आवश्यक होने पर चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही दवाओं का सेवन करें।

गर्भावस्था को प्रत्येक महिला के जीवन का सबसे सुखद समय बताते हुए उन्होंने कहा कि इस समय महिला के गर्भ में एक नया जीवन पल रहा होता है। ऐसे समय में महिला को ख़ुश रहने, के साथ -साथ ही सही खानपान और आवश्यक शारीरिक व्यायाम करना भी बेहद ज़रूरी होता है। इन सभी आवश्यक गतिविधियों के बारे में जब विशेषज्ञ से मार्गदर्शन मिल जाए तो गर्भवती महिला किसी भी प्रकार से के भय से मुक्त एक स्वस्थ गर्भकाल का अनुभव कर सकती है।


सहज प्रसूति केंद्र की उपलब्धियों के जिक्र में डॉक्टर अंशुल गढ़पाले ने बताया कि, विगत पाँच महीनों में उनसे परामर्श लेने आयी आठ महिलाओं की उन्होंने सहज प्रसूति कार्रवाई। उन्होंने बताया कि, गर्भावस्था के दौरान चतुर्थ माह से आवश्यक योग, शारीरिक व्यायाम, ज़रूरी खानपान एवं स्वस्थ महिला के साथ-साथ स्वस्थ मन के लिए भी गर्भवती महिलाओं की आवश्यक काउंसलिंग की गई। जिसके परिणाम स्वरूप महिलाएँ न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ हुई बल्कि उनके शरीर में प्रसव हेतु आवश्यक लचीलापन भी आया जिससे उन्हें प्रसव में सहायता मिली और उन्होंने आसानी से सहज प्रसव के द्वारा स्वस्थ शिशु को जन्म दिया।




World-Yoga-Day-केवल-नियमित-अभ्यास-से-मिलता-है-योग-से-लाभ-योगाचार्य-विष्णु-आर्य

सागरवॉच @
सातवे विश्व योग दिवस पर योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान साग़र में  योग के क्षेत्र मे स्थापित राज्यस्तरीय स्वामी विवेकानन्द योग पुरस्कार के लिए चयनित योगाचार्य विष्णु आर्य के निर्देशन में पूरे विधि-विधान  के साथ आयोजित  हुआ। इसका आन लाईन कार्यक्रम भी प्रसारित हुआ। केंट बोर्ड ने इसका प्रसारण किया। 


इस मौके पर योगाचार्य विष्णु आर्य ने कहा कि आज विश्व योग दिवस है। लेकिन हम केवल एक ही दिन योग नही करे। नियमित अभ्यास से ही हमे लाभ मिलेगा। कोरोना आपदा के कठिन दौर में योग विज्ञान हमारी क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हुआ है। योग हमारी शारीरिक ,मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम है। योग हमे अनुशासन सिखाता है।


वास्तव में योग एक जीवन शेली है जिसे अपनाना चाहिये । योग की  हमारी सनातन सँस्कृति रही है। इस सँस्कृति को  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व योग दिवस के माध्यम से जनजन तक पहुचाने और पुनर्स्थापित करने का काम किया है। आज योगदिवस पर अभी से आग्रह है कि योग विज्ञान को अपनाए और स्वस्थ्य व खुशहाल रहे। 

MEDIA WATCH@ ख़बरें ज़माने भर कीं 

SAGAR WATCH@ 02 JUNE 2021

MEDIA-WATCH-नेस्ले-कंपनी-ने-खुद-माना-मैगी-नूडल्स-सेहत-के-लिए-ठीक-नहीं

पत्रिका ने अपनी खबर में दो मिनट में बनने वाली मैगी नूडल्स के सेहत के लिए नुकसानदेह होने  की बात को इसकी निर्माता कंपनी द्वारा खुद स्वीकारने को उजागर किया है खबर में लिखा है नेस्ले कंपनी ने खुद माना है कि उसके ज्यादातर उत्पाद स्वास्थ्यवर्धक नहीं हैं। नेस्ले ने कहा है कि कंपनी अपना पूरा पोर्टफोलियो बदलने पर विचार कर रही है। लोगों की सेहत ध्यान में रखते हुए उन्हें जरूर पोषण और संतुलित खुराक मुहैया कराई जाएगी। ब्रिटेन की बिजनेस डेली फाइनेंशियल टाइम्स में ये रिपोर्ट छपी है। इसके मुताबिक कंपनी ने इसे स्वीकारते हुए कहा है कि वो अपने उत्पादों को सुधारने का काम करेगी।

Also Read: अधिक दूध पीने से नहीं बढता है कोलेस्ट्राल 

जी न्यूज़ @ कश्मीर के मामले को संयुक्त राष्ट्र महासभा उठाने के लिए पाकिस्तान को उकसाने के लिए  संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर को  भारत के कड़े विरोध के बाद संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यीय इस निकाय के प्रमुख को अब सफाई पेश करनी पड़ी है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस सिलसिले में कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र महासभा के कोई वर्तमान अध्यक्ष गुमराह करने वाला एवं पूर्वाग्रह से ग्रस्त बयान देता है तो वह अपने पद को बड़ा नुकसान पहुंचाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष का आचरण वाकई खेदजनक है और यह वैश्विक स्तर पर उनके दर्जे को घटाता है। 

बीबीसी लन्दन ने  पाकिस्तान पर केन्द्रित एक सकारात्मक खबर में बताया है कि कैसे वहां सिंध प्रान्त के जिले ख़ैरपुर के क़स्बे राहूजा में रहने वाली एक 25 वर्षीय युवती ने के यूट्यूब चैनल की सफलता की प्रशंसा की है बीबीसी ने खबर में लिखा है कि बिजली और इंटरनेट मिलने की अनिश्चितताओं जैसी तमाम कठिनाइयों से जूझ कर भी राबिया नाज शेख़ रोज वीडियो बनाकर यूट्यूब के अपने फैशन चैनल  फैशन एडिक्शन पर अपलोड करती हैं. राबिया का यह शौक उनकी आमदनी का जरिया है. पाकिस्तान में जहां बहुत से लोगों के लिए अपना घर बनवाना किसी सपने से कम नहीं है, वहीं राबिया इसी आमदनी से दो कमरों का घर बनवाने में कामयाब हो रही हैं

नवभारत टाइम्स  की खबर कहती है कि काला कवक संक्रमण औरतों की तुलना में मर्दों को ज्यादा होता है। एसजीपीजीआई के तंत्रिका-कर्णविज्ञानी (न्यूरो-ओटोलॉजिस्ट) डॉ. अमित केसरी के हवाले से खबर कहती है कि महिलाओं में बनने वाला इस्ट्रोजन हारमोन उन्हें म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) से बचा रहा है। पुरुषों के मुकाबले बेहद कम महिलाएं इसकी चपेट में आ रही हैं। दरअसल, महिलाओं में इस्ट्रोजन हारमोन 14 से 50 साल की उम्र तक बनता है। वहीं, लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती हुई ब्लैक फंगस पीड़ित ज्यादातर महिलाओं की उम्र 50 साल से अधिक ही है।

Also Read: क्या शुरू हो गई है कोरोना की तीसरी लहर!

लाइव हिंदुस्तान  ने अनलॉक के मापदंडों पर खबर में बताया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख  डॉ.बलराम  भार्गव ने लॉकडाउन को खोलने के लिए तीन-सूत्रीय मानदंड का सुझाव दिया- एक सप्ताह में संक्रमण दर 5 प्रतिशत से कम, 70 फीसदी  संवेदनशील आबादी का टीकाकरण और कोविड से बचने के उपयुक्त व्यवहार को लेकर समुदाय में जागरूकता जरूरी है । उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को रोकने के लिए इन तीन बिन्दुओं पर खास तवज्जो देनी होगी 

दैनिक भास्कर  की खबर देश में खुफिया एजेंसियों या सुरक्षा से जुड़े महकमों के सेवानिवृत  अधिकारी को चेताने वाली है । खबर के मुताबिक  देश की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार आदेश जारी किया है कि खुफिया एजेंसियों या सुरक्षा से जुड़े महकमों के रिटायर्ड अधिकारी अपने विभाग या किसी अन्य अधिकारी से जुड़ी बातें बिना पूर्वानुमति के सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। मंत्रालय द्वारा आदेश के साथ तैयार मसौदे के मुताबिक सेवानिवृत्ति की समय ही अधिकारी शपथपत्र देगा की वह संस्थान और अपने कार्यानुभव के बारे में बिना पूर्व अनुमति के कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं करेगा। ऐसा करने में असमर्थ रहने पर उसकी आंशिक या पूरी पेंशन रोकी जा सकेगी 


Corona-Guidelines-Violation-सेंट्रल-बैंक-बजाज-अलियांज़-कम्पनी-के-दफ्तर-हुए-सील

सागर वॉच @
जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम की मुहिम के तहत सेंट्रल बैंक शाखा गोपालगंज, बजाज एलियांज लाईफ बीमा लिमिटेड, गोपालगंज एवं एक प्रायवेट फायनेंस बैंक को कोरोना गाईड लाईन का पालन न करते पाये जाने पर सील किया गया। इसके अलावा कटेंनमेंट क्षेत्र से बाहर नहीं निकलने के बारे में लोगों को हिदायत दी।

Also Read: MEDIA-WATCH-ख़बरें-ज़माने-भर-कीं

गोपालगंज वार्ड में अधिकारियों की टीम पहुॅची तो पाया कि सेंट्रल बैंक गोपालगंज शाखा में पदस्थ कर्मचारी बिना मास्क के कार्य करते पाये उसी प्रकार बैंक में आने वाले ग्राहकों की भीड़ भी थी जिससे ना सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो रहा था और कई लोग मास्क भी नहीं लगाये थे, जो कोरोना गाईड लाईन का उल्लघन है इसी प्रकार सेंट्रल बैंक के सामने प्रायवेट फायनेंस बैंक में भी यही स्थिति पायी गई जिसको देखते हुये जनता की सुरक्षा हेतु निगमायुक्त आर.पी.अहिरवार ने बैंकों को सील करने की त्वरित कार्यवाही गई।

Also Read: नासा को मंगल ग्रह पर मिले मशरूम हो सकता है एलियन से भी नाता

 इस दौरान निगमायुक्त ने आमजन से कोरोना को समाप्त करने में सहयोग करने की अपील की उन्महोंने  कहा की महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे करने आपके घर आती है तो उससे कोई जानकारी छुपाये न बल्कि सही-सही जानकारी दें जो आपके ही हित में है

 निगमायुक्त ने वार्ड प्रबंधन समिति के सदस्य और वार्ड के नागरिक से कहा कि महामारी को अपने वार्ड से समाप्त करने के लिये अपने व्यवहार को सयंमित करें बेवजह घर से निकलें,  अति आवश्यक हो तो बाहर जाते समय मास्क लगाये, घर में भी सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें। 

Also Read: Kill Corona Campaign- सागर जिले की सत्तर फीसदी पंचायतें हुईं कोरोना मुक्त

Corona-Review-Meet-कोरोना-है-बहुरूपिया-वायरस-मुख्यमंत्री

सागर वॉच @
  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह  ने कोरोना को बहरूपिया बताया और कहा कि यह बहरूपिया वायरस है किसी भी रूप में असर कर जाता है। पता ही नही चलता। इसीलिए सख्ती जरूरी है अन्यथा तीसरी लहर घातक साबित होगी। यूपी और अन्य राज्यो की सीमाएं अभी सील रहेंगी। 31 मई के बाद प्रदेश को धीरे-धीरे खोलेंगें लेकिन सख्ती जारी रहेगी। 

कोरोना को लेकर सागर संभाग आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंन अनलाॅक के पहले चरण में शादी-विवाह मेले-ठेले सभी शुरू होने का नतीजा दूसरी लहर में झेलना पड़ा। तीसरी लहर के मद्देनजर इनको ध्यान में रखकर खोलेंगे।  

Also Read: मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कराने कांग्रेस पहुंची पुलिस थाने

उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर बन्द नही होंगे पूरे एक साल इनको चलाया जाएगा। चाहे सरकारी हो या निजी केयर सेंटर।  इसके अलावा तीसरी लहर से निपटने टेस्टिंग जारी रहेगी। संक्रमित मिलने पर माईक्रो कन्टेनमेंट बनाएंगे। 

उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड केयर ब्बेहद जरूरी है । हमे स्वस्थ्य हो चुके मरीजो की निगरानी करना होगी। ताकि उनको कोई बीमारी या साईड इफेक्ट तो नही हो रहे है। 

Also Read: Kill Corona Campaign- सागर जिले की सत्तर फीसदी पंचायतें हुईं कोरोना मुक्त

 Vaccination-Programme-In-Sagar-Covaxin-की-दूसरी-खुराक-का-समय -चार-से-छः-हफ्ते-के-बीच


सागर वॉच @  23-24- मई 2021

जिला टीकाकरण अधिकारी सागर द्वारा बताया गया कि 23-24 मई दिन शनिवार को कोविड 19 वैक्सीनेशन, सागर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 18 वर्ष से उपर एवं 45 वर्ष से उपर के पात्र हितग्राहियों का वैक्सीनेशन निम्नानुसार स्थानों पर किया जावेगा।
          

कोविशील्ड वैक्सीन के द्वितीय डोज में 12 से 16 सप्ताह में लगाया जा रहा हैं एवं कोवैक्सीन वैक्सीन के द्वितीय डोज में 4 से 6 सप्ताह में लगाया जा रहा हैं  सभी हितग्राही इस बात का ध्यान रखे । 


जब आपका समय हो जाये तभी टीकाकरण सेटर पर द्वितीय डोज लगवाने जाये और असुविधा से बचें । जिनको द्वितीय डोज लगना हैं उन्हें फोन द्वारा सूचना दी जा रही हैं मास्क पहने, दूरी बनाकर रहे,और हाथ समय-समय पर जरूर धोते रहें शासन की गाइडलाइन का पालन करें ।

शहरी क्षेत्र सागर

1.महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल क्रमांक -1 (एम.एल.बी.स्कूल) बस स्टेंड के पास।

2.पी.टी.सी. ग्राडंड (ड्राइव रन) कचहरी रोड।

3.पुलिस लाईन एस.पी. ऑफिस के पीछे।

4.न्यू कैंट स्कूल सदर।

5.हुलासीराम मुखारया हाई स्कूल सदर बाजार।

6.कला एवं वाणिज्य महाविघालय तहसीली।


7.हाईस्कूल रजाखेड़ी मकरोनिया।

8.पंडित रविषंकर शुक्ल कन्या उच्च.माध्य.विघा. मोतीनगर।

9.दीनदयाल नगर मेेदान मकरोनिया (ड्राईव रन)  

ग्रामीण क्षेत्र सागर

1.कन्या हाईस्कूल बण्डा।

2.कन्या हाईस्कूल गढ़ाकोटा।

3.नगर भवन शाहगढ़।

4.मंगल भवन जैसीनगर।

5.जे.वाय.एस.एस. हॉस्पिटल खुरई।

6.हाईस्कूल राहतगढ़।


7.पंचायत भवन केसली।

8.कन्या हाईस्कूल क्षीर देवरी।

9.कन्या हाई स्कूल रहली ।

10.उत्कृष्ट हाई स्कूल मालथौन ।

11.उ.मा.कृषि विद्यालय सुरखी

12.उत्कृष्ट विद्यालय बीना ।

Kill-Corona-Campaign- सागर-जिले-की-सत्तर-फीसदी-पंचायतें-हुईं-कोरोना-मुक्त

सागर वॉच @ कोरोना संक्रमण की रफ्तार भले ही अभी पूरे देश में कम नहीं हुई है लेकिन बुंदेलखंड के खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह पूरी तरह से काबू में आता दिख रहा है। जिला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक सागर जिले की 71 फीसदी से ज्यादा पंचायतें कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो गईं है। 43 फीसदी पंचायतें तो ऐसीं हैं जहां कोरोना संक्रमण पहुंच ही नहीं पाया। इसके अलावा करीब 29 फीसदी पंचायतों में पिछले  दो सप्ताह से एक भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ। इसके चलते जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोना से संक्रमित होने की दर ( Positivity Rate) घटकर केवल ३ फीसदी रह गयी है।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ इच्छित गढ़पाले के मुताबिक निरंतर निरीक्षण करने एवं जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से जिले की 734 ग्राम पंचायतों में से 526 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त हो गईं है। उन्होंनेे बताया कि जिले की 734 ग्राम पंचायतों में विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई।

जिसके तहत समस्त सरपंचों ,पंचायत सचिव,सहायक सचिव को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए और समस्त ग्राम पंचायतों में बाहर से आने वाले प्रवासी व्यक्तियों, श्रमिकों के लिए संगरोध केन्द्र (क्वॉरेंटाइन सेंटर) बनाए गए जिसमें संदिग्धों को 7 दिनों तक इनमें रखने के बाद ही उनको ग्रामों में प्रवेश दिया गया । 

Also Read: Old But Bold-उम्र सौ के पार फिर भी कोरोना को दी पटखनी

डॉ गढ़पाले ने बताया कि जिले की 315 ग्राम पंचायत में ऐसी हैं जहां एक भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं हो पाया और 211 ग्राम पंचायत हैं ऐसी हैं जिनमें विगत 15 दिवस  में कोई भी  संक्रमित नहीं हुआ।

डॉ  गढ़पाले ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए 3 जोन बनाए गए। जिसमें ग्रीन जोन में जिले की 526 ग्राम पंचायतों आ गई हैं। इसी प्रकार 187 ग्राम पंचायतें ऐसी है जिसमें 5 से कम कोरोना संक्रमित व्यक्ति चिन्हित किए गए हैं उनको ऑरेंज जोन में रखा गया है ।डॉ  गढ़पाले ने बताया कि 21 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जिनमें 5 से अधिक कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाए गए हैं उनको रेड जोन में रखा गया है। इस प्रकार से 208 पंचायतें जिसमें ऑरेंज जोन और रेड जोन शामिल हैं कोरोना संक्रमण मुक्त के लिए शेष रह गई हैं ।

Also Read: Viral Video: Expose the working of the police

डॉ गढ़पाले ने बताया कि विगत 15 दिवस में ग्रामीण क्षेत्र में पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में कमी आई है, प्रतिदिन सैम्पलिंग के अनुपात में ग्रामीण क्षेत्र में पॉजिटिविटी की दर भी घटकर 3.0 प्रतिशत पर आ चुकी है । किल कोरोना सर्वे प्रत्येक ग्राम में घर घर सर्वे कराया जाकर संभावित संक्रमित चिन्हितकर दवाइयों को वितरण किया गया है जिससे इनका स्वास्थ्य वेहतर बना रहे, इनमें से आधे से अधिक के स्वास्थ्य में सुधार भी हुआ है । पर्यवेक्षण दल द्वारा 13000 से अधिक मेडिसिन किट वितरित की गई है ।

Also Read: Ministers Byte-हर वर्ग के साथ खड़ी प्रदेश सरकारः गोविंद सिंह राजपूत

पंचायत औषधि वितरण केन्द्र  के माध्यम से-सभी ग्राम पंचायत भवनों पंचायत औषधि वितरण केन्द्र स्थापित किये गये है इनमें बच्चों के लिए अलग से दवाएं भी रखाई गई है । ये केन्द्र नियमित रूप से सुबह 10ः30 से शाम 5ः30 बजे तक खुल रहे है, जिनमें संभावित संक्रमित के अतिरिक्त घर के अन्य सदस्य भी स्वास्थ्य अमले से परामर्श अनुसार सामान्य बीमारियों हेतु औषधि प्राप्त कर रहे है । बताया गया है कि जनता कर्फ्यू एवं रोको टोका अभियान - ग्राम पंचायतों द्वारा संकल्प पारित करते हुए जनता कर्फ्यू का उल्लंघन और मास्क न पहनने वालों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है ।

Old-But-Bold-उम्र-सौ-के-पार-फिर-भी-कोरोना-को-दी-पटखनी

सागर वॉच @
कोरोना महामारी की मार से कराह रहे देश में कुछ ऐसे मामले भी सामने आते है जो न केवल कोरोना से पीड़ित लोगों को बल्कि सभी को  को सुकून देते हैं  और बीमारी का डट कर मुकाबला करने के लिए हौसलाफजाई भी करते हैं। ऐसा ही एक मामला बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय के निजी अस्पताल से सामने आया है। जिसमें एक सौ चार उम्र की महिला  महज दस दिनों में कोरोना से जंग जीत कर स्वस्थ्य हो गयीं  हैं।

मध्य प्रदेश के सागर के भाग्योदय चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल में बीना निवासी सुंदर बाई जैन (104) महज 10 दिनों में कोरोना से जंग जीत कर स्वस्थ्य हो गई है. आधार कार्ड के अनुसार उसका जन्मदिन 19 मई 1917 है.


इस महिला का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. सौरभ जैन ने कहा कि 10 मई को कोरोना पीड़िता सुंदर बाई जैन को हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और लगभग 10 दिन के इलाज के बाद वह पूर्ण स्वस्थ हो गईं.उन्होंने कहा कि सुंदर बाई ने इलाज में सभी को सहयोग दिया. गुरुवार दोपहर उनकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई और उनके परिजन उन्हें बीना ले गए हैं. जैन ने बताया कि इस महिला को जब भर्ती कराया गया था, उस समय वह काफी कमजोर लग रहीं थीं, लेकिन उपचार शुरू होने के बाद जल्दी ही उनकी सेहत में सुधार आने लगा, इसकी एक बड़ी वजह मरीज का मानसिक रूप से काफी मजबूत एवं शारीरिक रूप से सक्रिय होना रहा.


सुंदर बाई को उम्र से जुडी समस्याएं के रहते हुए भी जल्दी ठीक होना भी एक काफी सकारात्मक पहलू है. महिला की सक्रियता भर्ती किए जाने के पांच दिन बाद से ही काफी बढ़ गई थी. वह खूब बातचीत भी करने लगीं. पिछले तीन दिनों से वह घर जाने के लिए बेसब्र भी हो रहीं थीं.

 Committee-To-Probe-Private-Hospiatals-Billing-राज्य-शासन-ने बिलिंग-को-लेकर-निजी-अस्पतालों-पर-नकेल-कसी

सागर वॉच @  मध्यप्रदेश शासन ने निजी अस्पतालों को चेताया है कि कोविड का इलाज करने में बिलिंग उस पैकेज के मुताबिक ही करें जिसकी घोषणा उन्होंने स्वयं सरकार के समझ की हैैं। निजी अस्पतालों के स्वतः घोषित उपचार के पैकेज राज्य शासन के पोर्टल पर मौजूद हैं।

 इस सिलसिले में मुख्य सचिव कार्यालय मंत्रालय भोपाल ने आदेश जारी किया है कि निजी अस्पताल तय मूल्यों के अनुरूप ही मरीजों के लिए बिलिंग करें । इस संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर निजी अस्पताल के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। राज्य शासन ने इस संबंध में शासन स्तर पर एक समिति गठित की है।

Also Read: महामारी के दौर में उंचे दामों में मेडिकल उपकरण बेचने वाले पुलिस के हाथ चढे़

 कलेक्टर दीपक सिंह ने सागर जिला के निजी अस्पतालों के विरूद्ध बिलिंग के सबध में प्राप्त होने वाली शिकायतो की जांच समिति गठित की है।

समिति में शहरी क्षेत्र हेतु अपर कलेक्टर अखिलेश जैन,की अध्यक्ष अध्यक्षता में गठित समिति में अन्य सदस्य- सी ० एल ० वर्मा , नगर दण्डाधिकारी सागर   सचिव, राकेश अहिरवार, अधीक्षक, भू - अभिलेख सागर को सदस्य नियुक्त किया गया है।

Also Read: Video Viral - मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान पुलिस से मांगी रिपोर्ट

समिति में ग्रामीण क्षेत्र के लिए इच्छित गढ़पाले , अपर कलेक्टर विकास एव जिला पंचायत सीईओ सागर अध्यक्ष होंगे। अनुविभागीय अधिकारी ( राजस्व ) सदस्य सचिव एवं तहसीलदार सदस्य होंगे। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील किया गया है।

Also Read: क्या-वैक्सीन-की-कमी-से-बढ़ा-कोविशील्ड-की-दो-खुराकों-के-बीच-का-अंतर..?


 Black-Marketing-महामारी-के-दौर-में-उंचे-दामों-में-मेडिकल-उपकरण-बेचने-वाले-पुलिस-के-हाथ-चढे़


सागर वॉच @कोरोना काल मे चिकित्सकीय उपकरणों की कालाबाजारी के चंगुल से सागर शहर भी महफूज नहीं है। पुलिस ने इसी सिलसिले में शहर में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।ऐसा बताया जा रहा है की  इस लूट के धंधे में कुछ ही चेहरे सामने आए हैं हालांकि गंभीर जांच करने में ऐसे धंधेबाजों की लम्बी  फेहरिस्त सामने आ सकती है।

 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस को कोरोना इलाज में उपयोग किये जाने वाले उपकरणों को ब्लैक में बेचे जाने की शिकायत मिल रही थी। इस पर दो युवकों सौरभ जैन और  विकास जैन को अलग अलग स्थानों पर इन उपकरणों को बेचेते हुए पकड़ा। पुलिस ने इन पर मामला दर्ज कर लिया है। इनके पास से आक्सी फ्लोमीटर, प्रेसर रेगुलेटर, थर्मामीटर,प्लस आक्सीमीटर  जैसे उपकरण भी बरामद किए हैं। इनमें जीवनरक्षक  सहायक प्रेसर रेगुलेटर, ब्रास फ्लामेंट आदि अति आवश्यक चिकित्सकीय  उपकरण भी शामिल हैं।

Also Read: Video Viral - मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान पुलिस से मांगी रिपोर्ट

   आईटीआई के सामने खुरई रोड सागर से एक व्यक्ति जो कि 5000 रूपये मे आक्सी फ्लो मीटर को बेच रहा है। पुलिस ने यह सूचना मिलने ही आरोपी को मौके पर पहुंच कर दबोच लिया। आरोपी का नाम विकास पिता वीरेन्द्र कुमार जैन उम्र 35 साल नि. साहू फैक्टरी के सामने तिलकगंज सागर का होना बताया। बाद उस व्यक्ति के कब्जे से कुल 5000 रूपये व हाथ में 01 ऑक्सी फ्लोमीटर सेट 01 रेग्युलेटरए 01 फ्लोमीटर  । और उसके पास के काले सफेद रंग के थैले में 02 ऑक्सीफ्लोमीटर ,सेट 02  02 फ्लोमीटर, 04 पल्स आक्सीमीटर  05 वेपोराईजर,  19 थर्मामीटर  एवं 07 आक्सीजन मास्क जप्त किया। जिसके पास उक्त कोरोना के इलाज में सहायक वस्तुओ के रखने का लाइसेंस नही होना बताया। जिस पर थाना मोतीनगर में धारा 420,188 ताहि0 का प्रकरण पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया।

Also Read: क्या-वैक्सीन-की-कमी-से-बढ़ा-कोविशील्ड-की-दो-खुराकों-के-बीच-का-अंतर..?

News-In-Short-सागर-में-तीन-लाख-से-ज्यादा-लोग-ले-चुके-हैं-कोविड-के-टीके-के-पहली-खुराक

ख़बरें  संक्षेप  में @सागर वॉच 

जिले के टीकाकरण में जिले के लोगों को मिले प्राथमिकता 

टीकाकरण के लिए आनलाईन स्लाट आरक्षित कराने में स्लाट खाली नहीं मिलने के कारण युवाओं में बैचेनी बढ़ी है। इसी के चलते अब टीका  लगवाने को बेताब युवा में अपने शहर से हटकर दूसरे जिलों व ग्रामीण क्षेत्रों के टीकाकरण केन्द्रों में स्थान आरक्षित कराने का चलन बढ़ रहा है। 

शनिवार को यह मुद्दा आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में भी उठाया गया। इस सिलसिले में जिले के कोविड प्रबंधन के प्रभारी मंत्री ने कहा कि  वैसे तो किसी भी जिले में उसी जिले के लोगों को टीकाकरण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इस संबंध में वो प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगें।

Also Read: क्या-वैक्सीन-की-कमी-से-बढ़ा-कोविशील्ड-की-दो-खुराकों-के-बीच-का-अंतर..?

तीन लाख  के पार हुई जिले में टीकाकरण की पहली खुराक लेने वालों की संख्या 

कोविड-19 के टीकाकरण अभियान  सागर जिले में टीकारण अभियान कारगर ढंग से चल रहा है। कलेक्टर ने शनिवार को सागर जिले के टीकाकरण केन्द्रों और कोविड देखभाल केन्द्रों का निरीक्षण किया। 

उन्होंने बताया कि जिले में अब तक जिले में  3 लाख 33 हजार 758 लोगों को टीका की प्रथम खुराक मिल चुकी है। जबकि 50 हजार 800 लोगों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकीं हैं। 

वहीं 15 मई को   653 लोगों को टीके की पहली खुराक दी गई । जबकि  278 लोगों को दूसरी खुराक दी गई। 


सुबह 10:30 से 11:30 बजे  के बीच बुक करें  टीकाकरण का स्लॉट 

जिला टीकाकरण अधिकारी सागर द्वारा बताया गया कि  18 वर्ष से उपर की आयु के हितग्राही ऑन लाईन बुकिंग प्रातः 10ः30 बजे से 11ः00 बजे तक मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार एवं रविवार को सत्र हेतु पोर्टल खोला जाता है। 

18 वर्ष के उपर के हितग्राही अपना ऑन लाईन स्लॉट बुकिंग कराकर चिन्हित टीकाकरण केन्द्र पर टीका लगवा सकते हैं। 

दिनांक 16 मई दिन रविवार को शहरी क्षेत्र सागर में 45 वर्ष से उपर के आयु के हितग्राहियों का टीकाकरण इन  स्थानों पर किया जायेगा ।  


शहरी क्षेत्र सागर में 

1. महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल क्रमांक -1 (एम.एल.बी.स्कूल) बस स्टेंड के पास।

2. पी.टी.सी. ग्राडंड (ड्राईव रन) कचहरी रोड।

12 ls 16 g¶rksa ds varjky esa yxsxk

सागर वॉच @ 
भारत सरकार द्वारा कोविशील्ड वैक्शीन की दो खुराकों के बीच के अंतराल बढ़ाने पर सहमति देते ही देश में सरकार के इस फैसले के खिलाफ सवालों की झड़ी लग गयी है। सरकार के विरोधी भी काफी मुखर होकर सवाल कर रहे हैं कहीं यह फैसला पर्याप्त वैक्सीन नहीं होने की वजह से तो नहीं उठाया गया है ?  जब फरवरी में ही  यह अध्ययन  प्रकाशित हो चुका  था  कि 12 हफ्ते से ज्यादा अंतर पर वैक्सीन की कारगरता और बेहतर हो रही है तो उसी वक्त यह फैसला क्यों नहीं लिया गया? देरी क्यों की गई ?

सरकार ने कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की विशेषज्ञ समिति की सिफारिश को मान लिया है। अंतर बढ़ाने के फैसले का ऐलान करते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि यह फैसला वैज्ञानिक तथ्यों और वास्तविक जिंदगी के अनुभवों के के आधार पर किया गया है। 

Also Read: Video Viral - मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान पुलिस से मांगी रिपोर्ट

अंग्रेजी न्यूज चैनल  को  इन्हीं सवालों  के जवाब में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने के फैसले के लिए उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर व्यावहारिक बताया है। उन्होंने कहा, आंकड़ें बताते हैं कि 12 हफ्ते से ज्यादा का अंतराल कारगर है। लेकिन इसके लिए रेंज होना चाहिए जैसे 12 से 14 हफ्ते या 12 से 16 हफ्ते। क्योंकि सभी को 12 हफ्ते में ही दूसरी खुराक लग जाएगी, ऐसा नहीं है इसलिए रेंज होना चाहिए। समिति ने आंकड़ों का विश्लेषण  करके 16 हफ्ते तक का रेंज तय किया। यह उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर भी यह व्यावहारिक है और आपूर्ति तंत्र व सुरक्षा के लिहाज से भी व्यावहारिक है।

जब फरवरी में ही  यह बात सामने आ गई थी कि 12 हफ्ते से ज्यादा अंतराल के नतीजे अच्छे मिल रहे हैं तो भारत में तभी यह फैसला क्यों नहीं किया गया, इस सवाल पर डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि तब समिति के सदस्यों में आम सहमति नहीं बन पाई थी। उन्होंने कहा, इस  साल की शुरुआत में यह बात सामने आई थी कि अंतर बढ़ने से वैक्सीन और ज्यादा असरदार हो रही है। लेकिन बाद में कनाडा और दूसरे देशों से और ज्यादा आंकडे़ सामने आए। 

Also Read: Video Viral - मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान पुलिस से मांगी रिपोर्ट

फरवरी में लैंसेंट का लेख प्रकाशित हुआ। समिति में उस पर चर्चा हुई थी लेकिन कोई आम सहमति नहीं बन पाई कि अंतराल को 12 हफ्ते से ऊपर किया जाए। अगर उस वक्त ही अंतराल को 12 हफ्ते से ज्यादा कर दिया गया होता तो आज जो आलोचक देरी पर सवाल उठा रहे हैं, वही तब कहते कि यह क्यों किया गया, और अधिक आंकड़ों का इंतजार क्यों नहीं किया गया।

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ ने भी कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया है। डॉक्टर सेठ ने कहा कि यह एक सही रणनीति है, वैज्ञानिक आधार पर है। फरवरी में ही यह आंकड़ा उपलब्ध था और तब डब्लूएचओ ने कहा था 12 हफ्ते का अंतराल रखना चाहिए। यूनाइटेड किंगडम  ने तब इस सलाह को अपनाया था। लेकिन तब भारत ने अंतर को यह कहकर इतना नहीं बढ़ाया था कि वह आंकड़ों से आश्वस्त नहीं है। और ज्यादा भरोसेमंद आंकड़ों का इंतजार करना सही था।

Also Read: भाजपा दवाओं की कालाबाज़ारी के मामलों के जांच सीबीआई से कराये-कांग्रेस

डॉक्टर अशोक सेठ ने एकल खुराक की अहमियत को भी बताया कि किस तरह वह संक्रमण कम करने और मौतों को रोकने में कारगर है। उन्होंने कहा, आंकड़े  बता रहे हैं कि 12 हफ्ते से ज्यादा अंतराल पर कारगरता बेहतर हो रही है। एकल खुराक से भी बेहतर प्रतिरोधकता बन रही है।

 वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक ही 3 महीने तक संक्रमण  रोकती है। उसकी कारगरता 60-65 प्रतिशत है। एक खुराक से ही संक्रमण फैलाने का खतरा 50 प्रतिशत कम हो रहा है और मौत की गुंजाइश 80 प्रतिशत कम हो रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में हमें अधिक से अधिक आबादी को जितना जल्दी संभव हो सके वैक्सीन लगाना होगी ।

Also Read: ICMR ने की ज्यादा संक्रमण दर वाले जिलों में लंबे लॉकडाउन की सिफारिश

Webinar-on-Covid-19-"मन-चंगा-हो-तो-शरीर-को-आसानी-से-नहीं-पकड़-पाते-हैं-रोग"

सागर  वॉच @
  मानसिक रुप से स्वस्थ्य शरीर पर कोई भी रोग आसानी से पकड़ नही  बना  सकता और  यदि कोई  रोग  शरीर में  प्रवेश कर  भी  जावे तो इसे  जल्दी ही  मानसिक रुप  से  स्वस्थ्य शरीर के  छोड़ना ही  होता है। 
 विश्व स्वास्थ्य संगठन के पहले महानिदेशक ब्रॉक चिशहोम ने भी कहा है कि “बगैर मानसिक स्वास्थ्य के, शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर नहीं हो सकता है”।  प्रसिद्ध वैज्ञानिक जर्नल-लंसेंट ने  भी वैज्ञानिक शोधों के  आधार पर  कहा  है  कि   मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के  बीच आपसी सम्बंध होता है । सहोद्रा राय शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, सागर द्वारा आयोजित ऑनलाईन वेबीनार “कोविड-19 महामारी- तनाव से मुकाबला” में  यह  बात राष्ट्रीय स्तर पर 1500 से अधिक मोटिवेश्नल उद्बबोधन दे  चुके विषय प्रवर्तक प्रो. अमर  सिंह ने  कही।

Also Read: बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चाहिए इंसानियत के जज्बे का इंजेक्शन

उन्होंने बताया कि कोरोना  संक्रमण के  इस  दौर  में  मानव  जीवन पर एक गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ रहा  है। जो परिवार कोरोना से पीड़ित भी नहीं हैं वो भी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।  ऐसे दौर में  समाज के लिए कोरोना से  निपटने के लिए चिकित्सीय उपकरणों, संसाधनों व दवाईयों के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक तरीके की भी जरूरत है । परंतु सबसे बड़ा  सवाल यह ही है कि ऐसा  करें कैसे ?

घर  में  हमेशा सकारात्‍मक बातें करें 

इस सवाल का खुद ही जवाब देते हुए प्रो सिंह ने बताया कि तन और मन को  सेहतमंद  रखने के  लिए कुछ नया सीखते रहना चाहिए और नया करने का प्रयास भी करते रहना चाहिए । उन्होंने वेदों एवं पुराणों हवाला देते हुए कहा  कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग रहता है। इसलिए प्रतिदिन व्यायाम, आसन, प्राणायाम करना चाहिए  तथा शरीर को स्वच्छ रखना भी आवश्यक है । चूकिं इस  दौर  में  हम  सब  घर  पर  ही  हैं  अतः  प्रयास करें कि  घर  में  हमेशा सकारात्‍मक बातें ही होती रहें । घर के  बुजुर्ग एवं  बच्चों के  साथ आवश्यक रुप  से  समय  व्यतीत करें । 

घर में अच्छा काम करने वालों की तारीफ़ भी करें 

घर  में  इंडोर गेम्स खेलते रहें । ऐसा  करने से परिवार में जुड़ाव व आपसी तालमेल भी मजबूत होगा । घर में  किसी भी  सदस्य द्वारा कुछ  भी नया  कार्य  किया गया  हो  या खेल  में  जीत  दर्ज की  गई  हो या खाना और  नाश्ता  बनाया गया हो तो तारीफ करते रहें व किसी भी  रुप  में  इन्हें पुरस्कृत  भी  करें ।  मित्रों एवं  रिश्तेदारों के  साथ  सकारात्मक बात-चीत  से  भी तनाव कम  होगा । 

Also Read: नयी दवा मरीजों को बाहर से ऑक्सीजन देने की निर्भरता को कम करती है

जरूरतमंदों की मदद करें 

इस  संकट के  दौर  में  यदि  आप  किसी जरुरतमंद की  मदद करेंगें तो  आपको आत्मिक शांति व सुकून मिलेगा व आपका तनाव भी  कम होगा ।   कभी-कभी घर  में  आपसे मन-मुटाव भी  हो  सकता  है  । यदि  आपको गुस्सा भी  आ रहा  हो  तो तुरंत  ही  बैठ जावें व गहरी सांसे लीजिए, आप पाऐंगें कि  आपका गुस्सा चला  गया  है  व तनाव भी  कम  हो  गया  है । 

कम से कम आठ घंटे की नींद लें 

इसके अलावा स्वस्थ्य आहार लें  व सात  से  आठ घंटे की  नींद अवश्य लें । हमें  परिस्थिति अनुसार चेतना का  विस्तार  करना होगा व  इस  प्रकार   आत्मबल का  विस्तार  होगा व विजय  प्राप्त  करना  होगा । हमें  तीन  तरह से ऊपर उठना होगा -  वैज्ञानिक अभिरुचि व चेतना का  विस्तार करना होगा,  दूसरों  से ज्यादा मेहनत करनी होगी व दूसरों  से कम उम्मीद करना चाहिए । 

 दुनिया के अधूरे  रह गए अच्छे कामों को पूरा करने की कोशिश करें 

कोरोना  के  इस  दौर  में तकनीक  का  बहुत  बेहतर उपयोग किया गया है ।  खासतौर  पर ऑनलाईन कक्षाओं , वेबीनार, ऑनलाईन  मीटिंग आदि का उपयोग बहुत  अच्छे से   किया  है । चिकित्सीय इतिहास में  पहली  बार केवल  2-3  माह  में  ही वैक्सीन की  खोज की  गई । यदि  दुनिया  किसी  अच्छे कार्य  को नही  कर  पाई  है  तो  हमारी  कोशिश  होनी  चाहिए  कि  वह  कार्य  हम  सफलतापूर्वक  कर  सकें । 

Also Read: Bundelkhand ready to fight against Covid With New Thousand-Bed Hospital

इस मौके पर  महाविद्यालय के  प्राचार्य डॉ.  वाय. पी.  सिंह ने  कहा  कि छात्र-छात्राओं को अपने आप को व्यक्त करने के तरीके खोजने होंगें। चाहे कॉपी पर कुछ लिखे या कविता लिखें, चित्र बनाऐं, विडियों बनाऐं, ब्लॉग लिखें या खुद  को  व्यक्त करने कोई न कोई  काम अवश्य करें। ऐसा  करने से तनाव को दूर होता  है और  हर दिन आगे बढ़ने के उत्साह बनता है।यह वायरस मजबूत व्यक्ति को भी हाइपोकॉन्ड्रिअक्स में बदल सकता है।

 इंटरनेट पर इस  रोग  के  बारे में जरुरत से  ज्यादा पढ़ना,उसके लक्षणों का अनुभव करने वाले लोगों के बारे में पढ़ना, किसी को भी परेशान कर  सकता है। शरीर में थोड़ा भी बदलाव होने पर हम  खुद को जांचना शुरू कर सकते हैं  और आपना दिमाग संभावित रोगों के  लिए दौड़ना शुरू कर सकता है। 

 वह यह पता लगाने की कोशिश करने लगता है कि कहीं बीमारी ने पकड़ तो नहीं लिया। भले  ही  बीमारी हम  से  कोसों दूर  हो पर हम चिंताओं से घिर जातेे हैं  और खुद  को बीमार समझने लगते हैं। हमें सुनिश्चित करना  होगा कि घबराहट और तनाव में न रहें क्योंकि यह लंबे समय में हमारी प्रतिरक्षात्मक क्षमता को  कम  करता है ।

Also Read: आयुष्मान कार्ड पर पर निजी अस्पतालों में मुफ्त होगा कोरोना का इलाज

ज्ञान आधारित प्रसिद्ध वैबसाईट विकिपीडिया ने  भी कहा  है  कि कोविड-19 जैसी महामारी के संक्रमण से बचने और अन्य लोगों में इस बीमारी के फैलने, स्वास्थ्य की देखभाल करने और मरने के कारण लोगों के काम और अपनों से सामाजिक दूरियाँ बढ़ गयी है। जिससे व्यक्ति में तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही है।

यह महामारी एक दूसरे से छूने से फैलती है इसलिए लोग परिवार में किसी व्यक्ति के संक्रमित, उनकी रक्षा, देखभाल करने से डरे हुए है। साथ ही परिवार के बुजुर्ग और अस्वस्थ्य व्यक्तियों की देखभाल करने से दूर भाग रहे है। इस कारण लोग इस बीमारी से और भी ज्यादा डर रहे है द्य

इस  वेबीनार में सहोद्रा राय  शासकीय महाविद्यालय के अलावा प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों एवं  सागर जिले के शिक्षा विभाग के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं ने भाग लिया एवं  लाभ  प्राप्त किया 

 सागर वॉच

Thought-For-The-Day-बेहतर-स्वास्थ्य-सेवाओं-के-लिए-चाहिए -इंसानियत-के-जज्बे-का-इंजेक्शन

 शेखचिल्ली की डायरी - 11-मंगलवार -2021

प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री द्वारा सभी अस्पतालों में लिफ्ट व अग्निशमन उपकरणों की सेहत की जांच के लिए मंत्री द्वारा निर्देश जारी करना एक अच्छा कदम है। लेकिन इसके साथ ही इन अस्पतालों में किए जा रहे ईलाज की गुणवत्ता व  उसके लिए वसूले जा रहे दाम का आडिट कराया जाना जरूरी है। 

जिला कलेक्टर के निर्देश पर सागर शहर के निजी अस्पतालों की जांच के लिए गठित समिति को जो खामियां मिली हैं वो इस बात की मिसाल हैं। निजी अस्पतालों में सबकुछ अच्छा नहीं है। इन अस्पतालों में मरीजों से ईलाज के लिए मनमानी फीस वसूली जा रही है साथ ही मरीजों को उपचार से ईतर सेवाओं में भी खामियां नजर आ रहीं हैं।

इतना ही नहीं अब सरकार ने इन्हीं निजी अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड धारक कोविड के मरीजों के मुफ्त ईलाज की भी जिम्मेदारी सौंप दी है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों के कामकाज पर नजर रखने की अतिरिक्त जिम्मेदारी अब जिला प्रशासन को उठाना होगी। जरूरत इस बात की है सरकारों को कोई ऐसा तंत्र तो विकसित करना होगा जिससे अस्पतालों में खासतौर पर निजी अस्पतालों में मरीजों को उचित दाम पर सही ईलाज मिले।

Also Read: नयी दवा मरीजों को बाहर से ऑक्सीजन देने की निर्भरता को कम करती है

 साथ ही दवाईंया भी असली व वाजिब दामों पर मिलती रहें।  कोरोना महामारी के दौर में ढेरों ऐसे मामले सामने आते जा रहे हैं जिनमें चिकित्सा व्यवसाय से जुड़ें जाने माने व्यापारी व चिकित्सक लोभ-लालच के चलते नकली दवाओं के कारोबार में लिप्त हो गए। सागर में ही रेमडीसिविर इंजेक्शन की कालाबाजी करते हुए दवा कंपनी का प्रतिनिधि पकड़ा गया। कुछ ही दिन पहले दिल्ली में भी नामी अस्पताल का डाक्टर भी इन्हीं इंजेक्शनों की कालाबारी करते पकड़ा गया।

कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते सरकार ने शासकीय चिकित्सालयों व मेडिकल काॅलेजों को स्वास्थ्य संबंधी उपकरण मुहैया कराने में कोई  कसर बाकी नहीं छोड़ी लेकिन देखने में आया है कि उपकरण अस्पतालों में बेकार पडे़ें है चिकित्सक उनके उपयोग करने में रूचि ही नहीं ले रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है सरकार के लिए इस विषय पर गंभीरता से सोचना पड़ेगा। 

पहले लोगों की जान अस्पतालों में उपकरण की कमी से जाती थी अब उपकरणों के उपयोग नहीं करने के लिए जाती है। निजी अस्पतालों के चिकित्सा के आला दर्जे के उपकरण उपलब्ध हैं तो वे मरीजों उनकी ऐसी कीमत वसूलते हैं मरीज बीमारी से भले ही बच जाए पर उनका अस्पतालों का बिल चुकाने व उसके परिवार की ही जान सी निकल जाती है।

Also Read: आयुष्मान कार्ड पर पर निजी अस्पतालों में मुफ्त होगा कोरोना का इलाज

स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनता की भलाई के अच्छे अस्पताल, अच्छे उपकरण व काबिल चिकित्सकों के अलावा अच्छी नियत का होना भी अनिवार्य है। सरकार जरा इस ओर भी ध्यान लगाए कि चिकित्सा उद्योग में उपचार व चिकित्सक कैसे अधिक मानवसंवेदी बनाए जा सकते हैं। आम जनता को ऐसा लगने लगा है कि स्वास्थ्य सेवाओं को असरदार बनाने के लिए अच्छी दवाओ,उपकरणें व चिकित्सक के साथ मानव संवेदनाओं के इंजेक्शन की भी जरूरत है।

इंसानियत की रौशनी गुम हो गई कहां, साए तो हैं आदमी के मगर आदमी कहां?