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Sagar Watch

SAGAR WATCH/ 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 105 में अंक में जहां एक ओरजी -20 सम्मलेन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला वहीं चंद्रयान-3 की सफलता पर देश के वैज्ञानिकों की प्रशंसा भी की साथ ही चन्द्र यान 3 महा क्विज में बच्चों को शामिल होने के लिए प्रोत्साहित भी किया

भारत के दो नए विश्व धरोहर स्थल 
 
इस सिलसिले में उन्होंने कर्णाटक के होयेसेल मंदिरों के समूह और कलकत्ता के  शान्तिनिकेतन  को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किये जाने पर अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए इस दे देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया

इसके अलावा उन्होंने अपने उद्बोधन में देश में दूर दराज के क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने वाले लोगों की भी चर्चा की।  उनके उद्बोधन का लिखित पाठ  अब आगे पढ़ सकते हैं 

भारतीय संगीत के दीवानी जर्मन युवती 

इसे सुनकर आप भी हैरान हो गए न! कितनी मधुर आवाज है और हर शब्द में जो भाव झलकते हैं, ईश्वर के प्रति इनका लगाव हम अनुभव कर सकते हैं। अगर मैं ये बताऊँ कि ये सुरीली आवाज जर्मनी की एक बेटी की है, तो शायद आप और अधिक हैरान होंगे। 

इस बिटिया का नाम – कैसमी है।21 साल की कैसमी इन दिनों Instagram पर खूब छाई हुई है। जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वो, भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही Inspiring है। 

कैसमी जन्म से ही देख नहीं पाती है, लेकिन, ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई। Music और Creativity को लेकर उनका Passion कुछ ऐसा था कि बचपन से ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया। African Drumming की शुरुआत तो उन्होंने महज 3 साल की उम्र में ही कर दी थी।

भारतीय संगीत से उनका परिचय 5-6 साल पहले ही हुआ। भारत के संगीत ने उनको इतना मोह लिया-इतना मोह लिया कि वो इसमें पूरी तरह से रम गई। उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है। सबसे Inspiring बात तो यह है कि वे कई सारी भारतीय भाषाओं में गाने में महारत हासिल कर चुकी हैं। 

संस्कृत, हिंदी, मलयालम, तमिल, कन्नड़ या फिर असमी, बंगाली, मराठी, उर्दू, उन्होंने इन सबमें अपने सुर साधे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, किसी को दूसरी अनजान भाषा की दो-तीन लाइने बोलनी पड़ जाए तो कितनी मुश्किल आती है, लेकिन कैसमी के लिए जैसे बाएं हाथ का खेल है। 

आप सभी के लिए मैं यहाँ कन्नड़ा में गाए उनके एक गीत को शेयर कर रहा हूँ। भारतीय संस्कृति और संगीत को लेकर जर्मनी की कैसमी के इस जुनून की मैं ह्रदय से सराहना करता हूँ। उनका यह प्रयास हर भारतीय को अभिभूत करने वाला है।

मेरे परिवारजनों, हमारे देश में शिक्षा को हमेशा एक सेवा के रूप में देखा जाता है। मुझे उत्तराखंड के कुछ ऐसे युवाओं के बारे में पता चला है, जो, इसी भावना के साथ बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। 

नयी पहल-घोडा लाइब्रेरी 

नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा Library की शुरुआत की है। इस Library की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिए बच्चों तक पुस्तकें पहुँच रही हैं और इतना ही नहीं, ये सेवा, बिल्कुल निशुल्क है। अब तक इसके माध्यम से नैनीताल के 12 गाँवों को Cover किया गया है।

 बच्चों की शिक्षा से जुड़े इस नेक काम में मदद करने के लिए स्थानीय लोग भी खूब आगे आ रहे हैं। इस घोड़ा Library के जरिए यह प्रयास किया जा रहा है, कि दूरदराज के गाँवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल की किताबों के अलावा ‘कविताएँ’, ‘कहानियाँ’ और ‘नैतिक शिक्षा’ की किताबें भी पढ़ने का पूरा मौका मिले। ये अनोखी Library बच्चों को भी खूब भा रही है।

साथियो, मुझे हैदराबाद में Library से जुड़े एक ऐसे ही अनूठे प्रयास के बारे में पता चला है। यहाँ, सातवीं Class में पढ़ने वाली बिटिया ‘आकर्षणा सतीश’ ने तो कमाल कर दिया है। आपको यह जानकार आश्चर्य हो सकता है कि महज 11 साल की उम्र में ये बच्चों के लिए एक-दो नहीं, बल्कि, सात-सात Library चला रही है। 

छोटी बिटिया की लाइब्रेरी 

‘आकर्षणा’ को दो साल पहले इसकी प्रेरणा तब मिली, जब वो अपने माता-पिता के साथ एक कैंसर अस्पताल गई थी। उसके पिता जरूरतमंदों की मदद के सिलसिले में वहाँ गए थे। बच्चों ने वहाँ उनसे ‘Colouring Books’ की माँग की, और यही बात, इस प्यारी-सी गुड़िया को इतनी छू गई कि उसने अलग-अलग तरह की किताबें जुटाने की ठान ली।

 उसने, अपने आस-पड़ोस के घरों, रिश्तेदारों और साथियों से किताबें इकट्ठा करना शुरू कर दिया और आपको यह जानकार खुशी होगी कि पहली Library उसी कैंसर अस्पताल में बच्चों के लिए खोली गई। जरूरतमंद बच्चों के लिए अलग-अलग जगहों पर इस बिटिया ने अब तक जो सात Library खोली हैं, उनमें अब करीब 6 हजार किताबें उपलब्ध हैं। छोटी-सी ‘आकर्षणा’ जिस तरह बच्चों का भविष्य संवारने का बड़ा काम कर रही है, वो हर किसी को प्रेरित करने वाला है।

साथियो, ये बात सही है कि आज का दौर Digital Technology और E-Books का है, लेकिन फिर भी किताबें, हमारे जीवन में हमेशा एक अच्छे दोस्त की भूमिका निभाती है। इसलिए, हमें बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

टीम कोबरा-साँपों को बचाने को समर्पित  

मेरे परिवारजनों, हमारे शास्त्रों में कहा गया है –

जीवेषु करुणा चापि, मैत्री तेषु विधीयताम्।

अर्थात्, जीवों पर करुणा कीजिए और उन्हें अपना मित्र बनाइए। हमारे तो ज्यादातर देवी-देवताओं की सवारी ही पशु-पक्षीहैं। बहुत से लोग मंदिर जाते हैं, भगवान के दर्शन करते हैं, लेकिन जो जीव-जंतु उनकी सवारी होते हैं, उस तरफ़ उतना ध्यान नहीं देते। ये जीव-जंतु हमारी आस्था के केंद्र में तो रहने ही चाहिए, हमें इनका हर संभव संरक्षण भी करना चाहिए। बीते कुछ वर्षों में, देश में, शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथियों की संख्या में उत्साहवर्धक बढ़ोत्तरी देखी गई है। 

कई और प्रयास भी निरंतर जारी हैं, ताकि इस धरती पर रह रहे दूसरे जीव-जंतुओं को बचाया जा सके। ऐसा ही एक अनोखा प्रयास राजस्थान के पुष्कर में भी किया जा रहा है। यहाँ, सुखदेव भट्ट जी और उनकी Team मिलकर वन्य जीवों को बचाने में जुटे हैं, और जानते हैं उनकी Team का नाम क्या है? उनकी Team का नाम है – कोबरा। 

ये ख़तरनाक नाम इसलिए है क्योंकि उनकी Team इस क्षेत्र में खतरनाक साँपों का Rescue करने का काम भी करती है। इस Team में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं, जो सिर्फ एक Call पर मौके पर पहुंचते हैं और अपने Mission में जुट जाते हैं। 

सुखदेव जी की इस Team ने अब तक 30 हजार से ज्यादा जहरीले साँपों का जीवन बचाया है। इस प्रयास से जहाँ लोगों का खतरा दूर हुआ है, वहीँ प्रकृति का संरक्षण भी हो रहा है। ये Team अन्य बीमार जानवरों की सेवा के काम से भी जुड़ी हुई है।

कबूतरों का मसीहा-ऑटो ड्राईवर 

साथियो, तमिलनाडु के चेन्नई में Auto Driver एम.राजेंद्र प्रसाद जी भी एक अनोखा काम कर रहे हैं। वो पिछले 25-30 साल से कबूतरों की सेवा के काम में जुटे हैं। खुद उनके घर में 200 से ज्यादा कबूतर हैं। वहीँ पक्षियों के भोजन, पानी, स्वास्थ्य जैसी हर जरुरत का पूरा ध्यान रखते हैं। इस पर उनका काफी पैसा भी खर्च होता है, लेकिन वो, अपने काम में डटे हुए हैं। 

साथियो, लोगों को नेक नीयत से ऐसा काम करते देखकर वाकई बहुत सुकून मिलता है, काफी खुशी होती है। अगर आपको भी ऐसे ही कुछ अनूठे प्रयासों के बारे में जानकारी मिले तो उन्हें जरुर Share कीजिए।

मेरे प्यारे परिवारजनों, आजादी का ये अमृतकाल, देश के लिए हर नागरिक का कर्तव्यकाल भी है। अपने कर्तव्य निभाते हुए ही हम अपने लक्ष्यों को पा सकते हैं, अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं। कर्तव्य की भावना, हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है। यू.पी.के सम्भल में, देश ने कर्तव्य भावना की एक ऐसी मिसाल देखी है, जिसे मैं आपसे भी Share करना चाहता हूँ। 

नदी को दिया जीवनदान 

आप सोचिए, 70 से ज्यादा गाँव हों, हजारों की आबादी हो और सभी लोग मिलकर, एक लक्ष्य, एक ध्येय की प्राप्ति के लिए साथ आ जाएँ, जुट जाएँ ऐसा कम ही होता है, लेकिन, सम्भल के लोगों ने ये करके दिखाया। 

इन लोगों ने मिलकर जन-भागीदारी और सामूहिकता की बहुत ही शानदार मिसाल कायम की है। दरअसल, इस क्षेत्र में दशकों पहले, ‘सोत’ नाम की एक नदी हुआ करती थी। अमरोहा से शुरू होकर सम्भल होते हुए बदायूं तक बहने वाली ये नदी एक समय इस क्षेत्र में जीवनदायिनी के रूप में जानी जाती थी। 

इस नदी में अनवरत जल प्रवाहित होता था, जो यहाँ के किसानों के लिए खेती का मुख्य आधार था।समय के साथ नदी का प्रवाह कम हुआ, नदी जिन रास्तों से बहती थी वहां अतिक्रमण हो गया और ये नदी विलुप्त हो गई। 

नदी को माँ मानने वाले हमारे देश में, सम्भल के लोगों ने इस सोत नदी को भी पुनर्जीवित करने का संकल्प ले लिया।पिछले साल दिसंबर में सोत नदी के कायाकल्प का काम 70 से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने मिलकर शुरू किया। 

ग्राम पंचायतों के लोगों ने सरकारी विभागों को भी अपने साथ लिया। आपको ये जानकर खुशी होगी कि साल के पहले 6 महीने में ही ये लोग नदी के 100 किलोमीटर से ज्यादा रास्ते का पुनरोद्धार कर चुके थे। जब बारिश का मौसम शुरू हुआ तो यहां के लोगों की मेहनत रंग लाई और सोत नदी, पानी से, लबालब भर गई। यहां के किसानों के लिए यह खुशी का एक बड़ा मौका बनकर आया है। 

लोगों ने नदी के किनारे बांस के 10 हजार से भी अधिक पौधे भी लगाए हैं, ताकि इसके किनारे पूरी तरह सुरक्षित रहें। नदी के पानी में तीस हजार से अधिक गम्बूसिया मछलियों को भी छोड़ा गया है ताकि मच्छर न पनपें।

साथियो, सोत नदी का उदाहरण हमें बताता है कि अगर हम ठान लें तो बड़ी से बड़ी चुनौतियों को पार कर एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। आप भी कर्तव्य पथ पर चलते हुए अपने आसपास ऐसे बहुत से बदलावों का माध्यम बन सकते हैं।

पत्तियों पर कारीगिरी कर कई परिवारों की बनी पालन हार 

मेरे परिवारजनों, जब इरादे अटल हों और कुछ सीखने की लगन हो, तो कोई काम, मुश्किल नहीं रह जाता है। पश्चिम बंगाल की श्रीमती शकुंतला सरदार ने इस बात को बिल्कुल सही साबित करके दिखाया है। 

आज वो कई दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। शकुंतला जी जंगल महल के शातनाला गांव की रहने वाली हैं। लंबे समय तक उनका परिवार हर रोज मजदूरी करके अपना पेट पालता था। उनके परिवार के लिए गुजर-बसर भी मुश्किल थी। 

फिर उन्होंने एक नए रास्ते पर चलने का फैसला किया और सफलता हासिल कर सबको हैरान कर दिया। आप ये जरुर जानना चाहेंगे कि उन्होंने ये कमाल कैसे किया! इसका जवाब है – एक सिलाई मशीन। एक सिलाई मशीन के जरिए उन्होंने ‘साल’ की पत्तियों पर खूबसूरत design बनाना शुरू किया। 

उनके इस हुनर ने पूरे परिवार का जीवन बदल दिया। उनके बनाए इस अद्भुत craft की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। शकुंतला जी के इस हुनर ने, न सिर्फ उनका, बल्कि, ‘साल’ की पत्तियों को जमा करने वाले कई लोगों का जीवन भी बदल दिया है। 

अब, वो, कई महिलाओं को training देने का भी काम कर रही हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, एक परिवार, जो कभी, मजदूरी पर निर्भर था, अब खुद दूसरों को रोजगार के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने रोज की मजदूरी पर निर्भर रहने वाले अपने परिवार को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है।

इससे उनके परिवार को अन्य चीजों पर भी focus करने का अवसर मिला है। एक बात और हुई है, जैसे ही शकुंतला जी की स्थिति कुछ ठीक हुई, उन्होंने बचत करना भी शुरू कर दिया है। 

अब वो जीवन बीमा योजनाओं में निवेश करने लगी हैं, ताकि उनके बच्चों का भविष्य भी उज्जवल हो। शकुंतला जी के जज्बे के लिए उनकी जितनी सराहना की जाए वो कम है। भारत के लोग ऐसी ही प्रतिभा से भरे होते हैं – आप, उन्हें अवसर दीजिए और देखिए वे क्या-क्या कमाल कर दिखाते हैं।


Sagar Watch, Petrochemal Complex

SAGAR WATCH/ 14 SEPTEMBER/ 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड की धरती वीरों की धरती है, शूरवीरों की धरती है। इस भूमि को केन और बेतवा दोनो का आशीर्वाद मिला है। प्रदेश के विकास को नई गति देने वाली अनेक परियोजनाओं का भूमिपूजन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि वे सौभाग्यशाली है कि महीने में दूसरी बार बुंदेलखंड आकर जन आशीर्वाद और जन दर्शन करने का अवसर मिला है। 

बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास को नई ऊर्जा
 
यह परियोजनाएं बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास को नई ऊर्जा देंगी। इन परियोजनाओं पर केंद्र सरकार 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगा। यह राशि देश के कई राज्यों के वार्षिक बजट से भी अधिक है। यह मध्यप्रदेश के लिए केंद्र सरकार के बड़े संकल्प को दिखाता है। यह परियोजना प्रदेश में लाखो लोगो को रोजगार देंगी। 

यह परियोजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के सपनों को सच करने वाली है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने परियोजनाओं के लोकार्पण के लिए प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आजादी के अमृत काल में हर भारतवासी द्वारा भारत को विकसित करने के लिए लिए गए संकल्प को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि इस संकल्प सिद्धि के लिए भारत का आत्मनिर्भर होना बहुत जरुरी है। 

पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट्स में बनेगा आत्मनिर्भर 

पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट्स के लिए भारत को अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था परंतु आज किया गया शिलान्यास भारत को पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करेगा। पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट की प्लास्टिक की दैनिक उपयोग की चीज, पेंट, कार बंपर, कार डैशबोर्ड, मेडिकल उपकरण और कृषि उपकरणों जैसे उत्पादों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 

अब बीना का पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स बुंदेलखंड के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जायेगी। इससे क्षेत्र में नई-नई इंडस्ट्री आएगी। किसानों और छोटे उद्यमियों को मदद मिलेगी साथ ही युवाओं को रोजगार के लाखों अवसर उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश की बदलती और बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आधुनिक बनाना जरूरी है। 

10 नई औद्योगिक परियोजना मप्र को बनायेंगी मजबूत 

इसी सोच के साथ शुरू की जा रही मध्यप्रदेश में 10 नई औद्योगिक परियोजना मध्यप्रदेश की औद्योगिक ताकत को और ज्यादा बढ़ाएंगे। इसका लाभ क्षेत्र के सभी वर्गों को मिलेगा। सभी को कमाई के अवसर मिलेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि किसी भी देश या राज्य के विकास के लिए पूरी पारदर्शिता से शासन अत्यंत आवश्यक है। पिछले समय में मध्यप्रदेश की पहचान एक खस्ताहाल राज्य के रूप में होती थी। 

पिछली सरकार ने भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा दिया। इस कारण कारोबारी और उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में आने में डर लगता था। सड़क, बिजली और पानी की सुविधा का अभाव था। वर्तमान सरकार ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को स्थापित किया। 

मप्र के हर गाँव तक पहुंची सड़क 

हर गांव तक बिजली और सड़क को पहुंचाया। उद्योग-धंधे के लिए सकारात्मक माहौल बनाया। इस कारण अब देश के बड़े-बड़े निवेशक और उद्योगपति मध्यप्रदेश आना चाहते हैं। अब प्रदेश औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयों को छूने जा रहा है। 

 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाल किले से उन्होंने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और सबके प्रयास एवं समन्वय की चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़ते हुए स्वतंत्रता के साथ देश आगे बढ़ रहा है। जब कोई देश ऐसा करता है तो उसका कायाकल्प होना शुरू हो जाता है। 

इसका ताजा उदाहरण भारत द्वारा जी20 सम्मेलन का सफल आयोजन है। जी20 के सफल आयोजन से सभी देशवासियों को गर्व हुआ है। इसका श्रेय सभी देशवासियों के सामर्थ्य को जाता है। यह 140 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति का प्रमाण है। 

मुख्यमंत्री की हुई तारीफ़ 

विदेश से आए मेहमानों ने कहा कि उन्होंने ऐसा आयोजन कभी नहीं देखा। भारत की विविधता, विरासत और समृद्धि से अभिभूत होकर सभी भारत का गुणगान कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में इंदौर, भोपाल और खजुराहो में जी20 के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान की प्रशंसा की और प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त किया। 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि जी20 के सफल आयोजन के माध्यम से मध्यप्रदेश ने अपनी संस्कृति, पर्यटन, कृषि और औद्योगिक सामर्थ्य को विश्व के सामने प्रस्तुत किया है। इससे विश्व भर में मध्यप्रदेश का नाम रोशन हुआ है। 

प्रधानमंत्री ने कहा संवेदनशील है वर्तमान सरकार  

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार एक संवेदनशील सरकार है। यह सरकार आपके घर तक पहुंच कर आपकी सेवा करने का प्रयास करती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने कॉविड काल के दौरान 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को निःशुल्क राशन दिया ताकि हर गरीब के घर चूल्हा जलता रहे। इस तरह यह सरकार जनता के सुख दुख का साथी बनती है। 

 प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि उनका प्रयास है कि मध्य प्रदेश विकास की नई बुलंदियों को छुए। प्रदेश के घर-घर में समृद्धि आये। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जो जो गारंटी थी उसे पूरी की है। 

मप्र में सभी गारंटी पूरी करके दिखाईं 

उन्होंने बताया कि प्रदेश में पक्के घर की गारंटी दी गई जिससे मध्यप्रदेश में 40 लाख से अधिक परिवारों को पक्के घर मिले हैं। घर-घर शौचालय की गारंटी, मुफ्त इलाज की गारंटी, घर हर घर में बैंक अकाउंट की गारंटी, माताओं और बहनों को धुएं से मुक्त रसोई की गारंटी दी थी और यह सभी गारंटी पुरी करके दिखाई है। 

उन्होंने कहा कि उनका यह प्रयास है कि एक भी बहन की धुएं में खाना न बनाना पड़े। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि इस रक्षाबंधन गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी की गई है। उनका प्रयास है की एक भी बहन और बेटी को धुएं में खाना न बनाना पड़े इसलिए केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि 75 लाख और बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा। 

परिवार में हिस्से होने के कारण नए गैस कनेक्शन की मांग आई है इसके लिए यह नई योजना लाई गई है। कोई भी बहन गैस कनेक्शन से न छूटे यह सुनिश्चित किया जायेगा। सरकार अपनी दी हुई सभी गारंटियों को पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी से कार्य करती है। 

किसान कल्याण की दिशा में बिचौलियों को किया ख़त्म 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि किसानों के कल्याण की दिशा में कार्य करते हुए सरकार ने बिचौलियों को खत्म कर सीधा लाभ देने की गारंटी दी थी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में प्रत्येक किसान को 28 हजार रुपए सीधा उनके बैंक अकाउंट में दिया जा रहा है। 

इस योजना पर 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया जा चुका है। साथ ही किसान की लागत काम करते हुए खाद को कम कीमत में किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। पिछले 9 वर्ष में 10 लाख करोड़ से अधिक की राशि इसके लिए खर्च की जा चुकी है। 

बुंदेलखंड  में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हर संभव प्रयास 

जो यूरिया की थैली अमेरिका में 3 हजार रुपए में मिलती है वहीं भारत में किसानों को 300 रुपए में प्रदान की जाती है। यूरिया को आसानी से हर जगह किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के हर प्रयास किया जा रहे हैं। 

अटल भूजल योजना के तहत पानी के स्रोत बढ़ाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। केन बेतवा परियोजना से बुंदेलखंड के किसानों को बहुत लाभ होने जा रहा है। प्रदेश में 65 लाख परिवारों में हर घर में पीने का साफ पानी पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि अब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर कार्य कर रहा है। 

पेट्रो केमिकल काम्प्लेक्स से बढेंगे रोजगार के अवसर 

इसमें मध्य प्रदेश एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आने वाले 5 वर्ष में मध्यप्रदेश के विकास को नई बुलंदी देंगे। आज लोकार्पित की गई परियोजना मध्यप्रदेश के विकास और और अधिक गति देंगे। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने सागर जिले के बीना स्थित बीपीसीएल रिफाइनरी में 49 हजार करोड़ की लागत के डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स और रिफाइनरी विस्तार योजना की आधारशिला रखी। 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान साथ थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश में विभिन्न जिलों में 1800 करोड़ रुपए से निर्मित होने वाली 10 विभिन्न औद्योगिक परिसरों का वर्चुअल शिलान्यास भी किया। 

बीना रिफाइनरी परिसर में विशाल जनसभा के कार्यक्रम स्थल पर श्री मोदी ने नर्मदापुरम में 227 एकड़ में फैले उर्जा एवं नवकरणीय उर्जा उत्पादन प्रक्षेत्र, आईटी पार्क 3 और 4 इन्दौर, मेगा इंडस्ट्रियल पार्क रतलाम, 6 इंडस्ट्रियल पार्क क्रमशः नर्मदापुरम, गुना, शाजापुर, मऊगंज, आगर मालवा और मक्सी की शिलान्यास पट्टिका का रिमोट द्वारा अनावरण किया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा स्थल पर उपस्थित विशाल जन समुदाय का अभिवादन स्वीकार करते हुए खुली गाड़ी में मंच पर पधारे ,मुख्यमंत्री श्री चौहान तथा सांसद श्री वी. डी. शर्मा साथ थे। लोकार्पण अवसर पर बीना रिफाइनरी और एथिलीन क्रैकर परियोजना तथा प्रदेश के 10 प्रमुख औद्योगिक पार्क पर केंद्रित लघु फिल्मों का प्रदर्शन हुआ। 

 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि जी 20 की एतिहासिक सफलता ने सिद्ध किया है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा विश्व के कल्याण की दिशा में किए जा रहे कार्य से संपूर्ण विश्व में हमारे देश और देशवासियों का मान सम्मान बहा है ।

चंद्रयान सफलता के लिए भी हमारे वैज्ञानिकों को प्रणाम और प्रधानमंत्री श्री मोदी का वंदन है। उनके नेतृत्व में अब हम सूर्य की ओर भी अग्रसर हैं। मुख्यमंत्री सभी चौहान ने कहा कि पिछली सरकार ने बुंदेलखंड को पिछड़ा रखा था। 

प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर यहां हो रहे 49 हजार करोड़ के निवेश से बुंदेलखंड की तस्वीर और यहां के निवासियों की तकदीर बदल जाएगी । बीना रिफाइनरी, एथिलीन क्रैकर परियोजना और प्रदेश के 10 प्रमुख औद्योगिक पार्कों से युवाओं के लिए लाखों रोजगार के अवसर सृजित होंगे ,इन सौगात के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार है। 

मप्र में केन-बेतवा से होगी 20 लाख एकड में सिंचाई 

उन्होंने कहा कि केन बेतवा परियोजना मंजूर हो गई है इससे 20 लाख एकड में सिंचाई होगी और बुंदेलखंड क्षेत्र के लोगों का जीवन बदल जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को केन बेतवा परियोजना के भूमि पूजन के लिए पधारने का आमंत्रण दिया। 

 मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के 17 सितंबर को आ रहे जन्मदिवस के लिए प्रदेश वासियों की ओर से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्री मोदी का जीवन देश और देश वासियों के लिए है। 

ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वे स्वस्थ और प्रसन्न रहें तथा देश व दुनिया की सेवा करते रहें, मध्य प्रदेश उनका अनुसरण करता रहेगा। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद देश का कायाकल्प हुआ है। 

 वर्ष 2014 में जहां देश के केवल 45ः लोगों के पास एलपीजी गैस कनेक्शन था, हमारी सरकार ने 32 करोड गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए । प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों का परिणाम ही है कि विश्व के दूसरे देशों में पेट्रोल डीजल के दाम बड़े लेकिन भारत में पेट्रोल डीजल के भाव कम हुए। देश में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में भी कमी आई है। जिन राज्यों में डबल इंजन की सरकारें है, वहां वैट टैक्स भी कम हुआ है ।

मप्र में पेट्रोल पम्पस के संख्या में हुआ जबरदस्त इजाफा 

केंद्रीय मंत्री श्री पुरी ने 2014 के बाद मध्य प्रदेश में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 में मध्य प्रदेश में जहां 2854 पेट्रोल पंप थे वहीं 2023 में बढ़कर 5938 हो गए । एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर की संख्या 865 से बढ़कर 1552 एलपीजी गैस कनेक्शन की संख्या 70लाख से बढ़कर एक करोड 85 लाख हो गई है। 

केंद्रीय मंत्री ने मध्य प्रदेश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा की प्रदेश में एलपीजी गैस की उपलब्धता 45 प्रतिशत से बढ़कर शत प्रतिशत हुई है, एलपीजी पाइपलाइन कनेक्शन की संख्या 2700 से बढ़कर 15785, सीएनजी स्टेशन की संख्या 15 से बढ़कर 275 और प्राकृतिक गेस पाइपलाइन का विस्तार 802 किलोमीटर से बढ़कर 6862 किलोमीटर में हुआ है । 

बीना में आज हुए लोकार्पण से यह क्षेत्र ष्बुलंद बुंदेलखंडष् के लक्ष्य की ओर डरता पूर्वक अग्रसर होगा। उल्लेखनीय है कि 49 हजार करोड़ की लागत से बनने वाला पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स 5 साल की अवधि में तैयार होगा। 

इसके पूर्ण होने से बीपीसीएल बीना की क्षमता 7.8 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटीपीए) प्रतिवर्ष से बढ़कर 11 एमएमटीपीए हो जायेगी। बीना रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स की नवीन इकाई में उत्कृष्ट तकनीक वाले 1.2 एमएमटीपीए क्षमता के एथलीन क्रैकर काम्पलेक्स की स्थापना भी होगी और डाउन स्ट्रीम पेट्रोकेमिकल संयंत्र भी स्थापित होगा। 

पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स (Petrochemical Complex) प्लास्टिक, पाइप, पैकेजिंग सामग्री, प्लास्टिक शीट, मोटर वाहन की पुर्जे, चिकित्सा उपकरण, मोल्डेड फर्नीचर के साथ ही घरेलू और औद्योगिक उपयोग की अन्य वस्तुओं की व्यावसायिक निर्माण इकाइयों के लिए द्वार खोलेगा। 

 प्रदेश में निवेश के परिणामस्वरूप प्रतिवर्ष 20 हजार करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा की बचत के साथ-साथ 15 हजार लोगों के लिए प्रत्यक्ष और लगभग 2 लाख लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर सृजित होंगे। 

मध्यप्रदेश सरकार एसजीएसटी रिफंड, ब्याज मुक्त ऋण और ब्याज सब्सिडी सहायता, रियायती बिजली, स्टाम्प शुल्क में छूट आदि के तहत वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर परियोजना का समर्थन कर रही है। 

अभी तक बीपीसीएल बीना 7.8 मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष क्षमता की रिफाइनरी संचालित करता है, जो उत्तरी और मध्य भारत की बढ़ती ईंधन की मांग को पूरा करने के लिए सक्षम है। 

 कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय जल शक्ति नियोजन राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, सागर जिले के प्रभारी सहकारिता एवं लोक प्रबंधन मंत्री डा. अरविंद सिंह भदौरिया, उद्योग नीति और निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांसद श्री वी. डी. शर्मा, सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विधायकगण सर्वश्री शैलेन्द्र जैन, प्रदीप लारिया एवं महेश राय तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम में चंडीगढ़ के श्री कन्हैयालाल मित्तल और उनके साथियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।




सागर वॉच।
 देश मे जनप्रतिनिधियों, राजनेताओं और सरकार के नुमाइंदों द्वारा   के बेहिसाब धन-दौलत के किस्से जमकर सामने आ रहे है। ऐसे में  देश के जाने माने समाजवादी चिंतक और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सरंक्षक रघु ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि राजनेताओं की अनुपातहीन सम्पत्ति की जांच होना चाहिए। सांसद ,विधायक,मंत्री बनने से पहले और उसके बाद कितनी सम्पत्ति बढ़ी इसकी तुलनात्मक जांच होना चाहिए। समाजवादी नेता रघु ठाकुर ने भारत सरकार के प्रवर्तन निदेशालय  द्वारा हरियाणा और बिहार के पूर्व सीएम के खिलाफ छापामार  कार्रवाई और उनपर अनुपातहीन सम्पत्ति का मामला दर्ज किए जाने की कार्यवाही की सराहना की।

समाजवादी नेता रघु ठाकुर ने आज सागर में चर्चा में कहा कि सभी राजनेताओं की तुलनात्मक जांच होगी तो सन्देश सही जाएगा। यदि सिर्फ विरोधियों पर मामले दर्ज होंगे तो ED जैसी संस्थाओं के प्रति विश्वास कम होगा।

समाजवादी नेता श्री ठाकुर ने आर्थिक सलाहकार परिषद की ताजा रिपोर्ट के हवाले से बताया कि देश मे आर्थिक विषमता तेजी से बढ रही है। करीब 35 फीसदी लोग 5 से 25 हजार रुपाए की मासिक आमदनी वाले है। यानी 90 करोड़ लोग ऐसी आय में गुजारा करते है। वही उद्योगपति  अम्बानी रोजाना डेढ़-दो करोड़ रुपये कमाते है। देश के अन्य पूंजीपतियों की भी यही स्थिति है। देश मे अमीरी-गरीबी की खाई बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने कहा था यह अंतर ज्यादा नहीं होना चाहिए। 

उन्होंने बढ़ते धार्मिक कट्टरवाद,भ्र्ष्टाचार, लोकतंत्र की विकृतियों में पर चिंता जताई और इसको सुधारने की बात कही। एमपी में माब लिंचिंग की घटनाएं दुखद है। इनसे अराजकता बढ़ती है।धार्मिक गुरुर ज्यादा समय तक नही चलता है।  समाज की आगे आकर इनसे निपटना होगा। 


स्मार्ट सिटी सागर में सीएम के निर्देश ठेकेदार के आगे बेअसर ....

स्मार्ट सिटी सागर में चल रहे निर्माण कार्यो की गुणवत्ता और गति  पर  रघु ठाकुर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विकास कार्यो में देरी होने और उनका सुधार कार्य सही नही होने से वाहन दुर्घटनाएं बढ़ी है।  जगह जगह खुदाई से लोगों  को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीएम के निर्देशों के बावजूद भी ठेकेदार काम मे गति नही ला पा रहे है। 

ऐसा लगता है सरकार छोटी है ठेकेदार बड़े...। उन्होंने कहा कि बरसात के पहले काम पूरे नही हुए तो जनता को परेशानी बढ़ेगी। सरकार को ठेकेदारों से यह व्यवस्था सुधरवानी चाहिए। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि यदि सरकार यह काम नही कर पाती है तो जनता सरकार का साथ नही दे। 

इस मौके पर लोसपा के नए जिलाध्यक्ष इंद्र सिंह की नियुक्ति की घोषणा की गई। पूर्व जिला अध्यक्ष  सुधीर ठाकुर के निधन से यह पद खाली था। इस मौके पर नवनियुक्त अध्यक्ष इंद्र सिंह ने रघु ठाकुर के प्रति आभार जताया और पार्टी की भावनाओं के अनुरूप कार्य करने वचन दिया।

PM Tweets-‘परीक्षा पे चर्चा 2022’ में होगी तनाव मुक्त परीक्षा पर चर्चा

सागर वॉच/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा 2022’ के बारे में ट्वीट किया है और इसके साथ ही पंजीकरण कराने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चर्चा से उन्हें अपने ऊर्जावान युवाओं से जुड़नेउनकी चुनौतियों और आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से समझने का अवसर मिलता है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया है:

‘‘परीक्षाओं के साथ-साथ परीक्षा पे चर्चा 2022’ कार्यक्रम भी निकट आ रहा है। आइएहम सभी तनाव मुक्त परीक्षा पर चर्चा करते हैं और एक बार फिर अपने बहादुर #ExamWarriors, उनके अभि‍भावकों और शिक्षकों से सहयोग करते हैं। मैं आप सभी से इस वर्ष की #PPC2022 के लिए पंजीकरण कराने का अनुरोध करता हूं।

व्यक्तिगत रूप से  ‘परीक्षा पे चर्चा’ सीखने का एक शानदार अनुभव है। मुझे अपने ऊर्जावान युवाओं से जुड़नेउनकी चुनौतियों और आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से समझने का अवसर मिलता है। इसके साथ ही इससे शिक्षा की दुनिया के उभरते प्रचलनों का पता लगाने का भी अवसर मिलता है।



PM Swanidhi Yojna-सागर नगर निगम को म.प्र.की 16 नगर निगमों में मिली प्रथम रैंक


सागर वॉच/08 दिसम्बर 2021/ पी.एम.स्वनिधि योजना के द्वितीय चरण जिसमें 20 हजार रूपये की ऋण मुक्त राशि हितग्राही को अपना व्यवसाय और बढ़ाने के लिये दी जाती है के त्वरित  क्रियान्वयन में वर्ष 2021-22 में प्राप्त हुई है। जबकि ग्वालियर को दूसरी, रीवा को तीसरी और उज्जैन को चौथी और देवास को पॉचवी रैंक प्राप्त हुई है। 

इस संबंध में नगर निगम आयुक्त आर पी अहिरवार ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के प्रथम चरण में पथ विक्रेताओं को अपना स्वयं का धंधा प्रारंभ करने हेतु प्रधानमंत्री जी द्वारा स्वनिधि योजना के अंतर्गत 10 हजार रूपये की ब्याज मुक्त राशि प्रदान की गई थी और इस राशि को शीघ्र चुकाने पर योजना के द्वितीय चरण में रू. 20 हजार रूपये की ब्याज मुक्त राशि हितग्राही को दी गई है ताकि वह अपना स्वयं का व्यवसाय और बढ़ा सकें 

इस हेतु शाासन द्वारा वर्ष 2021-22 हेतु नगर निगम सागर को 3106 हितग्राहियों का लक्ष्य दिया गया था जिसमें 18 अगस्त से 7 दिसम्बर 2021 तक 1963 आवेदन प्राप्त हुये जिसमें 1265 प्रकरण बैंक भेजे गये जिसमें से 755 प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत किये गये और 686 हितग्राहियो को योजनान्तर्गत रू. 20 हजार रूपये की राशि वितरित की गई। इस प्रकार सागर नगर निगम ने योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश में प्रथम रैंक प्राप्त की है।

Off-Track-प्रधानमंत्री-से-मिलने-सात-सौ-किमी-सफ़र-पैदल-तय-कर-दिल्ली-पहुंचा दीवाना



सागर वॉच। अपने प्रिय नेता से मिलने कि चाहत चाहने वाले से क्या क्या करा लेती है इसकी की कोई सीमा नहीं होती है। ऐसी ही एक मिसाल  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मरीद एक  भाजपा कार्यकर्ता ने पेश की है। मप्र  के सागर जिले के देवरी से भाजपा कार्यकर्ता का एक कार्यकत्ता अपने प्रिय नेता से मिलने पैदल ही 700 किलोमीटर का सफ़र तय कर दिल्ली पहुँच गया  और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। पीएम मोदी ने भी कार्यकर्ता की भावना का सम्मान करते हुए उससे मुलाकात की। 

देवरी के पिपरिया जेतपुर गांव के छोटेलाल आज बस दिनों बाद पीएम से मिले। छोटेलाल 11 अक्टूवर को दिल्ली पहुच गए थे। लेकिन उनकी मुलाकात नही हो सकी। जैसेही इसकी जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल को मिली तो उन्होने मुलाकात  की व्यवस्था की अपने आवास पर ही  ठहराया। छोटेलाल की पैदल यात्रा में संकट परेशानी केदौर भी आये। लेकिन अपनी धुन में दिल्ली तक पहुच गए।  छोटेलाल ने देवरी क्षेत्र  में रोजगार और विकास की बाते प्रधानमंत्रो नरेंद्र मोदी के सामने रखी।

सोशल  मीडिया पर भाजपा के इस आम  कार्यकर्ता की प्रधानमंत्री से मुलाकात करने की वायरल हो रही  तस्वीर को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी ट्वीट किया है  


केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल का ट्वीट

आम कार्यकर्ता और आम आदमी की कीमत वही करता है,जो उस ताकत और दर्द को समझता है।यह लोकतंत्र की ताकत तो है ही,प्रधानमंत्री जी का बड़पन जिन्होंने देवरी से दिल्ली के पैदल यात्री छोटेलाल अहिरवार से भेंट कर साबित किया,हम सभी की ओर से अशेष अभिनंदन,आभार

Smart-City-In-Making- पीएम-की-अहम्प्रो-जेक्ट्स-की-सूची-में-शामिल -है-सागर-झील-परियोजना

साग़र वॉच। 
देशभर में स्मार्ट सिटी के माध्यम से कई तरह के कार्य चल रहे हैं। इनमे साग़र की लाखा बंजारा झील के जीर्णाेद्धार एवं पुर्नविकास तथा सौन्दर्यीकरण  परियोजना को   प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट (नेशनल इंपार्टेंट प्रोजेक्ट्स )की सूची में शामिल किया गया है जो कि जलशक्ति अभियान के तहत संभवत: प्रदेश के साथ-साथ देश का एकमात्र प्रोजेक्ट होगा बताया जा रहा है।

स्मार्ट सिटी सागर के सीईओ राहुल सिंह के मुताबिक  लगभग 92 करोड़ रूपए की लागत से स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लाखा बंजारा झील के जीर्णोद्धार एवं पुर्नविकास सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है जो कि जलशक्ति अभियान के तहत लिया गया है.  देशभर में स्मार्ट सिटी के माध्यम से कई तरह के कार्य चल रहे हैं। कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स भी है जो लीक से हटकर है। उनमे से एक साग़र झील परियोजना है। 


स्मार्ट सिटी सागर के सीईओ ने बताया कि इस  प्रोजेक्ट के  पूर्ण होने के बाद सागर की तस्वीर बदली हुई नजर आयेगी। 92 करोड़ रूपए की लागत से सागर झील के इस  प्रोजेक्ट में गाद निकालने  सहित अन्य कार्यों पर केवल 23 करोड़ जबकि 70 करोड़ रूपए झील की सूरतेहाल बदलने  पर खर्च होगें. जिसमें 16 घाटों का सौन्दर्यीकरण  होगा। वहीं साढ़े पांच किमी के पैदल भ्रमण के लिए तीन मीटर चौड़ा रास्ता बनेगा। यहाँ तक कि मोंगा बंधान पर भी पदयात्रा के लिए रास्ता बनाया जायेगा.  

वर्तमान में स्मार्ट सिटी के माध्यम से 428 करोड़ के 22 प्रोजेक्ट शुरू हो चुके है. वहीं 170 करोड़ के कार्यों की निविदाएँ भी प्रक्रिया में हैं. तिली तिराहे से सिविल लाईन चौराहे तक बन रही 2 किमी की स्मार्ट सड़क  का काम भी नवंबर अंत तक पूर्ण हो जायेगा और दिसंबर में लोकार्पण होगा.