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Entertainment- बुंदेलखंड में बुन्देलीवुड की शुरुआत की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी फिल्म -फॅमिली फर्स्ट

सागर वॉच|
 बुंदेलखंड में फिल्म निर्माण संस्कृति स्थापित करने व् इस के जरिये अंचल के पर्यटन व व् दर्शनीय स्थलों को देश दुनिया के सामने के मकसद से स्थानीय युवाओं ने फीचर फिल्म का निर्माण किया है| इस फिल्म के निर्माण से जुड़े कलाकारों और सहयोगियों का मानना है कि इस प्रयास से न केवल स्थानीय कलाकारों को अपनी कला को दिखाने का मौका मिलेगा बल्कि क्षेत्र में नए तरह के रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे|

ऑरेंज हॉर्स एंटरटेनमेंट,डेल्टा क्रिएशन,नीरज एकता फिल्म्स के संयुक्त बैनर तले बनी हिंदी फीचर फिल्म फैमिली फर्स्ट 5 अगस्त 2022 को ओ टी टी प्लेटफॉर्म एम् एक्स प्लेयर पर रिलीज हो रही है | 

पारिवारिक पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म की शूटिंग मुख्य रूप से सागर में की गयी है | फिल्म के अधिकांश कलाकार सागर के हैं |गौरतलब है  कि 3 अगस्त को फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया जिसे दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है | 

एक माध्यम वर्गीय परिवार के जीवन में आने वाली चुनौतियों को दर्शाते हुए इस फिल्म में परिवार की एकता को दिखाया गया है| फिल्म के निर्माता अमित दुबे "रामजी " ने बताया कि बुंदेलखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है कमी है तो उन्हें मिलने वाले उचित मंचों की| लिहाजा बुंदेलखंड के सीनियर व् जूनियर कलाकारों को अवसर देते हुए उन्होंने फिल्म बनाने का निर्णय लिया| 

इस फिल्म से बुंदेलखंड में फिल्म संस्कृति,रोजगार व् पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा | इसे बुंदेली वुड की दिशा में पहला कदम माना जा सकता है| फिल्म के निर्देशक  शिव कुमार पाठक जो विगत कई दशकों से मुंबई में काम कर रहे हैं ने बताया कि वे स्वयं सागर के हैं और सागर में उन्होंने कई विज्ञापन  फिल्म का निर्देशन  किया है | जब इस फिल्म का प्रस्ताव उन्हें मिला तो उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया | 

फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने नए कलाकारों को कार्यशाला के तहत फिल्म्स से जुडी बारीक जानकारियों से भी अवगत कराया | पटकथा लेखक इमरान खान ने फिल्म को बड़ी खूबसूरती से लिखा है | उनके अनुसार सबसे बड़ी चुनौती अभिनेताओं द्वारा फिल्म के मर्म को बखूबी प्रस्तुत करने की थी | वहीँ फिल्म के सहायक निर्देशक  व ई पी शुभम उपाध्याय जो लम्बे समय से रंगमंच  में काम करते रहे हैं ने बताया कि सागर में फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं हैं |  

सागर में सभी प्रकार की आकर्षक स्थल मौजूद हैं | बुंदेलखंड में फिल्म निर्माण के केंद्र के रूप में सागर को विकसित किया जा सकता है | फिल्म के संगीत पर विशेष काम किया गया है | फिल्म की टीम ने दर्शकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में फिल्म को देखें व् अपने मित्रों से शेयर करें जिससे निकट भविष्य में बुंदेलखंड में नई फिल्मो के निर्माण के लिए प्रोत्साहन मिले |

निर्माताओं का कहना है कि  इस फिल्म को निश्चित ही दर्शकों का प्यार मिलेगा| इसके अलावा फिल्म में कला निर्देशक  राजीव जाट ,संगीत पार्थो घोष ,छायांकन सूर्या सोनकर,लाइन प्रोडूसर सुरेंद्र अहिरवार व् प्रबंधन दीपक राय ने किया है |

मुख्य किरदार 

राजीव अयाची,रविंद्र दुबे कक्का,मोनिका जैन,राजकुमार रायकवार,दर्शना मालवीय, सुमित दुबे,परवेज़ खान ,जयशेखर,मनोज सोनी,इमरान खान,गिरीशकांत रायकवार,कनिका सूर्यवंशी,पारस जैन ,रीतेश, संजय आठिया, अश्विनी बलैया,पवन रायकवार,सूरज,नीरज,रॉकी,विवेक सोनी, सत्यम जैन,राजेश,नईम खान,रिंकल तोमर,दीपक राय,आदि।

Film Review - एक पीडिता  से अपराधी  बनने के सफर है  फिल्म 'अ वेडनेसडे'



सागर वॉच/ फिल्म 'अ थर्सडे' समाज की सबसे  वीभत्स समस्या महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में से एक सबसे संगीन विषय बलात्कार  को बहुत पुरजोर तरीके से उठाती हैं। फिल्म की नायिका  ने  अपने किरदार नैना के जरिए  एक पीडिता  से अपराधी  बनने के सफर को बड़े प्रभावी ढंग  से  जिया है

'अ थर्सडे' फिल्म  की कहानी का मूल किरदार नैना एक स्कूल शिक्षिका है जो सबकी प्रिय होती है यहां तक कि वो जिस प्ले स्कूल को संभालती है, वहां के बच्चे, उनके अभिभावक और कर्मचारी सभी उसे बहुत मानते हैं 

लेकिन उसकी जिन्दगी में एक दिन बाद भूचाल सा आ जाता है  जब वह करीब तीन हफ्ते तक छुट्टी करने के बाद प्ले स्कूल ज्वाइन करती है  और अपनी   अपनी योजना के तहत वो स्कूल के 16 बच्चों को अगवा कर लेती है 

इसके बाद पुलिस को फोन करके एक आला पुलिस अधिकारी  से बातें करनी की मांग करती हैउसी दौरान दूसरी पुलिस अधिकारी  पुलिस अफसर कैथरीन अल्वारेज़ (नेहा धूपिया) वहां पहुंच कर उससे बात करती है, लेकिन उसका उग्र रूप देखकर वह अधिकारी अपने वरिष्ठ  को स्कूल पर आने के लिए बोलती है

नैना के पास 16 बच्चों के अलावा उसके स्कूल मे़ड और एक बच्ची का ड्राइवर  भी बंधक होता है। इंस्पेक्टर  के आने के बाद नैना उससे पांच करोड़ रुपए की मांग करती है। इसके बदले एक बच्चे को छोड़ने की बात कहती है। 

पहली मांग पूरी होने के बाद वो दूसरी मांग में सीधे प्रधानमंत्री से बात करने के लिए कहती है।लेकिन जब उसकी बात पीएम से कराई जाती है, तो वो उनके अपने पास बुलाती है और आमने-सामने बात करने को कहती है। 

इस पर पीएम का स्टाफ भड़क जाता है।  उसे मारने के आदेश  दे दिए जाते हैं, लेकिन नैना कुछ चीजें ऐसी करती है, जिसकी वजह से पीएम को उसके पास जाना पड़ता है। इसी दौरान पुलिस अधिकारीयों  को पता चलता है कि नैना के साथ स्कूल के समय में जोर-जबरदस्ती हुई  है। इसके आगे क्या होता है, ये जानने के लिए फिल्म देखनी चाहिए।