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Sagar Watch News/ सागर शहर के अग्रज कवियों को याद करने चल रही आयोजन श्रंखला का दूसरा मुख्य आयोजन 8 दिसम्बर रविवार को सुबह 11:30 बजे से वरदान होटल सभागार में आयोजित हो रहा है|
आयोजन में सागर के छह उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आयोजित सागर के छह अग्रज कवियों के कविताओं के काव्यपाठ की प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त उन्नीस विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जायेगा|
Sagar Watch News/ बुंदेलखंड में खजुराहो, ओरछा, दतिया जैसे अद्भुत मंदिर देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। लेकिन ऐसे कई मंदिरों जुड़ीं परम्पराएं अपनी अलग ही पहचान बना चुकीं हैं उन्हीं में से एक है जिले के देवरी में स्थित देव श्री खंडेराव मंदिर से जुडी दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलने की परंपरा।
देव श्री खंडेराव मंदिर में अगहन मास में 9 दिनों का अग्निकुंड मेला भरता है। यह मंदिर करीब 4 सौ साल पुराना है। जहां मनोकामना पूर्ति के लिए भक्त दहकते अंगारों पर निकलकर भगवान का धन्यवाद करते हैं।
अगहन मास की षष्ठी यानि चंपा छठ से भरने वाला मेला पूर्णिमा तक चलता है। जिसकी तैयारियां तेज हो गयी है। यहां इस साल 140 अग्निकुंड बनाए जा रहे हैं। जिनके दहकते लाल अंगारों के ऊपर से बड़ी संख्या में भक्तगण नंगे पैर चल कर निकलते हैं।
Sagar Watch News/ जीवन में इच्छा का भी होना बहुत आवश्यक है। तीव्र इच्छा से सामान्य मनुष्य भी असाधारण शक्ति पैदा कर लेता है। संघर्ष करने वाले हमेशा जीत हासिल करते हैं इसलिए संघर्ष से कभी घबराना नहीं चाहिए। कड़ी मेहनत, दूरदृष्टि और पक्का इरादा है तो आप जीवन में जरूर सफल होंगे।
यह विचार डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में आयोजित मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव 2024-25 के समापन समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के पुरा छात्र और मंदसौर जिले के प्रधान न्यायाधीश गंगाचरण दुबे अपने उद्बोधन के दौरान व्यक्त किये।
उन्होंने युवा उत्सव में शामिल हुए प्रतिभागी विद्यार्थियों कि हौसलाफजाई करते हुए कहा कि अच्छे विचारों से जिन्दगी बदलती हैं
। अच्छी आदतें आपका चरित्र निर्माण करती हैं और यही सब मिलकर राष्ट्र का निर्माण करते हैं। जीवन में सकारात्मक सोच रखनी चाहिए. गलत सोच से व्यक्ति अपनी आत्मशक्ति खो देता है।
इसी सिलसिले में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं सागर विश्वविद्यालय की कुलगुरु नीलिमा गुप्ता ने कहा कि युवा महोत्सव का आयोजन एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन डॉ. सर हरीसिंह गौर की प्रेरणा से इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। उनके मार्गदर्शन से कठिन से कठिन काम भी आसान हो जाते हैं।
सागर शहर और विश्वविद्यालय की "अतिथि देवो भव" की परंपरा के तहत, शहर के नागरिकों, छात्रों, शिक्षकों और सभी सदस्यों ने मिलकर कड़ी मेहनत की। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि जीवन में हार-जीत होती रहती है, लेकिन इस आयोजन में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की है।
मनुष्य ईश्वर की अद्भुत रचना है, और हर व्यक्ति में कोई न कोई अनोखी प्रतिभा होती है। जब सभी प्रतिभाएं एक साथ आती हैं, तो एक मजबूत टीम बनती है। उन्होंने सभी से अपनी प्रतिभा पहचानने और श्रेष्ठ प्रदर्शन करने का आह्वान किया, जिससे सफलता सुनिश्चित होगी।
डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर को सांस्कृतिक रैली, फोक आर्केस्ट्रा, स्किट में प्रथम स्थान मिला. थियेटर विधा में ओवर ऑल पहला स्थान मिला है. साथ ही ओवर ऑल चैम्पियनशिप में विश्वविद्यालय फर्स्ट रनर अप रहा।
Sagar watch News/ रजा फाउंडेशन दिल्ली और श्यामलम् सागर द्वारा सागर के पूर्वज कवियों पर विभिन्न शालाओं में की जा रही काव्य पाठ प्रतियोगिता की श्रंखला के छठवें और अंतिम आयोजन में शुक्रवार को इम्मानुएल स्कूल के छात्र -छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
बुंदेलखंड के भाजपा के दो कद्दावर नेताओं के आपसी रिश्तों को लेकर अक्सर कयास लगते रहने वाले सियासतदारों ने शुक्रवार को बामोरा स्थित पूर्व मंत्री के निवास स्थान पर आयोजित भजन संध्या पर मिश्रित प्रतिक्रियां व्यक्त कीं। भजन संध्या के के शुभारम्भ पर भाजपा नेता गोपाल भार्गव को जो सम्मान और आतिथ्य मिला वह सियासी अटकलबाज़ों के एक धड़े को निराश करने वाला लगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन परिवार और समाज को धर्म और संस्कृति से जोड़ने का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। अभिराज सिंह अपने पिता की तरह धर्म और संस्कृति के मार्ग पर चल रहे हैं। उनके विचार और संस्कार, रामायण और महाभारत से प्रेरणा लेकर, उनकी श्रेष्ठता को दर्शाते हैं।
पूर्व मंत्री भार्गव ने कहा कि वर्तमान में जन्मदिन और शादियों जैसे आयोजन फिजूलखर्ची और दिखावे का माध्यम बन गए हैं, जो समाज और गरीबों के लिए निरर्थक हैं। इसके विपरीत भक्ति और आध्यात्मिकता से भरे कार्यक्रम समाज को नई दिशा देते हैं। उन्होंने भूपेंद्र सिंह को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस पवित्र आयोजन के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि राजनीति में ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करने चाहिए, जो समाज में अनुसरणीय हों। फाइव स्टार होटलों और महंगी गाड़ियों के साथ जन्मदिन मनाने की संस्कृति को त्यागकर, भारतीय संस्कृति और आदर्शों को अपनाना चाहिए। यह भजन संध्या केवल एक जन्मदिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि परिवार और समाज को सन्मार्ग पर चलाने का संदेश है।
इस मौके पर पूर्व मंत्री सिंह के सुपुत्र अभिराज सिंह ने रुद्राक्ष धाम में भगवान शिव की पवित्र भूमि पर सनातन संस्कृति, नारी सम्मान, गरीबों के कल्याण और युवाओं की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने श्री कृष्ण और श्री राम के आदर्शों का उल्लेख कर सेवा, मित्रता और मर्यादा के महत्व को रेखांकित किया।
भजन संध्या में देश के विख्यात भजन गायकों अभिलिप्सा पांडा, विजय राजपूत और सुनील शर्मा के भजनों ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक देर रात तक भक्ति भाव में झूमते रहे। अभिलिप्सा पांडा ने हर हर शंभू, तेरे हाथो में मेरा हाथ हो और मंजिल केदारनाथ हो भजन गाकर श्रद्धालुओं को भक्ति भाव में मस्त कर दिया। विजय राजपूत ने आय हाय रे मेरे श्याम सांवरिया, जिनके दिल में बसते है राम, वो है वीर हनुमान व सुनील शर्मा ने खाटू श्याम जी से जुड़े भजन गाए।
Sagar Watch News/ डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 155वें जन्म दिवस के अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव 2024-25 ‘गौर-गौरव उत्सव’ 26 से 30 नवम्बर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है । इस युवा उत्सव में कुल 955 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण
विश्वविद्यालय के आचार्य शंकर भवन में पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित इंस्टालेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें बेकार सामग्री‘(Waste Material)’ से प्रतिभागियों को को कुछ ऐसे प्रोडक्ट बनाने थे जो पर्यावरण को बचाने का सन्देश प्रस्तुत कर सकें। प्रतियोगिता में 14 विश्वविद्यालयों ने प्रतिभागिता की और कुल 56 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
छायांकन
स्थल छायांकन (Spot Photography) प्रतियोगिता में नियमानुसार प्रत्येक प्रतिभागी को पांच छायाचित्र प्रस्तुत किया जाना था। प्रतियोगिता का विषय था युवा उत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों की फोटोग्राफी। इस प्रतियोगिता में कुल 11 विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में पारदर्शिता हेतु प्रत्येक प्रतिभागी के साथ एक वालंटियर रखा गया ताकि प्रतियोगिता फोटोग्राफी की पारदर्शिता बनी रहे।
बुंदेलखंड के कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह द्वारा अपने पुत्र के जन्मदिन के मौके पर आयोजित की जा रही एक भजन संध्या इन दिनों खासी चर्चा में बनी हुयी है। वजह आयोजन के बड़े पैमाने पर आयोजित किये जाने और "शहर भर को" न्योता दिए जाना नहीं बल्कि बुंदेलखंड के ही एक और कद्दावर नेता के करकमलों से उसका शुभारम्भ होना बताया जा रहा है।
भजन संध्या का मकसद तो घोषित तौर पर नयी पीढ़ी को धर्म और संस्कृति से जोड़ना है लेकिन सियासत के धुरंधर इस आयोजन के गहरे राजनैतिक मायने निकलने और प्रचारित करने में लगे नजर आ रहे हैं। उनका यह मानना हैं इस आयोजन के साये में बुंदेलखंड में भी एक महाराष्ट्र जैसी "महायुति" आकार लेती नजर आ रही है। जिसे प्रदेश में भाजपा के मौजूदा सियासी माहौल के मद्दे नजर हाशिये पर पहुंचते नायकों को मुख्यधारा में लौटाने की कवायद बताया जा रहा है।
Sagar Watch News/ रुद्राक्ष धाम मंदिर प्रांगण में भव्य भजन संध्या का आयोजन पूर्व गृहमंत्री व वरिष्ठ विधायक भूपेंद्र सिंह के निर्देशन में किया जा रहा है। आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए महापौर संगीता तिवारी और पूर्व सांसद राजबहादुर सिंह की उपस्थिति में विशेष बैठक आयोजित हुई। बैठक में 12 प्रभारियों और 100 कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसे धार्मिक और प्रेरणादायक आयोजन बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से सेवा और समर्पण का अनुभव होता है, जो जीवन में संस्कारों और संस्कृति को स्थापित करने में सहायक हैं। आयोजन का उद्देश्य नई पीढ़ी को धर्म और संस्कृति से जोड़ना है।
29 नवंबर को आरती से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। पहले चरण में राजस्थान के भजन गायक विजय राजपूत और सुनील शर्मा प्रस्तुति देंगे। दूसरे चरण में "हर हर शंभू" जैसी शिव भक्ति भजनों से प्रसिद्ध अभिलिप्सा पांडा अपनी प्रस्तुति देंगी। आयोजन स्थल को भव्य सजावट और आतिशबाजी से सजाया गया है।
बैठक में हुए दायित्व विभाजन में मुख्य संयोजक पूर्व सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विभिन्न दायित्वों के प्रभारी महेश साहू, अनुराग प्यासी, पार्षद श्रीमती अनीता रामू ठेकेदार, श्याम जी दुबे, नवीन भट्ट, सुरेश हसरेजा, अजय तिवारी देवलचौरी, संतोष रोहित, राजीव सोनी, संतोष दुबे, पार्षद राजकुमार पटैल, राजकुमार सिंह मुढ़िया ढाना को जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
दायित्व प्रभारियों के साथ सहयोगी टीम के रूप में स्वयंसेवकों को नामित किया गया। बैठक में पूर्व गृहमंत्री, वरिष्ठ विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह से आत्मीय रूप से जुड़े सभी समर्पित कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
Sagar Watch News/ डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 155वें जन्म दिवस के अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव 2024-25 ‘गौर-गौरव उत्सव’ 26 से 30 नवम्बर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है।
इस युवा उत्सव में कुल 955 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. मध्य क्षेत्र के
- रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय रायसेन,
- बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल,
- दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, दयालबाग, आगरा,
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर,
- डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा,
- विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन,
- नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय एवं टेक्नोलॉजी, अयोध्या,
- महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय,
- छतरपुर, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय,
- ग्वालियर, आईटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वालियर,
- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर,
- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल,
- डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर,
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा,
- जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, भोपाल,
- जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर,
- भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ,
- ए.के.एस. विश्वविद्यालय, सतना,
- एकलव्य विश्वविद्यालय, दमोह,
- लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान ग्वालियर,
- स्वामी विवेकानन्द शुभार्ति विश्वविद्यालय, मेरठ,
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी,
- डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय,
- खंडवा विश्वविद्यालय
के विद्यार्थी इसमें प्रतिभागिता कर रहे हैं।
आजादी के संघर्ष, सामाजिक कुरीतियों और बढ़ते आधुनिकीकरण जैसे मुद्दों पर प्रतिभागियों ने दी प्रभावी नाट्य प्रस्तुतियां विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में प्रतिभागी विश्वविद्यालयों द्वारा ‘वन एक्ट प्ले’ की प्रस्तुतियां दी गईं। पहले दिन कुल दस प्रस्तुतियां हुईं।
कार्यक्रम में शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी रविंद्र दुबे कक्का व राजेन्द्र दुबे अतिथि के रूप में शामिल हुए. प्रतियोगिता में एकेएस विश्वविद्यालय सतना के प्रतिभागियों ने भाष द्वारा लिखित संस्कृत नाटक ‘ऊरूभंगम’ के हिंदी रूपांतरण का मंचन किया जो सुप्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत पर आधारित है।
जागरण लेक विश्वविद्यालय द्वारा विजयदान देथा द्वारा लिखित राजस्थानी लघुकथा ‘दुविधा’ की नाट्य प्रस्तुति दी। देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर ने आधुनिक युग रोबोटिक्स पर आधारित नाट्य प्रस्तुति दी।
यह प्रस्तुति मनुष्य और रोबोट के बीच प्रतिस्पर्धा और मानवीय मूल्यों व रोजगार की समस्या के साथ इंसान के धर्म को बतलाती है. बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल ने बेटियों पर आधारित नाटक का मंचन करते हुए समाज में व्याप्त नकारात्मक सोच को दर्शाया. बालिका अत्याचार, बेटियों की आजादी और सम्मान पर केंद्रित इस नाटक ने दर्शकों को आकर्षित किया।
राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय, ग्वालियर के प्रतिभागियों ने 1842 के बुंदेला विद्रोह और राजा मधुकरशाह बुंदेला की वीरता को बुंदेली भाषा में प्रस्तुत किया। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के प्रतिभागियों ने साइबर अपराध की घटनाओं और साइबर सुरक्षा जागरूकता को केंद्र में रखकर प्रस्तुति दी। जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर ने नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से कर्ज के बदले महिलाओं के शोषण और उससे उत्पन्न सामाजिक समस्याओं को दर्शाया।
स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रतिभागियों ने मध्यम वर्गीय परिवार के मुखिया की प्रमोशन पाने की संघर्ष कथा को हास्यात्मक तरीके से प्रस्तुत किया। इसमें बुजुर्गों के प्रति दुर्व्यवहार पर भी प्रकाश डाला गया।
दयालबाग विश्वविद्यालय, आगरा के प्रतिभागियों ने सती प्रथा और उसके दुष्प्रभावों पर आधारित नाट्य प्रस्तुति दी। नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या ने ब्रिटिश राज की लगान व्यवस्था के किसानों पर बुरे प्रभाव और उससे उत्पन्न स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी का चित्रण किया।
प्रस्तुतियों के दौरान दर्शकों ने सभी टीमों प्रतिभागियों के अभिनय, ऊर्जा और नाटक के प्रभावी सन्देश की सराहना की। वन-एक्ट प्ले की शेष प्रतियोगिताएं कल स्वर्ण जयन्ती सभागार में संपन्न होंगी।
शास्त्रीय वादन (एकल) में कलाकारों ने दिखाई अपनी प्रतिभाएं
युवा उत्सव के दूसरे दिन क्लासिकल इंस्ट्रुमेंटल सोलो (नॉन-पर्कशन) प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी कला और प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया और दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया. वाद्य यंत्रों के धुनों ने कार्यक्रम को संगीतमय और उत्कृष्ट बना दिया।
इस प्रतियोगिता में
- बरकतउल्ला विश्वविद्यालय,
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,
- राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय, ग्वालियर,
- आईटीएम विश्वविद्यालय,
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय,
- जीवाजी विश्वविद्यालय,
- भातखंडे विश्वविद्यालय,
- एकेएस विश्वविद्यालय,
- स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ,
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय,
- विक्रम विश्वविद्यालय,
- डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर,
- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और
- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय
के प्रतिभागियों ने भाग लिया. सभी विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने उच्च स्तर का प्रदर्शन करते हुए अपनी-अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और संगीत कौशल का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में निर्णायक मंडल ने प्रतिभागियों की प्रस्तुति की सराहना की और परिणाम की घोषणा के लिए उत्साहपूर्ण माहौल बना रहा। यह युवा उत्सव युवा प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
युवाओं ने तबले की थाप से दिखाई अद्भुत कलाकारी
युवा उत्सव में शास्त्रीय ताल वाद्य प्रतियोगिता में 23 विश्वविद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभागिता की जिसमें उन्होंने निर्धारित समय में ताल वाद्य की प्रस्तुति दी। प्रतिभागियों ने हिन्दुस्तानी और कर्नाटक संगीत की धुनों में शास्त्रीय ताल वाद्य की प्रस्तुति दी, जिससे पूरे गौर प्रांगण में एक अद्भुत संगीतात्मक माहौल बन गया।
श्रोतागण ने इन युवा कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति को विस्मय और उत्साह के साथ सुना। कई प्रतिभागियों ने तबलावादन में पढ़ंत के साथ हारमोनियम और तबला वादन में पढ़ंत के साथ सारंगी की संगत भी दी, जिससे प्रस्तुति और भी आकर्षक बन गई। शास्त्रीय ताल वाद्य प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में प्रतिष्ठित संगीतज्ञ डॉ. आर.के. राठौर (जयपुर घराना), डॉ. आलोक शुक्ला (खैरागढ़ विश्वविद्यालय), और प्रसिद्ध गायक सोमवीर कथुरवाल शामिल थे।
प्रतियोगिता में रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, रायसेन, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, राजा मानसिंह तोमर संगीत और कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल; और भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय, लखनऊ सहित अन्य विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। युवा प्रतिभाओं ने इस मंच के माध्यम से अपना हुनर दिखाया और शास्त्रीय संगीत की परंपरा को जीवंत रखने का सन्देश दिया.
विजुअल मीडिया के सामाजिक पहलु पर हुआ तर्क-वितर्क
विश्वविद्यालय के रंगनाथन भवन में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें 23 विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें -
- डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय,
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय,
- राजा मान सिंह तोमर विश्वविद्यालय,
- स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय,
- रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय,
- दयालबाग एजुकेशनल विश्वविद्यालय,
- एकलव्य विश्वविद्यालय,
- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय,
- डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय,
- जीवाजी विश्वविद्यालय
सहित अन्य विश्वविद्यालयों ने भाग लिया. प्रतियोगिता का विषय था: ‘सदन का मानना है कि विजुअल मीडिया का समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है’. प्रतिभागियों ने इस विषय पर पक्ष और विपक्ष में अपने अपने तर्क प्रस्तुत किए और विजुअल मीडिया के फायदे और कमियों को बेहद प्रभावशाली ढंग से सामने रखा। छात्रों ने कई अनूठे और विचारोत्तेजक तर्क प्रस्तुत किए, जिसने सभागार में उपस्थित श्रोताओं और निर्णायकों पर गहरी छाप छोड़ी.
युवा महोत्सव में युवाओं ने उकेरी अद्भुत चित्रकारी
विश्वविद्यालय के आचार्य शंकर भवन में पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें-
- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी,
- लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन ग्वालियर,
- जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर,
- एकेस विश्वविद्यालय सतना, आईटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर,
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा,
- डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर,
- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल,
- राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर,
- विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन,
- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर,
- स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ,
- डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा,
- आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं तकनीक विश्वविद्यालय अयोध्या,
- एकलव्य यूनिवर्सिटी दमोह,
- दयालबाग एजुकेशन इंस्टीट्यूट दयालबाग आगरा,
- बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल,
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर
के प्रतिभागियों ने पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया. प्रतियोगिता के समन्वयक डॉ. बलवंत सिंह भदौरिया व आकाश मालवीय थे.
विकसित भारत’ और ‘भारत की विरासत’ थीम पर बनाए पोस्टर,
मां-बच्चे और श्रम थीम पर बनाई मिट्टी से कलाकृतियाँ
विश्वविद्यालय के आचार्य शंकर भवन में ‘विकसित भारत’ एवं ‘भारत की विरासत’ थीम पर प्रतिभागियों ने पोस्टर बनाए. प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसके साथ ही क्ले मोडलिंग प्रतियोगिता में ‘माँ-बच्चे’ और ‘श्रम’ थीम पर प्रतिभागियों ने मिट्टी की आकर्षक कलाकृतियाँ बनाईं. इस प्रतियोगिता में बीस विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया. प्रतियोगिता के समन्वयक डॉ. बलवंत भदौरिया और आकाश मालवीय थे.
कल 28 नवंबर को युवा उत्सव में होने वाले कार्यक्रम
गौर प्रांगण में
सुबह 10 बजे से ग्रुप सॉन्ग (इंडियन) तथा
3 बजे ग्रुप सॉन्ग (वेस्टर्न) का आयोजन किया जाएगा।
अभिमंच सभागर में
सुबह 10 बजे वेस्टर्न वोकल (सोलो) प्रतियोगिता तथा
दोपहर 3 बजे लाइट वोकल (सोलो) प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
गोल्डन जुबली हाल में
सुबह 10 बजे वन एक्ट प्ले का दूसरा दिन तथा
दोपहर 3 बजे से क्लासिकल डांस की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना है.
रंगनाथन भवन के कार्यक्रमों में
सुबह 10 बजे भाषण प्रतियोगिता एवं
दोपहर 3 बजे से प्रश्नमंच (मुख्य) प्रतियोगिता देखने को मिलेगी.
आचार्य शंकर भवन में कल तीन प्रतियोगिताओं का लुत्फ उठाने मिलेगा जिनमें (सुबह 10 बजे)स्पॉट फोटोग्राफी,
(दोपहर 1 बजे)इंस्टालेशन और
(शाम 4 बजे) कार्टूनिंग शामिल हैं।
रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय में संविधान दिवस पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता कुलसचिव प्रो. शक्ति जैन ने की। मुख्य अतिथि भावना यादव (विशेष कर्तव्य अधिकारी) और विषय विशेषज्ञ प्रो. रजनी दुबे उपस्थित रहीं। कार्यक्रम राष्ट्रगान से प्रारंभ हुआ। प्रो. रजनी दुबे ने संविधान की प्रस्तावना और परिचय प्रस्तुत किया।
विद्यार्थियों के लिए संविधान आधारित क्विज का आयोजन हुआ, जिसमें आदित्य पटेल ने प्रथम, रामगोपाल अहिरवार ने द्वितीय और शिवप्रताप राजपूत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया।
डॉ. सिद्धि त्रिपाठी, डॉ. उदित मलैया, और डॉ. मुकेश अहिरवार ने संविधान के महत्व पर मार्गदर्शन दिया। मुख्य अतिथि भावना यादव ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। कुलसचिव प्रो. शक्ति जैन ने मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की चर्चा की। कार्यक्रम में कई प्रोफेसर, स्टाफ और विद्यार्थियों ने भाग लिया। संचालन डॉ. दिनेश अहिरवार और आभार प्रदर्शन डॉ. अलका पुष्पनिशा ने किया।
पुलिस नियंत्रण कक्षा में उठी आवाज"हम होंगे कामयाब"
मध्य प्रदेश शासन द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए सागर पुलिस और महिला बाल विकास विभाग ने पुलिस कंट्रोल रूम में "हम होंगे कामयाब" पखवाड़े के तहत एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश कुमार सिन्हा और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
इस कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और जेंडर आधारित भेदभाव को समाप्त करना था। पुलिस, बाल कल्याण अधिकारी, चाइल्ड हेल्पलाइन टीम और महिला बाल विकास विभाग के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया।
सभी सहभागियों को महिलाओं और बच्चों के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा रोकने, समाज में समानता का माहौल बनाने और साइबर अपराधों व नशे के दुष्प्रभावों से बचने की जानकारी दी गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने सभी को अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। कार्यक्रम में संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।
Sagar Watch News/ जब कोई भाषा मरती है तो वह अकेली नहीं मरती उसके साथ संस्कृति व अस्मिता भी मरती है। 20वीं शताब्दी में विचारकों की प्रधानता थी तो 21वीं सदी में तकनीक की प्रमुखता है तो मानव जाति के लिए संकट व विकास दोनो का संदेश देती है।
यह विचार पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर निदेशक सप्रे संग्रहालय भोपाल ने शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर में भारतीय ज्ञान परम्परा के अंतर्गत आर्ष भाषा एवं भाषा सत्याग्रह विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद कार्यक्रम विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने संबोधन के दौरान व्यक्त किये।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शैलेन्द्र जैन विधायक ने कहा कि वेद और पुराण का मूल यह है कि हम अकेले भारत का कल्याण नहीं चाहते हैं ये ग्रंथ विश्व कल्याण की भावना के प्रणेता है। युवाओं के ज्ञान विज्ञान की क्षमता से हम किसी भी देश के आध्यात्मिक व भौतिक विकास की स्थिति पता कर सकते है।
स्वागत भाषण देते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सरोज गुप्ता ने आर्ष भारत तथा भाषा सत्याग्रह की वर्तमान समय में आवश्यकता के विषय में चर्चा की तथा राष्टकवि मैथलीशरण गुप्ता की कविता का वाचन किया।
आचार्य पं प्रभुदयाल मिश्र अध्यक्ष महर्षि अगस्त संस्थानम भोपाल ने कहा कि हिन्दी भाषा जनपदीय भाषाओं का समुच्चय है। हमे अपनी भाषा का सम्मान तथा अन्य आभाषाओं पर अभिमान होना चाहिए। अदालत की भाषा अंग्रेजी है जबकी जिन का मुकदमा अदालत में चलता है वह हिन्दी भाषी होते है। महंत नरहरिदास, वृन्दावन बाग मठ ने कहा कि वृह्म रूपी संतान मानव के मानवीयता की शिक्षा देने के लिए होती है।
पं. श्रीराम तिवारी ने आर्ष भारत एवं भाषा सत्याग्रह पर बोलते हुये कहा भारत का मूल आर्ष भारत में विद्धमान है और हमे पुनः भारतीय संस्कृति को वैदिक बनाना होगा। डॉ. पंकज तिवारी ने डॉ. हरीसिंह गौर को भारत रत्न देने के संबंध में अपने तर्कपूर्ण बाते बताते हुए कहा कि डॉ. गौर ने देवदासी प्रथा समाप्ति तथा महिलाओं को बकालत करने का अधिकार के साथ सागर को देश की राजधारी बनाने का प्रस्ताव दिया था।
वरिष्ट साहित्यकार एवं कवि अशोक मिजाज ने अपनी कविता से युवाओं के साथ सभागार में उत्साह भर दिया। उनकी कविता किसी भी हाल में मेरे बराबर हो नहीं सकती नदी कितना भी इतराले वह समुंदर हो नहीं सकती।
राजेश्वर वशिष्ट गुरूग्राम हरियाण ने राम सीता की कविता का पाठ किया। डॉ राजेश शुक्ला आयुर्वेदिक आचार्य ने भारतीय संस्कृति के आद्धात्मिक पक्ष पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के अंतर्गत आयोजित जिले की विभिन्न महाविद्यालयों से आये प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिये गये। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक सहित विद्यार्थी उपस्थित थे। जिसमें महाविद्यालय की 50 छात्र-छात्राओं ने ऋषि एवं ऋषिकाओं की वेष-वूषा धारण कर आर्ष भारत की परिकल्पना को जीवन्त किया।
Sagar Watch News/ जिस प्रकार अंकुरण के पश्चात् एक बीज बढ़ते वृक्ष के रूप में परिणित होकर लोगों को आश्रय और जीविका उपलब्ध कराता है उसी तरह सम्मान ऐसी औषधि है जो समाज में कुछ उपयोगी कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
यह बात सागर सांसद डॉ लता वानखेड़े ने रविवार को रवींद्र भवन में श्यामलम् संस्था द्वारा अपने नवम् वार्षिक कार्यक्रम "लोक सम्मान पर्व" के द्वितीय चरण में मुख्य अतिथि की आसंदी से कही।
स्वागत भाषण देते हुए श्यामलम् के संरक्षक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुरेश आचार्य ने कहा कि श्यामलम् एक संस्था से परिवार और अब समाज के नाम से पहचानी जाने लगी है। निरंतर इस तरह के उच्च स्तरीय आयोजन हमारी टीम की सकारात्मक सोच और इच्छा शक्ति के कारण ही संभव हुए हैं।
सारस्वत वक्ता विदिशा से पधारे प्रसिद्ध साहित्यकार एवं इतिहासकार गोविंद देवलिया ने सागर की ऐतिहासिक सांस्कृतिक पृष्टभूमि पर अपने विचार व्यक्त किए साथ ही सागर में अपने शैक्षणिक साहित्यिक जीवन से जुड़े रोचक संस्मरणों को श्रोताओं से साझा किया।
विधायक शैलेन्द्र कुमार जैन ने कहा कि श्यामलम् संस्था सागर में साहित्य का पर्याय बन गई है, बुंदेलखंड में साहित्य को जागृत अवस्था में रखने में इस संस्था का बहुत बड़ा योगदान है।
इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के संस्थापक कुलपति डॉ. अनिल तिवारी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि अपने पूर्वजों की स्मृति को कायम रखने की दिशा में इस तरह के आयोजन किए जाना अत्यंत सराहनीय और नमन योग्य हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ जयश्री लुखे द्वारा की गई सरस्वती वंदना से हुई। अतिथि स्वागत कपिल बैसाखिया,आर के तिवारी, हरी शुक्ला, रमाकांत शास्त्री ने किया। श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने कार्यक्रम परिचय दिया।कार्यक्रम का संचालन कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के प्राध्यापक अमर कुमार जैन ने तथा आभार प्रदर्शन श्यामलम् सह सचिव संतोष पाठक ने किया।
सम्मान कार्यक्रम की शुरुआत ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय गोपालगंज के विद्यार्थियों द्वारा स्वस्तिवाचन से प्रारंभ हुई।कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों और विधाओं में उत्कृष्ट कार्य के लिए सूची अनुसार 12 सम्मान क्रमवार अतिथियों द्वारा पुष्पमाला,शाल, श्रीफल, सम्मान निधि, पुस्तकें एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किये गये।
*प्रदत्त सम्मान*
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- .पं. गोविंद प्रसाद शास्त्री संस्कृत सम्मान
- 2.पं. शादीलाल आचार्य संस्कृति सम्मान
- 3. डॉ. रामदास तिवारी स्मृति चिकित्सा सम्मान
- 4.आर एन शुक्ला स्मृति आदर्श शिक्षक सम्मान
- 5.मनोहर लाल जैन स्मृति श्रेष्ठ युवा सम्मान*
- *देवेंद्र सिंह गौर स्मृति पत्रकारिता सम्मान*
- 7.स्वामी विवेकानंद सम्मान
- 8.श्रीमती लीलावती देवी शुक्ला स्मृति मानवता सम्मान
- 9.निर्मलचंद्र स्मृति "निर्मल साहित्य अलंकरण"
- 10.*श्रीमती संतोष श्रीवास्तव स्मृति महिला संगीत प्रतिभा सम्मान*
- 11.*श्यामलम् कर्मशील जीवन सम्मान* (लाइफटाइम अचीवमेंट)
- 12.श्रीमती पद्मा शुक्ला "जिज्जी" स्मृति महिला कर्मशील जीवन सम्मान
इस अवसर पर डॉ.चंचला दवे,किरण प्रभा मिश्र,रूपलेखा गौर, सुश्री संध्या सरवटे, डॉ. नीलिमा पिंपलापुरे, डॉ.सुश्री शरद सिंह, डॉ. विजय लक्ष्मी दुबे,डॉ. साहिबा नासिर, डॉ. अर्चना प्यासी, अणिमा पाठक, अंजली तिवारी, उषा बर्मन, नमिता राय , रचना राय, एलएन चौरसिया, डॉ.गजाधर सागर, हरि सिंह ठाकुर,शिवरतन यादव, आशीष ज्योतिषी,डॉ.आशीष द्विवेदी, डॉ ऋषभ भारद्वाज,प्रदीप पांडेय, गोवर्धन पटेरिया,अंबिका प्रसाद यादव,पी एन मिश्रा,आर के चौकसे,टी आर त्रिपाठी, राजेंद्र दुबे कलाकार, डॉ. मनोहर देवलिया, पप्पू तिवारी,के एल तिवारी,रमेश दुबे, डॉ आर आर पांडेय, डॉ बी डी पाठक, श्रवण श्रीवास्तव, शैलेंद्र मलैया, डॉ नरेन्द्र प्यासी,
संतोष श्रीवास्तव,सुरेंद्र श्रीवास्तव, अतुल श्रीवास्तव,अभिनंदन दीक्षित, डॉ.शशि कुमार सिंह, जी एल दुबे, गुंजन शुक्ला, प्रदीप शुक्ला, अरुण दुबे, पुष्पेंद्र दुबे,भगत सिंह योगाचार्य, सोमेंद्र शुक्ला,डॉ नलिन जैन, सी पी शुक्ला, पूरन सिंह राजपूत, देवी सिंह राजपूत,डॉ विनोद तिवारी, मुकेश तिवारी, उमाशंकर रावत, मुकेश निराला,
मृगेंद्र सिंह,डॉ. सर्वेश्वर उपाध्याय,कपिल उपाध्याय,डॉ अशोक पन्या,कुंदन पाराशर, आनंद मंगल बोहरे, प्रभात कटारे,राजेश चौबे, अमित चौबे, राकेश शुक्ला, पारंग शुक्ला, एम के खरे, रमेश सोनी,अशोक अलख तिवारी,अरुण मिश्रा, नासिर भाई, एम शरीफ, असरार अहमद,वी पी मिश्रा, अविजित मिश्र,विनय राव,धारिणी मिश्र, ध्रुव सिंह गौर,चंपक भाई, एकता समिति और विचार समिति के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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यह वही शहर है जहाँ करीब एक दशक पहले एक ऐतिहासिक विरासत "नेपाल पैलेस " को जर्जर बताकर रातों-रात ढहा दिया गया था और आश्चर्यजनक रूप से ऐतिहासिक विरासतों को संरक्षण का ख़ासा बोध रखने वाले एक भी सुधीजन उस ऐतिहासिक पहचान को जमीदोंज किये जाने कि विरोध में चूं तक नहीं बोले। कहीं किसी भी दिशा से यह बात नहीं उठी कि अधिकाँश ऐतिहासिक विरासतें तो जर्जर हालत में ही होतीं हैं।
जबकि उनको सहेजने और उनकी चिंता करने के लिए ही तो अलेक्जेंडर कनिंघम (Alexander Cunningham)- जिन को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग का जनक माना जाता है- जैसे लोग पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग बना गए थे ताकि ऐसी इमारतें खुदबखुद या किसी की हवस का शिकार न बन सकें चलो तब न सही अब ऐसा लग रहा के शहर में ऐतिहासिक विरासतों को सहेजने का बोध जाग रहा है। जो खो दिया उसके तो लौटने की बात ही नहीं कम से कम जो बचा है उसके ही बचे रहने की उम्मीद जरूर जगती है।
Sagar Watch News/ जो व्यक्ति अपनी सभ्यता, संस्कृति और इतिहास को भूल जाता है प्रकृति उनको माफ नहीं करती और उनका शीघ्रता से विनाश होता है इसलिए हमें अपनी संस्कृति सभ्यता और इतिहास को कभी नहीं भूलना चाहिए। उक्त विचार सागर विधायक श्री शैलेंद्र जैन ने जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद विभाग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी के सभागार में व्यक्त किए।