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सागर वॉच। अंग्रेजी उपन्यास "द नाइट आउट" से अपने कथा लेखन की शुरुआत करने वाले श्यामलम् परिवार के सदस्य, दुबई में कार्यरत नगर के युवा लेखक कार्तिकेय शास्त्री की द्वितीय कृति *मुक्तिधाम* (हिन्दी उपन्यास) का विमोचन 30 नवम्बर गुरुवार को दोपहर 2.00 बजे से सिविल लाइंस सागर स्थित वरदान सभागार में श्यामलम् द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किया जाएगा। 
 
 वरिष्ठ लेखिका व कवयित्री डॉ.चंचला दवे की अध्यक्षता में होने जा रहे इस आयोजन की मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.लक्ष्मी पाण्डेय व विशिष्ट अतिथि दीपक मेमोरियल स्कूल की प्राचार्य ऋतु-बृज जायसवाल होंगी।
 
 सुप्रसिद्ध उपन्यासकार व समालोचक, डॉ.सुश्री शरद सिंह एवं वरिष्ठ साहित्यकार व लेखक टी आर त्रिपाठी पुस्तक पर समीक्षात्मक वक्तव्य देंगे। 
 
आयोजक संस्था श्यामलम् के अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र व सचिव कपिल बैसाखिया ने सभी प्रबुद्ध जनों से उपस्थिति का आग्रह किया है।
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। नगर में अपने स्तरीय कार्यक्रमों के लिए पहचानी जाने वाली प्रतिष्ठित संस्था श्यामलम् द्वारा लोक सम्मान पर्व के अष्टम वार्षिक कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए विशिष्ट जनों का सम्मान किया जाएगा। 

इस अवसर पर बुंदेली गायक कवि देवीसिंह राजपूत के प्रथम काव्य संग्रह "बुंदेली बागेश्वरी" का विमोचन भी संपन्न होगा। श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र और सचिव कपिल बैसाखिया ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि सागर सपूत डॉ.हरी सिंह गौर के जन्म दिन *गौर दिवस* पर रवींद्र भवन सभागार सागर में दोपहर 2.00 बजे से आयोजित होने वाले इस गरिमामय कार्यक्रम के सारस्वत वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुरेश आचार्य व मुख्य अतिथि बुंदेलखंड छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के प्रोफेसर बहादुर सिंह परमार होंगे। 

अध्यक्षता स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति डॉ अजय तिवारी करेंगे तथा सुप्रसिद्ध बुंदेली गायक शिव रतन यादव एवं आईएमए सागर के पूर्व अध्यक्ष साहित्यकार डॉ मनीष झा विशिष्ट अतिथि रहेंगे। आयोजक संस्था श्यामलम् द्वारा इस अवसर पर सभी नागरिकों से उपस्थिति का आग्रह किया गया है।

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  सागर । डॉ लक्ष्मीनारायण सिलाकारी ना केवल मजदूरों के नेता, आदर्श चिकित्सक बल्कि श्रेष्ठ साहित्यकार भी थे। ये बात वरिष्ठ साहित्यकार सुखदेव तिवारी ने संस्कृत विद्यालय में डॉ सिलाकरी के जन्म शताब्दी वर्ष के आयोजित कार्यक्रम में कहीं। 

श्री तिवारी ने बताया कि जब वह सागर में स्कूल में नौकरी ज्वाइन करने आये तो तत्कालीन नपा अध्यक्ष डॉ सिलाकारी ने उनका इंटरव्यू लिया जिसमें जयशंकर प्रसाद की कामायनी से लेकर कालिदास की अभिज्ञान शांकुतम को लेकर प्रश्न पूछे । 

कार्यक्रम में मौजूद टीकाराम त्रिपाठी रुद्र ने उनके द्वारा शहर में पहली नाल जल योजना सहित नपाध्यक्ष रहते हुए उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी । 

संस्कृत विद्यालय के अध्यक्ष केके सिलाकारी, वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण चौरसिया, महेश चौबे आदि ने भी डॉ सिलाकारी पर अपने विचार रखे । 

इस अवसर पर प्रमुख रूप से टी आर त्रिपाठी, रज्जन अग्रवाल, श्रीमती आशा सिलाकारी, ज्वाला राजौरिया, भगवान सिंह सहित अन्य मौजूद रहे ।कार्यक्रम का संचालन पत्रकार डॉ रवींद्र सिलाकारी ने किया, आभार अरुण सिलाकारी ने माना ।
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अन्वेषण थिएटर ग्रुप की नाट्य प्रस्तुति 'लिव-इन'एक लड़की के साथ लिव-इन में रहने वाले एक युवक- युवती की कहानी है। जो समाज की उस वर्ग की सोच उजागर करती है जिनका मानना है कि हर इंसान की एक व्यक्तिगत जिन्दगी होती है और दूसरों को उसमें दखल नहीं देना चाहिए

लेकिन समाज का एक ऐसा भी वर्ग है जो यह मानता है कि बिना शादी किए एक लड़का और लड़की अगर पति-पत्नी की तरह साथ में रहते हैं तो यह व्यक्तिगत नहीं पारिवारिक और सामाजिक मामला है। हर व्यक्ति की निजता होती है और होनी भी चाहिए लेकिन निजता के नाम पर कुछ भी करना निजता नहीं नग्नता हैं, और किसी भी सभ्य समाज में इसकी अनुमति नहीं होती हैं। 

इस  वैचारिक टकराव पर नाटक का मुख्य किरदार पुत्र अपने पिता से चिल्ला कर पूछता है    कि क्या वह  नंगापन कर रहा है ? वो और एक लड़की साथ में रहते हैं, वो एक-दूसरे को पसंद करते हैं, वो दोनों साथ में रहकर बहुत खुश है तो इसमें परिवार और आपके समाज को क्या परेशानी है ?


ज्ञात हो कि शुक्रवार 13 अक्टूबर 2023 की शाम को रवीन्द्र भवन में अन्वेषण थिएटर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किए गए नाटक 'लिव-इन' में लिव-इन संबंधों के पक्ष और विपक्ष में ऐसे ही अनेकानेक संवादों का प्रस्तुतीकरण देखने को मिल। 

नाटक ने दर्शकों को भी लिव-इन संबंधों के विषय में सोचने समझने और अपनी राय बनाने के लिए विमर्श का एक छोर थमाया। नाटक का लेखन एवं निर्देशन जगदीश शर्मा का था। नाटक में अन्वेषण के अनेक नये व पुराने कलाकारों ने अभिनय कर पात्रों को जीवंत कर दिया। 

मंच पर अभिनय करने वाले कलाकारों के तहत मीना की भूमिका में ज्योति रायकवार, दीपक की भूमिका में समर पाण्डेय, दीपक के पिता बने थे सुमीत दुबे, दीपक की मां की भूमिका निभायी कुलदीप रानी राय ने, मीना की मां का रोल अदा किया आयुषी चौरसिया ने, मीना की छोटी बहिन की भूमिका में ग्राम्या चौबे, चीकू का पात्र बख़ूबी निभाया संदीप दीक्षित ने, पागल पिता के रूप में थे कपिल नाहर, जूते पॉलिश वाले के रूप में नज़र आये दीपक राय, टोनी की भूमिका में देवेन्द्र सूर्यवंशी, मीना के बॉस की भूमिका में अमजद ख़ान और पूजा की भूमिका निभायी सोनाली जैन ने। 
मंच परे की भूमिकाओं में प्रस्तुति प्रबंधक अमजद ख़ान, सह निर्देशक संदीप दीक्षित, सैट राजीव जाट, लाईट पर संदीप बोहरे, गीत रचना आशीष चौबे, संगीत पार्थो घोष, मेकअप कपिल नाहर, कॉस्टयूम ज्योति रायकवार, टिकिट ब्रोशर डिज़ायन तरुणय सिंह, प्रचार-प्रसार डॉ. अतुल श्रीवास्तव, टिकिट वितरण सतीश साहू, ध्वनि प्रभाव संचालन आस्था बानो और प्रस्तुति सहयोग रवीन्द्र दुबे कक्का, मनोज सोनी, अश्वनी साहू, आनंद शर्मा, समता झुड़ेले आदि शामिल रहे। 

नाटक के मंचन से पूर्व सभी कलाकारों सहित निर्देशक जगदीश शर्मा ने मां सरस्वती की पूजा कर आयोजन का विधिवत् शुभारंभ किया। इस आयोजन में सुरेश आचार्य, दिलीप मलैया, लक्ष्मी पांडे, पंकज तिवारी, राजेन्द्र दुबे रमाकांत मिश्रा - सहित सागर नगर के नाट्य-प्रेमी दर्शक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
Sagar Watch, Shyamlam

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 राष्ट्रीय हिन्दी दिवस पर आर्ट्स एवं कामर्स कालेज की सहभागिता में श्यामलम् का दसवां वार्षिक आयोजन 14 सितंबर को आर्ट्स एवं कामर्स कालेज के सभागार में आयोजित किया जाएगा।
 
इस अवसर पर आयोजित वार्षिक व्याख्यान माला के मुख्य वक्ता रायपुर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ स्तंभकार व विचारक मूलतः मराठी भाषी साहित्यकार डॉ.चंद्रकान्त वाघ  होंगे। इस वर्ष के गैर हिन्दी भाषी विद्वान को दिए जाने वाले हिन्दी सेवी सम्मान से उन्हें विभूषित किया जाएगा।
 
स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति डॉ.अजय तिवारी के मुख्य आतिथ्य एवं डॉ.संजीव दुबे प्राचार्य के विशिष्ट आतिथ्य में होने जा रहे इस समारोह की अध्यक्षता सागर विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.सुरेश आचार्य करेंगे। 
 
इस वर्ष के पं.श्याम मनोहर गोस्वामी स्मृति मानस‌ मर्मज्ञ सम्मान से नगर के वरिष्ठ चिकित्सक मानस मर्मज्ञ डॉ.बी.के.मिश्रा को तथा स्व.वर्षा सिंह स्मृति हिन्दी रचनाकार सम्मान से इंक मीडिया पत्रकारिता इंस्टीट्यूट के निदेशक, लेखक व पत्रकार डॉ.आशीष द्विवेदी को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज के प्राध्यापक डॉ अमर कुमार जैन करेंगे।
Sagar Watch, Theatre Workshop

SAGAR WATCH/ रं
ग विरासत दिल्ली व रंग थिएटर फोरम सागर की प्रस्तुति 'चंचला सरस्वती और यात्रा' हरिमोहन झा की कहानियों पर आधारित नाट्य प्रस्तुति है इसका निर्देशन सुश्री वंदना वशिष्ठ जी द्वारा किया गया है। हरिमोहन झा मैथिली के प्रख्यात कथाकार के रूप में जाने जाते हैं उनके कथाओं में हास्य का एक अनोखा ही रंग देखने को मिलता है। 10 दिनों की कार्यशाला में तैयार इस प्रस्तुति में कहानियों का चयन इस प्रकार से किया गया के कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी कलाकारों को अभिनय का उचित अवसर मिल सके।
 
मुंशी नौरंगी लाल 

हरिमोहन झा की कहानियों का ताना-बाना और उसका विषय दैनंदिन घटने वाली आसपास की घटनाओं के इर्द-गिर्द बुनी गई है। चंचल की करतूत कथा का नायक उसका पति दरोगा जिसे अपनी जासूसी पर बहुत अभिमान है उसकी जासूसी फेल हो जाती है और उसे अपनी मूंछ काटनी पड़ती है। 
 
सरस्वती की पराजय कथा एक पढ़ी-लिखी स्त्री द्वारा अपने देहाती पति को अपने ज्ञान द्वारा आतंकित करने की कथा है, कथा शास्त्रार्थ के नायक एक दूसरे के साथ बहस और स्वयं को ज्ञानी बताने की होड़ में शास्त्रार्थ में ऐसे उलझते हैं की रेल यात्रा में नियत स्थान पर पहुंचने के बजाय कहीं और पहुंच जाते हैं। 
 
चिकित्सा नामक कहानी का नायक श्रीकांत जो 7 वर्ष बाद आज ही अपने घर लौटा है और लौटते ही उसे हिचकी का दौरा पड़ जाता है तब गांव के वैध जी उसे उसके परिवार के का हाल-चाल बताते हुए उसके परिवार के लोगों का के मृत्यु का समाचार सुनाते हैं।
 
श्रीकांत अपने प्रिय जनों की मृत्यु का समाचार से इतना व्यथित होता है कि उसकी हिचकी गायब हो जाती है, कथा के अंत में पता चलता है की वैद्य जी उसकी हिचकी को दूर करने के लिए इस युक्ति का प्रयोग कर रहे थे। 
 
हरिमोहन झा की यह कहानी देखने में सहज एवं सरल आवश्यक लगते हैं परंतु इन कहानियों में ग्रामीण परिवेश की अद्भुत झलक देखने को मिलती है जहां सहजता सरलता है, और ज्ञान की अपनी अनूठी समझ है।
 
यह सभी प्रस्तुतियां अभिनेताओं द्वारा कार्यशाला में प्रशिक्षण के दौरान तैयार की गई है, इस 10 दिवसीय कार्यशाला में अभिनेताओं ने जो कुछ भी सीखा उसे इस प्रस्तुति में शामिल करने का प्रयास किया है। 
 
यह प्रस्तुति अभी अपनी रचना प्रक्रिया में ही है आप समस्त सुधी दर्शकों के विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है आपके विचार के उपरांत यह प्रस्तुति अपना अंतिम स्वरूप लेगी ।
 
आसिफ अली हैदर खान राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली में मॉडर्न ड्रामा के शिक्षक हैं वंदना वशिष्ठ जी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली से स्नातक हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर नाटकों  के मंचन में सक्रिय है संगीत श्रीवास्तव राष्ट्रीय नाट्य  विद्यालय से स्नातक हैं वह राष्ट्रीय वन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाटकों में लाइट सेट डिजाइन करते हैं।


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SAGAR WATCH/
 संगीत एक श्रवण विद्या है, संगीत को समझने के लिए कानसेन बनिये। प्रतिदिन अच्छा संगीत सुने। यह विचार संगीत विभाग,डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय मै आयोजित गुरु नमन कार्यशाला के दौरान एम एस विश्वविद्यालय के डॉ राजेश केलकर ने व्यक्त किये 

डॉ केलकर ने राग अहीर भैरव का संपूर्ण स्वरूप स्पष्ट किया। साथ ही राग अहीर भैरव की विशेष स्वर संगतियो को बताया। उन्होंने राग अहीर भैरव में ही छोटा ख्याल " मनवा तू जगत रहियो " सिखाया। आलाप, बोल आलाप, और तानों जैसी विभिन्न स्वर संगति,के द्वारा बंदिश को कैसे सजाया जाता है व्यवहारिक तरीके से समझाया । 

तबला पर संगत शैलेंद्र सिंह राजपूत के द्वारा एवं हारमोनियम पर संगत निलय साल्वी के द्वारा की गई। डॉ केदार मुकादम, डॉ चिराग सोलंकी, दुष्यंत रूपोंलिया,हेमंत भट्ट सहित अनेक संगीत रसिक एवं विद्धान कार्यशाला मे उपस्थित रहे। शोध छात्र आकाश जैन एवं यश गोपाल श्रीवास्तव के समन्वय मै कार्यशाला का समापन हुआ। 

संचालन डॉ अवधेश प्रताप सिंह तोमर जी ने एवं आभार व्यक्त डॉ राहुल स्वर्णकार जी ने किया। कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ ललित मोहन ने की। संगीत विभाग,डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय मै आयोजित गुरु नमन कार्यशाला का समापन सत्र रहा। 

जबकि कार्यशाला का प्रारंभ माँ सरस्वती पूजा एवं वंदना से हुआ सभी प्रतिभागियों ने पं रामसिंह "रागी" द्वारा रचित समूह गुरु वंदना की प्रस्तुति दी। कार्यशाला मै विषय विशेषज्ञ के रूप मे एम एस विश्वविद्यालय के डॉ राजेश केलकर जी रहे। डॉ केलकर का सम्मान डॉ राहुल स्वर्णकार, डॉ अवधेश प्रताप सिंह के द्वारा किया गया।

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रंग थियेटर फोरम के द्वारा शीघ्र ही महेश एलकुंचवार के प्रसिद्ध नाटक विरासत का मंचन सागर में किया जाएगा। रंग थियेटर फोरम के निदेशक मनीष बोहरे ने बताया कि भारतीय रंगमंच के प्रसिद्ध नाटककार महेश एलकुंचवार के नाटकों में नाटकीय अभिव्यक्ति के कई रूपों को देखा जाता है उन्हें एक जीवनी नाटककार के रूप में देखा जाता है। उन्हीं के प्रसिद्ध नाटक विरासत की तैयारी 1 माह से लगातार केंट बंगला नंबर 48 में चल रही है। नाटक का निर्देशन संगीत श्रीवास्तव NSD कर रहे हैं।

Youth Festival- विजेता फरवरी में बैंगलोर राष्ट्रीय  युवा उत्सव में  शिरकत करेंगे

सागर वॉच/
सतना में आयोजित हुए पांच दिवसीय 36वें मध्य क्षेत्रीय युवा उत्सव में जहां करीब 30 विश्वविद्यालयों की प्रतियोगिता हुई जिसमे डॉ.हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा शानदार प्रर्दशन हुआ
। विजेता प्रतिभागी फरवरी में बैंगलोर में 36वें राष्ट्रीय   युवा उत्सव में अपनी प्रस्तुतियां देंगे

विश्वविद्यालय से डा.राकेश सोनी के निर्देशन में  42 लोगो का दल आया था  जिन्होंने करीब सभी  विधायों में अपनी प्रतिभागिता दी और 10 पुरस्कार अर्जित किए, फोक ऑर्केस्ट्रा ( बुंदेली)  में गगन राज एवं दल ने प्रथम स्थान अर्जित किया

संस्कृतिक रैली ने प्रथम स्थान,स्किट ने द्वितीय स्थान, नाटक ने द्वितीय स्थान, समूह गान ने चौथा, स्वर वाद्य ने पांचवा , मेंहदी ने 3 तीसरा, प्रश्न मंच ने पांचवा, ओवरऑल नाटक विधा में द्वितीय स्थान  एवं ओवरऑल चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहें। 

Lecture- संस्कृत भाषा मनुष्य के चरित्र को संस्कारित करती है -कुलपति

सागर वॉच/
संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा और  हमारी संस्कृतिक विरासत का अक्षुण्ण भंडार है। संस्कृत मनुष्य के चरित्र को संस्कारित कर उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली भाषा है। नई शिक्षा नीति 2020 में संस्कृत के महत्त्व को नये सिरे से पहचानते हुए उसमें निहित अपरिमित ज्ञान  को समझने की नितांत आवश्यकता को प्रोत्साहित किया गया है। मुझे खुशी है कि संस्कृत के प्रति नयी पीढ़ी का लगाव बढ़ा है। 

यह विचार डॉ हरी सिंह गौर केंद्रीय की विश्वविद्यालय कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने कालिदास अकादमी, उज्जैन और संस्कृत विभाग, डाक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संयुक्त तत्त्वावधान में  संस्कृत - सभागार में आयोजित सारस्वतम्  के  लोकप्रिय व्याख्यान में कहीं। 

उन्होंने संस्कृत विषय और उसके वाड्मय के सार्वभौमिक और वैज्ञानिक महत्त्व को भी रेखांकित किया। सारस्वत अतिथि प्रो इला घोष (जबलपुर) ने " महाकवि राजशेखर की शोध दृष्टि " पर  विस्तार से विचार करते हुए  कवि शिक्षा, कवियों के भेद, शोध की प्रक्रिया और प्रमाणिकता,शोध के गुणों आदि पर राजशेखर के गहन चिंतन से परिचित कराया।शोध से मानस दोष प्रक्षालित होकर गुण रूप में परिवर्तित हो जाता है। बुद्धिमान,आहार्य और दुर्बल कवियों का भेद समझना आवश्यक है।

मुख्य अतिथि प्रो रामविनय सिंह ( डी एवी पी जी कालेज ,देहरादून ) ने  " संस्कृत ग़ज़ल: दशा और दिशा " विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि ग़ज़ल की लोकयत्रा विविध पड़ावों से होकर गुजरती है।आज संस्कृत भाषा में इस विधा की स्वीकार्यता को सतर्क रेखांकित करने की जरूरत है। संस्कृत ग़ज़ल ने युग बोध को अत्यंत बारीकी के साथ अभिव्यक्ति दी। संस्कृत ग़ज़ल की ध्वन्यात्मक भाव संप्रेषण कला ही इसे अधुनातन संदर्भ में समकालिक चेतना से हाथ मिलाकर चलने की शक्ति देती है।
       
इस आयोजन में काव्यपाठ भी हुआ। प्रो रामविनय सिंह ने अपने सुमधुर गीतों और ग़ज़लों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। " गगन के गीत गाने में भुवन को मत भूल जाना " और "  मैं हृदय का प्यार लिखता हूं, प्रियेश! स्वीकार लिखना। ग़ज़ल की पंक्तियां हैं - आग के पौधे उगे हैं और है दलदल जमीन।लोग कहते फिर रहे हैं हो गई पागल जमीन।
हिंदी विभाग के शोधार्थी पंकज मिश्र ने भी स्वरचित गीत सुनाकर वाहवाही बटोरी।

 इस अवसर पर  संस्कृत विभाग द्वारा प्रकाशित यू जी सी लिस्टेड शोध पत्रिका ' नाट्यम ' के नये अंक  शूद्रक विशेषांक का लोकार्पण हुआ। प्रो रामविनय सिंह  और इला घोष ने माननीया कुलपति जी को  तथा विभाग के लिए अपनी पुस्तकें भेंट स्वरूप प्रदान की। विभागीय अध्यापकों डा संजय कुमार, डॉ किरण आर्या, डॉ नौनिहाल गौतम, डॉ रामहेत गौतम ने अतिथियों का शाल ,श्रीफल और बुके भेंट कर स्वागत- सम्मान किया ।  

स्वागत उद्बोधन विभागाध्यक्ष प्रो आनन्दप्रकाश त्रिपाठी ने दिया और कहा कि संस्कृत विभाग की सुदीर्घ परंपरा को समृद्ध करने में ऐसे अकादमिक आयोजनों की अपरिहार्य भूमिका होती है। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों ने मां सरस्वतीकी प्रतिमा और  सर हरीसिंह गौर के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सरस्वती वंदना और वैदिक मंत्रोच्चार विभाग के विद्यार्थियों ने किया।  इस कार्यक्रम का संचालन डा शशिकुमार सिंह ने किया। आभार व्यक्त किया कालिदास अकादमी के श्री अजय मेहता ने।

इस सारस्वतम् के आयोजन में  चीफ प्रॉक्टर  प्रो चंदा बैन, सुरक्षा अधिकारी डा हिमांशु कुमार, डा राजेन्द्र यादव,डा अरविंद कुमार,डा रामरतन पांडे,  डा लक्ष्मी पांडेय, डा  अवधेश कुमार यादव, डा वसीम अहमद श्री पी सी मलैया, वीरेंद्र प्रधान, डी डी न्यूज के के. के. नगाइच आदि के साथ भारी संख्या में हिंदी, उर्दू , संस्कृत, दर्शन आदि अनेक विभागों के शोधार्थी और छात्र -छात्राएं उपस्थित हुए।



राष्ट्र निर्माण में हम अपनी भूमिका सुनिश्चित करें - प्रो दिवाकर सिंह राजपूत

सागर वॉच/ डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर मध्यप्रदेश के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग में पदस्थ प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने "राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका" विषय पर केन्द्रित व्याख्यान दिया।
भक्त कवि नृसिंह मेहता विश्वविद्यालय, जूनागढ़ गुजरात में "भारत माता पूजन" कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्याख्यान देते हुए प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने कहा कि "यौवन ऊर्जा और उमंग का अनूठा संगम होता है। युवा व्यक्तित्व सपनों को साकार करने की ताकत और कौशल रखते हैं। युवाओं में इतिहास गढ़ने की क्षमता होती है। बस जरूरत होती है खुद को पहचान कर आत्म विश्वास और जागरूकता से कर्तव्य पथ पर अग्रसर रहने की।

" प्रो राजपूत ने कहा कि समय का प्रबंधन, लक्ष्य केन्द्रित कार्य, आत्म सम्मान की भावना, मातृभूमि के प्रति प्रेम और कुछ अच्छा कर गुजरने की ललक से युवा नयी परिभाषायें रच सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भक्त कवि नृसिंह मेहता विश्वविद्यालय जूनागढ़ गुजरात के कुलपति प्रो चेतन त्रिवेदी ने कहा कि मातृभूमि के प्रति अपने आस्था हमारी संस्कृति और ताकत है। युवा वर्ग देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कार्यक्रम के संयोजक डाॅ जयसिंह झाला ने स्वागत भाषण दिया। डाॅ पराग देवानी ने संचालन किया और डाॅ रुषिराज उपाध्याय ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सुश्री धारा और अन्य छात्र-छात्राओं ने अपनी जिज्ञासायें और विचार रखे। इस अवसर पर समाज विज्ञान भवन की शोध पत्रिका "शोध सारथी" का विमोचन भी किया गया। 

Bhagwat Katha-बड़ा आदमी कभी भी ऐसे ही नहीं झुकता-महंत श्री हृषीकेष

सागर वॉच। 
बड़े आदमी के झुकने का भी राज होता है। बड़ा आदमी कभी भी ऐसे ही नहीं झुकता है। इसी तरह अहंकारी कंस ने भी श्रीकृष्ण को अक्रूर को भेजकर निमंत्रित किया था। ये विचार महंत श्री हृषीकेष जी महाराज ने राजघाट रोड पर ग्राम मझगुवां अहीर में नीरज तिवारी फार्म हाऊस पर आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में कथा में समापन दिवस पर सोमवार को कथा मंच पर रूकमणी विवाह और श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन के प्रसंग पर  श्रीकृष्ण को निमंत्रित किये जाने का उल्लेख करते हुए व्यक्त किये । 

स्वामी हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि आनंदरूपी श्रीकृष्ण सभी के हैं। भक्ति का द्वार खोलना है। श्रीकृष्ण आनंदघन हैं इनके बिना हम आगे के लाखों साल में भी भक्ति प्राप्त नहीं कर सकते। भजन करने पर आप सभी का समान अधिकार है और प्रथम कर्तव्य भी है। 


भगवान की लीला देखिए कि ब्रज में सौन्दर्य की देवी लक्ष्मीजी का प्रवेश नहीं है जबकि कंडे थापने वाली गोपियों का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि धरती पर भक्ति सुलभ है और स्वर्ग में भक्ति दुर्लभ है। हम विषय रस में डूबे जल रहे हैं। श्रीकृष्ण कथा जो सुलभ है उसका पान नहीं कर रहे हैं।

स्वामी हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि जो हमसे प्रेम करे उससे हम प्रेम करें यह तो व्यापार ही हुआ। प्रेम न करने वाले से प्रेम करने वाले माता-पिता और संत होते हैं। जो किसी से भी प्रेम नहीं करते वे आत्मरूप में मस्त अथवा अद्वैत अवस्था, पागल टाइप अथवा जानबूझकर ऐसा करने वाले होते हैं।
स्वामी हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि भगवान पूर्ण हैं हम भी पूर्ण के अंश ही हैं, इसलिए हमें भी पूर्णता को प्राप्त करना होगी तभी पूर्ण शांति मिलेगी। प्रत्येक को यह मानकर चलना है कि माता-पिता भगवान हैं और धन-वैभव भगवान को ही अर्पण करना है।

 भगवान अंदर की बात जानते हैं, ऊपरी स्वरूप नहीं देखते। इसलिए मथुरा में उन्होंने कुब्जा को भी सुन्दरी संबोधित किया तो वह भगवान को चन्दन लगाने लगी, उसे भगवान मिले तो कंस का भय दूर हो गया। इसी तरह हमारा भय भी भगवान दूर कर देते हैं। जो भगवान के समक्ष आत्मसमर्पण करता है भगवान भी उसको समर्पण कर देते हैं।

कथा समापन पर मुख्य यजमान रामशंकर तिवारी, विधायक शैलेन्द्र जैन, कमलेश बघेल, विक्रम सोनी, सुखदेव मिश्रा, याकृति जडिय़ा आदि ने आरती की। इस अवसर पर श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह और सुदामा चरित्र पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया।


सात दिवसीय कथा के समापन उपरान्त २७ दिसंबर को विशाल भण्डारा का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर श्री परमहंस आश्रम अमृत झिरिया से परमहंस स्वामी श्री मुक्तानंद जी महाराज एवं अमझिरा आश्रम से श्री गोपालानंद जी महाराज का आगमन पूर्वान्ह ११ बजे होगा। भण्डारा शाम तक जारी रहेगा। यजमान रामशंकर तिवारी ने सभी भण्डारे में शामिल होकर परसादी ग्रहण करने की अपील की है।

Anugoonj-2022-अनुगूंज कार्यक्रम से प्रतिभाओं का होगा निखार

सागर वॉच/ स्कूल शिक्षा  विभाग द्वारा संभाग मुख्यालय के शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के सांस्कृतिक कार्यक्रम अनुगूंज 2022 का आयोजन शनिवार को सायं को महाकवि पद्माकर सभागार में किया गया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दर्शकों द्वारा सराहा गया। एक भारत श्रेष्ठ भारत में देश  के विभिन्न राज्यों के नृत्यों  की प्रस्तुति ने अदभुत सांस्कृतिक विविधता की छटा बिखेरी।  

अनुगुंज कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद राज बहादुर सिंह ने कहा कि प्रतिभाएं किसी की मोहताज नहीं होती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जो भोपाल से बदल कर संभागीय मुख्यालयों पर यह अनुगूंज कार्यक्रम आयोजित किया गया यह प्रतिभा निखारने का कार्य करेगा ।

विधायक शैलेंद्र जैन ने अनुगूंज कार्यक्रम को  अद्भुत, अकल्पनीय बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम से साबित हो गया कि संसाधन के बगैर भी कार्य किया जा सकता है। 


इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा भारत नाटयम, कालवेलिया नृत्य, कत्थक नृत्य , षिक्षा नीति पर गीत, मीरा नृत्य नाटिका , अहिल्या बाई नृत्य , बधाई नृत्य, बुंदेली नृत्य, स्वर्ग से सुदंर देष हमारा, आदिवासी नृत्य, बरेदी नृत्य, अरचंना करू तेरी आराधना करू आदि कार्यक्रमों की सुदंर प्रस्तुतियां दी गई। 

Theater Festival- मोहक रही महाबली छत्रसाल की नाट्य प्रस्तुति

सागर वॉच।
स्वराज संस्थान संचालनालय, संस्कृति विभाग, मप्र शासन द्वारा ‘रंग प्रयोग’ थिएटर ग्रुप एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय जनयोद्धा नाट्य समारोह के दूसरे दिन शंखनाद नाट्य मंच छतरपुर के कलाकारों द्वारा "महाबली छत्रसाल" नाटक की प्रस्तुति हुई।  

महाबली छत्रसाल बुंदेलखंड के उस वीर सपूत की गाथा है जिसने कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए अपना साम्राज्य स्थापित किया। छतरपुर (छत्रपुर)नगर उन्ही के नाम पर बसा है। उनके जीवन की खास बात यह है कि उन्होंने अपने जीवन मे 52 छोटे बड़े युद्ध लड़े और किसी मे पराजित नहीं हुए।प्राणनाथ और शिवाजी से मुलाकात ने उनका जीवन बदल दिया और यमुना से लेकर नर्मदा और चंबल से लेकर टोंस नदी तक अपना साम्राज्य स्थापित किया और मुगलों को बुंदेलखंड में पैर जमाने का मौका नहीं दिया। 

शिवेंद्र शुक्ला के निर्देशन में  नाटक की शुरुआत छत्रसाल और मुगलों के बीच चल रहे संघर्ष से होती है, जिसमें छत्रसाल और मुगलों के बीच संघर्ष दिखाया गया है। इस संघर्ष में छत्रसाल की जीत होती है। उसके पश्चात बुंदेलखंड बुंदेली फोक मार्शल आर्ट शैली में छत्रसाल और डकैतों के बीच होने वाली लड़ाई को मंच पर जिस तरह से प्रस्तुत किया गया उसे देखकर ऐसा लगा जैसे इस संघर्ष में हम खुद शामिल हो। 

इसी दौरान शिवाजी और छत्रसाल की भेंट होती है और छत्रसाल की वीरता और साहस को देखकर शिवाजी अपनी भवानी तलवार छत्रसाल को देते हैं। जिसके बाद छत्रसाल अपनी सेना तैयार करते हैं। उनकी सेना की शुरुआत में मात्र 25 सैनिक एवं पांच घुड़सवार थे। फिराई खान से युद्ध करते हैं।  

छत्रसाल के राज में हर गांव में एक छात्रसाली चबूतरा होता था। जिस पर न्याय होता था और न्याय करने वाले 7 लोग अलग-अलग जातियों से होते थे। इस नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से उनके जीवनकाल में विभिन्न प्रसंगों को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास बुंदेलखंड के कलाकारों द्वारा किया गया है। महाराजा छत्रसाल की वीरता और कूटनीति ने उन्हें प्रणामी संप्रदाय में भी स्थान दिया और प्रणामी संप्रदाय के 5 शीर्ष पुरुषों में उनका स्थान है।  

इस नाटक की अवधि लगभग 1 घंटा की रही। उनकी अंतिम अवस्था में बंगस खां ने जब बुंदेलखंड पर आक्रमण किया तब उन्होंने पेशवा बाजीराव को पत्र लिखकर मदद मांगी और अपनी जिंदगी का अंतिम युद्ध भी जीता। इस प्रकार उन्होंने 52 युद्धों में विजय हासिल की। 


इस नाटक का लेखन शिवेंद्र शुक्ला एवं नीरज खरे ने किया है। इस नाटक में मंच पर अंकुर यादव, जितेंद्र विद्यार्थी , विकास चौबे, सीताराम अहिरवार, सर्वेश खरे, अंकित अग्रवाल, अनिल कुशवाहा, राजेश कुशवाहा, साक्षी द्विवेदी, अंजली शुक्ला, माधुरी कुशवाहा, राशि सिंह, शिल्पा रैकवार, रोशनी यादव, आदर्श सोनी, अभिदीप सुहाने, राजेश कुशवाहा, मानस गुप्ता, आकाश मिश्रा, प्रमोद साराश्वत थे।

नाटक में संगीत संयोजन महेंद्र तिवारी,मिंटू ने किया। ढोलक पर अश्विनी दुबे एवं गायन में  खनिज देव सिंह चौहान के साथ कोरस प्रमोद सारस्वत, शिवेंद्र शुक्ला एवं रोशनी। प्रकाश व्यस्था अभिदीप सुहाने, रूप सज्जा रवि अहिरवार ने की।

Yoga Niketan Foundation Day- परेशानियों से उबारते हैं यज्ञ -संरक्षक पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट


सागर वॉच।
 
भारतीय संस्कृति में यज्ञ का बड़ा महत्व है। हर पहर में और धार्मिक आयोजन में यज्ञ होता है। इसके भौतिक और आध्यात्मिक दोनो तरह के लाभ है। जहा यज्ञ होता है वहा परेशानियो से लोग उबर जाते है। प्रदूषण से मुक्ति मिलती है। कीटाणुओं से फैलने वाली बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके भारत में उदाहरण भी है। 

यह विचार योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान के 54 वाँ तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह के  आज हुए समापन कार्यक्रम में रिटायर्ड आईपीएस और
संरक्षक पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट मध्य प्रदेश वेद प्रकाश शर्मा ने
 व्यक्त किये । इसी मौके पर उन्होंने उन्होंने योगाचार्य विष्णु आर्य के जन्मदिन पर शुभकामनाए देते हुए कहा कि आप शतायु हो लेकिन किसी के अधीन नहीं रहे। 

कार्यक्रम  में  मुख्य अतिथि विहिप के जिला अध्यक्ष अजय दुबे, सहित, पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव , पुष्पांजलि शर्मा ,राज्य प्रभारी पतंजलि योग समिति, पूर्व विधायक सुनील जैन, डा गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के योग विभाग के अध्यक्ष प्रो गणेश शंकर भी मौजूद  रहे। संस्थान के संचालक योगाचार्य विष्णु आर्य के मार्गदर्शन में आयोजन संपन्न हुआ।  समापन अवसर पर 24 कुंडीय यज्ञ की पूर्णाहूति के बाद प्रसादी वितरण हुआ। 

इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष और समाज सेवी अजय दुबे ने कहा कि गुरु तो सभी के होते है। लेकिन सदगुरु मिलना कठिन है। सदगुरु के आशीर्वाद से ही जीवन का सही मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि योगाचार्य विष्णु आर्य को पद्मश्री जैसे सम्मान मिलना चाहिए। वे हमारे गौरव है। जिनकी देश दुनिया में ख्याति है।

योग विभाग के अध्यक्ष प्रो गणेश शंकर ने बताया कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ने योग के महत्व को बढ़ाया है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की। शुरुआत कराई। इसके अलावा अनेक। योजनाओ के जरिए सरकार प्रोत्साहित कर रही है। 

उन्होंने कहा कि पिछले 35 सालो से में विवि में हू। तभी से योग निकेतन में कार्यक्रमो में हिस्सा ले रहा हू। स्वामी सत्यानंद जी द्वारा स्थापित यह संस्थान लगातार बढ़ रहा है। हमे योगाचार्य विष्णु आर्य जी का मार्गदर्शन विश्विद्यालय में भी मिलता रहता है। वास्तव योग वैदिक रूप से आध्यात्म से जुड़ा रहा लेकिन आज स्वास्थ्य जीवन के लिए जरूरी है। 

कार्यक्रम में योगाचार्य विष्णु आर्य ने  कहा कि वर्तमान में लोग लक्ष्मी जी यानी धन के पीछे भाग रहे है। लेकिन इसके साथ अनीति भी बढ़ रही है। इस आधुनिक जीवन में योग शैली ही आपको विसंगतियों और बीमारियो से बचा सकता है। इसको सभी अपनाए और सुखी और स्वास्थ्य रहे। 


समापन समारोह में अतिथियों के साथ ही अनिल सेन सह राज्य प्रभारी पतंजलि युवा भारत, पार्षद शैलेंद्र ठाकुर, सूरज घोषी का सम्मान किया गया। स्थापना दिवस के मौके पर योगाचार्य विष्णु आर्य का जन्मदिवस मनाया गया। सभी ने शतायु होने की कामना की। कार्यक्रम का आभार संस्थान के अध्यक्ष रामनारायण यादव और संचालन एम डी त्रिपाठी ने किया। 

ये रहे मौजूद 

कार्यक्रम में  पूर्व महापौर मनोरमा गौर, भाजपा  नेता लक्ष्मण सिंह, जगन्नाथ गुरेया, पार्षद शैलेश केशरवानी, अध्यक्ष विक्रम सोनी,  बिहारी लाल सबलोक, कांग्रेस नेता सुरेंद्र सुहाने, लालजी ददरया, पत्रकार बसंत  सेन,  प्रवीन पांडे, विनोद आर्य, राहुल सिलाकारी, नितिन भट्ट, अमित मिश्रा, शैलेश अग्रवाल, राजेश पटेल,  अमित गुप्ता,  कोषाध्यक्ष संदीप सोनी , मनोहर प्रसाद सोनी, डॉ. राजेन्द्र यादव, ,सुबोध आर्य, राजेश जड़िया, रमेश ठाकुर,  बी.डी.साहू,  परषोत्तम सोनी तिली, बसंत यादव, पंडित अनुराग दुबे महेश नेमा, प्रभुदयाल गुप्ता, वीरेन्द्र सुहाने, धनश्याम पटेल, महेश साह, रामकृष्ण कोष्टी, श्रीमति आरती ताम्रकार, श्रीमति सविता मेहता, श्रीमती ज्योति शर्मा उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, रामेश्वर सोनी, कमलेश नामदेव, ठा. भगत सिंह योगाचार्य, गगन सिंह, योगाचार्य प्रकाश चौधरी, शिवचरण पटेल, धनप्रसाद पटेल, राकेश अग्रवाल, राजेश ग्याप्रसाद पाटकर अनिल यादव, हरिनारायण सेन, घनश्याम पटेल,, बालाजी नेमा, बसंत पाण्डे, अभिषेक सोनी, संजय पाठक (निरीक्षक) ,प्रियांश आर्य, शिवांश आर्य , बिहारी सोनी, मधुकर शर्मा, आदि मोजूद रहे।

Foundation Day Celeberation- योगाचार्य सभी को सिखा रहे हैं  संयमित जीवन शैली

सागर वॉच।
योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान का 54 वाँ  तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह के दूसरे दिवस  24 कुंडीय यज्ञ और योग प्रशिक्षुओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया।  संस्थान के संचालक योगाचार्य विष्णु आर्य के निर्देशन में स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है। 

महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी,विशेष अतिथि नगर निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, पूर्व विधायक सुनील जैन, निधि जैन और युवा उद्योगपति अनिरुद्ध पिंपलापुरे के मुख्या आतिथ्य में संपन्न कार्यक्रम में  महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी ने कहा कि योगाचार्य विष्णु आर्य योग निकेतन के माध्यम से लोगो को संयमित जीवन शैली और स्वस्थ्य बनाने का कार्य आर रहे है। उन्होंने सागर में योग की अलख जलाई । हजारों लोगो को स्वस्थ किया।  सागर के बाहर उनकी चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि योग लोगो को जोड़ने का काम करता है। 

आधुनिक जीवन में बिगड़ती जीवन शैली और अनीति से बचाने में योग एक बड़ा माध्यम है। इसमें स्वस्थ रहने के साथ ही संस्कार मिलते है। आज योग निकेतन में सकारात्मक ऊर्जा देखने मिली है । स्वस्थ्य रहने के साथ ही अच्छे विचारों की जरूरत भी है।  योग निकेतन के विस्तार और इसके प्रचार प्रसार में जो भी जरूरत होगी। उसके लिए मुहैया कराया जाएगा। 

पिछले 25 सालो से जुड़ा हू योग से :सुनील जैन


पूर्व विधायक सुनील जैन ने कहा कि योगाचार्य जी इस उम्र में  सक्रिय है। यह सिर्फ योग द्वारा संभव है। यह संदेश पूरी दुनिया में गया। उन्होंने बताया की 25 साल पहले जब मुझे साइटिका की शिकायत आई तो मुझे योग का महत्व समझा। योगाचार्य श्री आर्य ने मुझे एक महीने के भीतर ठीक किया। तभी से योगाभ्यास कर रहा हूं। मेरे बड़े भाई शैलेंद्र जी को भी इस तरह की शिकायत हुई तो गुरु जी ने ही उनको ठीक किया। वास्तव में योग स्वस्थ्य जीवन का एक मार्ग है। इसे अपनाना चाहिए। 

योगाचार्य विष्णु आर्य ने बताया कि योग विज्ञान की जरूरत हर वर्ग को है। मोजूदा जीवन क्रम में अनियंत्रित जीवन शैली बनी है। जो बीमारियों का माध्यम बन गई है।  कामकाज का तनाव और चिंता ने कई बीमारियों को जन्म दिया है। योगभ्यास ही एक ऐसा विकल्प है जिसमे शारीरिक और मानसिक दोनो को स्वस्थ्य रखा जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन एम डी त्रिपाठी ने किया । 

 योग प्रशिक्षुओं का सम्मान


इस मौके पर योग निकेतन त्लायोग प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षित होने वाले प्रशिक्षुओं का सम्मान योगाचार्य विष्णु आर्य, महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी, निगमाध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ,अध्यक्ष रामनारायण यादव,पूर्व महापौर मनोरमा गौर ने किया। सभी को प्रशस्ति पत्र और तुलसी माला भेंट की गई। अतिथियों का स्वागत और सम्मान शाल श्रीफल से किया गया। 

समारोह की शुरुआत में 24 कुण्डीय यज्ञ श्रीयंत्र पूजन, हवन- श्री सूक्त व गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र के साथ किया गया। एक कतार में यज्ञ में श्रद्धालु बैठे और पंडित द्वारा हवन पूजन कराया गया। इस मौके पर पूर्व विधायक सुनील जैन और उनकी पत्नी निधि जैन ,पूर्व महापौर मनोरमा गौर  हवन किया । 

ये रहे मौजूद 

कार्यक्रम में अमित गुप्ता, कोषाध्यक्ष संदीप सोनी और सदस्य एम. डी. त्रिपाठी, मनोहर प्रसाद सोनी, डॉ. राजेन्द्र यादव, ,सुबोध आर्य, राजेश जड़िया, बी.डी.साहू,  परषोत्तम सोनी तिली, बसंत यादव, पंडित अनुराग दुबे महेश नेमा, प्रभुदयाल गुप्ता, वीरेन्द्र सुहाने, धनश्याम पटेल, महेश साह, रामकृष्ण कोष्टी, श्रीमति आरती ताम्रकार, श्रीमति सविता मेहता, श्रीमती ज्योति शर्मा उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, रामेश्वर सोनी, कमलेश नामदेव, ठा. भगत सिंह योगाचार्य, गगन सिंह, योगाचार्य प्रकाश चौधरी, शिवचरण पटेल, धनप्रसाद पटेल, राकेश अग्रवाल, राजेश ग्याप्रसाद पाटकर अनिल यादव, हरिनारायण सेन, घनश्याम पटेल,, बालाजी नेमा बसंत पाण्डे, अभिषेक सोनी, संजय पाठक (निरीक्षक) ,प्रियांश आर्य, शिवांश आर्य आदि मोजूद रहे।

Foundation Day-योग निकेतन  योग प्रशिक्षण संस्थान का 54 वाँ स्थापना दिवस 6 दिसंबर से


सागर वॉच।
योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान का 54 वाँ स्थापना दिवस समारोह 6 से 8 दिसंबर तक योग धाम मोतीनगर थाने के पास सुबह 9 बजे से 10: 30 बजे तक आयोजित होगा
। 

संस्थान के संस्थापक और संचालक योगाचार्य विष्णु आर्य (स्वामी ध्यानेश्वर सरस्वती ) ने बताया कि योग  हमारे शारीरिक ,मानसिक और  आध्यात्मिक शांति का सनातन काल से  हमारी संस्कृति का माध्यम रहा है। सागर में सन 1967 में योग निकेतन की स्थापना हुई थी। 


इस संस्थान से हजारों योग शिक्षक प्रशिक्षित होकर निकले। वही हजारों लोगो ने योग से स्वथ्य जीवन का लाभ उठाया। आज संस्थान अपने  पूर्णाकार में स्थापित है।  जहा नियमित योग अभ्यास और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन हो रहा है। 

संस्थान के अध्यक्ष रामनारायण यादव ने बताया कि  स्थापना दिवस का उद्घाटन समारोह  दिनांक 5 दिसम्बर 2022 को  प्रातः 9 बजे से 9.30 बजे तक स्थापना, कलश पूजन आदि किया जाएगा। 

इसका तीन दिवसीय मुख्य  कार्यक्रम दिनांक 6 से 8 दिसम्बर 2022 तक प्रतिदिन  प्रातः 8.30 बजे से 10.30 बजे तक आयोजित किया गया है। 

इसमें 24 कुण्डीय यज्ञ, श्रीयंत्र पूजन, हवन- श्री सूक्त व गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र द्वारा किया जाएगा। 

दिनांक 8 दिसम्बर 2022 पूर्णाहूति, समापन, सम्मान समारोह एवं प्रसादी का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय आयोजन में सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक शैलेंद्र जैन, महापौर संगीता सुशील तिवारी, निगमाध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, पूर्व महापौर अभय दरे के साथ ही योग से जुड़े विद्वानों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। 


योग निकेतन में प्रतिदिन होने वाले कार्यक्रम

प्रातःकाल 6.30 बजे से 8 बजे तक योग्य अभ्यास एवं प्रशिक्षण प्रातः 8 बजे से 9 बजे तक समस्याग्रस्त रोगियों का योग द्वारा उपचार प्रत्येक रविवार प्रातः हवन- श्री सूक्त, महामृत्युंजय मंत्र गायत्री मंत्रों से हवन पूजन किया जाता है। समय- प्रातः 8.30 से 9.30 बजे तक

संस्थान के  संचालक  योगाचार्य विष्णु आर्य ,अध्यक्ष रामनारायण यादव महामंत्री अमित गुप्ता,कोषाध्यक्ष संदीप सोनी और सदस्य एम. डी. त्रिपाठी, मनोहर प्रसाद सोनी, डॉ. राजेन्द्र यादव, डॉ. मुरारीलाल सोनी,सुबोध आर्य, राजेश जड़िया, बी.डी. साह, लालजी ददरवा, परषोत्तम सोनी तिली, बसंत यादव, महेश नेमा, प्रभुदयाल गुप्ता, वीरेन्द्र सुहाने, धनश्याम पटेल, महेश साह, रामकृष्ण कोष्टी,आरती ताम्रकार, श्रीमति सविता मेहता,ज्योति शर्मा उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, रामेश्वर सोनी मनोज कुमार डंगरे, प्रकाश सोनी, कमलेश नामदेव, ठा. भगत सिंह योगाचार्य, गगन सिंह, योगाचार्य प्रकाश चौधरी, शिवचरण पटेल, धनप्रसाद पटेल, राकेश अग्रवाल, राजेश ग्याप्रसाद पाटकर अनिल यादव, हरिनारायण सेन, घनश्याम पटेल, पुरषोत्तम सोली, बालाजी नेमा बसंत पाण्डे, अभिषेक सोनी, संजय पाठक (निरीक्षक) सहित सभी ने कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है।

Shyamlam Lok Samman 2022- टाउन हॉल साहित्यिक गतिविधियों  के लिए मिलेगा निःशुल्क - शैलेंद्र जैन

सागर वॉच।
 कन्या महाविद्यालय सागर के सभागार में आयोजित श्यामलम् लोक सम्मान पर्व के सातवें गरिमामय वार्षिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए देश के ख्यात विद्वान पद्मश्री डॉ.कपिल तिवारी ने कहा संसार का श्रेष्ठ ज्ञान गीता में है गीता का अर्थ है जिसे गाया जा सके, वह ज्ञान भी क्या जिसे गाया ना जा सके। 

उन्होंने कहा शब्द के पहले प्रकाश था। शब्द ही नाद ब्रह्म है। लोग कहते हैं हमें समय नहीं है लेकिन हमें समय में जीना है समय को हममें नहीं जीना। उन्होंने कहा जब हम चलते हैं तो आगे बढ़ा हुआ कदम आधुनिकता है और जो कदम धरती पर पीछे रखा है वह परंपरा है जो दोनों पैर उठा लेते हैं वह लोट जाते हैं। 

उन्होंने बाल्मीकि,सूर, तुलसी, कबीर और मीरा का उल्लेख करते हुए इन सभी की रचनाओं में प्रेम की अनिवार्य उपस्थिति का जिक्र किया। उन्होंने सागर में अपने जीवन के आरंभिक दिनों का उल्लेख करते हुए अकादमिक अपमान को याद किया और कहा श्यामलम् के कारण आज सब घुल गया है। उन्होंने बताया कि यहां से जाकर मैंने वह सड़क खुद बनाई जिस पर मुझे चलना था। डॉ. तिवारी ने आदिवासी लोक कला से संबंधित अनुभवों को सुनाकर उपस्थित जनों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर विधायक शैलेंद्र जैन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्यामलम लोक सम्मान पर्व एक ऐसा पर्व है जो साहित्यकारों के लिए उल्लेखनीय मंच प्रदान करता है। अतिशीघ्र महाविद्यालय के हॉल का जीर्णोद्धार करा रहे हैं जो साहित्यकारों के लिए निशुल्क उपलब्ध रहेगा और साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रसिद्ध व्यंग्यकार प्रो. सुरेश आचार्य ने सागर नगर के शनीचरी से संबंधित संस्मरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. हरीसिंह गौर से कपिल तिवारी तक शनीचरी के विद्वानों की एक बड़ी परंपरा रही है। 

वर्तमान में डॉ.कपिल तिवारी गौर साहब की कीर्ति पताका संसार में फैलाने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं उनका अभिनंदन कर सागर के लोग गर्व का अनुभव करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के प्रति सूक्ष्म दृष्टि होना आवश्यक है ताकि हम समाज में हो रहे बदलाव को गहराई से देख सकें।

विशिष्ट अतिथि स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति डॉ अजय तिवारी ने कहा सागर के गर्व से ऐसे ऐसे रत्न निकले हैं जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में वैश्विक रूप से अपनी पहचान स्थापित की है। 


भोपाल से पधारे वरिष्ठ संस्कृति कर्मी प्रशांत पाठक नीलू ने कहा कि आज आगे बढ़ते हुए समय में कला और साहित्य का उतना ही महत्व है जितना सांस लेना जरूरी है। कार्यक्रम की सह संयोजक शासकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर इला तिवारी ने आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि साहित्य और सांस्कृतिक रूप से शहर में या शहरों में इस तरह की संस्थाएं जो समाज के लिए निरंतर कार्य कर रही है यदि शासकीय संस्थाएं भी उनके साथ मिलकर कार्य करें तो समाज द्रुत गति से आगे बढ़ेगा।

कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ऐश्वर्या दुबे, रुचि चौबे, रिया, अंकिता और रानी द्वारा द्वारा सामूहिक सरस्वती वंदना की गई। अतिथि स्वागत पश्चात् श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने स्वागत उद्बोधन एवं कार्यक्रम परिचय दिया। 

प्रसिद्ध लोक गायक शिवरतन यादव ने स्व. हीरा सागर के गीत सागर की कुलियां का मधुर गायन किया। कन्या महाविद्यालय की शोध पत्रिका रिसर्च टाइम्स का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया पत्रिका की संपादक डॉ रश्मि दुबे ने पत्रिका पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

सम्मानों की श्रंखला में सर्वप्रथम सागर की सांस्कृतिक संस्थाओं के नवगठित मंच कला संस्कृति लोक की ओर से डॉ .ओमप्रकाश चौबे,श्रीमती रचना तिवारी श्रीवास्तव , डॉ.सुधीर तिवारी,मयंक तिवारी,अरविंद यादव ने पद्मश्री कपिल तिवारी का अभिनंदन‌ किया तदुपरांत विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए निम्नानुसार विशिष्टजनों को श्यामलम् द्वारा शॉल, श्रीफल, पुष्पहार, सम्मान पत्र,स्मृति चिन्ह एवं सम्मान निधि भेंट कर  सम्मानित किया गया। सम्मान पत्रों का वाचन कपिल बैसाखिया, संतोष पाठक एवं वृंदावन राय सरल ने किया। कार्यक्रम का सुचारू और व्यवस्थित संचालन डॉ.अंजना चतुर्वेदी तिवारी और आशीष ज्योतिषी ने किया।

Shyamlam Lok Samman 2022- टाउन हॉल साहित्यिक गतिविधियों  के लिए मिलेगा निःशुल्क - शैलेंद्र जैनप्रदत्त किए जाने वाले सम्मान*

श्यामलम् कर्मशील जीवन सम्मान - चतुर्भुज सिंह राजपूत, एडवोकेट एवं के के सिलाकारी, एडवोकेट 

पंडित गोविंद प्रसाद शास्त्री संस्कृत सम्मान- पं.श्रीराम शुक्ला, शास्त्री, प्रधानाचार्य श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय सागर 

पंडित शादीलाल आचार्य संस्कृति सम्मान- पद्मश्री डॉ. कपिल तिवारी, भोपाल 

डॉ. रामदास तिवारी स्मृति चिकित्सा सम्मान- डॉ.सतनाम सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक , सागर 

पं.वी. के. पाठक स्मृति निष्ठावान सेवाभावी कर्मचारी सम्मान- पीयूष जैन भारतीय डाक तार विभाग सागर।

आर. एन. शुक्ला स्मृति आदर्श शिक्षक सम्मान-जी. के.श्रीवास्तव से.नि. शिक्षक, सागर 

श्यामाकांत मिश्र स्मृति रंग कर्मी सम्मान-डॉ.अतुल श्रीवास्तव, रंगकर्मी, सचिव अन्वेषण थिएटर ग्रुप, सागर

मनोहर लाल जैन स्मृति श्रेष्ठ युवा सम्मान- वृंदा प्रधान अजमेरा,उद्घोषक आकाशवाणी भोपाल 

देवेंद्र सिंह गौर स्मृति पत्रकारिता सम्मान - राजेश श्रीवास्तव, सागर  

स्वामी विवेकानंद सम्मान - गौरव राजपूत, विवेकानंद केंद्र, सागर

श्रीमती लीलावती देवी शुक्ला स्मृति मानवता सम्मान-- स्व.अमीनुल्ला खां "मद्दे चाचा" (मरणोपरांत) अपनत्व सेवा समिति सागर 

हीरा सागर स्मृति बुंदेली लोक सम्मान -चुन्नीलाल रायकवार,राष्ट्रीय ढिमरयाई नर्तक, कर्रापुर,‌ सागर

इस अवसर पर लक्ष्मी नारायण चौरसिया, हरगोविंद विश्व, डाक्टर गजाधर सागर, मणिकांत चौबे, टी आर त्रिपाठी, डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया, डॉक्टर तेजिंदर सिंह,पूरन सिंह राजपूत, डॉ शरद सिंह, एडवोकेट कृष्ण वीर सिंह, डॉ लक्ष्मी पांडे, वीरेंद्र प्रधान, ज.ल. प्रभाकर, डॉ राकेश शर्मा, डॉक्टर सुनील श्रीवास्तव,राजेंद्र दुबे कलाकार,सुनीला सराफ रहे

इनके अलावा ज्योति विश्वकर्मा, राघवेंद्र नायक, अरविंद जैन, बिहारी सागर, शुभम उपाध्याय, डॉ पंकज तिवारी, अशोक गोपीचंद रैकवार, जयंत विश्वकर्मा, दीपा भट्ट, ममता भूरिया, आनंद मंगल बोहरे, डॉ. अमर जैन, गुंजन शुक्ला, सिद्धार्थ शुक्ला, डॉ. शैलेष आचार्य, शांतनु आचार्य, नानू आचार्य, हरि सिंह ठाकुर,पार्षद शैलेंद्र ठाकुर, अमित चौबे, अणिमा पाठक, संध्या सर्वटे, सी.एल. कंवल, रचना तिवारी, चंद्र कुमार जैन, बी डी पाठक, कुंदन पाराशर ने भी कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया

अन्य गणमान्य नागरिकों में अंबर चतुर्वेदी, रामचरण शास्त्री, कुंज बिहारी शास्त्री, यशवंत सिंह गौर, रूपलेखा गौर, अश्विनी सागर, प्रदीप पांडेय, डॉ अपर्णा चांचोदिया, डॉ सुनीता त्रिपाठी, भगवानदास रैकवार, जयंती सिंह लोधी, अंबिका प्रसाद यादव, असरार अहमद,  सुरेंद्र श्रीवास्तव, देवीसिंह राजपूत, दामोदर अग्निहोत्री, ओ पी शुक्ला, पवन रजक, राधा कृष्ण व्यास, मयंक तिवारी, सुधीर तिवारी, ऐश्वर्या दुबे, आर के तिवारी, डा. मनोहर देवलिया, डॉ एम डी त्रिपाठी, ऋषभ जैन, यशवंत जैन,डॉ उदय तिवारी, डॉ मितेंद्र सेंगर व डॉ विनोद तिवारी की भी कार्यक्रम में गरिमामय उपस्थिति रही 

इनके साथ प्रभात जैन, मुकेश तिवारी, नीरज मिश्रा, डॉ कामेश शास्त्री, अविजित मिश्रा, हरि नारायण शुक्ला, राकेश शुक्ला, अरविंद यादव, अलका सिद्धार्थ शुक्ला, गणेश रैंकवार नवरंग, सपना शुक्ला, शशीकांत रायकवार, श्रीमती दिव्या सागर, डॉ नौनिहाल गौतम, अशोक तिवारी अलख, आनंद मिश्रा, शकुन शुक्ला, सुरेंद्र शुक्ला, विशु तिवारी, दीपक पटेल, महाविद्यालय स्टाफ छात्र छात्रा एवं ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

Public Award Ceremony- श्यामलम् लोक सम्मान पर्व आज

सागर वॉच। 
श्यामलम् लोक सम्मान पर्व के प्रतिष्ठित वार्षिक आयोजन में नगर के ख्यात साहित्य संस्कृतिविद् पद्मश्री डॉ.कपिल तिवारी का अभिनंदन सागर के कला-संस्कृति लोक द्वारा किया जाएगा। सह-आयोजक शासकीय उत्कृष्टता स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय के सभागार में 27 नवंबर रविवार को दोपहर 1.45 बजे से नगर विधायक शैलेंद्र जैन के मुख्य आतिथ्य में आयोजित होने वाले इस समारोह की अध्यक्षता डॉ.सुरेश आचार्य करेंगे। नगर निगम महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी, स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.अजय तिवारी, संस्कृति कर्मी प्रशांत पाठक नीलू भोपाल और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सागर के अध्यक्ष डॉ. मनीष झा विशिष्ट अतिथि होंगे। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान और उपलब्धि के लिए विशिष्टजनों का सम्मान तथा कन्या महाविद्यालय की शोध पत्रिका रिसर्च टाइम का विमोचन भी किया जाएगा।

आयोजक संस्थाद्वय ने सभी सुधिजनों से उपस्थिति का आग्रह किया है

Folk Festival- लोकोत्सव में धूम रही  लोक नृत्यों की

सागर / 
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से संभावना समग्र विकास समिति सागर द्वारा 12 नवंबर शनिवार की शाम स्थानीय रवींद्र भवन में लोक उत्सव आयोजित किया गया| जिसमें  राजस्थान गुजरात एवं बुंदेलखंड आदि के लोकनृत्यों बधाई, गरबा, बरेदी, कालबेलिया, ढिमरयाई और घूमर नृत्यों की भव्य प्रस्तुतियां दी गईं|   

कार्यक्रम में इस अवसर पर कार्यक्रम के विशेष अतिथि स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के संस्थापक कुलपति डॉ. अनिल तिवारी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से संस्कृति का संरक्षण होता है एवं ऐसे कार्यक्रम का आयोजन शहर के लिए आवश्यक है।

कार्यक्रम रजनी दुबे की गणेश वंदना की प्रस्तुति से शुरू हुआ|इसी क्रम में रीतेश चौरसिया, कपिल चौरसिया और उनके दल द्वारा बुंदेलखंड का प्रसिद्ध बधाई नृत्य, लखन रजक एवं उनके साथियों ने राजस्थान के घूमर नृत्य, संस्कार रंग गरबा ग्रुप सागर ने गरबा  नृत्य के अलावा इमेज आर्ट ग्रुप सागर के कलाकारों द्वारा राजस्थान का जाना माना नृत्य कालबेलिया प्रस्तुत किया गया जो दर्शकों को खूब पसंद आया|तत्पश्चात मनीष यादव के निर्देशन में उनके दल ने बरेदी नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को और ऊंचाई पर पहुंचाया | 

प्रस्तुतियों के अंत में जाने-माने कलाकार लीलाधर रैकवार एवं उनके साथियों ने ढिमरयाई नृत्य प्रस्तुत कर एक अलग समां बांध दिया | कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों ने न सिर्फ नृत्यों की सराहना की बल्कि भरपूर तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया | कार्यक्रम के अंत में आयोजक संस्था के सचिव डॉ. अतुल श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया |

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सागर लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद श्री राज बहादुर सिंह, विशेष अतिथियों के रूप में स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के संस्थापक कुलपति डॉ. अनिल तिवारी और अन्वेषण थिएटर ग्रुप के अध्यक्ष जगदीश शर्मा उपस्थित रहे|अतिथियों का स्वागत संभावना समग्र विकास समिति की अध्यक्ष निधि मिश्रा, सचिव डॉ. अतुल श्रीवास्तव, कार्यक्रम संयोजक रचना तिवारी आदि ने किया | मंच संचालन सतीश साहू द्वारा किया गया | 

कार्यक्रम में श्यामलम के उमाकांत मिश्र, डॉ. ओमप्रकाश चौबे , डॉ. सुधीर तिवारी,कपिल स्वामी, राहुल चौरसिया, निधि मिश्रा, पवन चौरसिया, रामसिंह ठाकुर, राजीव जाट, दीपक राय, आशीष खटीक, प्रकाश कुशवाहा , प्रेम आदि का उल्लेखनीय सहयोग रहा कार्यक्रम मे उमाकांत मिश्र आर के तिवारी शिवरतन यादव शांतनु आचार्य, विवेक उपाध्याय मुकेश शर्मा
के अलावा बड़ी संख्या में सागर नगर के दर्शक उपस्थित रहे |

Youth Festival-कला की अभिव्यक्ति संसाधनों की मोहताज नहीं -विधायक

सागर वॉच
 शासकीय स्वशासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्टता महाविद्यालय, सागर में आज दो दिवसीय जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन समापन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सागर विधायक शैलेन्द्र जैन सम्मिलित हुए। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘कला की अभिव्यक्ति के लिए प्रतिभाएँ संसाधनों की मोहताज नहीं होती। यदि प्रतिभाओं को अपनी कला को दिखाने के लिए उचित मंच मिल जाये तो वह बहुत आगे जा सकती हैं। उन्होंने आगे कहा कि युवा उत्सव का यह मंच विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सबसे अच्छा साधन है।

महाविद्यालय के टाउन हॉल के जीर्णोद्धार के विषय में बताया कि जनभागीदारी के माध्यम से इसका जीर्णोद्धार कर रहे हैं शुरुआती तौर पर विधायक निधि से ₹3 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की।


सिटी बस के संचालन के संबंध में विधायक जैन ने बताया कि 2 माह के अंदर बसों का संचालन प्रारंभ हो जाएगा और इससे नवीन कन्या महाविद्यालय भवन तक छात्राओं को पहुंचने में कोई असुविधा नहीं होगी।

महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. इला तिवारी ने कहा कि ‘‘छात्राओं द्वारा इस आयोजन की विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन उनमें आत्मविश्वास बढ़ाता है।’’ डाॅ. रश्मि दुबे ने कहा कि ‘‘युवा उत्सव विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रदर्शन का एक साझा मंच है।


कार्यक्रम की संयोजक डाॅ. अंजना चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत की। इस दौरान उन्होंने युवाओं के बारे में बताया कि ‘‘योवन, मन की एक अवस्था है, इसका शरीर से कोई संबंध नहीं है।’आज के कार्यक्रम की प्रथम विधा के रूप में समूह गायन भारतीय का आयोजन हुआ। इस विधा में निर्णायक के रूप में मालती सेन, शिवरतन यादव एवं प्रवीण श्रीवास्तव उपस्थित रहे।