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घटना हो जाने के बाद जागने की  प्रशासन की चिरपरिचित अदा से भला कौन परिचित नहीं होगा। इस बार प्रशासन को  नींद से जगाने का काम मीडिया में छाये और कई लोगों की जान लेने के आरोपी और कथित डॉक्टर एन जॉन कम उर्फ़ नरेन्द्र यादव  ने किया है। अब जिले भर में दूकान चला रहे चिकित्सकों की कुंडली बनाने का काम शुरू हुआ है जल्द ही इनके कामकाज और  डिग्रियों की विस्तृत रपट जिला प्रशासन के मुखिया के पास सौपीं जानी है। 

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कलेक्टर संदीप आर ने फर्जी, झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभिन्न डॉक्टर्स , इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) सागर और अस्पताल संचालकों के साथ बैठक कर इस संबंध में निर्देश दिए हैं। 

बैठक में आईएमए द्वारा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तीन दिवस के अंदर सभी चिकित्सकों की पृष्ठभूमि पता लगाकर विस्तृत  रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। तत्पश्चात सीएमएचओ को इस प्रकार संकलित जानकारी से कलेक्टर को अवगत कराने के निर्देश दिए गए।

गौरतलब है कि कलेक्टर ने जिले के डॉक्टर्स से सीधा संवाद कर विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए साथ ही इस संबंध में मॉक ड्रिल कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी निर्देशित किया। 

उन्होंने मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर को कम करने हेतु स्वास्थ्य , महिला एवं बाल विकास विभाग सहित सभी अस्पतालों में विशेष कार्य करने और इस विषय पर संवेदनशील रहने के लिए कहा।

उन्होंने पीसीपीएनडीटी तथा पॉक्सो एक्ट के तहत नियम अनुसार कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में कलेक्टर श्री संदीप जी आर तथा पुलिस अधीक्षक श्री विकास शाहवाल ने कहा कि समय-समय पर संज्ञान में आने वाली महिलाओं, बच्चों से संबंधित घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए सभी डॉक्टर्स मार्गदर्शिका  के अनुसार ही कार्य करें।
उन्होंने चिकित्सकीय अपशिष्ट  के सही निस्तारण  के लिए भी आवश्यक प्रबंध के निर्देश दिए।

 कलेक्टर ने डॉक्टर सेफ्टी की बात करते हुए कहा कि डॉक्टर प्रोफेशन को नोबल प्रोफेशन कहा जाता है जहां एक ओर मरीज और परिजनों के लिए डॉक्टर भगवान से कम नहीं होता वहीं कई विशेष घटनाओं में डॉक्टर सेफ्टी पर भी बात करना आवश्यक है। 

इसके लिए पुलिस, जिला प्रशासन सहित अस्पताल संचालक भी आवश्यक प्रबंध करें। उन्होंने सभी डॉक्टर्स से अपील करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य में आवश्यक सुधार लाना है। इसमें विशेष रूप से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (Maternal and child Health)  पर प्राथमिकता से कार्य करना है। 

उन्होंने आयुष्मान कार्ड और बिलिंग के संबंध में निर्देश देते हुए कहा है कि जिले के सभी अस्पताल नर्सिंग होम आयुष्मान कार्ड के संबंध में अपने स्पष्ट जानकारी नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें। जिससे मरीज या परिजनों को किसी प्रकार की दुविधा ना रहे। अस्पताल का स्टाफ और प्रबंधन संवेदनशील रहते हुए मरीज, परिजनों से उचित संवाद रखे।
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