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Sagar Watch News/ सागर जिले में खेतों में फसल अवशेष (पराली) जलाने की घटनाओं पर प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। कलेक्टर संदीप जी. आर. के निर्देश पर संबंधित किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। अब तक कई स्थानों पर एफआईआर दर्ज की गई है और कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि पराली जलाने वालों को कोई राहत नहीं दी जाएगी।
प्रशासन की मुख्य कार्यवाहियाँ:
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि संबंधित अधिकारी किसानों को पराली के वैकल्पिक नष्टिकरण तरीकों की जानकारी दें।
फसल अवशेष जलाने पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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बांदरी तहसील के ग्राम पाली सुजान में 7 किसानों के खिलाफ पराली जलाने पर एफआईआर दर्ज की गई।
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केसली तहसील के ग्राम खजूरिया के दो किसानों के कारण ग्राम घाना की कई किसानों की खड़ी फसल जलकर नष्ट हो गई। दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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देवरी तहसील के ग्राम बरकोटी कला की महिला किसान प्रभाबाई और ग्राम नांदपुर के किसान भूपेंद्र लोधी के खिलाफ अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है।
दर्ज मामलों का विवरण:
ग्राम बदरी (गढ़ाकोटा तहसील)
आरोपी: अमोल कुर्मी
भूमि पर अवैध रूप से नरवाई जलाने पर एफआईआर।
ग्राम भैसा (रहली तहसील)
15 अप्रैल को कई किसानों की खड़ी नरवाई जलकर नष्ट।
अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज।
ग्राम बेलई (बीना तहसील)
बिना सुरक्षा उपायों के पराली जलाने पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध एफआईआर।
ग्राम रमपुरा (जैसीनगर तहसील)
आरोपी: राजाभाई और गोविंद सिंह
दो किसानों ने अलग-अलग खेतों में नरवाई जलाई।
इनके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज।
⚖️ कानूनी धाराएँ:
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223(ख), 287
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1981
वायु (प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम 1981
प्रशासन द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि फसल अवशेष जलाना कानूनन अपराध है और इसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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