Amrut Mahotsav, Health, Girls
SAGAR WATCH/ विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर डॉ अखिलेश पटेल का कहना है कि मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है जो इस निमोनिया के टीका को फ्री में शासन की तरफ से लगाया जा रहा है ।
यह विचार उन्होंने सागर में मनाई जा रही स्मार्ट सिटीज मिशन की 8वीं वर्षगांठ के अमृत उत्सव के तहत महिला स्वास्थ्य, लिंगानुपात एवं नशामुक्ति जागरूकता लाने हेतु आयोजित कार्यशाला के दौरान व्यक्त किये। डॉ. पटेल के मुताबिक महिलाओं बच्चों सहित प्रत्येक व्यक्ति को टीकाकरण कराना आवश्यक है।
इसी सिलसिले में स्वास्थ्य मिशन सागर संभाग क्षेत्रीय निदेशक डॉ नीना गिडियन ने कहा की सागर हर ओर से विकसित हो रहा है स्मार्ट बन रहा है और हम सब को भी स्मार्ट बनना होगा।
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिवेश में शारीरिक कसरत के आदत लगभग खत्म हो गयी है। इसके लिय घंटों बैठे-बैठे मोबाइल देखने की लत भी बहुत हद तक जिम्मेदार है । इस वजह से खासकर लड़कियों के शरीर में हार्मोनल गड़बड़ियाँ बढ़ रहीं हैं । जिससे लड़कियों में मासिक धर्म सम्बन्धी अनियमितताएं , बांझपन की दिक्कतें भी ज्यादा देखने में आ रहीं हैं । इस अनियंत्रित जीवन शैली के कारण करीब बीस फीसदी किशोरियों में पीसी ओ डी (Polycystic ovary syndrome Disease) के लक्षण सामने आ रहे हैं ।
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की सहायक प्राध्यापक डॉ स्वाति पटेल ने बताया की आज के समय में हम माता-पिता अपना पीछा छुड़ाने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को मोबाईल पकड़ा देते हैं और खुश होते हैं की हमारा बच्चा खेल रहा है पर समय जाते स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी हमारे साथ उन बच्चों को करना पड़ता है। बच्चों को कम उम्र में मोटे-मोटे चश्मे लग रहे हैं, नजर खराब हो रही है और बाद में परेशान अभिभावक मनोचिकित्सक के चक्कर काटते हैं।
हमें इन आदतों को सुधारना होगा, बच्चों को फिर से मैदानी खेल खिलाने होंगे। आज अमृत उत्सव हम मना रहे हैं। महिला स्वास्थ्य को लेकर आज कई अभियान चलाये जा रहे हैं जिससे मातृ मृत्युदर की समस्या कम हुई है।
खानपान के लिहाज से भी वर्तमान में सत्तू जैसे घरेलू खाद्य पदार्थ को भूलकर पिज्जा, बर्गर, मैगी फ़ास्टफूड खिलाया जा रहा है। जिससे खून की कमी हो रही है और मातृ मृत्युदर यानि बच्चे के जन्म के समय माँ की मृत्यु हो जाना एक बड़ी चुनौती बन चुकी थी।
इसे हराने के लिए हमें अपनी आदतों को सुधारना होगा पौष्टिक आहार खाना और खिलाना होगा। महिला स्वास्थ्य के लिए साक्षरता बहुत महत्वपूर्ण है हम सभी को साक्षर होना आवश्यक है क्योंकि महिलाएं प्रथम शिक्षक होती है जो अपने बच्चे को शिक्षा देती है यह महिला सशक्तिकरण का मूल है।
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