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Media Watch-14- Jan-2023- केंद्र में भाजपा का सत्ता खोना असंभव नहीं -शशि थरूर

MEDIA WATCH
--ख़बरों की खबर 
14-Jan -2023

ख़बारों की सुर्ख़ियों में सियासत की रंगत छाने लगी है।  

📣 Live Hindustan ने सुर्ख़ियों में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शशि थरूर के हवाले से लिखा है कि वे  भाजपा के प्रभुत्व को स्वीकार करते हैं, लेकिन केंद्र में उसके  सत्ता खोने को भी असंभव बात नहीं मान रहे है।

उन्होंने कहा, अगर बीजेपी 250 सीटों पर रुक जाती है तो अन्य के पास 290 सीटें होंगी। हमें यह नहीं पता है कि बीजेपी को छोड़कर 290 सीटें लाने वाली पार्टियां आपस में सहमति बना लेगी। गौरतलब है कि2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 543 में से 303 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस केवल 52 ही जीत पाई।

📣Asianet News ने अपनी अहम् खबर में भारतीय वैज्ञानिक को जासूसी कांड में उलझाये जाने को अंतर्राष्ट्रीय साजिश करार दिया है। खबर में लिखा है कि सीबीआई ने केरल हाईकोर्ट में कहा है कि वैज्ञानिक नंबी नारायणन को अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत इसरो जासूसी मामले में फंसाया गया था। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप मनगढ़ंत थे।उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार कर जेल में रखा गया। 

भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO (Indian Space Research Organisation) स्पेस रिसर्च में आगे नहीं बढ़े इसके लिए अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA (Central Investigation Agency) ने साजिश रचकर 1994 में इसरो के प्रख्यात वैज्ञानिक नंबी नारायणन को जासूसी केस में फंसा दिया था।

📣NavBharat Times की खबर भारत के पडौसी देश पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली पर चिंता जताती नजर आ रही है। खबर कहती है कि  पाकिस्तान इस समय खाने की कमी से जूझ रहा है। देश में आटे की किल्लत देखी जा रही है। आटे का दाम इतना ज्यादा है कि आम आदमी की थाली से रोटी गायब हो रही है। बाजार में आटा 140 रुपए से 160 रुपए तक बिक रहा है।

सरकारी अधिकारियों का अनुमान है कि पाकिस्तान में आई बाढ़ से 80 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है। दूसरी तरफ विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के चलते पाकिस्तान के बंदरगाहों पर दवा और भोजन पड़ा है, लेकिन देश में नहीं आ पा रहा। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का कहना है कि उनका विदेशी मुद्रा भंडार 4.3 अरब डॉलर के एक गंभीर स्तर तक गिर गया है। 

📣 Aaj Tak लगातार देश में मंडरा रहे पर्यावरणीय खतरों पर ध्यान अटकाए हुए है । आजतक की खबर कह रही है कि उत्तराखंड के बाद अब हिमाचल में भी जमीन और मकान दरकने लगे हैं. यहां के लोग भी जोशीमठ के हालात देखकर डरे हुए हैं. मंडी जिले के लोगों का कहना है कि फोरलेन हाइवे को लेकर पहाड़ी काटी गई है. इसकी वजह से ये दरारें आ रही हैं. अफसरों ने भी माना है कि पहाड़ी काटने के बाद दरारें आईं. लोगों से घर खाली करने को कहा गया है

📣Jansatta की खबर आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र देश के सियासी दलों की रणनीतियों पर पैनी नजर रखे हुए है । कांग्रेस पार्टी की सियासी तैयारियों की योजनाओं को कुरेदते हुए लिखा है कि

राहुल गांधी की सोच को जनता तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरुआत करने जा रही है। हाथ से हाथ जोड़ो अभियान (Haath Se Haath Jodo Abhiyaan) 26 मार्च तक चलेगी। 

इस नई योजना के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी नफरत, बेरोजगारी, मंहगाई और आम जनता से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर चिट्ठी लिखी है। उनका संदेश 26 जनवरी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर पहुंचाया जाएगा। 

पत्र में राहुल ने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वसनीय विकल्प के रूप में पेश किया है। राहुल गांधी के संदेश को भारत के छह लाख गांवों में 10 लाख बूथ तक पहुंचाने का प्लान है।

देश में मंडल कमीशन को उनसे गर्दन पकड़कर लागू करवाया गया

MEDIA WATCH--ख़बरों की खबर 
13-Jan -2023

अख़बारों में आज की सुर्ख़ियों में Asianet ने  केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान को अहमियत से छपा है जिसमें उन्होंने कहा है कि देश में  समान नागरिक संहिता को लागू करने को लेकर तैयारी चल रही है। अखबार ने इसे  लोकसभा चुनाव 2024 के पहले देश के सबसे बड़े मुद्दे पर किसी भी जिम्मेदार बीजेपी नेता का   सबसे बड़ा बयान बताया। 

....हिंदुओं का अपमान-BJP

वहीं Live Hindustan रामचरितमानस मानस को लेकर बिहार के मंत्री चंद्रशेखर के हालिया बयान को लेकर बड़ी खबर छपी है। खबर में कहा गया है की मंत्री के बयान की बड़े बड़े लोगों द्वारा आलोचना की जा रही है। आलोचना करने वालों में कवि कुमार विश्वास, जैसे नाम भी शामिल हैं।    भाजपा ने भी इसे हिंदुओं का अपमान बताया है।  

Mandal Commisson Report and Sharad Yadav

आजतक चैनल ने अपनी वेबसाइट पर समाजवादी नेता शरद  यादव के निधन पर एक पुराने किस्से का जिक्र कर उन्हें याद किया है। खबर में बताया है कि 

शरद यादव ने 'The DISRUPTOR: How Vishwanath Pratap Singh Shook India' में लिखा  है कि उन  दोनों ही (शरद यादव और वीपी सिंह) मंडल कमिशन की रिपोर्ट को लेकर प्रतिबद्ध थे, लेकिन वीपी सिंह आरक्षण को तत्काल लागू करने को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं थे. लेकिन मजबूरियों का हवाला देते हुए वीपी सिंह को मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू करने के लिए मजबूर कर दिया किताब में दावा है कि देश में मंडल कमीशन को उनसे गर्दन पकड़कर लागू करवाया गया था।

Joshimath Sinking..

Dainik Jagran की ताज़ा रपट का मानना है कि जोशीमठ में भूधंसाव अब भी लगातार जारी है। नगर क्षेत्र में भूधंसाव प्रभावित भवनों की संख्या 723 से बढ़कर 760 हो गई है। असुरक्षित क्षेत्र में पहले जहां 86 भवन शामिल थे, अब वह बढ़कर 128 हो गए हैं।

 खबरों की खबर @ SagarWatch

03-June 2021

KHABRON-KI-KHABAR -हिसाब-किताब-के-समय-क्यों-खिल-रहे-हैं-नाराजगियों-के-गुल ?

देर आए दुरुस्त  आए....

बीना में एक हजार बिस्तरों का कोविड अस्पताल जल्दी ही शुरू हो जाएगा। अब ये न कहिए कि पहले पांच मई को शुरू होना था, फिर पंद्रह मई की तारीख दी फिर 25 मई की तारीख दी। कुछ लोग तो आपा खो कर कहने ही लगे होंगें  अरे मी लार्ड यह क्या है ? तारीख पर तारीख ! दौरे पर दौरे!  अरे कोई एक तारीख तो मुकर्रर कीजिए साहब बहादुर। लेकिन संतोषी प्रवृतियों वालों का भी अपना नजरिया है वो कह रहें हैं कि भाई अच्छी चीज बनने में वक्त लगता है। जितनी देरी लगेगी उतनी ही अच्छी चीज बनेगी। इसी लिए तो कहा जाता है देर आए दुरूस्त आए।

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अनलॉक की लेफ्ट-राईट शुरू 

लगभग दो महीनें के कोरोना कर्फ्यू के बाद अब लोगों का बाजार खुलने के आसार नजर आने लगे हैं। हालांकि बाजार खोलने के से पहले ही प्रशासन खूब लेफ्ट-राईट कर रहा है। सड़कों पर पोस्टर चिपका कर जनता को बता रहे हैं कौन सा बाजार बायां है और कौन सा दायां। अब तक तो कुछ खास लोगों के पास ही यह हिसाब रहता था कि दाईं या बाईं ओर किस-किस की दुकान है। लेकिन अब खरीददारों को भी एक छोटी सी डायरी बनानी पड़ सकती है।  डायरी नहीं बनाएंगे तो कैसे पता चलेगा अपनी वाली चाय की, पानी की, किराने की, हजामत की कब खुलेगी। हालांकि कुछ लोगों को तसल्ली इस बात की है कि दुकान चाहे बाईं ओर की खुले या दाईं ओर की उन्हें रोज बाहर निकलने की आजादी मिली है यह भी कम है क्या ?

हिसाब-किताब के समय क्यों खिल रहे हैं नाराजगियों के गुल ..? 

स्मार्ट सिटी के काम बेतरतीब ढंग से चल रहे हैं यह मानने वाले जनप्रतिनिधियों से भी बेहद खफा हैं। वे कहते हैं कि ठेके पर काम करने वाली कंपनियों के काम को देख कर लगता है जैसे उन पर किसी का दबाव ही नहीं है। जनप्रतिनिधि भी कंपनियों के काम-काज पर नजर रखने के लिए दौरे पर दौरे करते हैं लेकिन कहीं कोई बदलाव सा ही नजर नहीं आता है। मानसून की आहट मिलते ही लोगों का गुस्सा तालाब की बदहाली को देख कर बढ़ रहा है। 

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प्रशासन ने इसके चलते एक जांच समिति गठित की लेकिन समय बीत जाने के बाद भी उसकी रपट की कोई खबर नहीं है।  कोविड के समय नजर नहीं आने के लिए चर्चा में बने रहने वाले  जनप्रतिनिधि भी अब स्मार्ट सिटी के काम-काज पर घड़ी-घड़ी नाराजगी जताते दिखने लगे हैं। कहने वालों का क्या है वे तो कुछ भी कहने लगते हैं। अब अगर वो यह भी कहने लगें तो कोई आश्चर्य नहीं कि स्मार्ट सिटी के काम में लगीं कंपनियों के तार ऊपर से जुड़ें हैं इसलिए संत्री-मंत्री भी सिवाय कोरी बयान बाजी के कुछ ठोस कार्रवाई कर नहीं पा रहे है।