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 मप्र में सागौन की लकड़ी की चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है
 जंगलों से सागौन के पेड़ों की संगठित कटाई करने के लिए कुख्यात आरोपी वन विभाग के हत्थे चढ़ गया है। उसने शुरूआती पूंछतांछ में बताया की बैतूल के जंगलों से काटा गया सागौन बुंदेलखंड में खपाया गया है 

अधिकृत जानकारी के मुताबिक उत्तर बैतूल वनमंडल में खारी बीट क्षेत्र में हुई संगठित अवैध सागौन कटाई के प्रकरण में गिरफ्तार कुख्यात वन अपराधी राजू वाडिवा सहित अन्य 16 अभियुक्तों से पूछताछ एवं उनकी निशानदेही के आधार पर यह जानकारी प्राप्त हुई कि अवैध सागौन काष्ठ की आपूर्ति सागर जिले में की गई है।


प्राप्त सूचना के आधार पर प्रशिक्षु भारतीय वन सेवा अधिकारी श्री विनोद जाखड़, प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी, उत्तर बैतूल के नेतृत्व में एक विशेष टीम सागर भेजी गई। टीम द्वारा वनमंडलाधिकारी, दक्षिण सागर श्री चन्द्रशेखर सिंह से संपर्क कर विस्तृत जानकारी साझा की गई। उनके मार्गदर्शन में उत्तर बैतूल, उत्तर सागर एवं दक्षिण सागर वनमंडलों की संयुक्त जांच टीम गठित की गई।

संयुक्त टीम द्वारा मोतीनगर चौराहा स्थित कुंजबिहारी मिश्रा सॉ मिल एवं श्रीकृष्ण सॉ मिल में रखे सागौन काष्ठ की दस्तावेजीय एवं भौतिक जांच की गई। मिल मालिकों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों का मिलान करने पर लगभग 70 घन मीटर अवैध सागौन चिरान एवं अर्धनिर्मित फर्नीचर संग्रहित पाया गया, जो भारी अनियमितता को दर्शाता है।

मुख्य वन संरक्षक, सागर वृत्त श्री रिपुदमन सिंह भदौरिया के निर्देशन में दोनों सॉ मिलों को विधिवत सील कर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। कार्रवाई के दौरान कुंजबिहारी मिश्रा सॉ मिल के प्रबंधक जगदीश श्रीवास्तव को मौके से गिरफ़्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।

उक्त प्रकरण में सॉ मिल स्वामी अमित मिश्रा विगत तीन दिनों से फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी हेतु सघन प्रयास किए जा रहे हैं।

संयुक्त दल द्वारा सोमवार एवं मंगलवार को भी जब्ती एवं दस्तावेजीकरण की कार्यवाही निरंतर जारी रही। इस कार्रवाई में श्री शैलेश माचरा, उपवनमंडलाधिकारी उत्तर सागर (प्रशिक्षु भा.व.से.), श्रीमती विनीता जाटव, उपवनमंडलाधिकारी दक्षिण सागर, श्री रवि सिंह, वन परिक्षेत्र अधिकारी सागर तथा श्री शुभम जैन, वन परिक्षेत्र अधिकारी उत्तर सागर की प्रमुख भूमिका रही।

साथ ही, उत्तर सागर एवं सागर परिक्षेत्र के फील्ड स्टाफ — वन रक्षक, वनपाल, उपवनक्षेत्रपाल एवं अन्य सहयोगी अमले द्वारा स्थल निरीक्षण, काष्ठ की गणना, जब्ती प्रक्रिया एवं अभिलेखीकरण में अत्यंत सराहनीय योगदान दिया गया, जिसने इस कार्यवाही को सफल बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई।

यह संयुक्त कार्रवाई संगठित वन अपराधों पर एक सशक्त प्रहार है तथा वन संसाधनों की रक्षा की दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध हुई है। प्रकरण से संबंधित विस्तृत जांच एवं विधिक कार्यवाही प्रगति पर है।
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