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Sagar Watch News

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डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के भूगोल विभाग द्वारा अभिमंच सभागार में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में अध्ययनरत समस्त छात्राओं के लिए बढ़ते (Growing), सीखते (Learning) & सपने साकार करते  (Achieving Dreams) "GLAD" कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। 

इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय के समस्त संकायों एवं विभागों में अध्ययनरत छात्राओं को उनके जीवन के सपनों को साकार करने एवं लक्ष्य प्राप्ति में सहायता प्रदान करना, उन्हें तनाव मुक्ति, प्रसन्नता एवं मुस्कान के साथ अध्ययन करने, रोजगारोन्मुखी क्षमता विकास एवं व्यवहारिक संचार कौशल जैसे आयामों में सहयोग प्रदान करना है।

ग्लैड कार्यक्रम के सूत्रधार और भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार भारद्वाज ने इस पहल की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य छात्राओं को उनकी क्षमताओं को पहचानने में सहायता करना और उन्हें अपने जीवन के लिए सर्वोत्तम लक्ष्य चुनने के लिए प्रेरित करना है। 

इसके तहत, उनके अंदर मौजूद अनावश्यक डर को दूर कर आत्मविश्वास बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह कार्यक्रम छात्राओं को एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहां वे खुलकर अपने विचार व्यक्त कर सकें, नई चीजें सीख सकें और अपने व्यक्तिगत और पेशेवर विकास की दिशा में आगे बढ़ सकें।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज में बेटियों को भी अपने सपने जीने का उतना ही अधिकार है, जितना किसी और को। हालांकि, कई बार सामाजिक कारणों से उनके सपने सीमित रह जाते हैं। इसलिए, इस कार्यक्रम के माध्यम से उनके सपनों को जागरूक करने और उन्हें अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

ग्लैड कार्यक्रम की प्रगति और गतिविधियां:
कार्यक्रम समन्वयक और भूगोल विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. दीपिका वशिष्ठ ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए 650 से अधिक छात्राओं ने निःशुल्क पंजीकरण कराया है। साथ ही, इसमें आयोजित सभी आयोजन भी निःशुल्क होंगे, जिससे हर छात्रा को इसमें भाग लेने का अवसर मिल सके।

कार्यक्रम की दूसरी समन्वयक, भूगोल विभाग की सहायक प्रोफेसर शिवानी मीना ने बताया कि इसमें कई प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जैसे:मेरी दिशा, आरोग्य ध्यानम, जिंदगी तू बता, जरा हटके, प्रेरणा, कॅरियर ग्लोरी, चमकते सितारे, जीरो टू हीरो, सृजनात्मकता, सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल जागरूकता, महिला अधिकार, रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस।

  • मेरी दिशा (गोल्डन ड्रीम्स): छात्राओं को अपने लक्ष्यों को समझने और तय करने में मदद करने के लिए
  • आरोग्य ध्यानम: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने के लिए
  • जिंदगी तू बता: जीवन की वास्तविकताओं और कठिनाइयों को समझाने के लिए
  • प्रेरणा: प्रेरणादायक कहानियों और व्यक्तित्वों से सीखने का अवसर
  • करियर ग्लोरी: करियर से जुड़ी जानकारी और मार्गदर्शन
  • डिजिटल अवेयरनेस: डिजिटल तकनीकों और सुरक्षित इंटरनेट उपयोग की जानकारी
  • वीमेन राइट्स: महिलाओं के अधिकारों और उनके संरक्षण से जुड़ी जागरूकता
  • रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस: आधुनिक तकनीक से जुड़ी जानकारी और कार्यशालाएं  (Sagar Watch Explainer)

इसके अलावा, इस कार्यक्रम में मोटिवेशनल सेशंस, करियर गाइडेंस और संवाद कौशल विकसित करने के लिए विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। कुल मिलाकर, ग्लैड कार्यक्रम छात्राओं को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करेगा।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रो. अर्चना पांडे ने छात्राओं को संबोधित करते हुए शिक्षा को सफलता की कुंजी बताया और आत्मविश्वास व मेहनत से आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने महिला शिक्षा और नेतृत्व को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कुलपति को इस पहल के लिए बधाई देते हुए छात्राओं से अपने सपनों को साकार करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम की दूसरी विशिष्ट अतिथि सागर कैंट की कार्यपालन अधिकारी मनीषा जाट ने विद्यार्थियों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने की सलाह दी। उन्होंने आत्म-विकास, सीखने और आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने पर जोर दिया। 

उन्होंने कहा कि कई विद्यार्थी अपनी क्षमताओं को पहचाने बिना ही हार मान लेते हैं और आर्थिक स्थिति, ग्रामीण-शहरी अंतर या अंग्रेजी भाषा की कमी से डरते हैं। यह सब केवल भ्रम हैं, जिन्हें तोड़कर आगे बढ़ना जरूरी है। उन्होंने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए भरोसा दिलाया कि वे भविष्य में भी छात्राओं के साथ खड़ी रहेंगी।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने ग्लैड  कार्यक्रम का उद्घाटन किया और इसे विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। 

उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल शैक्षणिक सशक्तिकरण बल्कि आत्मविश्वास, संचार कौशल और नेतृत्व क्षमता के विकास में भी सहायक होगी। उन्होंने छात्राओं से झिझक और आत्म-संदेह से मुक्त होकर अपने सपनों को साकार करने का आह्वान किया। 

उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि छात्राओं को अपने परिवार के सहयोग से निर्भय होकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने इस कार्यक्रम की टीम की सराहना करते हुए इसे सामाजिक विकास की दिशा में एक अनूठी पहल बताया।

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कार्यक्रम के अंत में कुलपति तथा सभी अतिथियों एवं उपस्थित छात्राओं ने मिलकर मुस्कान का प्रतीक  रंग-बिरंगे ‘‘खुशियों के गुब्बारे ’’ आकाश में उडाकर छात्राओं के सुनहरे सपनों और सफलता की उम्मीदों का संदेश दिया। 

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