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Sagar Watch News

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 समाज के मांगलिक कार्यों में किन्नरों को बुलाया तो जाता है लेकिन उसके बाद उनके उपेक्षा की जाती है। यह विचार विपरीतलिंगी संजना सिंह ने डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के शिक्षा विभाग तत्त्वावधान में विवि के अभिमंच सभागार में आयोजित भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के नई चेतना 3.0 कार्यक्रम के तहत जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध जागरूकता अभियान के  समापन कार्यक्रम विशिष्ट अतिथि के तौर पर अपने उद्बोधन के दौरान व्यक्त किये।

इसी सिलसिले ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए संजना सिंह ने बताया कि लिंग निर्धारण प्रकृति के हाथ में हैं। उसमें किसी भी व्यक्ति गलती नहीं होती और न ही कोई चाहकर उसे बदल सकता है।  उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर होने के कारण उन्हें खुद भी बचपन से ही परिवार, समाज और पढ़ाई के दौरान अध्यापकों और सहपाठियों से  कई प्रकार से भेदभाव सहन करना पड़ा

लेकिन सभी संघर्षों का उन्होंने डटकर सामना किया। जिसके चलते  समाज में उन्हें समानजनक स्थान मिला है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2016 में  स्वच्छता ब्रांड अम्बेसडर बनाई गयीं और  वर्तमान में वे चुनाव आयोग की आइकॉन हैं।

कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में सागर विश्विद्यालय की कुलगुरु प्रो नीलिमा गुप्ता ने कहा कि "लिंग  आधारित हिंसा के विरुद्ध बहुत से कानून हैं लेकिन उसके बारे में जागरूकता की कमी है। जिससे अक्सर  क़ानून का सही ढंग से उपयोग भी नहीं हो पाता  है।" 

विशिष्ट अतिथि खुशबू दांगी (न्यायाधीश सागर) ने घरेलू हिंसा, पास्को एक्ट कार्य स्थलों पर होने वाले शोषण, दहेज़ से संबंधित कानूनों सहित कई कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दी।  

मुख्य अतिथि शिवनारायण खरे ने अपने वक्तव्य में  भारत सरकार की योजना नयी चेतना के तहत  बनाए गए केन्द्रों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सहायता योजना में हिंसा   ग्रस्त महिलाओं की हर प्रकार से सहायता प्रदान की जाती है

इसमें चिकित्सा, विधि और पुलिस आदि की सहायता सम्मिलित है। इसके अलावा उन्होंने विपरीत-लिंगी (Transgenders) व्यक्ति अधिकार सरंक्षण अधिनियम 2019 और उन के लिए स्थापित होने वाले गरिमा ग्रह के बारे में भी जानकारी दी।  

विद्यार्थियों ने लगाईं क्राफ्ट प्रदर्शनी 

शिक्षा शास्त्र विभाग के विद्यार्थियों ने अनुपयोगी वस्तुओं से बनी क्राफ्ट प्रदर्शनी लगाई।  प्रदर्शित वस्तुओं में घरेलू उपयोग एवं घरेलू साज-सज्जा की सामग्री थी जिसका अतिथियों ने अवलोकन किया।  क्राफ्ट आर्ट शिक्षा शास्त्र विभाग के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। 

इस कार्यक्रम के तहत पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें प्रथम पुरस्कार निकिता विश्वकर्मा, द्वितीय पुरस्कार जतिन जाटव और तृतीय पुरस्कार अनीशा सिंह को प्राप्त हुआ।  संचालन डॉ अपर्णा श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन डॉ नवीन सिंह ने किया. कार्यक्रम में विवि के  प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी गण मौजूद रहे।

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