Articles by "clean India"
clean India लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

Cleanliness Drive 2022-  स्वच्छता सर्वेक्षण में  उच्च वरीयता पाने सागर नगर निगम ने कमर कसी

सागर वॉच/04 जनवरी 2022/
 स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के को ऊंची वरीयता दिलाने की दिशा में  नगर निगम की  तैयारियां तेज होती दिख रहीं हैं प्रतिदिन सुबह वार्डो का भ्रमण कर की जा रहा है और संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी को लगातार आवश्यक निर्देश दिये जा रहे हैं।

इसी क्रम में नगर निगम आयुक्त आर पी अहिरवार ने विभिन्न वार्डो की सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने प्रातः नरयावली नाका मुक्तिधाम में पहुॅचकर वहाॅ पिछले साल मियां बाकी पद्वति से बनाये गये उद्यान में पौधों की संख्या में और बढ़ोत्तरी करने और श्मशान घाट में रखी  गीले कचरे से 12 घंटें में खाद बनाने वाली मशीन व गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन को प्रारंभ करने को भी कहा है।

मुक्तिधाम में बने शौचालय का भी उन्होने निरीक्षण कर मुक्तिधाम में बने नापेड पिट में गीला कचरा डालकर खाद बनाने की प्रक्रिया भी प्रांरभ करने को कहा है ताकि मुक्तिधाम में लगे पौधों को यहीं से खाद प्राप्त हो सके। 

मुक्तिधाम परिसर में स्थित छोटे बच्चों की मुक्तिधाम पाठशाला का भी उन्होने निरीक्षण किया और बच्चों के बीच कुछ समय बिताया। इस मौके पर उन्होंने बच्चों  को स्वच्छता का महत्व समझाते हुए  करोना वायरस के संक्रमण से बचने चेहरे पर मास्क लगाने, हाथ धोते रहने और इन उपायों से अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी बताने के लिए  कहा। 

इस दौरान निगमायुक्त ने मुक्तिधाम के आसपास दुकानदारों को नसीहत दी कि वह अपनी दुकानों में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग एकत्रित करने हेतु दो कचरे के डिब्बे को  रख्ने एवं अमानक पाॅलीथीन के स्थान पर सामान देने हेतु कपडे से बने थैलों का उपयोग करें अन्यथा उनके विरूद्व आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। 

Unsung-Heroes-स्वच्छता-का-हो-ऐसा-जूनून-तो-कैसे-नहीं-बनेगा-देश-कचरा-विहीन
















Read In English I Hindi

सागर वॉच ।(विशेष रपट ) मधुर तिवारी I दिल में कुछ करने का जुनून हो तो फिर पद, कद, उम्र, तजुर्बा, 
छोटा-बड़ा कुछ भी मायने नहीं रखता। यह साबित कर रहा है एक 17 वर्षीय किशोर और उसका संकल्प। दरअसल हम बात कर रहे हैं शहर से लगे भैंसा निवासी आफताब बहना की। हाल ही में सदर स्थित एक सरकारी स्कूल से 11वीं की परीक्षा पास कर 12वीं में पहुंचे आफ़ताब ने देश को स्वच्छ बनाने का संकल्प ले लिया है। उसे जहां भी गंदगी (डिस्पोजल, पन्नी, प्लास्टिक का कचरा आदि) नजर आती है वह अपना काम छोड़ उसे साफ करने में जुट जाता है।

                    यह भी पढ़ें : कामकाज में कसावट लाने कोरोना नियंत्रण केंद्र पहुंचे कलेक्टर

ऐसा ही नजारा सोमवार दोपहर पुराने कलेक्टर कार्यालय में नजर आया। जहां बिना किसी से कुछ कहे यह किशोर कचरा चुन -चुन  कर कचरे के डब्बे में   में डाल रहा था । आसपास खड़े लोगों ने जब उसे बुलाकर कुछ रुपए देने चाहे तो उसने मदद लेने से इनकार कर दिया और सभी को साफ-सफाई रखने और गंदगी न फैलाने की अपील की। गंदे से कपड़े पहने, कचरा बीन रहे युवक की बात सुन सभी स्तब्ध रह गए और उसके काम की सराहना की।

- अफसर बनने की है चाह ..

आफताब का कहना था कि वह पढ़ाई कर एक अफसर बनना चाहता है। उसने बताया कि उसके मरहूम पिता की दिली तमन्ना थी कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर अफसर बने । आफताब ने बताया कि यही कारण है कि वह और उसके भाई मेहनत-मजदूरी करने के बाद भी मन लगाकर पढ़ाई में जुट जाते हैं। आफ़ताब की इसी मेहनत का परिणाम है कि उसने दसवीं की परीक्षा 77 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण की थी, अब 12वीं में उससे भी ज्यादा अंक लाकर अव्वल आना चाहता है। 

            यह भी पढ़ें : गंभीर-बीमारियों-के-रोगियों-को-लग-सकता-है-लंबा-समय-कोरोना-से-ठीक-होने-में

- प्रशासन दे ध्यान

आफताब ने बताया कि पिता की मौत के बाद वह और उसके भाई मेहनत-मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। परिवार का राशन कार्ड भी नहीं और उसे बनवाने के लिए वह महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। सोमवार को भी वह अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए एसडीएम कार्यालय आया था और वहां आसपास कचरा देख उसे साफ करने में जुट गया।