Articles by "Press Meet"
Press Meet लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

 Press Meet- अव्यवस्थित काम से गड्ढों के शहर में तब्दील हुआ सागर -रघु ठाकुर

सागर वॉच। लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने कहा कि सागर शहर में विकास के नाम पर अव्यवस्थित ढंग से काम हुआ है बिना तारतम्य के विकास ने समूचे शहर को गड्ढे का शहर बना दिया है. 

 श्री ठाकुर आज अपने निवास पर पत्रकारों से औपचारिक चर्चा में मंहगाई के मुद्दे पर उन्होने कहा कि देश में बढ़ती हुई मंहगाई आम आदमियों के लिए मारक हो गई है. देश और प्रदेश की सरकारें केवल पेट्रोलियम पदार्थों और घरेलू गैस सिलेंडर के ऊपर टैक्स लगाकर ही चल रही हैं. भारत सरकार ने स्वीकार किया है कि जीएसटी से ढाई लाख करोड़ तो पेट्रोलियम पदार्थो से 5 लाख करोड़ रूपए की आय हुई है. 


उन्होने कहा कि यूरोप और अमेरिका सहित कई अन्य ऐसे देश हैं जहाँ पर पेट्रोलियम पदार्थों पर सरकारें टैक्स नहीं वसूलती हैं. लोहिया की दाम बांधों नीति लागू होना चाहिए. लोसपा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पेट्रोलियम पदार्थो और घरेलू गैस के दामों पर से सम्पूर्ण कर समाप्त किया जाए.

उन्होंने कहा कि चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की बजाय डंडे सरकार दे रही है। सीएम शिवराज सिंह  पहले वादा कर चुके है इनकी भर्ती को लेकर। प्रदेश के चयनित शिक्षकों महिलाओं पर लाठीचार्ज कराने वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की जनता से माफी मांगे उन्हें मामा कहलाने का कोई अधिकार नहीं  है।  उनको नियुक्ति देना चाहिए। 


देश की संसद ने नूर कुश्ती का अड्डा बनी 

समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि अफगानिस्तान में छह माह से हालात बिगड़ रहे थे। लेकिन संसद में गंभीरता से चर्चा नहीं  हुई। जबकि सामरिक, आर्थिक और वैश्विक दृष्टि से अहम है। हमारे देश की सीमा से जुड़ा मामला है। दूसरी चूक ड्रोन आतंकवाद को लेकर है। इसके लिए  तकनीकी विकास की जरूरत है। इनको लेकर सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों ने निराश किया है। उन्होंने संसद को नूरा कुश्ती का अड्डा बना दिया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ी वही डिजिटल और मशीनरी कामो को बढ़ावा देने की नीति से  आर्थिक हालात बिगड़े है। सरकार को इनको बन्द करना चाहिए । 
उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे हुई मौतों का परिजनों को मुआवजा सरकारों को देना चाहिए। सुप्रीमकोर्ट ने भी इसके निःर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही मुआवजा की राशि तय करे और मौतों के आंकड़ो की प्रक्रिया अपने हाथों में ले। 

Press-Meet-विपक्ष-के-सवालों-से-डर-कर-भाजपा-ने-समय-से-पहले-किया-सत्र-ख़त्म

सागर वॉच।
प्रदेश में भाजपा की सरकार ने
 अगस्त 2021 में मानसून सत्र सिर्फ चार दिन के लिए बुलाया। शिवराज सरकार को पता था कि कमलनाथ जी के नेृतृत्व में कांग्रेस पार्टी जनता के मुद्दों को पूरी ताकत से उठाएगी और सरकार को निरुत्तर कर देगी। श्री कमलनाथ जी के सामने सरकार टिक नहीं सकती थी, इसलिए जानबूझकर सिर्फ 4 दिन का सत्र बुलाया और उसे भी 3 घंटे में खत्म कर दिया।

कांग्रेस पार्टी की संभागस्तर पर आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व विधायक हर्ष यादव,प्रदेश मीडिया प्रवक्ता संदीप सबलोक, अरुणोदय चौबे ने बताया कि उनकी पार्टी मंहगाई, बाढ़ की तबाही,कोरोना और जहरीली शराब के पीने से हुईं मौतों, पेगासस जासूसी जैसे तमाम मुद्दों पर सर्कार को विधानसभा  में घेरने वाली थी। चूंकि सरकार के पास इनके उत्तर नहीं हैं इसलिए उन्होंने इन विषयों को कार्यसूची में शामिल ही नहीं किया और एक ही दिन में सारे कार्य कार्य सूची में लिखकर विधानसभा समाप्त कर दी 


कांग्रेस पार्टी प्रदेश में आदिवासी समाज पर बढ़ रहे अत्याचार और अत्याचारियों को मिल रहे राजनैतिक संरक्षण का मुद्दा उठाना चाहती थी। लेकिन यह मुद्दे न उठ सकें इसलिए सरकार ने आदिवासी समाज का अपमान किया। 9 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर कमलनाथ सरकार द्वारा घोषित अवकाश को रद्द कर आदिवासी समाज का अपमान किया। 


ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी करने का मुद्दा:-

कमलनाथ ने सरकार बनते ही सबसे पहले प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया। इससे घबराकर भाजपा ने षड़यंत्र कर कमलनाथ सरकार गिरा दी ताकि ओबीसी के साथ न्याय न हो सके। भाजपा के प्रवक्ता जान-बूझकर यह भ्रम फैला रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक आरक्षण की कुल सीमा 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती।


पेट्रोल डीजल:-

मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर सबसे ज्यादा वैट मध्य प्रदेश की सरकार लगा रही है। प्रदेश में डीजल 100 रुपये के पार और पेट्रोल 112 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 132 डाॅलर प्रति बैरल के पार थी तब भी कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने तेल की कीमत 68 रुपये के करीब ही रखी। अब जब पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल जीरो, शून्य डाॅलर प्रति बैरल से भी नीचे पहुंच गया था, तब भी मोदी सरकार ने जनता से लूट जारी रखी। 

गैस सिलेंडर:-
केंद्र सरकार द्वारा शौचालय से लेकर सचिवालय तक उज्ज्वला योजना में गरीबों को सिलेंडर देने का विज्ञापन तो किया जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि मोदी सरकार ने जनता को बिना बताए गैस सिलेंडर पर सब्सिडी खत्म कर सिलेंडर की कीमत ढ़ाई गुना अधिक बढ़ा दी। जो सिलेंडर मनमोहन सिंह की सरकार में 400 रुपये का आता था, वही सिलेंडर मोदी सरकार में 850 रुपये का आ रहा है। 


खाने का तेल और दालें:-

प्रदेश के इतिहास में लोगों ने पहली बार सरसों और रिफाइंड तेल 200 रुपये प्रति लीटर खरीदा। दालों की कीमत 100 रुपये किलो के ऊपर चली गई। यह सरकार लोगों को भूखों मारने पर उतारू है।

बेरोजगारी:-

केंद्र में मोदी और राज्य में शिवराज सरकारों ने नौजवानों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में भाजपा ने हर साल 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद से शिवराज सरकार नौकरी देना तो दूर पहले से चयनित अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति नहीं दे रही है। जब ये चयनित लोग अपनी नौकरी मांगते हैं तो उन्हें पुलिस की लाठियां मिलती हैं। मध्य प्रदेश सरकार के रोजगार पोर्टल पर 33 लाख से ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार हैं। सरकार न तो इन्हें सरकारी नौकरी दे रही है और न ही निजी क्षेत्र में नौकरी का प्रबंधन कर रही है।
कोरोना से हुई मौतें:-

मप्र सरकार ने कोरोना से हुई भयावह मौतों के आंकड़े को छिपाने के लिए तरह-तरह के आदेश निकाले। मृत्यु प्रमाण पत्रों में मृत्य के कारण की जानकारी न देने हेतु निर्देश दिये गये। आंकड़ों में हेरफेर स्वयं सरकार ने स्वीकार की। मप्र में 12 महीनों में सामान्यतः 2017 से 3 लाख 50 हजार औसत मौतें एक वर्ष में होती हैं, किंतु वर्ष 2020 में 5 लाख 18 हजार और वर्ष 2021 के (जनवरी-मई) पांच महीनांे में 3 लाख 28 हजार 963 मौतें पंजीकृत हुई हैं। यह सामान्य मौंतों से 54 प्रतिशत अधिक मौतें हैं। 


इसे यदि सांख्यिकी  के प्रयायीकता के सिद्धांत से गणना की जाये तो लगभग 1 लाख 13 हजार मौतें कोरोना से हुई प्रतीत होती हैं। जबकि मौतों की संख्या में सुधार करने के बाद भी सरकार लगभग 10 हजार मौतें ही बता रही है। यह कोरोना से मृत निर्दोष लोगों के प्रति अन्याय हैं। वे चिकित्सा, दवा, आक्सीजन, बिस्तरों की कमी के शिकार हुये हैं। जो उत्तरदायित्व सरकार की जिम्मेदारी होती है। सरकार योजनाओं  का लाभ देने से बचना चाहती है। इसलिए मौतों को स्वीकार करने से भाग रहे है।  


महिला उत्पीड़न:-

ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन मध्य प्रदेश में हमारी बहन-बेटियों पर जुल्म नहीं होता हो। शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश में महिला उत्पीड़न के मामले चरम पर हैं। कहीं किसी लड़की का शोषण करने के बाद उसका शव जमीन में 10 फुट नीचे गाड़ दिया जाता है। बलात्कार के ऐसे जघन्य मामले सामने आ रहे हैं, जिनके बारे में सुनकर ही शर्म से माथा झुक जाता है।

मप्र में वर्ष 2021 में केवल तीन माह में 2600 से अधिक बलात्कार की घटनाएं दर्ज हुई हैं और मप्र बलात्कार के मामलों में फिर देश में नं. वन हो गया है। मप्र में फांसी का कानून बनाने वाली सरकार बताये कि इस कानून के बाद भी सरकार बलात्कार क्यों नहीं रोक पा रही है।

Press-Conference-अंधों-गूंगों-की-सरकार-ने-तालाब-के-बीच-से-बिछा-दी-सीवर-लाइन-कांग्रेस

सागर वॉच।
 
भ्रष्ट प्रशासन ने तालाब के बीचों बीच सीवेज लाइन बिछाकर प्रशासन ने यह सिद्ध कर दिया है कि यह सरकार अंधे और गूंगों की है। सैकड़ों करोड़ खर्च करने के बाद भी तालाब की डी सिल्टिंग ज्यों का त्यों है प्रशासन केवल पानी ही खाली कर पाया है। सागर की लाख बंजारा झील के जीर्णोद्धार के लिए चल रहे कामों  कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने  दुख व्यक्त करते हुये इसे भीषण भ्रष्टाचार का नमूना बताया। 

Also Read: समीक्षाओं में प्रगति की मीनारें तन रहीं हैं हकीकत में बदहाल है शहर

गुप्ता ने रविवार को मीडिया से अनौपचारिक चर्चा में बताया कि   पूरी दुनिया में जल संरचनाओं से सीवेज लाइन को काटा जाता है किंतु सागर में इसे तालाब से ही गुजार दिया गया है। एनजीटी एवं उच्च न्यायालय के आदेशों की खुली अवहेलना हो रही है निर्णयों की विद्रूपता पर पर्दा डालने के लिए बनाई गई कमेटियों की कोई भी रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर लाखा बंजारा की ऐतिहासिक विरासत को बर्बाद कर दिया है।

 भूपेंद्र गुप्ता ने पूरे प्रदेश में ईमानदार बिजली उपभोक्ताओं की लूट का विषय उठाते हुए कहा कि बड़े हुए फर्जी बिलों के कारण ईमानदार उपभोक्ता का जीना मुश्किल हो गया है उन्होंने कहा सागर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यहां तो स्वयं भाजपा के स्थानीय विधायक ने इस लूट को पकड़ा है और बताया है कि 308027 यूनिट के बिल जिन उपभोक्ताओं को दिए गए थे,वे सुधारने के बाद 222666 यूनिट के ही रह गए। 17 लाख 70 हजार की ज्यादा वसूली उपभोक्ताओं से की जा रही थी। 


यह तो मामला खुद भाजपा के विधायक ने पकड़ा है लेकिन यह लूट पूरे प्रदेश में जारी है सरकार ने जानबूझकर शासकीय विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद कर रखी हैं और निजी क्षेत्र की कंपनियों से अनाप-शनाप कीमत पर बिजली खरीदी जा रही है। सिंगाजी की तीसरी यूनिट तो चंद दिन भी नहीं चली परफारमेंस गारंटी टेस्ट भी नहीं दे सकी और आज 360 दिन हो गए हैं उसके बावजूद उसे फिर से नहीं चलाया जा सका है ।

अकेले सिंगाजी में लगभग दो हजार करोड़ का नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई ईमानदार उपभोक्ताओं से की जा रही है और आज की परिस्थिति में सिंगाजी की चौथी इकाई भी बंद हो गई है। मध्य प्रदेश के ईमानदार उपभोक्ता को यह पता होना चाहिए कि बिजली कंपनियां 2000 मेगावाट से अधिक सस्ती बिजली सरेंडर कर रही हैं और चार गुनी कीमत पर मंहगी बिजली खरीदी जा रही है और इसकी कीमत ईमानदार उपभोक्ता दे रहा है। समय रहते अगर उपभोक्ता खड़ा नहीं हुआ तो उसकी जेब से हजारों करोड़ निकाल लिए जाएंगे।