सागर वॉच। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की सेंटल जोन बेंच ने सागर स्थित ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील के अंदर सीवर लाइन डालने पर रोक तथा झील के अंदर समस्त निर्माण कार्य पर स्थायी रोक लगाने के मांग करने वाली याचिका के मामले में सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए दो सदस्यीय समिति का गठन करने के लिए कहा है जो छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय हरित अधिकरण में प्रस्तुत करेगा।
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अधिवक्ता निकिता दिलौरी ने बताया की उनके द्वारा डॉक्टर धरणेन्द्र जैन की ओर से प्रस्तुत याचिका पर माननीय हरित अधिकरण की भोपाल खंडपीठ द्वारा नगर निगम कमिश्नर सागर तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 6 सप्ताह के अंतर्गत लाखा बंजारा तालाब के अंदर डाली जा रही सीवर लाइन के विषय में रिपोर्ट तलब की गई है। साथ ही माननीय अधिकरण द्वारा समस्त प्रतिवदीगणो को नोटिस जारी किया गया है तथा उनसे जवाब भी मांगा गया है। प्रकरण में अगली तारीख 17 सितंबर 2021 नियत की गई है।
खंडपीठ में मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो सदस्यीय समिति बनाने के निर्देश दिए हैं जिसमें आयुक्त नगर निगम सागर और मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। जांच के लिए नोडल एजेंसी एमपीपीसीसी होगी।
डॉ धरणेन्द्र जैन ने बताया है कि माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण में एक याचिका सागर स्थित लाखा बंजारा झील में जो सीवर लाइन डाली जा रही है तथा अन्य निर्माण कार्य चल रहे है उस पर स्थायी रोक हेतु प्रस्तुत की है। भारी राशि खर्च होने के बाद भी झील का पानी प्रदूषित होगा क्योंकि सीवर लाइन तालाब के अंदर से डाली जा रही है और चैम्बर भी अंदर बनाये गये है।
जैन के मुताबिक सीवर लाइन पर ही कही कही नाला ट्रैपिंग के लिए बिछाई जा रही भारी पाइप लाइन भी डाल दी गयी है जिस कारण यह कभी भी टूटकर लीक हो सकती है और झील को प्रदूषित कर सकती है इसके अलावा झील के किनारे से नाला ट्रैपिंग लाइन डाली गयी है जिससे झील का क्षेत्रफल भी कम हो जाएगा।
प्रस्तुत याचिका पर आज अनावेदक गणों को नोटिस जारी हुए है और एक दो सदस्यीय समिति भी गठित करने के निर्देश भी जारी हुए है।