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इकनोमिक टाइम्स ने अपने ताज़ा खबर में एशिया में खासकर जापान और भारत को महा-भूकंप के खतरे से आगाह किया है ।खबर में विस्तार से बताया गया है कि किस वजह से इन इलाकों में मयांमार जैसे भूकंप की दस्तक की आशंकाएं जताएं जा रहीं है। उसी खबर का संक्षिप्त ब्यौरा हिंदी में आप यहाँ पढ़ सकते हैं । विस्तार से खबर पड़ने के लिये नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक करें । Mega-Quack
इस भूकंप से जापान को लगभग 1.81 ट्रिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान, विशाल सुनामी, सैकड़ों इमारतों का ढहना और 300,000 लोगों की संभावित मौत का खतरा है।
कैबिनेट कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी संभावना 80% है और सबसे खराब स्थिति में 1.23 मिलियन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ सकता है, खासकर अगर यह सर्दियों की रात में आता है।
2023 में इसी क्षेत्र में 7.1 तीव्रता का भूकंप आने के बाद जापान ने महाभूकंप को लेकर चेतावनी जारी की थी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह चेतावनी भारत के लिए भी गंभीर संकेत है, क्योंकि हिमालय क्षेत्र भी इसी प्रकार के विनाशकारी भूकंप की चपेट में आ सकता है।
जापान की तरह भारत भी भूकंप के गंभीर जोखिम में है, विशेषकर हिमालय क्षेत्र। यह इलाका एक बड़े और विनाशकारी भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। भू-भौतिकीविद् के मत अनुसार, हिमालय ऐसा एकमात्र स्थल है जहाँ 8 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आना निश्चित है, केवल समय का इंतज़ार है।
भारत की टेक्टोनिक प्लेट धीरे-धीरे तिब्बत के नीचे खिसक रही है, लेकिन घर्षण के कारण यह प्रक्रिया रुक जाती है, और जब यह अचानक छूटती है, तो बड़ा भूकंप आता है।
ऐसे भूकंप चंडीगढ़, देहरादून और दिल्ली जैसे बड़े शहरों को प्रभावित कर सकते हैं। भारी आबादी के कारण खतरा और अधिक बढ़ जाता है। एक अध्ययन (2020) में कहा गया है कि पूरा हिमालयी क्षेत्र बड़े भूकंपों की श्रृंखला के लिए तैयार है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि हमारे जीवनकाल में ऐसा भूकंप आए, तो यह आश्चर्यजनक नहीं होगा, लेकिन इसका समय निश्चित नहीं किया जा सकता।
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