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Sagar Watch News/ जलवायु परिवर्तन (Climate Change) आज की सबसे बड़ी समस्या है, जो ग्रीन हाउस प्रभाव (Greenhouse Effect) और ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) के कारण बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals - SDGs) को प्राप्त करने का प्रयास कर रही है, जिससे शांति, समृद्धि और मानवता का कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।
- ग्रीन हाउस प्रभाव: जब वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₄) जैसी गैसें बढ़ जाती हैं, तो वे सूर्य से आने वाली गर्मी को धरती पर रोक लेती हैं, जिससे तापमान बढ़ता है।
- ग्लोबल वार्मिंग: पृथ्वी के औसत तापमान में लगातार वृद्धि, जिससे जलवायु परिवर्तन की गंभीर समस्याएँ पैदा हो रही हैं। (Sagar Watch Explainer)
भारतीय ज्ञान परंपरा और विज्ञान
प्रो. दिनेश शर्मा ने कहा कि भारतीय ग्रंथों में विज्ञान और चिकित्सा से जुड़े कई महत्वपूर्ण सिद्धांत पहले से मौजूद हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इन ग्रंथों पर नए सिरे से शोध किया जाए, ताकि आधुनिक विज्ञान और पारंपरिक ज्ञान को मिलाकर नए समाधान विकसित किए जा सकें।
उन्होंने जोर दिया कि जैव विविधता संरक्षण (Biodiversity Conservation) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से निपटने के लिए नई तकनीकों पर शोध आवश्यक है।
सिस्टम बायोलॉजी और विज्ञान लेखन का महत्त्व
प्रो. मो. आरिफ ने सिस्टम बायोलॉजी (Systems Biology) की महत्ता पर प्रकाश डाला।
सिस्टम बायोलॉजी: यह एक आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण है, जिसमें किसी जैविक प्रणाली (Biological System) को एक इकाई के रूप में देखा जाता है, बजाय इसके कि उसके अलग-अलग हिस्सों का अध्ययन किया जाए।(Sagar Watch Explainer)
उन्होंने कहा कि विज्ञान का मूल उद्देश्य मानव जीवन की बेहतरी है और शोधार्थियों को विज्ञान लेखन (Scientific Writing) और शोध प्रस्तुतीकरण (Scientific Presentation) की बारीकियाँ सीखनी चाहिए, ताकि वे अपने शोध को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर सकें।
विज्ञान का बदलता स्वरूप और नई चुनौतियाँ
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि यह सम्मेलन खास है, क्योंकि इसमें जीव विज्ञान (Biology) के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि विज्ञान अब अंतरानुशासनिक (Interdisciplinary), पार-अनुशासनिक (Transdisciplinary) और बहु-अनुशासनिक (Multidisciplinary) हो चुका है। इसका मतलब है कि आज विज्ञान के अलग-अलग क्षेत्र आपस में मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे शोध और खोज के नए रास्ते खुल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जैव विविधता क्षरण (Biodiversity Loss), पर्यावरण असंतुलन (Environmental Imbalance) और प्रदूषण (Pollution) जैसी चुनौतियाँ पूरी दुनिया के लिए गंभीर समस्या बन चुकी हैं। ऐसे सम्मेलन इन समस्याओं के समाधान खोजने के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने शोध साझेदारी (Research Collaboration) के लिए वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया और जोर दिया कि आवश्यकता आधारित शोध (Need-Based Research) को बढ़ावा देना जरूरी है। उदाहरण के लिए, कोरोना महामारी के दौरान भारत द्वारा वैक्सीन निर्माण और आपूर्ति से दुनिया को भारत की वैज्ञानिक क्षमता का पता चला।
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