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Sagar Watch News/ भगवान शिव के विवाह की प्रत्येक शृंगार मनुष्य को कहीं ना कहीं एक संदेश देते हैं। शिव विवाह का वर्णन करते हुए बापूजी ने कहा भगवान शिव अपने शरीर पर चिता की भस्म लगा कर गए। उन्होंने समाज को संदेश दिया कि हम जिस शरीर को इतना रंग रोगन कर रहे हैं एक दिन यह शरीर भस्म के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। यह विचार कथावाचक चिन्मयानन्द ने खेल परिसर के बगल वाले मैदान में चल रही श्री राम कथा के तीसरे दिन की कथा के दौरान व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने माता सती के झूठ बोलने पर उनका परित्याग किया। पति-पत्नी का रिश्ता दूध और पानी की तरह होता है। लेकिन जब उसमें कपट रूपी खटाई पड़ जाती है तो दूध अलग हो जाता है और पानी अलग हो जाता है। ऐसे ही पति-पत्नी के रिश्ते में कभी कपट नहीं होना चाहिए। बापूजी ने कहा की पति-पत्नी एक दूसरे का सम्मान प्रेम करने के साथ-साथ एक दूसरे से कभी कुछ छुपाये नहीं।
कथा के दौरान राम जन्मोत्सव मनाया गया और भगवान की झांकी आने पर पंडाल में खूब नृत्यगान हुआ और उत्सव मनाया गया।
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