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साल में जब-जब खाद्य सुरक्षा विभाग विशेष जांच अभियान चलाता है। मिलावटी और घटिया खाद्य सामग्री बेचे जाने के बड़े -बड़े मामले उजागर होने लगते हैं। इनको देखकर लगता है कि सिर्फ विशेष जांच अभियानों के भरोसे मिलावटखोरों पर कारगर अंकुश नहीं रखा जा सकता है इसके लिए विभाग को साल भर जांच की नियमित कवायद करते रहना चाहिए पर सवाल यह ही है कि वो ऐसा क्यों नहीं करते ?
Sagar Watch News/ मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत कलेक्टर श्री संदीप जी आर के निर्देशानुसार लगातार कार्रवाई की जा रही है इसी परिपेक्ष में बीना के खुरई रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र में वर्धमान दाल मिल से घुन लगी दाल का स्टॉक मिला है।
यह जांच सागर से आई खाद्य विभाग की टीम और नायब तहसीलदार ने संयुक्त रूप से की है। मिलावट के खिलाफ मुक्ति अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रीति राय और नायब तहसीलदार दुर्गेश तिवारी ने दाल मिल की जांच की। इस दौरान दाल का उत्पादन दो माह से बंद है, लेकिन करीब 50 क्विंटल मटर की दाल स्टॉक में थी।
हिसाब-किताब की जांच करने पर दाल गुणवत्ताहीन मिली, उसमें घुन लगी हुई थी। इस दाल को अधिकारियों ने बिना अनुमति बेचने से मना किया और नमूने जांच के लिए भेजे। अक्टूबर से मिल संचालक ने कोई विक्रय भी नहीं किया है। साथ ही मिल संचालक से खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने पूरे दस्तावेज मांगे हैं। दाल मिल में पशु आहार भी तैयार किया जाता है।
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