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आईआईटी दिल्ली के डोगरा सभागार में "वूमेन लीडर्स: शेपिंग एकेडमिक एक्सीलेंस फॉर विकसित भारत 2047" विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री डॉ. सुकांता मजूमदार, यूजीसी अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।

डॉ. हरीसिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने  "विकसित भारत के लिए उच्च शिक्षा नेतृत्व में महिलाओं के भविष्य की परिकल्पना 2047" (In Visioning the Future of Women in Higher Education Leadership for Developed India 2047) विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि भारत की कार्यबल  में 35-40% महिलाओं की भागीदारी है, जो 2047 तक 45% तक पहुंच सकती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि विकसित भारत के निर्माण में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका होगी।

प्रो. गुप्ता ने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए सरकार की योजनाओं जैसे "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ", "प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना", "सुकन्या समृद्धि योजना", और "मिशन इन्द्रधनुष" का उल्लेख किया। उन्होंने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दिया, खासकर महिला उद्यमिता और रोजगार बढ़ाने के लिए।

उन्होंने आर्थिक सहायता, कौशल विकास, मेंटरशिप, और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा, पूंजी निवेश, और सभी चुनौतियों के समाधान के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने की बात कही।

इस अवसर पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, आईआई टी के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, निदेशक और प्रतिनिधि उपस्थित थे

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बुन्देलखण्ड की लोककला एवं संस्कृति रूबरू हुए विद्यार्थी 

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा के अध्ययन हेतु आईटीईपी प्रथम सेमेस्टर के छात्रों द्वारा बुन्देलखण्ड की लोककला एवं संस्कृति के अध्ययन हेतु सत्यम कला एवं संस्कृति संग्रहालय एवं जिला पुरातत्व संग्रहालय का क्षेत्र भ्रमण किया गया। 

जिसमें छात्रों को बुन्देलखण्ड की प्राचीनतम लोककला एंव संस्कृति से जुडी तकरीबन 300 वर्ष पुरातन धरोहर के संग्रहित वस्तुओं से संबंधित ज्ञान संग्रहालय के संस्थापक अध्यक्ष श्री दामोदर अग्निहोत्री के द्वारा दिया गया। 

यह भ्रमण पाठ्यक्रम की आवश्यकतानुसार संचालित किया गया. कार्यक्रम के निर्देशक विभागाध्यक्ष, प्रो. अनिल कुमार जैन ने भी छात्रों के साथ भ्रमण में भाग लिया। 

भारतीय ज्ञान परंपरा के भ्रमण श्रृंखला की समन्वयक एवं कक्षा प्रभारी डॉ. चिन्तन वर्मा एवं पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि  जैन ने भी छात्रों के साथ भ्रमण में भाग लिया तथा शिक्षाशास्त्र विभाग से डॉ. रमाकांत एवं डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे. छात्रों के ज्ञानार्जन हेतु डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति एवं कार्यक्रम की मुख्य संरक्षक प्रो. नीलिमा गुप्ता का प्रोत्साहन प्राप्त हुआ। 
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