#gourutsav #sagar #centraluniversity #prahladpatel
Sagar Watch News/ डॉ हरी सिंह गौर संकल्प के साथ कार्य करते थे। संकल्प व्यक्तिगत होता है और संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता। संकल्प न होने से महानतम कार्य रुक जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति यश पाना चाहता है लेकिन किस तरह का यश उसे प्राप्त करना है उसे खुद तय करना होता है। अगर आप पीढ़ियों तक यश प्राप्त करना चाहते हैं तो शिक्षा के केंद्र स्थापित कीजिए जैसा डॉ गौर ने किया।
यह विचार मध्य प्रदेश शासन ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक डॉ सर हरीसिंह गौर के 155वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में 20 नवंबर से 26 नवंबर तक आयोजित किये जा रहे ‘गौर उत्सव’ 2024 के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन के दौरान व्यक्त किये ।
इसी सिलसिले में उन्होंने कहा कि डॉ गौर का एक महान अधिवक्ता, समाज सुधारक, लेखक के रूप में उनका व्यक्तित्व हम सबके लिए प्रेरणादायी है। हमें उनके संस्थान में पढ़ने, पढ़ाने और किसी भी रूप में जुड़े रहने पर गर्व होना चाहिए।
इस अवसर पर मंत्री पटेल ने कहा कि डॉ गौर द्वारा स्थापित शिक्षा के इस मंदिर से मेरा बहुत पुराना नाता है. उन्होंने अपने पुरुषार्थ से कमाए हुए सर्वस्व धन को दान कर इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। वे देश के अनमोल रत्न हैं, उनके जैसा उदाहरण पूरे देश में कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि नव स्थापित राज्य विश्वविद्यालय डॉ गौर के शिक्षा में अद्वितीय योगदान के उनके भाव को ताकत देगा।
सागर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से डॉ. गौर की जयंती उत्सव के रूप में मनाई जा रही है, जिसमें पूरे शहर की सहभागिता होती है। इस वर्ष 11 दिवसीय आयोजन के तहत युवा महोत्सव भी हो रहा है। खेलों के माध्यम से महोत्सव की शुरुआत हुई, जो समग्र व्यक्तित्व विकास का जरिया है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संबद्ध महाविद्यालयों की भागीदारी रही।
प्रो. गुप्ता ने कहा कि डॉ. गौर की प्रेरणा से विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उनके सिद्धांतों और योगदान ने छात्रों को उच्च पदों पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि डॉ. गौर के सिद्धांतों पर चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
रानी अवंतीबाई राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद मिश्रा ने पहली बार डॉ. गौर द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय में आने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डॉ. गौर का शिक्षा के लिए दान उनकी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और महान संकल्प को दर्शाता है। उनके योगदान से लाखों विद्यार्थी आज शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को संवार रहे हैं। प्रो. मिश्रा ने डॉ. गौर को महान व्यक्तित्व बताते हुए राज्य विश्वविद्यालय की प्रगति और उपलब्धियों को भी साझा किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के पूर्व कैबिनेट मंत्री माननीय प्रहलाद सिंह पटेल ग्रामीण एवं पंचायत मंत्री (मध्यप्रदेश सरकार) और अतिथियों ने गौर प्रांगण स्थित गौर समाधि पहुंचकर डॉ. हरीसिंह गौर को श्रद्धांजलि।
सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने दी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर से सम्बद्ध महाविद्यालयों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई. बी.टी. इन्स्टीटयूट ऑफ एक्सीलेन्स विद्यार्थियों ने गणेश वंदना व देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया. छात्र-छात्राओं ने कठपुतली नृत्य, समूह नृत्य व एकल नृत्य, मूक अभिनय, राजस्थान का प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य, मराठी समूह नृत्य, एकल गायन भजन, , एकल नृत्य शास्त्रीय आदि की बी.टी. इन्स्टीटयूट ऑफ एक्सीलेन्स, राजीव लोचनाचार्य महाविद्यालय खुरई, बी.के.पी. महाविद्यालय मालथौन , सुन्दरलाल श्रीवास्तव महाविद्यालय, ओम श्री महाविद्यालय, टाइम्स कालेज दमोह, एरिसेंट महा विद्यालय एवं अन्य सम्बद्ध महा विद्यालयों के विद्यार्थियों ने कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम समापन के अवसर पर सभी अतिथियों और प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए.
इस अवसर पर जिलापंचायत अध्यक्ष,जिला पंचायत सीईओ,प्रभारी कुलसचिव डॉ. एस पी उपाध्याय सहित विश्विद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी मौजूद रहे।
Post A Comment:
0 comments so far,add yours