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Sagar watch News/ श्री महंत स्वामी किशोर दास देव जू महराज का कहना है कि वर्तमान मे व्यास-पीठ से हंसने हंसाने की कहानियां सुनाई जाती है यह ठीक नहीं है। व्यास पीठ की गरिमा और मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि संत भगवान स्वरूप होते है।
आज पत्रकारों ने औपचारिक चर्चा में उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड अंचल संतों और महापुरुषों की भूमि है। ठाकुर जी के भक्त हरिदास जी रसिक देव महाराज की पुण्य जन्मस्थली गढ़ाकोटा में आगामी 6 दिसंबर से पांच दिवसीय संत समागम आयोजित किया जायेगा।
उन्होंने आज मीडिया से चर्चा में बताया कि पूर्व मंत्री भार्गव जी के सहयोग से यह स्थान धर्मस्थली बन गया गया है। मंदिर निर्माण भी हो चुका है। वृंदावन की रज यहां है। करीब 300 साल पुराना इतिहास जन्मस्थली का है।
उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि धार्मिक स्थानों पर सरकार का सीधा हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। वीआईपी और टिकिट आदि की व्यवस्था में बदलाव हो । उन्होंने कहा कि वर्तमान मे वयास पीठ से हंसने हंसाने की कहानियां सुनाई जाती है यह ठीक नही है। व्यास पीठ की गरिमा और मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि संत भगवान स्वरूप होते है।
उन्होंने कहा कि संतो की वाणी तो भक्त सुनते है लेकिन उनकी वाणी को अंगीकार नहीं करते । जिसकी वजह से अनैतिकता बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि श्री मद भागवत कथा और भक्तमाल कथा एक ही है। दोनो में चरित्र वर्णन है। मानव कल्याण के लिए यह बने है।
पंडित अनुराग प्यासी के निवास पर आयोजित चर्चा के दौरान महापौर संगीता तिवारी, सुशील तिवारी, अनिल तिवारी, प्रभात मिश्रा , प्रमोद उपाध्याय शैलेंद्र ठाकुर अनिल दुबे , पराग शुक्ला ,कपिल उपाध्याय,सहित अनेक भक्तगण मौजूद रहे। महराज जी द्वारा श्री भक्तमाल कथा एवं रास रस चर्चा का श्रवण श्री देव अटल बिहारी जी मंदिर प्रांगण बड़ा बाजार में किया जा रहा है।
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