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Sagar Watch News/ डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के जैवप्रौद्योगिकी विभाग एवं सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च द्वारा अत्याधुनिक जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों पर आधारित पांच दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन हुआ.
विश्व प्रसिद्ध कंपनी थर्मो-फिशर साइंटिफिक के तकनीकी सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग (एनजीएस), संगर सिक्वेंसिंग और आरटी-पीसीआर जैसी आधुनिक तकनीकों के प्रयोग विषय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
किसी भी जीव-जंतु का पूर्ण जीनोम सिक्वेंसिंग पता किया जा सकेगा. अब तक मौजूद मशीनों से एक स्तरीय परीक्षण ही संभव था जिसका पूरा जीनोम पता करने के लिए महीनों या वर्षों लग जाते थे.
जैव प्रौद्योगिकी विभाग में हाल ही में स्थापित किए गए एन.जी.एस उपकरण सहित तीन अत्याधुनिक उपकरणों पर होने वाले इस प्रशिक्षण में थर्मोफिशर साइंटिफिक के विषेशज्ञ डॉ. विशाल धर और डॉ नवीन मुख्य प्रशिक्षक हैं.
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