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Sagar watch News/ देवरी विधायक द्वारा सरकारी कर्मचारियों  मनमानी से परेशान होकर इस्तीफ़ा लिख देने की घटना बेहद गंभीर है।  ये मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। इस घटना से यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि  एक विधायक, वो भी सत्ताधारी पार्टी के, जो अपनी दबंगियत  के लिए भी जाने जाते हैं,  अगर उनकी बात सरकारी मुलाज़िम नहीं सुन रहे हैं तो आम जनता के साथ यह  कर्मचारी कैसा सुलूक कर रहे होंगे इसकी कल्पना करने से भी शरीर में भय की लहर दौड़ जाती है। 

सरकारी कर्मचारियों के बेलगाम होते जाने की पीछे कई कारण गिनाये जा सकते हैं  पर उनमें से एक करना दशकों तक एक ही पार्टी की सरकार रहना भी हो सकता है।  लम्बे समय तक एक ही पार्टी के नुमाईंदों के सत्ता में रहने से सरकारी मुलाज़िम जनप्रतिनिधियों के अच्छे-बुरे सभी कामों से परिचित होने व उनकी कमियों से वाकिफ होकर उनकी उपेक्षा करने की जुर्रत भी करने लगाता है।

इसके अलावा  लोकतान्त्रिक  व्यवस्था में पार्टियों की सरकारें बदलने पर सत्ताधारी पार्टी के अलावा विपक्षी पार्टियों की प्रतिनिधियों की बात भी सरकारी मुलाज़िम सुनता था उनका दवाब भी महसूस करता था।  एक ही पार्टी के नुमाईंदों से लम्बे समय तक संपर्क में रहने, लेनदेन में भागीदार बनने और विपक्षी पार्टियों के दबाव नहीं रहने के कारण  भी  सरकारी मुलाज़िम  के  बेलगाम होते जाने की चर्चाएं जोर  पकड़तीं जा रहीं हैं। 

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