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माइक्रो-ऑब्जर्वर वे प्रेक्षक होते हैं जिन्हें मतदान के दिन, मतदान केंद्र में, मतदान की पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण करते हैं। वे मतदान दल का हिस्सा रहते हुए मतदान केन्द्र में ही उपस्थित रहते हैं। ये सामान्य प्रेक्षक के नियंत्रण और पर्यवेक्षण में कार्य करेंगें। 

यह बात जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सागर दीपक आर्य ने माइक्रो-ऑब्जर्वर के लिए आयोजित प्रशिक्षण में कही। उन्होने माइक्रो-ऑब्जर्वर के मुख्य दायित्व मतदान केंद्र पर तैयारियों का जायजा लेना व मतदान केंद्र पर जरूरी सुविधाएं की उपलब्धता की जांच करना भी है। 

प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर डॉ. रमाकांत मिश्रा ने बताया कि मतदान प्रक्रिया का निरीक्षण करेगें। मॉक पोल प्रक्रिया का निरीक्षण करेंगें । विभिन्न अधिकारियों और मतदान दल के सदस्यों की उपस्थिति का निरीक्षण करेंगें कि निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन हो रहा है या नही । 

यह अवलोकन करेंगें कि मतदाताओं के रजिस्टर (फॉर्म 17-क) में मतदान अधिकारी द्वारा, मतदाताओं के पहचान दस्तावेज़ का ब्यौरा लिखा जा रहा है या नही , क्या पीठासीन अधिकारी या मतदान दल के अन्य सदस्य, मतदान प्रकोष्ठ की तरफ़ तो नही जा रहें या मतदाताओं को कोई अनुचित निर्देश तो नही दे रहे ? मतदान अभिकर्ताओं / निर्वाचन अभिकर्ताओं या किसी राजनीतिक दल द्वारा की गई शिकायतों को ट्रैक करेंगें और शिकायत की प्रकृति और गंभीरता को भी समझेगें । 

उन्हें सामान्य प्रेक्षक द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना होगा । मॉक-पोल के दौरान मतदान अभिकर्ताओं और राजनीतिक दलों की उपस्थिति पर नजर रखेगें । पीठासीन अधिकारी की निर्वाचन दिवस की रिपोर्ट के भाग-1 (मॉक पोल सर्टिफिकेट) पर माईक्रो- ऑब्जर्वर हस्ताक्षर करेंगें । 

प्रशिक्षण में करीब 400 माइक्रो-ऑब्जर्वर ने प्रशिक्षण प्राप्त किया । इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर वाय पी सिंह, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण डॉ मनीष वर्मा, गिरीश मिश्रा, आशुतोष गोस्वामी, अखिलेश मिश्रा, सहित प्रषिक्षक उपस्थित थे।
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