Raag Darbari,
सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ हरिसिंह गौर कि दानशीलता से प्रभावित होकर सागर जिले में इस समय दानदाताओं और जन सहयोग करने वालों की बाढ़ सी आ गई है। डॉक्टर गौर के अवसान के लगभग 75 वर्ष बाद भाजपा शासनकाल में जिले की जनता के बीच दान की महिमा तेजी से बढ़ रही है। इस दौर में प्रशासनिक अधिकारी व्यापारी और सत्ता से अपना काम निकालने इच्छुक लोगों में दान का महत्व बेहद बढ़ गया है।
सागर में सागर गौरव दिवस के विशाल आयोजन के समय से जन सहयोग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके बाद धार्मिक राजनीतिक और सामाजिक आयोजनों में लोग बढ़-चढ़कर जन सहयोग करते हुए सामग्री और राशि दान कर रहे हैं। अगले पखवाड़े सागर जिले में दो बड़े धार्मिक आयोजन होने वाले हैं। इन आयोजनों में भी लोग तेजी से जन सहयोग कर रहे हैं। 5000 बोरा गेहूं, चावल, शक्कर, तेल और शुद्ध घी के डिब्बे तथा अन्य सामग्री देने के लिए लोग अपनी ओर से पहल कर आयोजकों के पास पहुंच रहा है। जिला प्रशासन के अधिकारी भी पानी की टंकियों का निर्माण करा कर अन्य सामग्री की व्यवस्था करा रहे हैं।
दोनों आयोजनों में जन सहयोग के माध्यम से एकत्र होने वाली सामग्री व अन्य सुविधाओं की कीमत लगभग ₹200000000 से अधिक मानी जा रही है। पिछले दिनों सागर शहर में निकले धार्मिक जुलूसों के लिए भी लोगों ने बढ़-चढ़कर जन सहयोग किया है। इसी तरह एक खेल प्रतियोगिता के लिए भी लोग तेजी से आगे आकर जन सहयोग कर रहे हैं।
इतने बड़े पैमाने पर जन सहयोग करने वाले लोग आगामी राजनीतिक माहौल में किस दल के साथ रहेंगे यह समझ पाना बेहद कठिन है। चर्चा है कि धार्मिक आयोजनों के लिए अन्न दान की महिमा से प्रभावित होकर सागर शहर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकान संचालित करने वाले अधिकांश दुकानदार हर दुकान से एक बोरा गेहूं आयोजन के लिए दान में दे रहे।
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