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समाज को पत्रकारों से बहुत उम्मीदें हैं

सागर वॉच।
 
मौजूदा समय में मीडिया को अभिव्यक्ति की आजादी की उतनी जरूरत नहीं है  जितना कि आजादी को समझने की। समाज को पत्रकारों से बहुत उम्मीदें हैं। आज हमने चीजों को महसूस करना छोड़ दिया है। हमें सहानुभूति से समानुभूति की ओर कदम बढ़ाना होंगे।

ये विचार भोपाल से पधारे वरिष्ठ पत्रकार और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रोफसर गिरीश उपाध्याय ने ब्रह्माकुमारी संस्थान के मकरोनिया सागर सेवा केंद्र पर मंगलवार को आयोजित मीडिया सेमिनार एवं सम्मान समारोह के  दौरान व्यक्त किये। सेमीनार में जिले भर से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों ने भाग लिया। 

कार्यक्रम के मुख्या वक्ता रहे श्री उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान में  पत्रकारिता के मानक ऐसे तय कर दिए गए हैं कि हमारे मन में ये बैठा दिया गया है कि यदि कोई नकारात्मक खबर है, कहीं कमी है, कोई समस्या है तो चीख चीख कर उसे ही  समस्या बताया जाता है। लेकिन समय की  जरूरत है कि मीडिया  समस्या के साथ उसका समाधान भी पेश करे। 

वर्तमान में मीडिया के बीच खबरों की इतनी होड़ है कि खबर होने के पहले ही खबर देना चाह  रहे  हैं। आज समय आ गया है कि अब समाज मीडिया को राह दिखाए। समाधान की राह अब समाज को ढूढना होगा और वह मीडिया को आईना दिखाए। ताकि मीडिया की आंखें खुल सकें। 

समाधानपरक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर विषय पर संबोधित करते हुए दिल्ली से आये दूरदर्शन के सलाहकार संपादक और एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के एंकर मनीष वाजपेयी ने कहा कि समाधान के पहले हमें समस्या को गहराई से जानना होगा। जब तक हम समस्या को समझेंगे नहीं तो उसका उचित समाधान कर पाएंगे। 

राजयोग मेडिटेशन में जीवन के सभी समस्याओं का समाधान समाया हुआ है। राजयोग हमें खुद से जोड़ता है। हम खुद के बारे में बेहतर सोच पाते हैं। पत्रकार सारे दिन पूरे समाज की चिंता करता है लेकिन खुद के बारे में एकांत में चिंतन नहीं करता। अपने कर्म के साथ राजयोग को शामिल कर लेंगे तो आपका कर्म आसान और तनावमुक्त हो जाएगा। अपने जीवन की सारी समस्याओं और परेशानियों को परमात्मा को सौप कर अपने कर्म छेत्र पर निकलें। इससे आप चिंता मुक्त रहेंगे। 

ज्यादा से ज़्यादा सकारात्मक खबरों को बढ़ावा दें


सागर सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने कहा कि मीडिया के सभी भाई आपके पास कलम की ताकत है। आप अपनी लेखनी से समाज को नई दिशा दे सकते हैं। आप सभी सकारात्मक और आध्यात्मिक खबरों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें।  ताकि लोग सुबह सुबह जब अखवार पढ़े तो उनके मन को एक सही ऊर्जा मिले और उनके अंदर श्रेष्ठ विचारो का उदय हो। नकारात्मक खबर से  मन पर बहुत  गलत प्रभाव पड़ता है जिसके फलस्वरूप तनाव बढ़ता है।

गौरझामर से आई ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहिन ने कहा कि हम सभी ऐंसे माहौल में रहते हैं जहां तनाव या टेंशन होना स्वाभाविक है लेकिन उसका समाधान है राजयोग ध्यान, जिसके अभ्यास से हम न केवल तनाव या टेंशन से दूर रहते है बल्कि हम सदा एक नई ऊर्जा से अपने मन को उमंग उत्साह से भरपूर रख पाते हैं। इसके साथ उन्होंने सभी को राजयोग ध्यान  का अभ्यास कराया। जिससे सभी ने गहन शांति का अनुभव हुआ।

राहतगढ़ से आई ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने कहा कि पत्रकार के हाथों में समाज को नई दिशा देने की शक्ति है। आप चाहें तो कलम को निर्माण के कार्य में लगा सकते हैं और आप चाहें तो उसे विध्वंस में लगाएं। परमात्मा ने आप सभी को कलम की ताकत दी है। क्योंकि आप विशेष आत्माएं हैं।

इंक मीडिया के निदेशक डॉ आशीष द्विवेदी ने कहा कि आज पत्रकारों से मीडिया संस्थान के मालिक अपने हित साधने के लिए उपयोग करते हैं। पत्रकार को यदि समाज में अपना अस्तित्व बचाये रखना है तो कलम की ताकत को बचाकर रखना होगा। 

वरिष्ठ पत्रकार बृजेश तिवारी ने कहा कि आजादी के समय से लेकर आज तक पत्रकार और पत्रकारिता ने ही समाज के सामने समस्याओं का समाधान पेश किया है। बीके पुष्पेन्द्र ने कहा कि 1984 से ब्रह्माकुमारीज का मीडिया विंग मूल्यनिष्ठ मीडिया के ध्येय वाक्य के साथ पत्रकारों के जीवन में आध्यात्मिकता का प्रकाश फैलाने और उन्हें राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा देने के लिए कार्य कर रहा है। ब्रह्माकुमारीज की आज विश्व के 142 देशों में 8500 सेवाकेंद्र के माध्यम से सेवाएं जारी हैं। 15 लाख लोग यहाँ के नियमित विद्यार्थी है।

सेमिनार में दैनिक आचरण अखबार के प्रमुख संपादक सुदेश तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार बसन्त सेन, अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के संवाददाता अनुपम पटेरिया, दैनिक करार जवाब के संपादक राजेश मिश्र,पत्रिका अखबार से अभिलाष तिवारी, आकाश तिवारी, संजय शर्मा, प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया के संवाददाता राजेश श्रीवास्तव सहित विष्णु सोनी, रुपेश विश्वकर्मा, गोलू शर्मा,कपिल तिवारी , युवा पत्रकार भी मौजूद रहे
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