Bhagwat Katha Day-3-धन गवां दो तो कोई बात नहीं, पर ठाकुर जी को मत गवां देना-नगर जी
सागर वॉच। 29 दिसम्बर 2021। दुनिया धन दौलत के पीछे भाग रही है और भगवान से दूर हो रही है| सीता जी ने भगवान राम के पास होते हुए भी सोने का हिरण मांग लिया, जबकि राम ने स्वयं समझाया कि मैं हूं तुम्हारे पास| हिरण को पाने के चक्कर में सीता ने राम को गवाया जो बहुत महंगा पड़ा| इसलिए जीवन में ध्यान रखना कि धन गवा दो तो कोई बात नहीं, लेकिन ठाकुर जी को मत गवा देना, क्योंकि यही तुम्हारा जीवन भवसागर से पार लगाने वाले हैं |संत श्री कमल किशोर नागर जी ने पटकुई बरारू वृंदावन धाम में तृतीय दिवस श्रद्धालुओं को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कराते हुए व्यक्त किए|कथा पंडाल में हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को
कथा का अमृत पान कराते हुए संत कमल किशोर नागर जी ने कहा कि चार बांस, चार कंधे और 40 कंडे के लिए हमने जिंदगी गिरवी रख दी है| जिंदगी में यही रोना चल रहा है यह संभालेंगे, वह संभालेंगे| जिन से कंधे की आस कर रहे हो उनका भरोसा नहीं है| जिस परिवार को संभालने के लिए हम सारा जीवन लगा देते हैं| जिनका साथ सहयोग पाने के लिए हम समर्पण का सबसे बड़ा सट्टा खेलते हैं वह साथ निभाएंगे,नहीं निभाएंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है|
विगत डेढ़ वर्ष ने तो बता भी दिया है कि कईयों को कंधे भी नहीं मिले| कौन सी गाड़ी कहां ले गई,कहां जलाया, कहां बहाया कुछ पता ही नहीं चला और हम सपना देख रहे थे यह हाथ लगाएगा, वह पानी देगा तो हम तर जाएंगे| हालात यह रहे कि बेटा बाप के पास, भाई बहन के पास, पति पत्नी के पास नहीं जा सके| हम संक्रमित हुए, संक्रमित होने से डरे और अपनों का साथ छोड़ा|
लेकिन ईश्वर संक्रमित नहीं हुआ| उसने हमारा दामन थाम कर रखा| उसकी ही कृपा रही तो हम आज यहां है| भजन करोगे तो ईश्वर कभी साथ नहीं छोड़ेगा और लहर नहीं उसकी मेहर आएगी| उक्त आशीर्वचन
नागर जी ने कहा कि इस जिंदगी को भगवान की भक्ति में लगाओगे तो वह सब संभालेगा| अपने आप को उसके भरोसे छोड़ दो| पेट की चिंता बाद में, पहले परमात्मा की चिंता करो| एक बार भोजन करना रह जाएगा तो कोई बात नहीं, लेकिन भजन जरूर कर लेना|
भारत पुण्य भूमि है यहां पेट की चिंता कम है इसलिए इतने व्रत-त्योहार बने| सब कुछ होते हुए भी लोग व्रत करते हैं, तो प्रभु की कृपा अवश्य होती है| दुनिया में अच्छे लोगों की कदर नहीं होती| अच्छों की कदर होती तो आज देश में करोड़ों मीरा, प्रहलाद, ध्रुव होते,लेकिन फिर भी अच्छे बनो और अच्छों की कद्र करो|
संत नागर जी ने कहा कि जहां भी अपना जीवन लगाओ या कमाया हुआ एक कण लगाओ तो वही लगाना जहां उपयोगिता हो| जहां महत्ता हो वहां कुछ मत लगाना| बच्चा जब बड़ा होता है तो मां-बाप सोचते हैं कि बेटा पालेगा| वह पाले या ना पाले पर, आपके द्वारा फैली हुई माला यानी ब्रह्म आपको कभी धोखा नहीं देगा| जिस प्रकार एक बच्चा मां से इच्छा रखता है वैसा भगवान भक्तों से इच्छा रखता है|
जिस समय हम ठाकुर जी की पूजा करते हैं ,श्रंगार करते तो उन्हें गोदी में रख लेते हैं, जिसकी गोदी में गोविंद आ जाए तो उसको और किसी के सहारे की जरूरत नहीं है| नागर जी ने कहा कि 3:30 करोड़ जाप करने से ब्रह्म खड़ा हो जाता है | और 13 करोड़ जाप कर ले तो प्रभु के साक्षात दर्शन पा सकते है| कलयुग में कीर्तन करने और सुनने से पुण्य मिलता है|
जिसने हमें सब कुछ दे रखा है, हम उसे एक घंटा भी देने को तैयार नहीं है| उन्होंने कहा कि अच्छे घर में बैठे हो तो अच्छे बनो| सड़क पर मत चले जाना, नहीं तो दो कौड़ी के हो जाओगे| मुख्य रोड पर बने मकान की कीमत करोड़ों की हो जाती है, लेकिन आदमी सड़क पर आ जाए तो कीमत का अंदाजा आप लगा सकते| इसलिए ऐसे सत्कर्म करो कि घर में ही बनी रहो|
संत श्री ने कहा कि जब भी भोजन करने बैठो तो जल आंखों से गिरना चाहिए| वह इसलिए कि प्रभु मैंने कितना भी गलत किया, फिर भी तूने भोजन दिया |जब हम पूजा करते हैं तो आंखों से आंसू टपकना चाहिए, लेकिन होता उल्टा है| जिसने हमें सब कुछ दीया उसको चढ़ाने में हम संकोच करते हैं| जिनको जरूरत है उनको देते नहीं हो, जिनको जरूरत नहीं है उनके आगे पीछे लगे हैं |यह प्रकृति त्यागना होगी| हमें राधा वाली भक्ति करना चाहिए, ताकि कृष्ण मिल सके|
मंत्री भूपेंद्र सिंह पहुचे कथा सुनने
कथा अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह मुख्य यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी, सुशील तिवारी ,राकेश राय बेगमगंज, खनिज विकास निगम अध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, मदन सिंह राजपूत,राजेश केशरवानी, सुमन केशरवानी, मोहन केशरवानी, पूर्व पार्षद नरेश यादव सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे|
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