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डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर और महार रेजीमेंट के मध्य हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय के गौर समिति कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति ने महार रेजीमेंट के अधिकारियों को 822 अग्निवीरों की अंकतालिकाएं सौंपी। 

इस सत्र में कुल 822 अग्निवीरों ने पाठ्यक्रम पूर्ण किया। इनमें से 472 अग्निवीरों ने 'प्रोफेशनल कम्युनिकेशन' में सर्टिफिकेट कोर्स सफलतापूर्वक पूर्ण किया। 350 अग्निवीरों ने 'उद्यमिता विकास एवं प्रबंधन' में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन पाठ्यक्रमों का उत्तीर्ण प्रतिशत क्रमशः 98.73% और 98.57% रहा। 

अग्निवीरों का यह दूसरा बैच है। पिछले वर्ष 491 अग्निवीरों को उपाधियां प्रदान की गई थीं। कार्यक्रम में कुलपति ने दक्षता सूची में स्थान प्राप्त करने वाले अग्निवीरों को अंकतालिकाएं सौंपी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि सागर मुख्य रूप से दो चीजों के लिए प्रसिद्ध है। एक विश्वविद्यालय और दूसरा महार रेजिमेंट सेंटर।

 विश्वविद्यालय ने अग्निवीरों के लिए पाठ्यक्रम शुरू कर रक्षा सेवा और विश्वविद्यालय के बीच सेतु का काम किया है। एक शैक्षणिक संस्थान होने के नाते हम सामाजिक उत्तरदायित्व और राष्ट्र प्रथम के कर्तव्य के तहत देश के वीर जवानों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं। हमारा विश्वविद्यालय वीर जवानों के भविष्य को मजबूत बनाने में लगा हुआ है। यही सबसे बड़ी और सच्ची राष्ट्र सेवा है। 

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अग्निवीरों के लिए नए पाठ्यक्रम भी शुरू किए जा रहे हैं। दसवीं पास अग्निवीरों के लिए विशेष पाठ्यक्रम भी चलाए जाएंगे। आने वाले चरण में नियमित रूप से तैनात सैनिकों और उनके परिवारों के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम संचालित करने की योजना है। उन्होंने महार रेजिमेंट के अधिकारियों और संबंधित समन्वयकों से अग्निवीरों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए और अधिक रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करने पर भी चर्चा की। 

कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के सामुदायिक महाविद्यालय के नोडल अधिकारी प्रो. सुशील कुमार कशव ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन न केवल अग्निवीरों के कौशल विकास की दिशा में एक सशक्त पहल है, बल्कि उच्च शिक्षण संस्थानों और रक्षा सेवाओं के बीच सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। 

इस अवसर पर दो अग्निवीरों - अग्निवीर शिवम डांगी और अग्निवीर पीयूष मील ने भी अपने अनुभव साझा किए, उन्होंने विश्वविद्यालय से प्राप्त प्रशिक्षण को अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में अत्यंत लाभकारी बताया। 

महार रेजिमेंट की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल सिद्धार्थ दीक्षित और मेजर विनय प्रसाद ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे सार्थक प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महार रेजिमेंट से सूबेदार मेजर प्रीतम, सूबेदार मेजर त्रिलोक (सेवानिवृत्त), सूबेदार वरुण और नायब सूबेदार पंकज भी मौजूद थे।

परीक्षा तिथि बदली 

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय का 33वां दीक्षांत समारोह 12 जून 2025 को होना सुनिश्चित हो गया है। अत: विश्वविद्यालय अध्यापन विभाग एवं संबद्ध महाविद्यालयों में 11 जून 2025 एवं 12 जून 2025 को होने वाली समस्त स्नातक/स्नातकोत्तर सीबीसीएस एवं एनईपी परीक्षाओं की तिथि में परिवर्तन कर नई तिथि घोषित की गई है। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार 11 जून 2025 को होने वाली समस्त परीक्षाएं 21 जून 2025 को एवं 12 जून 2025 को होने वाली समस्त परीक्षाएं 23 जून को पूर्व घोषित समय पर ही होंगी। शेष परीक्षाएं यथावत रहेंगी।

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प्लास्टिक प्रदूषण दूर करने का लिया संकल्प 

डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के गर्ल्स हॉस्टल में विश्व पर्यावरण दिवस - 2025 के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस वर्ष की वैश्विक थीम, "प्लास्टिक प्रदूषण को वैश्विक स्तर पर खत्म करना" छात्रावास निवासियों और छात्रों के बीच जागरूकता फैलाने और संधारणीय प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गतिविधियों के केंद्र में थी। कार्यक्रम का आयोजन गर्ल्स हॉस्टल की चीफ वार्डन डॉ. रितु यादव और निवेदिता गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन (मेस और मेंटेनेंस) डॉ. श्वेता शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।

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