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Sagar Watch News/ नगर निगम सागर की महापौर संगीता तिवारी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अनुशासनहीनता के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। महापौर पर बिना प्रदेश नेतृत्व की अनुमति के महापौर परिषद (मेम्बर इन काउंसिल) के सदस्यों में बदलाव करने का आरोप है। पार्टी ने उन्हें तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, महापौर संगीता तिवारी ने पार्षद आशारानी जैन के स्थान पर सचेतक शैलेंद्र ठाकुर को परिषद का सदस्य नियुक्त किया था। इससे पहले पार्षद शैलेश केसरवानी को भी बदला गया था। पार्टी नेताओं का कहना है कि परिषद का पुनर्गठन प्रदेश नेतृत्व की अनुमति के बिना किया गया, जो संगठनात्मक नियमों का उल्लंघन है।
गुटबाजी हुई उजागर
इस घटनाक्रम ने सागर भाजपा में लंबे समय से चल रहे अंदरूनी मतभेदों को भी सतह पर ला दिया है। महापौर संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी और स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन के बीच टकराव की खबरें पहले से चर्चा में थीं, जो अब खुलकर सामने आ गई हैं।
महापौर का जवाब
नोटिस के जवाब में महापौर संगीता तिवारी ने कहा, "मैं पारिवारिक कारणों से प्रदेश से बाहर हूं। यह मुद्दा हमारे भाजपा परिवार और संगठन का है। मैं इस पर अपनी बात केवल पार्टी मंच पर रखूंगी। अन्य किसी भी माध्यम से टिप्पणी करना उचित नहीं समझती।"
प्रदेश महामंत्री और प्रभारी भगवानदास सबनानी ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देश पर संगीता तिवारी को नोटिस जारी किया। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि बिना अनुमति परिषद का पुनर्गठन और प्रदेश नेतृत्व के बुलावे पर अनुपस्थित रहना अनुशासनहीनता के दायरे में आता है। तीन दिनों में स्पष्टीकरण न मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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