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निजी स्कूलों द्वारा विशेष दुकानों से महंगी पुस्तकें, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीदने के लिए दबाव डालना अनुचित है। यह  मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम 2017 और नियम 2020 का उल्लंघन भी है।छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से क्रय करने के लिए स्वतंत्र होंगे। किसी भी समस्या के लिए उनसे (मोबाइल नंबर 8319212353) पर संपर्क कर सकते हैं।

कलेक्टर संदीप जी आर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी निजी विद्यालय छात्रों या उनके अभिभावकों को किसी विशेष दुकान से पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री क्रय करने हेतु बाध्य नहीं कर सकता। यदि इस प्रकार की शिकायतें मिलती हैं, तो संबंधित विद्यालयों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम 2017 और नियम 2020 नियम में प्रावधान है कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्र एवं अभिभावकों को पुस्तकें, यूनिफार्म, टाई, जूते आदि चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए औपचारिक तथा अनौपचारिक किसी भी रूप में बाध्य नहीं किया जाएगा, छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से क्रय करने हेतु स्वतंत्र होंगे। 

इसी के अनुक्रम में तीन दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है। पुस्तक मेला में काफी किताबें एवं पुस्तकों की कीमतों में रियायत भी दी जा रही है। और जो भी आवश्यक होगा उसको दो दिन में ठीक किया जाएगा।

कलेक्टर के निर्देश पर 03 दिवसीय पुस्तक मेल में सभी सागर नगर के स्टेशनरी, पुस्तक विक्रेता एवं यूनिफार्म विक्रेताओंं द्वारा अपने-अपने स्टॉल लगाए गए हैं
शिकायतों के निवारण के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सागर की सहायक संचालक श्रीमती अनीता अहिरवार को अधिकृत किया गया है। अभिभावक और छात्र इस प्रकार की किसी भी समस्या के लिए उनसे (मोबाइल नंबर 8319212353) पर संपर्क कर सकते हैं।


ऐसा ही मेला 27 मार्च  से दमोह जिले में भी लगाया गया है ...

 कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा आज 27 मार्च से लेकर 31 मार्च तक स्थानीय एमएलबी स्कूल में एक विशाल पुस्तक मेला लग रहा है, जो प्रात: 11 बजे से शाम 08 बजे तक चलेगा। यह केवल पुस्तक मेला नहीं है। 


पुस्तकस्टेशनरी और यूनिफॉर्म तीनो चीज़ें यहाँ पर मिलेंगी और इसमें बाहर से विक्रेतागण के अलावा प्रकाशक भी आ रहे हैं, इसीलिए सभी से आग्रह है सभी अभिभावक गणविद्यार्थियों के माता-पिता बड़ी संख्या में मेला स्थल पर आएं और किताबें, कॉपियां कॉम्पिटेटिव दरों पर प्राप्त करें ताकि उनको किसी एक पर्टिकुलर दुकान से कोई चीज़ खरीदने के लिए बाध्य ना होना पड़े। उन्होंने कहा वहाँ से वह सभी सामग्री खरीद सकते हैं, जो उनके बच्चों के पठन पाठन के लिए जरूरी है।


कलेक्टर कोचर ने कहा हर स्कूल के लिए 12 ऑर्डर जारी किए हैं, मतलब यदि वह स्कूल पहली से बारहवीं तक का है तो उसके लिए 12 आदेश, यदि वह पहली से दसवीं तक का है तो उसके लिए 10 आदेश, अलग-अलग कक्षा वार ऑर्डर जारी किए हैं। उसमें किताबें निर्धारित की गई है कि इस क्लास में यह वाली किताब चलेगी और यह जो पूरा निर्धारण स्कूल की सहमति से किया है। 


इसका मतलब यह है की स्कूल भी सहमत है, की वह ये किताबें चलाने वाले है। इस बार स्कूल और प्रशासन दोनों ने पहले चर्चा करके और फिर उसके बाद ऑर्डर निकाला है, यह आदेश एक तरफा नहीं निकले हैं, यह चर्चा के बाद ही निकले हैं और स्कूल की सहमति के बाद निकले हैं। इसलिए अब स्कूल भी और कोई किताब नहीं चलाने वाला है।


दमोह कलेक्टर  ने जिले के नागरिकों से आग्रह करते हुये कहा इस पुस्तक मेले का आप लाभ लें और किताबें यहीं से लें। इस मेले के बाद एक बार और अप्रैल के महीने में यह मेला लगाएंगे ताकि यदि कोई विद्यार्थी छूट जाते हैंयदि पुस्तकें, कापियां नहीं ले पाते हैं, तो फिर वह किताबें अप्रैल माह के मेले में भी ले सकते हैं। 


इस अवधि में मार्च से लेकर अप्रैल तक किसी भी प्रकार का दबाव अभिभावकों के ऊपर नहीं बनाया जाएगा, स्कूलों के द्वारा, की उनको इतने दिन के भीतर ही खरीदनी है। पूरे महीने में एक बार मार्च के अंत में और एक बार इसी तरह से अप्रैल के अंत में एक और मेला लगाएंगे ताकि विद्यार्थियों के अभिभावकों की पूरी जरूरत इससे पूरी हो जाए और विद्यार्थी व्यवस्थित रूप से पढ़ाई कर सकें।





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