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किसानों को डिजिटल पहचान जरूरी
👉किसानों को डिजिटल पहचान देने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के किसानों की फार्मर रजिस्ट्री की जा रही है। इसके तहत सरकार हर किसान को डिजिटल आईडी मुहैया कराएगी। आधार की तर्ज पर किसानों का स्मार्ट कार्ड बनाया जा रहा है। इस आईडी से किसान की पहचान की जा सकेगी। भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन्हीं किसानों को मिल सकेगा, जिनके बारे में डाटा ऑनलाइन पंजीयन में मौजूद होगा।
यह देश के प्रत्येक किसान की 11 अंकों की एक यूनिक डिजिटल पहचान (किसान आईडी) है। जिसमें किसान के आबादी संबंधी विवरण, स्वामित्व वाली भूमि का विवरण एवं उसमें बोई गई फसलों का व्यापक तथा उपयोगी डेटा शामिल होगा।
बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि , सीएम किसान सम्मन निधि जैसी योजनाओं का लाभ भी उन्हीं किसानों को मिल सकेगा जिन्होंने फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूर्ण कर ली है। कलेक्टर संदीप जी आर ने सागर जिले के समस्त किसान भाइयों से अपील की है कि वे शीघ्र ही रजिस्ट्री कराएं। इसके लिए वे सर्वेयर से या पटवारी से संपर्क कर सकते हैं। फार्मर रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, समग्र आईडी, जमीन की डिटेल शामिल है।
उल्लेखनीय है कि सागर जिले में 334062 किसान हैं जिनमें से अब तक 155563 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री पूर्ण हो चुकी है। कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने सभी किसान भाइयों से शीघ्र फार्मर रजिस्ट्री कराने की अपील की है जिससे उन्हें सभी योजनाओं का लाभ मिल सके।
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
फार्मर रजिस्ट्री के लिए सरकार द्वारा पोर्टल जारी किया गया है। साथ ही किसान /फार्मर रजिस्ट्री के लिए Farmer Registry MP मोबाइल एप का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अगर कोई किसान खुद से रजिस्ट्रेशन करने में असमर्थ है तो, किसी जानकार की मदद से Farmer Sahayak MP APP पर भी रजिस्ट्रेशन कर सकता है।
सागर की छात्र राज्यपाल से सम्मानित
👉शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय आर्ट्स एवं कॉमर्स कॉलेज की मेधावी छात्रा अनुशा साहू ने एम.ए. (राजनीति विज्ञान) में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्णपदक हासिल किया। उनकी इस उपलब्धि के लिए राज्यपाल ने उन्हें सम्मानित किया।
राज्यपाल ने अनुशा को सम्मानित करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को अनुशा से प्रेरणा लेनी चाहिए और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का प्रयास करना चाहिए। अनुशा भविष्य में प्रशासनिक सेवाओं में जाने का सपना रखती हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की इच्छा रखती हैं।
लगातार 7 बार मिला कृषि कर्मण अवार्ड
👉प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयास से कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल है। मध्यप्रदेश को वर्ष 2011-12 सें 2017-18 तक लगातार 7 बार कृषि कर्मण अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है। प्रदेश में गेहूं, उड़द, मसूर, सोयाबीन, अल्सी, फसलों को क्षेत्राच्छादन सबसे अधिक है। मक्का और तिल के उत्पादन में मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर है।
मध्यप्रदेश वर्ष - 2011-12 से 2012-13 एवं 2014-15 में कुल खाद्यन्न केटेगरी के लिए 2013-14, 2015-16 एवं 2016-17 में गेहूं फसल के लिये और वर्ष 2017-18 में दलहन फसल के लिये कृषि कर्मण अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है। वर्ष- 2022 में मध्यप्रदेश के भू-अभिलेखों के एकीकरण के लिये केन्द्र सरकार द्वारा फसल बीमा योजनांतर्गत कत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया है।
जल्द ही बंटेगी लैपटॉप की राशि
👉मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा प्रावीण्य सूची के बच्चों को स्कूटी का वितरण किया जा चुका है। अब बच्चे अपनी पसंद और आवश्यकता के अनुसार पेट्रोल या इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीद सकते हैं। इसके लिए सभी जिलों को राशि पहुंचा दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आधुनिक समय में बच्चों के बौद्धिक विकास में लैपटॉप सहायक है, जल्द ही कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए राशि अंतरित की जाएगी।
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