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Sagar Watch News/ आईजी बंगला से सिविल लाईन रोड पर श्री हनुमान दुर्गा भैराव धाम में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस कथा व्यास आचार्य अरविंद भूषण ने कथा के दूसरे दिन श्रीमद् भागवत की रचना करने की प्ररेणा दिये जाने संबंधी कथा सुनायी।
श्रीमद् भागवत कथा भगवान श्री कृष्ण का वांग्यमय रूप है। जिसमें भागवत भक्तों की कथा विस्तार से समझाई गई है। इस ग्रंथ में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म एवं उनकी लीलाओं का विस्तार से विवरण किया गया है। आगे कथा में बताया गया कि हमें भगवान राम, कृष्ण को हमेशा ह्दय में धारण करना चाहिये। सांसारिक जीवन में हम रहे किन्तु संसार हम में न रहे।
सांसारिकता एवं माया के प्रभाव व्यक्ति भगवान के भजन से दूर होता जा रहा है। हमें कथा श्रवण कर उसे ह्दय में धारण करना चाहिये एवं जीवन में कथा के द्वारा बताये गये धर्म मार्ग पर चलना चाहिये। माता पिता की सेवा करना चाहिये। माता पिता के चले जाने के बाद हम उनके निमित्त अनेक धार्मिक आयोजन श्राद्ध आदि करते है। किन्तु उनके जीवित रहते हुये उनकी सेवा से दूर रहते है।
गुरुवार को धुव चरित्र एवं जड़भरत की कथा श्रवण कराई जाएगी।
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