Workshop | education | university |
Sagar Watch News/ डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में विभिन्न उपकरणों पर ट्रेनिंग के लिए कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं। इस साल यह दूसरी कार्यशाला थी, जो 23 से 28 सितंबर 2024 तक चली। इसका विषय 'रासायनिक विश्लेषण और पहचान के लिए उन्नत तकनीकें' था। इस छह दिवसीय कार्यशाला में देशभर से 56 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में वैज्ञानिक तरीकों से रासायनिक यौगिकों की जांच और उनकी पहचान के बारे में सिखाया गया।
इस छह दिवसीय कार्यशाला में छात्रों को विभिन्न वैज्ञानिक तरीकों की ट्रेनिंग दी गई। उन्हें यह सिखाया गया कि किस प्रकार यौगिकों (केमिकल कंपाउंड्स) की पहचान और उनकी शुद्धता को परखा जा सकता है। इसके लिए एनएमआर (NMR), आईआर (IR), यूवी-विजिबल (UV-Visible), फ्लोरोसेंस स्पेक्ट्रोस्कॉपी और मास स्पेक्ट्रोमेट्री जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा, छात्रों को गैस क्रोमेटोग्राफी और लिक्विड क्रोमेटोग्राफी की तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी गई। इन तकनीकों से यौगिकों की मात्रा और शुद्धता का पता लगाया जाता है। जब इन तकनीकों को मास स्पेक्ट्रोमेट्री के साथ जोड़ा जाता है, तो यह यौगिकों के पूरे विश्लेषण के लिए एक पूर्ण विधि बन जाती है।
Post A Comment:
0 comments so far,add yours