Smart-City-In-Making-चर्चित-क्रिकेटर-सहवाग-को-भी-पसंद-आये-सागर-स्मार्ट-सिटी-के-खेलों-को-बढ़ावा-देने-के-प्रयास

सागर वॉच । मप्र की सागर स्मार्ट सिटी में खेलों को बढ़ावे देने की लिए किए गए शोध व विकास कार्यों से चर्चित क्रिकेट खिलाड़ी काफी प्रभावित हुए हैं । उन्होंने ट्वीट के जरिए सागर स्मार्ट सिटी के इन प्रयासों की तारीफ करते हुए लिखा है कि यह स्मार्ट कदम है इससे बच्चों को उनकी जरूरत के मुताबिक खेल की सुविधाएं मिलेंगीं इससे खेलों में नौकरियां भी बढ़ेंगीं व खेलों का विकास भी होगा। टीम के प्रयासों के लिए सहवाग ने बधाई भी दी।
प्रख्यात क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग के इस ट्वीट के जवाब में मप्र के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने भी ट्वीट कर सहवाग का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेतृत्व में मप्र सरकार प्रदेश में खेलों के लिए बेहतरीन आधारभूत ढांचा व सुविधाएं विकसित करने के लिए संकल्पबद्ध है।
इस सिलसिले में सागर स्मार्ट सिटी के कार्यकारी निदेशक राम प्रकाश अहिरवार ने बताया कि खेल सुविधाओं के विकेन्द्रीयकरण के लिए शहर के सभी 48 वार्डों में खेल सुविधाओं के विकास करने के कई फायदे हैं जैसे वार्ड विशेष के बच्चों की जिस खेल में ज्यादा रूचि हैं उस वार्ड में उसी खेल से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराईं जा रहीं हैं।
वार्ड स्तर के खेल स्थानों में अधिक से अधिक बच्चे इन सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगें। क्योंकि यह व्यवहारिक नहीं है खेलों में रूचि रखने वाले सभी बच्चे शहर के बड़े स्टेडियम या खेल मैदानों में रोज जा सकें। इसके अलावा वार्ड स्तर के इन खेल पार्कों में स्थानीय बुजुर्गों व महिलाओं के लिए भी सैर करने व स्वच्छ हवा व धूप लेने का मौका मिलेगा।
स्मार्ट सिटी के कार्यकारी निदेशक श्री अहिरवार के मुताबिक इन खेल पार्कों में स्थानीय बच्चों की रूचि के मुताबिक पारंपरिक खेलों कबड्डी , मलखंभ, खो-खो जैसे खेलों की सुविधाएं भी विकसित की जा रहीं हैं। जिससे आधुनिक खेलों के साथ -साथ पारंपरिक खेलों और खिलाड़ियों का भी विकास हो सके।
इन पार्कों के निर्माण के कार्य में लगी कंपनी के जरिए खेलों व खेल सुविधाओं के विकास के लिए कराए गए शोध कार्य के दौरान दल ने शहर के विभिन्न वार्डों में घूम-घूम कर शहर के लोगों से चर्चा कर यह पता लगाया कि किस वार्ड में कौन सा खेल खेला जाता है ताकि वहां उसी खेल से जुड़ी सुविधाएं महैया कराई जा सकें ।
टीम ने यह भी जानने की कोशिश की कि शहर में किन-किन खेलों के प्रशिक्षक उपलब्ध हैं लेकिन उन्हें बच्चे नहीं मिलते हैं और किन खेलों के बच्चों को प्रशिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। टीम ने अपने शोध कार्य में खेल व खेल सुविधाओं के विकास को लेकर वाणिज्यिक पहलू से भी गौर किया ताकि खेलों और खेल सुविधाओं के विकास के साथ शहर में रोजगार के अवसर भी बढ़ सकें और इन पार्कों के रखरखाव का खर्च भी निकाला जा सके।
वार्ड स्तर पर इन खेल सुविधाओं के विकास करने के पीछे की सोच के बारे में स्मार्ट सिटी सागर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल सिंह ने बताया कि आजकल मां-बाप की सबसे बड़ी परेशानी है बच्चों को अधिक से अधिक समय मोबाईल पर गुजारना है जिससे उन्हें सेहत संबंधी कई समस्याएं भी पैदा हो जातीं है।।
कोविड महामारी के दौरान चल रही ऑन लाईन कक्षाओं के कारण यह समस्या और भी गंभीर हुई है। ऐसे में बच्चों को मोबाईल से दूर कर खेल के मैदान तक लाने की पहली जरूरत उनके लिए घर के आसपास मुहल्ला स्तर पर खेला सुविधाओं का मुहैया कराना भी जरूरी है। ताकि उनकी खेलों के प्रति रूचि को और बढ़ाया जा सके। इससे न केवल उनकी सेहत सुधरेगी बल्कि नए-नए खिलाड़ी भी सामने आ पाएंगें। साथ ही वार्ड के बुजुर्गों व महिलाओं के लिए भी घूमने, कसरत करने का स्थान मिल जाएगा।
राहुल सिंह के मुताबिक इस कवायद से यह भी पता चला कि शहर के लोगों का शरीर किस तरह के खेलों के अनुकूल है व किस तरह की कमजोरियां उनमें है। खेल के जानकारों के सुझावों के आधार पर तय हुआ कि किस तरह के खेल व व्यायाम सुविधाएं मुहैया कराईं जांए जिससे खिलाड़ियों की क्षमताओं का विकास व उनकी कमजोरियां दूर हो सकें। इसी अध्ययन के आधार पर सागर स्मार्ट सिटी शहर के सभी 48 वार्डें में खेल-क्षेत्र (प्ले-एरिया) विकसित कर रहा है।
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